सामान्य

दस्तावेज एवं रिकॉर्ड का प्रबंधन ( Document and Record Management )

नीति (Policy)

  • दस्तावेजों और अभिलेखों को सुरक्षित रूप से बनाए रखा जाना चाहिए और मांग पर उपलब्ध होना चाहिए।

  • दस्तावेजों और अभिलेखों का प्रबंधन, सूचना और डेटा की उपलब्धता और सटीकता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।


पृष्ठ्भूमि ( Bacjground )

  • रिकॉर्ड्स प्रशासनिक, वित्तीय, गोपनीय और ऐतिहासिक जानकारी के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

  • उत्तरदायित्व के प्रयोजनों के लिए महत्वपूर्ण

  • ज्ञान और जानकारी सुनिश्चित करने और उनका संधारण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण टूल।

  • यह भी सुनिश्चित करता है कि पुरानी या अनावश्यक जानकारी का निपटान तब किया जावे जब यह सुनिश्चित हो जावे कि इसकी आवश्यकता नहीं होगी


उद्देश्य ( Aim )

  • रिकॉर्ड को प्रबंधित करना और जवाबदेही स्थापित करने के लिए एक ढांचा प्रदान करना और परिभाषित करना प्रमुख उद्देश्य हैं ।

  • प्रामाणिकता, रिकॉर्ड की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए

  • जब तक उनकी आवश्यकता हो तब तक उन्हें सुरक्षित रूप से बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए

  • समय-समय पर उन रिकॉर्ड्स को नष्ट करना जिनकी शासन के स्थापित मानदंडों के अनुसार आवश्यकता नहीं है और जिन्हें नष्ट किया जा सकता है

  • स्थायी प्रकृति के रिकॉर्ड (अभिलेख) हमेशा के लिए को सुरक्षित रूप से बनाए रखना


रिकॉर्ड के रुप ( Forms of Record )

  1. भौतिक रिकॉर्ड

  2. ईलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड


वर्गीकरण ( Category )

Physical Records भौतिक रिकॉर्ड

Category 'A' -

  • जिन फाइलों में बहुमूल्य और मूल दस्तावेज होते हैं उन्हें स्थायी रूप से संरक्षित रखा जावेगा और माइक्रोफिल्म से लेमिनेट किया जाएगा ।

  • ऐतिहासिक महत्व की फाइलों को भी स्थायी रूप से सरंक्षित किया जावेगा और माइक्रोफिल्म से लेमिनेट किया जावेगा ।

Category ‘B' -

  • प्रशासनिक उद्देश्य के लिए आवश्यक फाइलें, जिनमें महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल नहीं हैं, उन्हें भी स्थायी रूप से संरक्षित किया जावेगा परंतु माइक्रोफिल्म से लेमिनेट नही किया जावेगा ।

Category ‘C' -

  • द्वितीयक महत्व की संदर्भ फ़ाइलों को, आरटीआई अधिनियम 2005 के कारण, 20 साल तक सरंक्षित रखा जावेगा ।


Electronic Records ईलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड

Category ‘I' -

  • ऐतिहासिक महत्व की महत्वपूर्ण फ़ाईलों को ई-फाइल्स / ई-रिकॉर्ड्स के रूप में स्थायी संरक्षित किया जावेगा तथा उसके बाद भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के सर्वर में स्थानांतरित किया जावेगा ।

Category ‘II' -

  • द्वितीयक महत्व की ई-फ़ाईल / ई-रिकॉर्ड को भी, RTI Act 2005 के कारण, 20 साल तक सरंक्षित रखा जावेगा ।

अपवहन (Disposal)

  • केवल उन रिकॉर्ड्स को नष्ट कर दिया जाएगा जिन्हें शासकीय मानदंडों के अनुसार नष्ट किया जा सकता हो और आवश्यक प्रतिधारण अवधि के अंत तक पहुंच गए हों ।

  • रिकॉर्ड्स को शासकीय अधिनियमों और संबंधित विधायी नियमों और विनियमों की आवश्यकताओं के अनुसार निराकृत किया जावेगा ।

  • यदि रिकॉर्ड बहुमूल्य, ऐतिहासिक, बहुत महत्वपूर्ण और स्थायी प्रकृति हैं तो रिकॉर्ड्स को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए ।

  • यदि किसी कार्यालय में भविष्य में कुछ रिकॉर्ड की आवश्यकता हो सकती है, तो उन रिकॉर्ड्स को नष्ट नहीं किया जाएगा, भले ही न्यूनतम सांविधिक प्रतिधारण अवधि समाप्त हो गई हो।

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बैठक का कार्यवृत्त ( Meeting Minutes )

बैठक के लिए नियम - बैठक का सम्मान करने के तरीके

  • सकारात्मक दृष्टिकोण

  • सेल फोन बंद करें

  • समय पर उपस्थित होवें

  • ध्यान देकर सुनें

  • बारी – बारी से मत रखें

  • विषय पर बने रहें

  • यदि समस्याएं या परेशानी हो तो, तो बैठक के पहले या बाद में समिति अध्यक्ष से बात करें

  • बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों के प्रति उदार रहें


बैठक के बुनियादी नियम

  • संगठन के अधिकार व्यक्तिगत सदस्यों के अधिकारों का समर्थन करते हैं

  • सभी सदस्य बराबर हैं और उनके अधिकार बराबर हैं

  • एक कोरम उपस्थित होना चाहिए

  • बहुमत से निर्णय होगा

  • मौन का मतलब सहमति है

  • एक समय में एक प्रश्न और एक समय में एक स्पीकर

  • प्रस्ताव पूर्ण बहस प्राप्त करना होगा।

  • बहस में व्यक्तिगत टिप्पणियां से हमेशा बचना चाहिए

  • निर्णय लेने के बाद, एक ही बैठक में एक समान प्रस्ताव नहीं लाया जाना चाहिए


मिनट्स बनाना

  • मीटिंग मिनट बैठक का स्थायी और वैध रिकॉर्ड है

  • उन्हें यथासंभव संक्षेप में लिखा जाना चाहिए

  • मुख्य लिपिक/ अधीक्षक का कर्तव्य

  • बैठक कार्यवृत्त में क्या होना चाहिए ?

  1. बैठक की तिथि / समय

  2. उपस्थिति सदस्यों की सूची

  3. चर्चाओं का संक्षिप्त विवरण

  4. सभी प्रस्तावों के रिकॉर्ड

  • प्रस्तावक का नाम

  • किस व्यक्ति ने प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा

  • किस व्यक्ति ने प्रस्ताव का समर्थन किया

  • प्रस्ताव पर वोट का परिणाम

  1. बैठक के स्थगन का समय


बैठक कार्यवृत्त की स्वीकृति

  • प्रत्येक बैठक में, पूर्व बैठक के कार्यवृत की समीक्षा करनी चाहिए

  • आवश्यक सुधार की अनुमति प्रदान की जाना चाहिए ।

  • पिछले निर्णयों और चर्चाओं के बारे में सदस्यों को अनुस्मारक कराना चाहिए ।


महत्वपूर्ण बिंदु

  • बैठक का नोटिस जारी करना/प्राप्त करना

  • बैठक का एजेण्डा

  • एजेण्डा अनुसार जानकारी तैयार करना

  • बैठक में भाग लेने वाले अधिकारी को एक दिन पहले फोल्डर तैयार करना

  • बैठक में उपस्थित रहना तथा चर्चा के बिन्दुओं/दिये गये निर्देश को नोट करना

  • बैठक का कार्यवाही विवरण तैयार करना एवं पालन सुनिश्चित करना तथा पालन प्रतिवेदन अनुमोदन प्राप्त कर सर्व करना

  • पालन प्रतिवेदन अगली बैठक में देना

  • बैठक में चर्चा के बिन्दुओं की स्वयं संक्षेपिता/टीप तैयार करना

  • बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों की उपस्थिति हेतु शीट तैयार करना तथा उनके हस्ताक्षर प्राप्त करना

  • लम्बी बैठक में केवल अध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर उपस्थिति शीट पर लेते हैं

  • लेकिन निर्णय लेने वाली बैठकों में कार्यवाही विवरण लिखने के बाद सभी उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर होते हैं

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नोटशीट ( Note-sheet )

Definition / परिभाषा

इसमें सम्मलित है:

  • नोटशीट का मतलब है कि किसी मामले पर दर्ज की गई टिप्पणियां, जो इस पर कार्यवाही की सुविधा प्रदान करती हैं

  • पिछले कागजात / पत्रों की यथार्थ / सटीकता

  • निर्णय लेने की आवश्यकता वाले प्रश्नों का एक ब्यौरा या विश्लेषण

  • प्रस्तावित कार्रवाई के बारे में सुझाव और

  • पारित अंतिम आदेश


Guideline / दिशानिर्देश

  • नोट शीट दोनों तरफ इस्तेमाल की जावेगी

  • सभी नोट्स संक्षेप में और बिंदुवार होंगे

  • लंबे नोट्स से बचा जाना चाहिए

  • एक नोट क्रमशः क्रमांकित पैराग्राफ में विभाजित किया जाएगा


Parts of Note-sheet / नोट्शीट के हिस्से

A note-sheet has three main parts:

    1. पहला भाग: यह विचाराधीन पत्र / मामले का संक्षिप्त परिचय देता है

    2. दूसरा भाग: प्रासंगिक नियम, महत्वपूर्ण तथ्य, सरकार की नीति, पिछले पत्र का व्यौरा (अगर कोई है तो), आदि

    3. तीसरा भाग: निष्कर्ष भाग - प्रस्ताव या सिफारिश या सुझाव के रूप में हो सकता है।


Instructions / अनुदेश

  • सभी नोट स्पष्ट रूप से और सरल भाषा में लिखे जाने चाहिए; उन्हें संक्षेप में और बिंदुवार होना चाहिए

  • लंबी नोटिंग से बचा जाना चाहिए

  • सभी नोटों को समशीतोष्ण लिखा जाना चाहिए और व्यक्तिगत टिप्पणियों से मुक्त होना चाहिए

  • सभी नोट तृतीया पुरुष में लिखे जाना चाहिए ।

  • अगर किसी अधिकारी ने पत्र / पेपर पर अपनी टिप्पणी लिखी है या दिशानिर्देश दिए हैं यो, इन्हें पहले नोट-शीट पर लिख्बद्ध करना चाहिए

  • प्रत्येक नोट को foolscap folio size (A4) आकार के पेपर पर एक चौथाई मार्जिन के साथ लिखा जाना चाहिए।

