परिपत्र संख्या - 20 /सामा-2(1)/27 /97 दिनांक 21.09.04
प्रेषक,
महानिदेशक
कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं.
उत्तर प्रदेश,लखनऊ
सेवा में,
समस्त कार्यालयाध्यक्ष
कारागार विभाग, उत्तर प्रदेश
विषय - कारागार में निरुद्ध बंदियों के भोजन में सुधार के सम्बन्ध में
महोदय,
इस कार्यालय के परिपत्र संख्या 54/सामा-2(1)/27/97, दिनांक सितम्बर के द्वारा बंदियों के भोजन में सुधार के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किये गए हैं दालों के सम्बन्ध में परिक्षेत्रवार निर्धारण किया गया था प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में रहने वाले बंदियों में अरहर की दाल सामान्यतया कम पसंद की जाती है तथा उरद, चना अथवा उरद , राजमा दाल आधिक पसंद की जाती है पूर्वी उत्तर प्रदेश के बंदियों में उरद सामान्यतया कम पसंद की जाती है तथा इसके स्थान पर अरहर की दाल आधिक पसंद की जाता है |यह भी पाया गया कि अभी तक बंदियों के भोजन में सामान्यतया सप्ताह में एक अथवा दो बार चावल दिए जाने की व्यवस्था है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के बंदियों में प्रतिदिन के भोजन में रोटी के साथ साथ प्रतिदिन चावल भी दिए जाने की भी मांग की जाती है |इन तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए कारागार अधिक्षको द्वारा भी यह सुझाव दिया गया कि बंदियों की अभिरुचि के अनुसार दालों तथा चावल दिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए | वर्तमान में बंदियों को माह में तीन रविवार (प्रथम, तृतीय और अंतिम) को विशेष भोजन (पूड़ी, हलवा ) दिए जाने की व्यवस्था है | उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल प्रस्तर-528A में भोजन में परिवर्तन के रूप प्रतिदिन आने वाले भोजन के औसत मूल्य के अंतर्गत पूड़ी, कढ़ी, मुगौड़ी अथवा बड़ी, दालमोठ आदि दिए जाने की व्यवस्था है I इसमे से पूड़ी, बड़ी दिए जाने की व्यवस्थावर्ष 1997 में की जा चुकी है | उपरोक्त तथ्यों के आलोक में बंदियों के भोजन में निम्नानुसार सांसोधन किया जाता है -
(1)बंदियों के भोजन हेतु दालों का निर्धारण –
गोरखपुर / इलाहाबाद परिक्षेत्र की कारागारें
आगरा / मेरठ परिक्षेत्र की कारागारें
लखनऊ / बरेली परिक्षेत्र की कारागारें
जिस दिन सायंकाल विशेष भोजन बनाया जायेगा उस दिन पूर्व की भांति ही विशेष भोजन वाले समय में दाल नहीं दी जायेगी I
बंदियों की अभिरुचि के अनुसार दाल के उपरोक्त तीनों निर्धारण में से किसी भी मानक के अनुसार दाल का चयन कारागार पर अनुमन्य किया जा सकता है I
(2)-बंदियों के भोजन हेतु रोटी डायेट के स्थान पर रोटी / चावल की मिली-जुली डायेट
बंदियों के भोजन में सप्ताह में एक अथवा दो बार चावल दिए जाने की व्यवस्था है I प्रदेश के कुछ भागो में भोजन में रोटी के साथ चावल भी अधिक पसंद किया जाता है I अतः इच्छुक बंदियों को जेल मैनुअल प्रस्तर-624 में निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत रोटी के स्थान पर रोटी / चावल की मिली-जुली डायेट देने के लिए आटे तथा चावल की मात्रा अश्रमिक डायेट (Non Labouring Diet) में आटा 150 ग्राम के साथ चावल(कच्चा राशन ) 100 ग्राम दिया जायेगा I 150 ग्राम आटे से बनी हुई रोटियों का वजन 210 ग्राम रहेगा I श्रमिक डायेट(Labouring Diet) में आटा 210 ग्राम के साथ चावल (कच्चा राशन) 100 ग्राम दिया जायेगा I 210 ग्राम आटे से बनी हुई रोटियों का वजन 295 ग्राम रहेगा I भोजन की अन्य सामग्री की मात्रा यथावत बनी रहेगी I
(3)बंदियों के भोजन में कढ़ी चावल दिए जाने की व्यवस्था-
वर्तमान में बंदियों को माह में तीन रविवार (प्रथम, तृतीय और अंतिम) को विशेष भोजन (पूड़ी, हलवा ) दिया जाता है I उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल प्रस्तर-528A में भोजन में परिवर्तन के रूप प्रतिदिन आने वाले भोजन के औसत मूल्य के अंतर्गत पूड़ी, कढ़ी, मुगौड़ी अथवा बड़ी, दालमोठ आदि दिए जाने की व्यवस्था है I द्वितीय रविवार को विशेष भोजन नहीं दिया जाता है I प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को बंदियों को भोजन में एक समय कढ़ी चावल दिया जायेगा I कढ़ी चावल के लिए चावल (कच्चा राशन) 235 ग्राम चने की दाल (बेसन के लिए) 50 ग्राम कढ़ी की पकौड़ी के लिए सरसों का तेल 15 ग्राम , आमचुर 01 ग्राम, हिंग 1/10 ग्राम तथा खड़ा लाल मिर्च ग्राम दिया जायेगा I कढ़ी चावल के साथ सब्जी नहीं दी जायेगी I
भोजन के सम्बन्ध में समय समय पर निर्गत अन्य आदेश यथावत बने रहेंगे I उपरोक्तानुसार भोजन में संशोधन की व्यवस्था दिनांक 01 अक्टूबर, 2004 से लागू मानी जायेगी I
भवदीय
(सी के वर्मा)
महानिदेशक
कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं.
उत्तर प्रदेश,लखनऊ