  • सभी लंबे नोट्स को डबल स्पेस में लिखा जाना चाहिए।

  • शाखा अधिकारी या उच्च अधिकारियों की टीप अंकित करने हेतु, प्रस्तुत की जाने वाली नोट्शीट का पेज, उस पेज के अंतिम पर समाप्त नहीं होना चाहिए।

  • उच्च अधिकारियों द्वारा नोटिंग / हस्ताक्षर के लिए पर्याप्त स्थान छोड़ा जाना चाहिए।

  • नोट-शीट में हमेशा एक खाली शीट को जोड़ा जाना चाहिए।

  • यदि नोटशीट में, फ़ाइल में लगे किसी पत्राचार को संदर्भित करना हो तो, पृष्ठ संख्या का उल्लेख तथा बाद में ‘ / c' लिखा जावेगा, उदाहरण के लिए, ‘p 28/c' यहां फ़ाईल की 28 पृष्ठ संख्या व 'C' का आशय पत्राचार से है

  • यदि नोट्शीट में पहले के किसी नोट्स का संदर्भ लेना हो तो, p 12/N' लिखा जावेगा । संख्या 12 पत्र / नोट के अनुच्छेद का क्रम संख्या है जिसे संदर्भित किया जा रहा है।

  • निर्दिष्ट फ़ाइल की संख्या हमेशा नोटशीट पर उद्धृत की जाना चाहिए

  • इस्तेमाल की जाने वाली वर्णमाला पर्ची, मार्जिन में इस्तेमाल की जाना चाहिए ।

  • आदेशों, अधिसूचनाओं, कृत्यों, नियमों और विनियमों की संख्या और दिनॉक को नोट्शीट में संदर्भित किया जाएगा ।

  • नोटशीट में उद्धृत नियम या निर्देश के प्रासंगिक निष्कर्षों को फोटोकॉपी किया जा सकता है और फ़ाइल में रखा जाना चाहिए और उन्हें नोटशीट में पुन: लेखबद्ध करने के बजाय केवल संदर्भित किया जाना चाहिए ।

  • डीलिंग अधिकारी / क्लर्क को नोटशीट के दाईं ओर अपना नाम, पदनाम और फोन नंबर के साथ तारीख व पूरा हस्ताक्षर करना चाहिए

  • सहायक ग्रेड (लिपिक) मार्जिन के बाहर हस्ताक्षर करेगा और अधिकारी मार्जिन के भीतर हस्ताक्षर करेगा।

  • निर्देश - अधिकारी के लिए

  1. आदेश पारित करने या सुझाव देने पर, अधिकारी अपने नोट को उन वास्तविक बिंदुओं तक सीमित रखेगा, और जिन नोट्स को पिछले नोट्स में लेखबद्ध कर लिया गया हो उन्ही बिंदुओं को पुनः दोहराया नही जाना चाहिए ।

  2. यदि अधिकारी पिछले नोट में सुझाए गए कार्रवाई की लाइन से सहमत होता है, तो अधिकारी केवल हस्ताक्षर कर देगा

  3. यदि किसी मामले में किसी भी स्पष्ट त्रुटियों या गलतफहमी को इंगित किया जाना हो, तो, व्यक्तिगत टिप्पणियॉ नही करना चाहिए तथा अपनी बात को विनम्र और समशीतोष्ण भाषा में लेखबद्ध करना चाहिए ।

  4. यदि की जाने वाली कार्यवाही स्पष्ट है, तो नोटशीट लिख रहे व्यक्ति को अधिकारी के समक्ष पत्र का प्रारूप (मसौदा) भी सलग्न कर देना चाहिए ।

  5. अधिकारी ड्राफ्ट को स्वीकार या संशोधित कर सकता है।

Courtesy and Thanks:

Office of Manual Procedure, GoI, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, Department pf Administrative Reforms and Public Grievances.

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कार्यालय संचार ( Office Communication )

Definition / परिभाषा

  • कुछ संकेतों और प्रतीकों के माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच जानकारी तथा ज्ञान साझा करने या विनिमय करने की प्रक्रिया ।

  • प्रेषक - किसी भी रूप में संदेश प्रेषित करता है ।

  • गृहीता - जो संदेश प्राप्त करता है

  • संदेश – वह विचार / सूचना / निर्देश / सुझाव जिसका आदान-प्रदान किया जाता है


Form of Communication / संचार के प्रकार

  • Letter / पत्र

  • Endorsement / पृष्ठांकन

  • Memorandum / ज्ञापन

  • Notification / अधिसूचना

  • Office Memorandum / कार्यालयीन ज्ञाप

  • Resolution / संकल्प

  • Demi-official Letter / अर्द्ध शासकीय पत्र

  • Press communiqué or note / प्रेस विज्ञपति

  • Un-official Note / गैर-आधिकारिक नोट

  • Office Order / शासकीय आदेश


Letter / पत्र

  • पत्र:- केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, अधीनस्थ कार्यालयों और अन्य कार्यालयों के मध्य औपचारिक संचार का प्रकार है

  • सामान्यतः, एक ही सरकार के सचिवालय के विभिन्न विभागों और उसी कार्यालय की शाखाओं के बीच पत्राचार के लिए उपयोग नहीं किया जाता है ।

  • पत्र शीर्ष: सरकार / विभाग / कार्यालय का नाम

  • फ़ाइल नंबर और पत्र जावक दिनॉक

  • प्राप्तकर्ता का नाम व पदनाम लिखना चाहिए

  • विषय और संदर्भ: विषय स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा और संक्षिप्त होगा।

  • यदि पत्राचार, पिछले किसी पत्र के संदर्भ में किया जा रहा हो तो, संदर्भ के रूप में उस पत्र की संख्या और पत्र प्रेषित दिनॉक का उल्लेख किया जाना चाहिए ।

  • यदि इस विषय पर पहले से ही पत्राचार चल रहा हो तो, इस विषय पर आधारित आदान-प्रदान हो रहे नवीनतम पत्र का ही उल्लेख करना चाहिए

  • पत्र का मुख्य भाग: उपयोग की जाने वाली भाषा स्पष्ट और बिंदुवार होनी चाहिए

  • प्रत्येक बिंदु के लिए एक अलग अनुच्छेद का उपयोग किया जाना चाहिए।.

  • हस्ताक्षर: अंत में पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति के नाम, पदनाम और टेलीफोन नम्बर होना चाहिए

Demi Official Letter / अर्द्ध शासकीय पत्र

  • सामान्यतः, इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी विशेष मामले में उस अधिकारी का व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करना हो

  • व्यक्तिगत नाम से संबोधित किया जाता है

  • यह पत्र एकवचन में लिखा जाता है । पहले, व्यक्ति से अभिवादन किया जाता है प्रिय डॉ/ श्री / श्रीमति / सुश्री /_______________

  • पत्र के अंत में अधिकारी के हस्ताक्षर होते है

  • हस्ताक्षर के नीचे पदनाम का उल्लेख नहीं किया गया है

Office Memorandum / कार्यालयीन ज्ञाप

  • सामान्यतः, एक ही सरकार के विभागों के बीच पत्राचार के लिए उपयोग किया जाता है ।

  • इसके द्वारा शासकीय सेवकों को जानकारी प्रदान करने के लिए भी उपयोग किया जाता है । यह जानकारी आदेश के रूप में नही होती है ।

  • तृतीय व्यक्ति को सम्बोधित भाषा में लिखा जाता है और उस पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी के नाम और पदनाम को छोड़कर कोई अभिवादन नहीं होता है।

  • सामान्यतः, महत्वपूर्ण शासकीय (सरकारी) निर्देश और स्पष्टीकरण इत्यादि कार्यालयीन ज्ञाप के रूप में जारी किए जाते हैं।

  • यदि शासकीय दिशा-निर्देशों के तहत लिखा जा रहा हो तो इन शब्दों से प्रारम्भ करना चाहिए, “अधोहस्ताक्षकर्ता को निर्देशित किया गया है कि ......."

Express Letter / एक्सप्रेस पत्र

  • कुछ मामलों में त्वरित कार्यवाही हेतु उपयोग किया जाता है |

  • इसे एक टेलीग्राम की तरह लिखा जाता है, परंतु डाकघर के माध्यम से भेजा जाता है |

Office Order / कार्यालयीन आदेश

  • विभाग / कार्यालय में आंतरिक प्रशासन के लिए निर्देश जारी हेतु उपयोग में लाए जातें हैं |

  • जैसे पदोन्नति, स्थानांतरण, दंड, पत्तियों का अनुदान, काम का वितरण, आदि।

  • सामान्यतः, वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए उपयोग किया जाता है |

  • अनुशासनात्मक मामलों में उपयोग किया जाता है |

  • कार्यादेश, नियुक्तियां, स्थानांतरण, पदोन्नति इत्यादि के लिए उपयोग किया जाता है |

Notification / अधिसूचना

  • नियमों और आदेश आदि के प्रक्षेपण या संशोधन को सूचित करने के लिए, राजपत्र में प्रकाशन किया जाता है ।

Endorsement / पृष्ठांकन

  • जब पत्र की एक प्रति अधीनस्थ कार्यालयों / अन्य कार्यालयों को अग्रेषित की जाती है तो इसका उपयोग किया जाता है

  1. सूचनार्थ

  2. सूचनार्थ एवं मार्गदर्शन हेतु

  3. सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु

  4. पालानार्थ

Resolution / संकल्प

  • किसी नीति से सम्बंधित महत्वपूर्ण मामलों में सरकार के फैसलों की सार्वजनिक घोषणा करने के लिए प्रयुक्त, उदाहरण के लिए, औद्योगिक लाइसेंस नीति, समितियों की नियुक्ति या जॉच आयोग ।

  • संकल्प , राजपत्र में भी प्रकाशित किए जाते हैं ।

Press Note / प्रेस नोट

  • प्रसारण के लिए सार्वजनिक अधिकारियों या शासकीय अधिकारियों, राज्य विभागों या अन्य सरकारी संगठनों द्वारा मीडिया को जारी बयान |

Press Release / प्रेस प्रकाशनी

  • किसी कंपनी, संगठन या व्यक्ति द्वारा लिखित रूप में इस आशा के साथ प्रेस को प्रस्तुत किया जाता है कि वे इसे प्रकाशित करेंगे ।

Press communique / प्रेस विज्ञप्ति

  • लिखित वक्तव्य के रूप में उपयोग किया जाता है, प्रेस इसे संपादित, संपीड़ित या विस्तारित कर सकता है।

Press Statement / प्रेस वक्तव्य

  • व्यक्तिगत रूप से किसी पत्रकार / पत्रकारों को, किसी व्यक्ति या संगठन के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा दिया गया बयान |

Press Interview / प्रेस साक्षात्कार

  • यह एक रिकॉर्डिंग वार्तालाप है, आमतौर पर एक संवाददाता द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है, जिसमें एक व्यक्ति सूचना प्रदान करता है जिसे संवाददाता द्वारा लेख के रूप में प्रकाशित किया जाता है ।

Press Conference / पत्रकार वार्ता

  • प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले व्यक्ति और पत्रकारों के मध्य प्रश्नोत्तर सत्र होता है |

Fax / फैक्स

  • पत्र, संदेश और जानकारी फैक्स के माध्यम से भेजी जा सकती है।

  • आवश्यक पत्र और संदेश इत्यादि, इस संचार माध्यम से भेजे जा सकते हैं।

  • संचार के इस चैनल का उपयोग लिखित पत्राचार के लिए किया जा सकता है।

  • प्रेषित संचार को सत्यापित किया जा सकता है कि वह निर्धारित स्थान पर पहुंचा है या नही

  • हालांकि, पत्र, संदेश इत्यादि की प्रति सामान्य डाक माध्यम द्वारा भेजी जानी चाहिए ।

Correspondence with LS/RS/Assembly

  • विधानसभा या संसद से सम्बंधित पत्र - विधानसभा / संसद के सचिव को संबोधित किए जाने चाहिए , ना कि अध्यक्ष को |

  • मान.सांसद / मान. विधायक से प्राप्त पत्रों पर अविलम्ब कार्यवाही करनी चाहिए |

Courtesy and Thanks:

Office of Manual Procedure, GoI, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, Department pf Administrative Reforms and Public Grievances.

and

others.

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कार्यालय की प्रक्रिया ( Office Procedure )

कार्यालय

  • कार्यालय वह स्थान है जहॉ संगठन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए, सेवारत व्यक्तियों को विभिन्न कार्य आवंटित किए जाते हैं ।

कार्यालय का उद्देश्य

    • निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत, विभिन्न प्रकार के लिखित संचार माध्यम, जिसे ‘डाक’ कहा जाता है, पर कार्यवाही करना ।

    • विभिन्न प्रकार के पत्र प्राप्त करना व उन पर अविलम्ब कार्यवाही करना

फ़ाईल / नस्ति

  • एक निर्धारित विषय पर पत्रों का संग्रह।

        1. Correspondence / पत्राचार

        2. Notes / नोट्स

        3. Appendix to correspondence / पत्राचार करने के लिए परिशिष्ट

        4. Appendix to notes / नोट्स के लिए परिशिष्ट

  • रसीद और अन्य संबंधित कागजात नोटिंग के साथ फाइल में रखी जाना चाहिए ।

  • सभी प्राप्तियां और नोट्स क्रमिक रूप से क्रमबद्ध रखे जाना चाहिए

  • फ़ाइल भारी / बड़ी हो जाने के बाद इसे बंद कर दिया जाना चाहिए और उसी संख्या वाली एक नई फाइल को खोलकर भाग -II चिह्नित किया जाना चाहिए

  • आम तौर पर जब एक फ़ाइल में प्राप्ति की संख्या 100 तक पहुंचती है, तब एक नई फ़ाइल खोली जाना चाहिए।

Part File / खंड नस्ति

  • यदि कोई फाइल, किसी वरिष्ठ अधिकारी के पास, महत्वपूर्ण / तत्काल पत्राचार प्राप्त होने से पहले से लंबित है, तो मूल फाइल की संख्या वाली एक नई फाइल प्रसंस्करण के लिए शुरू की जा सकती है और वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निर्णय लेने हेतु उनके समक्ष प्रस्तुत की जाना चाहिए । इस नई फ़ाइल को खंड फ़ाइल के रूप में जाना जावेगा ।

  • जब दोनों फाइलें वापस लौट आवें तब, खंड फ़ाइल से कागजात निकालकर, मूल फ़ाइल में लगा देने चाहिए तथा पत्राचार और नोटशीट दोनों को क्रम संख्या प्रदान करना चाहिए

Current File / वर्तमान नस्ति

      • वह फाइल जिस पर कार्रवाई पूरी नहीं हुई है।

      • जब भी विषय वस्तु से संबंधित कोई लिखित पत्र / दिशानिर्देश/आदेश प्राप्त होता है, तो उसे चालू फ़ाईल (नस्ति) में रखा जाना चाहिए और संसाधित किया जाना चाहिए।

Closed File / बंद नस्ति

  • वह फाइल जिस पर कार्रवाई पूरी हो गई है ।

डॉक (Dak )

  • किसी भी प्रकार के पत्र, टेलीग्राम, अंतर-विभागीय नोट, फाइलें, वायरलेस संदेश, टेलेक्स, फैक्स संदेश, ई-मेल इत्यादि

  • डाक आमतौर पर केंद्रीय रजिस्टर में आवक की जाती है, जहां से इसे विभिन्न शाखाओं में वितरित किया जाता है।

महत्वपूर्ण / वर्गीकृत डाक (Important / Classified Dak )

      • कुछ डाक, अधिकारी के नाम से सम्बोधित होती हैं ना कि पदनाम से

      • इस तरह की डाक गोपनीय प्रकृति की हो सकती है और इसकी सामग्री अधिकारी के अलावा किसी अन्य को नही दिखाना चाहिए

      • वे डाक जिन पर गुप्त, गोपनीय इत्यादि लिखा रहता उन्हें विशेष वर्गीकृत डाक के रूप में जाना जाता है ।

      • इस प्रकार की डाक को केंद्रीय रजिस्ट्री में खोला नहीं जाता है, लेकिन संबंधित अधिकारी को सीधे भेजा जाता है जिसे यह सम्बोधित हो

डॉक का वर्गीकरण (Classification of Dak )

  • डॉक का वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :-

  1. Immediate / तत्काल

  2. Top priority / सर्वोच्च प्राथमिकता

  3. Urgent / अति आवश्यक

  4. Fixed date / नियत तिथि

  5. Time Limit /समय सीमा

डॉक की पॉवती (Receipt of Dak )

  • प्राप्त डाक को कार्यालय के समयावधि के दौरान केंद्रीय रजिस्ट्री में प्राप्त किया जाता है।

  1. ऐसे पत्र जो नाम से सम्बोधित हैं उन्हें सम्बंधित के निवास पर, आवश्यक होने पर, भेजा जा सकता है

  2. अन्य मामलों में , कर्तव्य पर कर्मचारी

  3. प्राप्त ई-मेल संबंधित कर्मचारियों द्वारा डाउनलोड किया जाएगा और संबंधित अधिकारी को अग्रेषित किया जाएगा।

डाक का आभार ( Acknowledgement of Dak )

  • डाक प्राप्तकर्ता कर्मचारी, प्राप्त डाक पर अपना नाम, पदनाम, हस्ताक्षर करेंगें तथा दिनांक के साथ प्राप्ति देगा

  • ई-ऑफिस में पावती स्वयं उत्पन्न होगी ।

डाक का पंजीकरण (Registration of Dak )

      • सभी लिफ़ाफ़े जो नाम से सम्बोधित हों या गोपनीय लिखा हो, को छोड़्कर अन्य सभी लिफ़ाफ़े हेड क्लर्क / मुक्ख्य लिपिक/ ऑफिस अधीक्षक / सेंट्रल रजिस्ट्री (सीआर) द्वारा खोले जावेंगे

      • प्राप्त डाक को आवक नम्बर प्रदान किया जावेगा

      • ‘तत्काल/ आवश्यक’ डाक को अन्य डाक से अलग रखा जावेगा और इन का निपटारा सबसे पहले किया जावेगा

      • प्राप्त डाक को इस प्रकार वर्गीकृत किया जाएगा:

            1. टेलीग्राम, वायरलेस संदेश, टेलीएक्स संदेश, फैक्स संदेश और ई-मेल,

            2. पंजीकृत डाक डाक।अदालत के सम्मन , पावतियॉ, रसीदें, अभिस्विकृतियॉ, मूल्यवान दस्तावेज जैसे सेवा पुस्तक, समझौते आदि

            3. लोकसभा / विधानसभा से सम्बंधित पत्राचार

            4. लिफ़ाफ़े के अंदर ‘वर्गीकृत डाक’ युक्त लिफ़ाफ़ा मान. सांसद / मान. विधायक से प्राप्त पत्र

            5. कार्यालय निर्देशों द्वारा कवर नहीं किए गए अन्य पत्र

डॉक का वितरण (Distribution of Dak )

  • वितरण सहायक / क्लर्क प्रत्येक अनुभाग के लिए अलग- अलग डाक, पृथक कर वितरित करावेगा व पावती भी प्राप्त करेगा

  • अर्जेंट डाक प्राप्त होते ही वितरित की जावेगी

  • अन्य डाक को उपयुक्त अंतराल पर वितरित किया जा सकता है जैसे कि 11 a.m. 2 p.m. and 4 p.m.

दैनिकी में चढ़ाना (Diarising )

  • डायरी में चढ़ाना:- अनुभाग के किसी कर्मचारी को डाक से सम्बंधित जवाबदारी सौंपी जानी चाहिए

नस्ति बनाना ( Filing )

      • विभिन्न पत्रों / प्रपत्रों के सुविधाजनक पहचान, छँटाई, भंडारण और कागजात की पुनर्प्राप्ति के लिए उचित फाइलिंग सिस्टम आवश्यक है।

      • एक फ़ाइल में दो मुख्य भाग अर्थात् नोट्स और पत्राचार होते हैं।

      • विचाराधीन पेपर / नोट्स को P.U.C. कहतें हैं

      • पत्राचार फ़ाईल में सभी प्राप्त पत्राचार और जारी किए गए सभी पत्रों की कार्यालयीन प्रतियां सम्मलित की जावेंगीं

      • पत्राचार फ़ाइल में प्राप्त पत्रादि आवक की तारीख के अनुसार व्यवस्थित की जानी चाहिए

      • प्राप्त पत्राचार शीर्ष पर होना चाहिए।

      • फ़ाईल में विचाराधीन पत्राचार को शीर्ष पर रखा जाना चाहिए।

      • जब फ़ाइल में नोट्स या पत्राचार की संख्या 100 से अधिक हो जाती है तो इस फ़ाइल को भाग – I अंकित कर देनी चाहिए

      • नई फ़ाइल पर आगे की कार्रवाई करने से पहले उसे भाग – II के रूप में चिन्हित किया जावेगा , परंतु फ़ाईल का नम्बर वही रहेगा

      • फ़ाइल में प्रत्येक पेपर को बाएं हाथ के शीर्ष कोने पर सही नाप (दोनों तरफ से एक इंच) पर छेद (पेंच) किया जाएगा

सहायक (सहायक ग्रेड) / Dealing Assistant (Asstt. Grade)

      • सहायक, जो प्राप्त पत्रादि का प्रारंभिक परीक्षण और नोटिंग का कार्य करने के लिए किसी फ़ाईल को प्रारम्भ करता है - सहायक ग्रेड कहलाता है

      • आवंटित कार्य से सम्बंधित समस्त मौजूदा फाइलों का संरक्षक

      • उसका कार्य नई फाइल प्रारम्भ करना, प्राप्त पत्रादि का परीक्षण करना और वरिष्ठों के सामने प्रस्तुत करना

प्राप्तियों पर उच्च अधिकारी द्वारा कार्रवाई

  • प्राप्त पत्र अधिकारियों के समक्ष पैड में प्रस्तुत की जावेंगी

  • अधिकारी प्राप्त पत्रों को पढ़कर निर्देश देगें व हस्ताक्षर करेंगें ।

  • उन पत्रादि को निकाल लिया जाता है जिन पर अनुभागों की सहायता के बगैर कार्यवाही की जाना हो या सीधे उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जाना हो

  • वरिष्ठ अधिकारी को, जहां आवश्यक हो, इन पत्रों पर कार्रवाई हेतु दिशानिर्देश देना चाहिए

नस्ति का वर्गीकरण (Grading of File )

  • नस्तियों का वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है :-

      1. Immediate / तत्काल

      2. Urgent / अति आवश्यक

      3. Fixed date / नियत तिथि

      4. Ordinary / साधारण

Grading of File - Urgent - तत्काल मामलों से सम्बंधित पत्रादि पर तुरंत कदम उठाया जाना चाहिए, यदि आवश्यक हो तो अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर इन फ़ाईलों पर उसी दिवस या अधिकतम अगले दिवस कार्यवाही पूर्ण करना चाहिए ।

Grading of File - Immediate - अति आवश्यक मामलों से सम्बंधित पत्रादि पर उसी दिवस या अधिकतम तीन दिवस के अंदर कार्यवाही पूर्ण करना चाहिए ।

Grading of File – Fixed Date - नियत तिथि मामले की फ़ाईल को अन्य सामान्य मामलों की फ़ाईल पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए । नियत तिथि के पूर्व कार्यवाही पूर्ण करना चाहिए ।

Grading of File – Ordinary - सामान्य मामले जितने जल्दी हो सके उतने जल्दी निपटाना चाहिए, लेकिन किसी भी मामले में 7 दिनों की समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण कर लेना चाहिए ।

Courtesy and Thanks:

Office of Manual Procedure, GoI, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, Department pf Administrative Reforms and Public Grievances.

DoPT, Assam Administrative Staff College and Others.

विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेद एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013

[The Sexual Harassment of Women at Work Place Act 2013 (Prevention, Protection and Redressal)]

Background / पृष्ठभूमि

  • सितंबर 1992 में कार्यस्थल पर सबसे विवादास्पद और क्रूर बलात्कार का केस राजस्थान राज्य सरकार की एक महिला कर्मचारी के साथ हुआ था, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था । वो महिला कर्मचारी, अपने कर्तव्यों का पालन करती हुई, बाल विवाह को रोकने की कोशिश कर रही थीं ।

  • ‘विशाखा’ नाम की संस्था ने मान. उच्चतम न्यायालय में इस केस के सम्बंध में याचिका दायर की ।

  • मान. उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1997 में “विशाखा दिशानिर्देश’ के रूप में निर्देश जारी किए ।

Vishakha Guidelines / विशाखा दिशानिर्देश

    • Physical contact / शारीरिक संपर्क

    • A demand or request for sexual favours / इस तरह की इच्छा या मांग प्रकट करना

    • Sexually coloured remarks/ अश्लील भावभंगिमा दर्शाना

    • Showing pornography / पोर्नोग्राफी दिखाना

    • Any other unwelcome physical, verbal or non-verbal conduct of sexual nature / यौन प्रकृति से सम्बंधित कोई भी अन्य अवांछित शारीरिक, मौखिक या गैर मौखिक आचरण

    • इन्ही दिशा निर्देशों को समाहित करते हुए भारत सरकार द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेद एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 तैयार किया गया ।

The Convention on the Elimination of all Forms of Discrimination Against Women (CEDAW)

महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के सभी रूपों को खत्म करने पर सम्मेलन, (CEDAW)

  • यौन उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण हमारे लिए बाध्य है क्योंकि भारत सरकार ने 25 जून, 1993 में महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार केभेदभाव के उन्मूलन पर आयोजित सेमीनार (CEDAW) में इस बावत वचन दिया है ।

  • The Convention on the Elimination of all Forms of Discrimination Against Women (CEDAW) के अनुच्छेद 11 में स्पष्ट किया गया है कि महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न होने के कारण, रोज़गार में समानता की मूल भावना का उल्लंघन होता है ।

Reasons of the Conference / सम्मेलन का कारण

  • यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप महिला के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है-

      1. समानता का अधिकार - अनुच्छेद 14 और 15

      2. व्यापार या व्यापार का अभ्यास करने का अधिकार - अनुच्छेद 19 (1) g

      3. गरिमा के साथ जीने का अधिकार - अनुच्छेद 21

  • कार्यस्थल में शामिल महिलाओं की संख्या बढ़ रही है ।

  • महिलायें संगठित क्षेत्र के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र में भी कार्य रही हैं

  • सरकार द्वारा भी महसूस किया गया कानून के माध्यम से महिलाओं के लिए एक सक्षम कार्य वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए ।

Difference in the Vishakha Guidelines and in this Act विशाखा दिशानिर्देश व इस अधिनियम में अंतर

  • विशाखा दिशानिर्देश पारंपरिक कार्यालय की स्थापना के लिए ही सीमित है, जबकि इस अधिनियम में

      1. सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में ( संगठित और असंगठित), अस्पताल, नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान, खेल संस्थान, स्टेडियम, खेल परिसर और परिवहन सहित रोजगार के दौरान कर्मचारी द्वारा भ्रमण की गई कोई भी जगह ।

      2. एक स्पष्ट नियोक्ता-कर्मचारी संबंध स्पष्ट किया गया है,

  • •किसी भी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न नहीं होना चाहिए (खंड 3.1)

Purpose of the Act / अधिनियम का उद्देश्य

  • कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न की शिकायतों की रोकथाम और निवारण के लिए और इसके साथ जुड़े मामलों के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए ।

Focus of ACT / अधिनियम का फोकस

  • निषेध

  • प्रतिषेद (निवारण)

  • प्रतितोषण (प्रतिकार)

Applicability / प्रयोज्यता

    • सम्पूर्ण भारत में

    • प्रत्येक संगठन, जिसमें 10 से अधिक कर्मचारी हों

Aggrieved Women / पीड़ित महिला - परिभाषा

    • कार्य करने वाली प्रत्येक महिला इसके दायरे में आती है

    • यह महिला की उम्र या रोजगार की स्थिति पर निर्भर नही करती

    • सार्वजनिक या निजी रोजगार में हो या ग्राहकों हो

    • स्कूलों और कॉलेजों की छ्त्रा हो या अस्पतालों में भर्ती रोगी

    • घरेलू श्रमिक हो

Employer / नियोक्ता - परिभाषा

  • कोई भी विभाग, संगठन, उपक्रम, प्रतिष्ठान, उद्यम, संस्था, कार्यालय, शाखा या उपयुक्त सरकार या स्थानीय प्राधिकरण की इकाई

  • यदि निर्दिष्ट नहीं है, तो कार्यस्थल के प्रबंधन, पर्यवेक्षण या नियंत्रण के लिए जिम्मेदार कोई भी व्यक्ति ।

  • कार्यस्थल तक पहुचाने वाला कोई भी व्यक्ति ।

Workplace / कार्यस्थल

    • कर्मचारी द्वारा रोजगार के लिए किसी भी जगह जाना, परिवहन सहित ......

    • संगठित और असंगठित क्षेत्र

    • सरकारी संगठन

    • निजी संगठन

    • अस्पताल / नर्सिंग होम

    • खेल संस्थान, सुविधाएं

    • निवास या घर

    • कार्यालयीन पार्टी

    • ऑफ साइट्स

    • प्रशिक्षण

    • ग्राहक बैठकें

    • कार्यालय के उद्देश्य के लिए यात्रा

    • कोई भी जगह जहां किसी भी तरह के रोजगार के लिए जाना हो

Sexual Harassment / यौन उत्पीड़न की परिभाषा

  • मान. उच्चतम न्यायलय के अनुसार यौन उत्पीड़्न की परिभाषा में शामिल है :

      1. Physical contact / शारीरिक संपर्क

      2. A demand or request for sexual favours / इस तरह की इच्छा या मांग प्रकट करना

      3. Sexually colored remarks/ अश्लील भावभंगिमा दर्शाना

      4. Showing pornography / पोर्नोग्राफी दिखाना

  • इसी प्रकार:

      1. यौन प्रकृति के किसी भी अन्य अवांछित शारीरिक, मौखिक या गैर-मौखिक आचरण, उदाहरण के लिए झुकाव, गंदे चुटकुले सुनाना, किसी व्यक्ति के शरीर के बारे में यौन टिप्पणी करना आदि ।

  • प्रतिकर (इसके लिए यह)

      1. रोजगार में फ़ायदा देने या हानि पहुचॉने हेतु स्पष्ट वादे

      2. वर्तमान या भविष्य में रोजगार की स्थिति में निहित खतरा

  • कार्यस्थल में शत्रुतापूर्ण वातावरण

      1. शत्रुतापूर्ण, भयभीत या आक्रामक कार्य वातावरण बनाना

      2. अपमानजनक व्यवहार करना जिससे महिला के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है


Some examples - at work

  • From the Handbook of WCD, GoI, 2015

  1. जनता के सामने महिला कर्मी का अपमान करना, दोष देना, झगड़ा करना या निंदा करना ।

  2. वैध कारणों के बिना समूह गतिविधियों या असाइनमेंट से बहिष्करण।

  3. जनता के सामने महिला कर्मी का अपमान करना, दोष देना, झगड़ा करना या निंदा करना ।

  4. वैध कारणों के बिना समूह गतिविधियों या असाइनमेंट से बहिष्करण।

  5. किसी महिला की प्रतिष्ठा या कैरियर को नुकसान पहुंचाने वाले वक्तव्य ।

  6. अन्यायपूर्ण रूप से जिम्मेदारी के क्षेत्रों को हटाना ।

  7. अनुपयुक्त रूप से बहुत कम या बहुत अधिक काम देना ।

  8. बिना किसी कारण के लगातार निरंतर निंदा करना ।

  9. बिना किसी कारण के त्रुटियों के लिए लगातार दोष देना ।

  10. बार – बार ऐसा कार्य सौंपना जो उनके कार्य का हिस्सा न हो ।

  11. किसी व्यक्ति को बाहर करने या अलग करने के लिए बार-बार अपमान करना ।


Committee / समिति

  • आंतरिक परिवाद समिति, जहॉ कम-से-कम 10 कर्मचारी हों

  • परिवाद समितियों को साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए सिविल अदालतों की शक्तियां प्राप्त होती हैं ।

  • शिकायतकर्ताओं द्वारा अनुरोध किए जाने पर पूछताछ शुरू करने से पहले शिकायत समितियों को समझौता करने की कोशिश करना चाहिए ।


Members of the Committee / समिति के सदस्य

    • अध्यक्ष - वरिष्ठ स्तर पर कार्य करने वाली कोई महिला कर्मी

    • दो सदस्य – वो महिला सदस्य जो महिलाओं के हित के लिए प्रतिबद्ध हो, सामाजिक व कानूनी ज्ञान / अनुभव रखती हो

    • सदस्य - गैर-सरकारी संगठनों / महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मुद्दे से परिचित व्यक्ति


Committee procedure / समिति की प्रक्रिया

    • गैर-अनुपालन जुर्माना 50,000 रुपये तक ।

    • बार-बार उल्लंघन होने पर विभागीय जॉच / लाइसेंस रद्द करना, व्यापार करने के लिए पंजीकरण ।

    • 90 दिवस के अंदर जॉच पूर्ण करना ।

    • 60 दिवस के अंदर समिति की अनुशंसा पर कार्यवाही ।

    • समिति उचित समझे तो, शिकायकर्ता से बात कर मामला पुलिस को सौंप सकती है ।


Police Report / पुलिस रिपोर्ट

    • समिति को भारतीय दण्ड संहिता के तहत आपराधिक कार्रवाई के लिए पुलिस को 7 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करनी चाहिए ।

    • यौन उत्पीड़न एक अपराध है, नियोक्ता अपराध की रिपोर्ट पुलिस को करने के लिए बाध्य हैं ।


शिकायत में क्या होनी चाहिए ?

    • Description of incident (s)

    • Date (s)

    • Timing

    • Respondent’s Name

    • Parties working relationship


यौन उत्पीड़न की शिकायत

  • घटना की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर और घटनाओं की श्रृंखला के मामले में अंतिम घटना की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर एक लिखित शिकायत (06प्रतियों में) देनी होगी ।

  • समिति को शिकायत लिखने में, शिकायत करने वाली पीड़ित महिला की सहायता करनी चाहिए ।

  • आंतरिक परिवाद समिति इस अवधि को 3 महीने से अधिक की समय सीमा से अधिक नही बढ़ा सकती हैं ।

  • कानूनी उत्तराधिकारी या अन्य व्यक्ति द्वारा शिकायत की जा सकती है यदि, पीड़िता शारीरिक या मानसिक अक्षमता या मृत्यु के कारण शिकायत करने की स्थिति में नही हैं ।


शिकायत निवारण के लिए प्रावधान

  • प्रत्येक मामले में लिखित रिपोर्ट आवश्यक है

  • समझौता -

      1. पूछताछ शुरू करने से पहले, इस मामले को सुलझाने के लिए पहले पीड़ित महिला के अनुरोध पर समझौता करवाया जा सकता है ।

      2. समझौता में किसी भी तरह का मौद्रिक लेन-देन नही होगा और कोई जांच नहीं की जाएगी

      3. प्रत्येक मामले में लिखित रिपोर्ट आवश्यक है

  • शिकायत में पूछताछ -

      1. किसी भी व्यक्ति की पूछ्ताछ और जॉच के लिए बुलाया जा सकता है ।

      2. दस्तावेजों की भी जॉच की जावेगी ।

      3. प्रत्येक मामले में लिखित रिपोर्ट आवश्यक है |

  • शिकायत में पूछताछ -

      1. पूछताछ 90 दिनों के भीतर पूरी की जाना चाहिए |


Inquiry Report and Recommendations

    • आंतरिक समिति द्वारा नियोक्ता को जॉच पूर्ण होने के 10 दिनों के की सीमा में, रिपोर्ट को नियोक्ता और संबंधित पक्षों को उपलब्ध कराना चाहिए ।

    • यदि समिति इस निष्कर्ष तक पहुंच जाती है कि प्रतिवादी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुआ है, तो यह नियोक्ता को अनुशंसा करेगा कि प्रतिवादी के खिलाफ कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।

    • यदि समिति निष्कर्ष तक पहुंच जाती है कि प्रतिवादी के खिलाफ आरोप साबित हो रहें हैं तो, तो यह नियोक्ता को इस बावत अनुशंसा करेगी ।


Recommendations / अनुशंसाएँ

    • प्रतिवादी पर प्रचलित सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जावेगी ।

    • जहां ऐसे सेवा नियम नहीं बनाए गए हैं, वहॉ अन्य कार्यवाही जैसे परामर्श, सामुदायिक सेवा आदि की सजा दी जा सकती है।

    • वित्तीय नुकसान - विचार -

        1. मानसिक आघात, दर्द, पीड़ा और भावनात्मक संकट ;

        2. चिकित्सा व्य्य ;

        3. करियर के अवसर का नुकसान;

    • वित्तीय नुकसान - विचार -

        1. प्रतिवादी की आय और वित्तीय स्थिति।

        2. यदि राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो इसे भूमि राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जा सकता है।


False or malicious complaint / झूठी या दुर्भावनापूर्ण शिकायत

  • शिकायत को साबित करने या पर्याप्त प्रमाण प्रदान करने में केवल अक्षमता, शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आकर्षित नहीं करेगी ।

  • हालांकि, झूठी या दुर्भावनापूर्ण शिकायत करना या जाली या भ्रामक दस्तावेज बनाना एक है अपराध ।

  • ऐसे मामलों में समिति, शिकायतकर्ता के विरूद्ध, नियोक्ता को सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने की सिफारिश कर सकती है या जहां ऐसे नियम नियम मौजूद नहीं हैं, वहॉ अन्य निर्धारित प्रक्रिया के तहत कार्यवाही कर सकती है ।

Legal Provisions / कानूनी प्रावधान

  • 354 (A) Sexual Harassment / यौन उत्पीड़न

      1. कठोर कारावास तीन साल तक, या जुर्माना, या दोनो एक साथ - आपराधिक मामलों में ।

      2. एक साल तक कैद, या जुर्माना, या दोनों एक साथ - अन्य मामलों में ।

  • 354 (B) Assault or use of criminal force to woman with intent to disrobe / महिला को अपमानित करने का इरादा

      1. आक्रमण या किसी भी महिला पर बल का उपयोग करने पर या उसे नग्न होने के लिए परेशान करना या मजबूर करना का इरादा रखना

      2. कारावास तीन साल से कम नहीं है, लेकिन जो सात साल तक बढ़ाया सकता है

  • 354 (सी) दृश्यतावाद /Voyeurism

      1. दृश्यरतिकता अंतरंग व्यवहार में लगे लोगों पर जासूसी करना such as undressing, sexual activity, or other actions usually considered to be of a private nature.

      2. पहली सजा के मामले में, एक वर्ष से कम का कारावास नहीं है, जिसे तीन साल से सात साल तक बढ़ाया जा सकता है।

  • 354 (D) Stalking / पीछा करना

      1. किसी भी अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल करना, कोई आवाज या इशारा करना, किसी भी वस्तु का प्रदर्शन करना जिससे महिला की गोपनीयता का उल्लंघन होता हो

      2. सजा: 03 साल तक का कारावास + आर्थिक दंड

  • 294 Obscene acts and songs

      1. किसी महिला के सामने, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गायन करना, अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करना या अश्लील वस्तु को प्रदर्शित करना

      2. दंड: 03 महीने कारावास या जुर्माना या दोनों

Unwelcome and Welcome Gestures / अप्रिय और प्रिय इशारे

विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

जांच रिपोर्ट किस तरह से लिखें (How to write an Inquiry Report)

जॉच का शब्दार्थ

  • ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के अनुसार, जॉच का अर्थ है 'एक औपचारिक अन्वेशन'।

"विभागीय जाँच" का अर्थ

  • "विभागीय जाँच" का अर्थ है, संसद के अधीन या संसद के द्वारा बनाए गए किसी भी नियम के तहत की गई अन्वेशन कार्यवाही ।

जॉच रिपोर्ट का का अर्थ

  • जॉच रिपोर्ट का मतलब होता है कि जॉच कमेटी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट।

  • यह उन साक्ष्यों का सारांश है, जिन्हें जॉच / पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड पर लाया गया हो ।

  • एक जांच रिपोर्ट लिखना, किसी एक जांच अधिकारी के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है।

  • जांच रिपोर्ट जांच को दर्शाती है, इसलिए यह यथासंभव स्पष्ट, व्यापक, सटीक और पॉलिश होना चाहिए।

जांच रिपोर्ट का उद्देश्य

  • यह आधिकारिक निष्कर्ष रखने वाला एक दस्तावेज है।

  • यह जांच के चरणों का एक रिकॉर्ड है।

  • यह दर्शाता है कि एक जांच सामयिक, पूर्ण और निष्पक्ष थी।

  • रिपोर्ट विस्तृत और सटीक होनी चाहिए, क्योंकि इसका इस्तेमाल वैधानिक कार्यवाही में किया जा सकता है।

  • यह मूल्यवान डेटा प्रदान करता है जिसका उपयोग किसी संगठन में निवारक उपाय के रूप में किया जा सकता है।

  • इसे व्यवस्थित और समझने योग्य होना चाहिए।

  • इसमें निष्पक्ष रूप से और सटीक रूप से निष्कर्षों का दस्तावेजीकरण करना होना चाहिए और अनुशासनात्मक अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त जानकारी प्रदान करनी चाहिए कि क्या उन्हें आगे की कार्रवाई क्या करनी चाहिए।

  • इसे इंगित करना चाहिए कि क्या आरोपों की पुष्टि हुई है या नही हुई या क्या कोई ऐसी चीज़ गायब थी जिस कारण से किसी निष्कर्ष पर आने में परेशानी हुई ।

जांच रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु

    • जांच अधिकारी को 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत' के बारे में पता होना चाहिए:

        1. अपचारी शासकीय सेवक को पूरी कार्यवाही से अवगत कराना चाहिए।

        2. अपचारी शासकीय सेवक को पूरी कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।

        3. अपचारी शासकीय सेवक को उस मामले के किसी भी गवाह से जिरह करने का अधिकार दिया जाना चाहिए ।

        4. प्रस्तुत दस्तावेजों का निरिक्षण भी करने देना चाहिए ।


  • समस्त साक्ष्यों को पुन: प्रस्तुत नही करना चाहिए, बल्कि समस्त साक्ष्यों का निष्कर्ष निकालना चाहिए ।

  1. जांच रिपोर्ट में दोनों पक्षों के सभी साक्ष्य होने चाहिए।

  • उचित क्रम में पैराग्राफ लिखें

  1. जांच रिपोर्ट तार्किक और कालानुक्रमिक क्रम में होनी चाहिए।

  2. सभी आरोपों को लेखबद्ध किया जाना चाहिए।

  • भाषा, सरल और सादी होना चाहिए

  1. जिन शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग किया गया हो, वे एक अर्थ को प्रतिष्ठित करेंगे जो कि प्रकरण के संदर्भ में सही हो ।

  2. रिपोर्ट में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया हो, वे अनुशासनात्मक प्राधिकरण के मस्तिष्क में कोई संदेह या भ्रम पैदा न करें ।

  3. कोई अतिशयोक्ति आदि नहीं करनी चाहिए और सरल और संतुलित शब्दों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।

  4. हालांकि, यदि अपराध के वारंट किसी विशेषण का उपयोग करते हैं, तो उन्हें सावधानीपूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग किया जाना चाहिए।

  • सभी उठाए गए आपत्तियों को संबोधित किया जाना चाहिए।

  1. जांच अधिकारी को संक्षेप में बताना चाहिए कि उसने किसी पार्टी द्वारा किसी भी आपत्ति पर विशेष निर्णय क्यों दिया।

  • सेवा नियम प्रक्रिया का पालन करें।

  1. जांच अधिकारी को अपनी रिपोर्ट में लेख करना चाहिए कि उसने किस सेवा नियम , आचरण नियम और CCA नियम के तहत जॉच कार्यवाही की ।

  • रिपोर्ट में व्यक्तिगत राय (पूर्वाग्रह) का उपयोग नही किया जाना चाहिए

  1. उन अभिलेखों और सामग्रियों तक सीमित रहें, जिन्हें जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया हो और रिपोर्ट में उनका उल्लेख किया जाना चाहिए । रिपोर्ट में चरित्र और कर्मचारी के आचरण के बारे में व्यक्तिगत राय नहीं बताई जानी चाहिए।

  • आरोपों तक सीमित रहें

  1. जांच अधिकारी को आरोप-पत्र में उल्लिखित आरोपों तक ही सीमित रहना चाहिए।

  • साक्ष्य अधिनियम का इस्तेमाल ।

  1. साक्ष्य अधिनियम के सख्त नियम, विभागीय जॉच के लिए लागू नहीं होते हैं और सबूतों को पूर्ववर्ती संभावनाओं के सिद्धांत पर तौला जाना चाहिए ।

  • साक्ष्य - कानूनी और पर्याप्त।

  1. जांच अधिकारी की रिपोर्ट कानूनी रूप से धारणीय होने वाले साक्ष्यों पर आधारित होगी

  • रिपोर्ट किए गए निष्कर्षों को तर्क दिया जाना चाहिए।

  1. जांच अधिकारी को इस बात के कारणों को लेख करना चाहिए कि वह किसी विशेष निष्कर्ष पर क्यों आया । किसी भी तरह के समर्थन कारणों के बिना जांच रिपोर्ट और निष्कर्ष अदालतों द्वारा मान्य किए जाने की संभावना कम रहती है ।

  • प्रत्येक शुल्क पर चर्चा की जाएगी।

  1. प्रत्येक आरोप के संबंध में अलग-अलग निष्कर्ष दें, चाहे कोई विशेष आरोप सिद्ध हो या नहीं।

  2. रिपोर्ट में, प्रत्येक आरोपों के साक्ष्य पर लेख करना उचित है।

  • रिपोर्ट में दंड का जिक्र नहीं करना चाहिए

  1. जांच अधिकारी का कर्तव्य आरोपों की जांच कर निर्धारित करना है कि अपचारी शासकीय सेवक पर आरोपों सिद्ध होते हैं या नहीं ।

  2. रिपोर्ट में कभी भी किसी तरह के दंड का जिक्र नहीं किया जाना चाहिए ।

Preponderance of Probability

  • अधिकांश नागरिक मामलों में प्रमाण का मानक जिसमें प्रमाण का बोझ उठाने वाली पार्टी को ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे जो अन्य पार्टी द्वारा प्रस्तुत किए गए की तुलना में अधिक विश्वसनीय और आश्वस्त हो या जो यह दर्शाता है कि सिद्ध किए जाने वाले तथ्य की तुलना में अधिक संभावित है।

जांच अधिकारी के लिए चेकलिस्ट

  • सभी आरोपों की जॉच हुई हो ।

  • रिपोर्ट में दर्ज साक्ष्य प्रासंगिक और कानून समम्त हों ।

  • किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने हेतु, स्पष्ट कारण बताया जाना चाहिए ।

  • रिपोर्ट में व्यक्तिगत राय का उल्लेख नहीं किया गया हो ।

  • सभी निर्धारित प्रक्रियाओं, स्थायी आदेशों और सेवा नियमों का अनुपालन किया गया हो ।

जांच रिपोर्ट का प्रारूप

  • जांच रिपोर्ट का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है।

  • जांच रिपोर्ट न्यायालय के फैसले के समान होनी चाहिए।

  • जांच अधिकारी की नियुक्ति के आदेश का संदर्भ लेखबद्ध किया जाना चाहिए ।

  • जिन दिनॉकों और जिन जगहों पर सुनवाई हुई हो उन्हें भी लेखबद्ध करना चाहिए ।

  • अपचारी शासकीय सेवक पर लगाए गए आरोप;

  • तथ्यों और दस्तावेजों का एक संक्षिप्त विवरण जो प्रस्तुत किए गए हों;

  • प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा मामले पर एक संक्षिप्त बयान।

  • बचाव पक्ष का एक संक्षिप्त बयान लिखना;

  • निष्कर्ष पर पहुंचने के बिंदु को लेखबद्ध करना ;

  • निर्धारित प्रत्येक आरोप के संबंध में साक्ष्य का आकलन करना ;

  • प्रत्येक आरोप पर तर्कपूर्ण निष्कर्ष को लेखबद्ध करना ;

  • रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लेख करें कि आरोप सिद्ध हुए, आंशिक रूप से सिद्ध हुए या सिद्ध नहीं हुए या ।

  • जांच रिपोर्ट, निष्कर्ष और तार्किक साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए।

  • निष्कर्ष आरोपों के अनुरूप होना चाहिए।

  • हालाँकि, प्रकरण की गंभीरता के आधार पर, समिति मौजूदा सिस्टम / प्रक्रियाओं में आवश्यक परिवर्तन करने के उद्देश्य से विशिष्ट सिफारिशें कर सकती है ताकि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

  • आवश्यक फ़ोल्डरों के साथ अनुशासनात्मक प्राधिकरण को विधिवत हस्ताक्षरित जांच रिपोर्ट को अग्रेषित करें।

जांच रिपोर्ट में संलग्न किए जाने वाले फ़ोल्डर

  • जांच अधिकारी और प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति का आदेश

  • चार्जशीट।

  • अपचारी शासकीय सेवक को प्रदाय आरोप पत्र की पावती का प्रमाण

  • अपचारी शासकीय सेवक का लिखित बयान

  • दैनिक आदेश पत्र

  • अभियोजन से प्रश्न ।

  • अभियोजन पक्ष के गवाह और उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण ।

  • बचाव पक्ष से प्रश्न

  • बचाव पक्ष के गवाह और उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण

  • अपचारी कर्मचारी और अनुशासनात्मक प्राधिकरण के साथ जॉच के संबंध में पत्राचार।

  • जाँच के दौरान अपचारी कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत आवेदन और उन आवेदनों पर जाँच अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय की प्रतियाँ।

  • कोई अन्य विविध पत्राचार।

अपचारी शासकीय सेवक को जॉच रिपोर्ट की प्रति देना

  • सक्षम प्राधिकारी को अपचारी शासकीय सेवक को जॉच रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराकर, नियत समयावधि में उसका अभ्यावेदन प्राप्त करना चाहिए, तत्पश्चात उसका अभ्यावेदन प्राप्त कर ही अंतिम निर्णय लेना चाहिए ।

  • यदि अपचारी शासकीय सेवक नियत अवधि में अभ्यावेदन प्रस्तुत नही करता है तो, सक्षम अधिकारी उपयुक्त निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।

संदर्भ

•https://i-sight.com/resources/ultimate-guide-to-writing-investigation-reports/

•https://www.sdpuri.com/ebook2.php

•Handbook of inquiry officer and Disciplinary authorities, ISTM, GoI.

जांच रिपोर्ट और निष्कर्षों के लिए प्रारूप

अग्रेषण रिपोर्ट और निष्कर्षों के लिए प्रावरण पत्र का प्रारूप

विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

आचरण नियम – क्या करें और क्या ना करें (Conduct Rules – Do’s and Don’ts )

आचरण नियम – क्या करें

  • हर समय पूर्ण निष्ठा और समर्पण बनाए रखें।

  • कर्तव्यों के निर्वहन में स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनाए रखें।

  • निजी जीवन में आचरण का एक जिम्मेदार और सभ्य मानक बनाए रखें।

  • जनता को त्वरित और विनम्र सेवा प्रदान करें।

  • लंच ब्रेक के दौरान उचित शिष्टाचार बनाए रखें ।

  • अपने वरिष्ठों को आपराधिक अदालत में अपनी गिरफ्तारी या सजा के बारे में सूचित करें।

  • राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों से दूर रहें।

  • राजनीतिक दलों और राजनीतिक छात्र संगठनों से राजनीतिक तटस्थता बनाए रखें।

  • निजी मामलों, जैसे कि आदतन ऋणग्रस्तता या दिवालिया होने से बचें।

  • यदि किसी भी ऋण की वसूली के लिए या आपको दिवालिया घोषित करने के लिए आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही की जाती है तो कार्यवाही के पूर्ण तथ्यों को सक्षम प्राधिकारी को रिपोर्ट करें ।

  • सरकार की नीतियों के अनुसार कार्य करें।

  • संसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों के साथ विनम्र और शिष्ट आचरण का व्यवहार करें ।

  • यदि कोई व्यक्ति चाहे तो, ‘सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005’ के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार जानकारी प्रदान करें ।

  • अवकाश पर प्रगमन के पूर्व अनुमति लें।

  • हमेशा महिलाओं के प्रति सम्मान दिखावें ।

  • सरकारी आवास का आवंटन रद्द होने के बाद निर्धारित समय-सीमा के भीतर खाली करें।

  • अचल संपत्ति का वार्षिक रिटर्न, सरकार द्वारा निर्धारित समय पर जमा करें।

  • क्रय की गई चल और अचल संपत्ति के बारे में, निर्धारित समय-सीमा के भीतर सरकार से अनुमति लें / सरकार को सूचित करें। ।

  • अगर भारतीय राष्ट्रीयता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से शादी या विवाह कर रहे हैं तो सरकार को सूचित करें।

  • याद रखें कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को रोजगार न दें।


आचरण नियम – क्या न करें

  • विदेशी दूतावास या मिशन / उच्चायोग के साथ किसी भी निजी पत्राचार में प्रवेश न करें।

  • किसी भी व्यक्ति, औद्योगिक या वाणिज्यिक फर्मों, संगठनों आदि से भव्य या बार-बार आतिथ्य स्वीकार न करना, आपके साथ आधिकारिक व्यवहार करना।

  • सरकार के साथ अनुबंध करने वाले विदेशी फर्मों से इस तरह की पेशकश मुफ्त बोर्ड के माध्यम से या वहाँ रहने और विदेशी देशों में पारित होने की लागत के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार न करें।

  • किसी भी एयरलाइंस द्वारा दी जाने वाली मुफ्त उद्घाटन उड़ानों के लिए आपको और आपके परिवार के सदस्यों को निमंत्रण स्वीकार न करें।

  • किसी भी विदेशी फर्म से किसी भी उपहार को स्वीकार न करें जो आधिकारिक सौदे कर रहा है।

  • अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व या प्रबंधित जीवन बीमा एजेंसी, कमीशन एजेंसी या विज्ञापन एजेंसी के कैनवसिंग व्यवसाय में खुद को संलग्न न करें।

  • किसी भी व्यक्ति, फर्म या निजी कंपनी, जिसके साथ आपके आधिकारिक व्यवहार होने की संभावना है, के साथ या सदस्य या एजेंट के रूप में पैसे जमा करने या उधार लेने के लिए पैसे उधार न दें। अन्यथा ऐसे व्यक्ति, फर्म या निजी कंपनी के साथ खुद को अजीबोगरीब दायित्व के तहत न रखें।

  • निजी स्रोतों से लिए गए ऋणों के लिए आपके / आपके संबंधों / मित्रों के लिए निश्चित रूप से खड़े होने के लिए अपने अधीनस्थों से संपर्क न करें।

  • निजी कंसल्टेंसी का काम न करें।

  • किसी भी शेयर, शेयर या अन्य निवेश में अटकलें न लगाएं।

  • कंपनियों के निदेशकों के दोस्तों और सहयोगियों के लिए आरक्षित कोटा से बाहर के शेयर न खरीदें।

  • संपत्ति की किसी भी नीलामी में बोली न लगाएं जहां इस तरह की नीलामी की व्यवस्था आपके अपने अधिकारियों द्वारा की जाती है।

  • भारत में विदेशी राजनयिकों या विदेशी नागरिकों के साथ अतिथि के रूप में न रहें।

  • भारत में अपने अतिथि के रूप में आपके साथ रहने के लिए किसी भी विदेशी राजनयिक को आमंत्रित न करें।

  • किसी विदेशी मिशन / सरकार या संगठन से पैसे या मुफ्त हवाई परिवहन को स्वीकार करने के लिए अपनी पत्नी या आश्रितों को स्वीकार या अनुमति न दें।

  • अपनी सेवा से संबंधित मामलों में कोई राजनीतिक प्रभाव न लाएं।

  • ड्यूटी पर रहते हुए किसी भी नशीले पेय या ड्रग्स का सेवन न करें।

  • सार्वजनिक स्थान पर नशे की हालत में न दिखें।

  • किसी भी महिला के यौन उत्पीड़न के किसी भी कार्य में लिप्त न हों।

  • 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रोजगार न दें।

  • निजी ट्रस्टों / फाउंडेशनों द्वारा स्थापित मौद्रिक लाभों के पुरस्कार को स्वीकार न करें।

  • सामान्य हित के मामलों में संयुक्त अभ्यावेदन न करें।

  • किसी सरकारी कर्मचारी के असहयोग के कामों में लिप्त न हों।

  • शासकीय सेवक को हतोत्साही, बेईमान और पक्षपाति नही होना चाहिए ।

  • आम जनता के साथ अपने व्यवहार में कार्य को टालने की रणनीति न अपनाएं।

  • अधीनस्थों को मौखिक निर्देश न दें। यदि कोई मौखिक निर्देश तात्कालिकता के कारण जारी किया गया है, तो इसे जल्द से जल्द लिखित रूप में पुष्टि करें।

  • अस्पृश्यता का अभ्यास न करें।

  • अपने आप को किसी भी प्रतिबंधित संगठनों के साथ न जोड़ें।

  • किसी भी ऐसे संघ या प्रदर्शन में शामिल न हों, जिसकी वस्तु या गतिविधियाँ भारत की संप्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था और नैतिकता के हित के लिए पूर्वाग्रही हों।

  • जन भी आप विदेशी दौरे पर हों तो भारतीय या विदेशी मामलों पर विचार प्रकट न करें ।

  • किसी भी अवैध हड़ताल में शामिल न हों और न ही समर्थन करें।

  • दहेज लेने या देने या लेने या देने या किसी दहेज की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी दुल्हन या दुल्हन के माता-पिता या अभिभावक से मांगे या न दें।

  • एक ही मुद्दे पर समय से पहले उच्च अधिकारी को पत्र या ज्ञापन प्रेषित न करें जब तक कि यह स्पष्ट न हो कि पहले से उठाए गए सभी बिंदुओं पर कार्यालय या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा पूरी तरह से विचार नहीं किया जा रहा हो ।

  • किसी भी कंपनी या फर्म में अपने परिवार की किसी भी सदस्य को रोजगार देने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने आधिकारिक पद या प्रभाव का उपयोग न करें।

  • निर्धारित प्राधिकरण को सूचित किए बगैर किसी भी संपत्ति का क्रय या विक्रय न करें।

विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

नोट-शीट में निर्णय लेने वाले प्रकरण

(Decision Making Cases in Note-Sheet )

Note-Sheet

  • नोट-शीट एक foolscap या legal size आकार का कागज़ होता है जिस पर आधिकारिक नोट लिखा जाता है, ताकि किसी मामले पर कार्यवाही में आसानी हो।

Note

  • किसी प्रकरण पर कार्यवाही हेतु लिखी गई टिप्पणी।

  • इसमें तथ्य और आंकड़े, नियम, कानून, प्रक्रिया और मिसाल शामिल होते हैं, साथ ही अन्य अधिकारियों के विचार भी, जिनसे परामर्श किया गया हो ।

  • यह, प्रकरण में अच्छी तरह से अध्ययन कर उचित निर्णय लेने में प्राधिकरण की मदद करता है।

Purpose of Note-Sheet

  • सरकार / संगठन का कार्य एक सतत प्रक्रिया है।

  • किसी कार्यालय में अधिकारीयों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन किसी निर्दिष्ट परिस्थिति में शासकीय कार्य या नीति में एकरूप रहना चाहिए ।

  • इसलिए, कार्यालय में किसी प्रकरण में की गई कार्यवाही का लिखित रिकॉर्ड होना आवश्यक है ताकि भविष्य में आने वाले इस तरह के प्रकरणों में एक समान कर्यवाही सुनिश्चित की जा सके ।

  • "नोट्स" , सरकार के कार्यों और निर्णयों के लिए समरुपता और निरंतरता प्रदान करते हैं।

  • "नोट्स" उन अधिकारियों को एक बहुत ही उपयोगी मार्गदर्शिका प्रदान करते हैं जिन्हें भविष्य में इसी तरह के के प्रकरणों पर निर्णय लेना पड़ सकता है क्योंकि वे पहले से लिए गए निर्णय के पीछे विचार और तर्क को संदर्भ के रुप में ले सकते हैं ।

Ink to be used in Noting

  • इन दिनों, नोट्स अक्सर टाइप और मुद्रित होते हैं। फिर भी, एक समय आ सकता है जब हाथ से लिखना आवश्यक हो, ऐसे मामले में, सभी श्रेणी के अधिकारीयों को नोट पर हस्ताक्षर करने में नीली या काली स्याही का उपयोग करना चाहिए ।

Types of Cases dealt in Note-sheet

  • नोट-शीट में निपटाए गए अधिकांश मामलों को निम्नलिखित पाँच श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :

      1. अल्पकालिक मामलों

      2. नियमित और दोहराव वाले मामले

      3. पत्राचार मामलों में कार्रवाई

      4. समस्या सुलझाने के मामले

      5. योजना और नीति मामले

Note-sheet - Ephemeral cases

  • इन मामलों को "no-Noting" मामलों के रूप में भी जाना जाता है।

  • अनुभाग अधिकारी को इस कारण को संक्षेप में दर्ज करना चाहिए कि कोई कार्रवाई क्यों आवश्यक नहीं है और ऐसे मामलों में आवक स्तर ही कार्यवाही कर देनी चाहिए ।

  • ऐसे मामलों को अलग फ़ाईल/ बंडल में रखा जाना चाहिए और हर साल 31 दिसंबर को नष्ट कर देना चाहिए।

  • इन प्रकरणों में तथ्यात्मक जानकारी देते हुए मूल रुप में प्रेषक को भी लौटाया जा सकता है ।

Note-sheet - Routine & Repetitive cases

  • दोहरावदार प्रकृति के मामलों में, एक ‘मानक प्रक्रिया पत्रक’ तैयार किया जा सकता है जिसमें पूर्व निर्धारित बिंदुओं को दर्शाता गया हो ।

  • अन्य नियमित मामलों के संबंध में, अनुपालन पत्र की एक स्वच्छ प्रतिलिपि बिना किसी नोट के तैयार की जा सकती है ।

Note-sheet - Action – in - Correspondence Cases

  • इन प्रकरणों में भी विस्तृत नोटिंग की आवश्यकता नहीं होती है।

  • यह पर्याप्त होगा यदि एक संक्षिप्त नोट (एक पैराग्राफ में) लिखा जा सकता है जिसमें विचारर्थ प्रकरण और सुझाई गई कार्रवाई लिखी हो ।

Note-sheet - Action – Problem Solving Cases

  • इन मामलों में, प्रत्येक पहलू पर अधिकतम जानकारी प्रदान करने वाला एक विस्तृत नोट आवश्यक होगा, फिर भी, नोट संक्षिप्त और तथ्यात्मक होना चाहिए।

  • नोटशीट में शामिल बिंदु होंगें:

      1. प्रकरण क्या है और यह कैसे उत्पन्न हुआ ?

      2. नियम, नीति या मिसाल क्या है?

      3. संभावित समाधान क्या हैं और सबसे अच्छा समाधान कौन सा है? क्यों?

      4. प्रस्तावित समाधान के परिणाम क्या होंगे?

Note-sheet - Policy and Planning Cases

  • किसी भी संगठन में इस प्रकार के मामले बड़ी संख्या में नहीं होंगे।

  • हालांकि, उन्हें विशेष परीक्षण की आवश्यकता होती है, क्योंकि महत्वपूर्ण निर्णय शीर्ष प्रबंधन स्तर पर लिए जाने हैं।

  • ऐसे मामलों में एक नोट को निम्नलिखित तरीके से संरचित किया जाना चाहिए: -

      1. समस्या: - समस्या बताएं। यह कैसे उत्पन्न हुई है? महत्वपूर्ण कारक क्या हैं?

      2. अतिरिक्त जानकारी: - समस्या को आकार देने के लिए अतिरिक्त जानकारी दें। जानकारी अनुभाग में फ़ाइलों और अन्य कागज पर उपलब्ध होगी।

      3. यदि पूरी तरह से परीक्षण करने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है, तो इसे नोट तैयार करने सए पहले एकत्रित करने का प्रयास का लेना चाहिए ।

      4. नियम, नीति आदि: - पूर्ण परिप्रेक्ष्य में उद्धृत करके सही और अद्यतन नियम को संदर्भित किया जाना चाहिए।

      5. उदाहरण / मिसालें - विचाराधीन मुद्दे पर असर डालने वाले पूर्ववर्ती मामलों को रखा जाना चाहिए। यदि परीक्षण के मामले में अलग-अलग उदाहरण हैं या कोई उदाहरण विचारर्थ प्रकरण से कुछ भिन्न है, तो सही निर्णय पर पहुंचने के लिए इन उदाहरणों के मध्य अंतर को नोट में लिखना चाहिए ।

      6. महत्वपूर्ण विश्लेषण: - फिर मामले में योग्यता के आधार पर संभावित वैकल्पिक समाधानों पर विचार करना चाहिए कि ‘कितने तरह के समाधान हो सकते हैं या कौन सा समाधान सबसे अच्छा है ?

      7. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अन्य प्रभागों / मंत्रालयों आदि के विचार जहां आवश्यक हो, प्राप्त किए गए हों ।

      8. अन्य पहलुओं जैसे कि वित्तीय और अन्य निहितार्थों पर भी विचार करना चाहिए और निर्णय को लागू करने की प्रक्रिया और निर्णय लेने के लिए सक्षम अधिकारी के बारे में विचार करना चाहिए ।

      9. समापन पैरा: - समापन पैरा में प्रस्तावित कार्रवाही का सुझाव देना चाहिए।

      10. जिन मामलों में समिति, बोर्ड आदि जैसे उच्च अधिकारियों द्वारा निर्णय लिया जाना है, उन बिंदु या बिंदुओं पर, जिस पर उच्च अधिकारी का निर्णय अपेक्षित है, का विशेष रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।

Note-sheet - Referencing

  • संदर्भ देना वह पद्धति है जिसमें किसी दस्तावेज, निर्णय और तथ्यों की पहचान करने की प्रक्रिया निहित रहती है तथा कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी किए गए नोट, ड्राफ्ट या कार्यालय प्रति के बारे में उल्लेख रहता है ।

  • इसमें शामिल है

      1. फ़ाइल के प्रत्येक भाग में प्रत्येक पृष्ठ (अर्थात, नोट्स, पत्राचार, नोट्स के लिए परिशिष्ट, और पत्राचार के लिए परिशिष्ट) अलग-अलग श्रृंखला में लगातार पेन से क्रमांकित किए जाएंगे।

      2. रिक्त नोटशीट वाले पृष्ठ, यदि कोई हो, को गिना नहीं जाएगा।

      3. किसी फ़ाइल में पत्राचार का प्रत्येक विषय-वस्तु, चाहे रसीद या उदाहरण हो, को एक सीरियल नंबर दिया जाएगा, जो उसके पहले पृष्ठ के शीर्ष मध्य भाग पर लाल स्याही में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

      4. ‘PUC’ या ‘FR’ से चिह्नित किए गए कागजात के संदर्भ में, संबंधित पृष्ठ संख्या को मार्जिन में हमेशा उद्धृत किया जाएगा।

      5. वर्तमान फ़ाइल में उनके पेज नंबर को संदर्भित किया जा सकता है ।

      6. वर्तमान फ़ाइल के साथ रखी गई, रिकॉर्ड फाइलें और अन्य कागजात त्वरित पहचान के लिए वर्णानुक्रम की पर्चियों के साथ चिह्नित की जावेंगी ।

      7. रिकॉर्ड फ़ाईल या संकलन फ़ाईल में केवल एक वर्णमाला पर्ची रहेगी ।

      8. यदि एक ही फ़ाइल या संकलन में निहित दो या अधिक पेपरों को संदर्भित किया जाना है, तो उन्हें प्रासंगिक पृष्ठ संख्याओं के साथ वर्णानुक्रम पर्ची के रुप में पहचान दी जावेगी हैसे कि ‘A’/22 n., ‘A’/19 C और इसी तरह।

      9. पर्चियों को हटाने के बाद अन्य फाइलों में निहित कागजात के संदर्भों की पहचान करने के लिए, निर्दिष्ट की गई फ़ाइल की संख्या नोट में हमेशा उद्धृत की जाएगी।

      10. संबंधित पृष्ठ संख्या, वर्णमाला पर्ची के साथ, जो कि साथ संलग्न है, के बारे में मार्जिन में इंगित किया जाएगा।

      11. इसी तरह, आदेशों, अधिसूचनाओं और प्रस्तावों की संख्या व दिनॉक तथा अधिनियमों, नियमों और विनियमों के मामले में, संबंधित अनुभाग, नियम, पैराग्राफ या खंड की संख्या के साथ उनका संक्षिप्त शीर्षक, नोट में उद्धृत करेगा तथा उपयोग की गई स्लिप को वर्णमालाक्रम में मार्जिन में इंगित की किया जावेगा ।

      12. किसी मामले में निर्दिष्ट नियमों या अन्य संकलनों को नहीं रखा जाना चाहिए, यदि उन प्रतियों को उस अधिकारी के पास उपलब्ध होने की अपेक्षा की जाती है, जिस पर मामला प्रस्तुत किया जा रहा है। इस तरह के संकलन, जो नोट के साथ प्रस्तुत नही किए जा रहे हैं, के बारे में पेंसिल से मार्जिन में इंगित किया जाएगा।

      13. पर्चियों को अंदर की तरफ बड़े करीने से चिपकाया जाएगा। जब किसी मामले में लगाए गए कई कागजात को झंडी देनी होती है, तो फाइल की पूरी चौड़ाई पर स्लिप फैला दी जाएगी ताकि हर स्लिप आसानी से दिखाई दे।

References

  • https://rajyasabha.nic.in/rsnew/manual/2010/6.13.pdf

  • http://210.212.144.213/course_material/e2e3/csss/TEXT/Chapter08.Noting,%20Drafting.pdf

  • Reading material, ISTM, DoPT, GoI.


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आलेखन (Drafting)

Draft


  • ड्राफ्ट / आलेख का मतलब उस दस्तावेज़ के प्रारुप से है जिसे वर्तमान में तैयार किया जा रहा है।

  • ‘आलेखन' का अर्थ है सभी नोटों के आधिकारिक संचार की रचना या संबंधित अधिकारी द्वारा अनुमोदन के बाद जारी किए जाने वाले आदेश का प्रारुप।

  • ये ड्राफ्ट आमतौर पर फीडबैक और समीक्षाओं के लिए रखे जाते हैं।

  • जैसा संदेश प्रसारित करना हो, वैसा ही भाषा का उपयोग करना चाहिए ।

  • स्पष्ट, संक्षिप्त और गलतफ़हमी न पैदा करे ।

  • ग्रहिता से जैसा संदेश / कार्य चाहा गया है वैसा प्राप्त हो सके ।

  • ड्राफ्ट में व्यक्त विचारों के तार्किक अनुक्रम या आदेश के अनुसार, उचित पैराग्राफ में विभाजित किया जाना चाहिए।

  • पिछले पत्राचार का संदर्भ होना चाहिए, यदि कोई हो।

  • बचें:

      1. लम्बी वाक्य, अचानकता से ।

      2. शब्दों, टिप्पणियों या विचारों की पुनरावृत्ति से ।

      3. अपमानजनक, हतोत्साहित करने वाली भाषा से ।


Drafting - Checklist


  • एक ड्राफ्ट को निम्नलिखित संकेत देना चाहिए:

  • फाइल संख्या ।

  • प्रेषक और ग्रहिता के पदनाम, कार्यालय का पूरा पता होना चाहिए ।

  • संचार का विषय ।

  • अंतिम संचार की संख्या और दिनॉक ।

  • स्वच्छ प्रति के साथ सलग्न किए जाने वाले द्स्तावेज ।

  • तत्काल ग्रेडिंग (पंजीकृत पोस्ट / स्प्लिट मैसेंजर द्वारा)


Drafting – Important Points


  • अधिकारी का नाम, पदनाम, टेलीफोन नंबर, फैक्स नंबर और ई-मेल पते, जिनके हस्ताक्षर से संचार जारी करने के लिए हैं, को अनिवार्य रूप से ड्राफ्ट पर इंगित किया जाना चाहिए।

  • ड्राफ्ट लिखने या टाइप करने में, यदि आवश्यक हो, तो परिवर्धन या शब्दों के प्रक्षेप को स्वीकार करने के लिए मार्जिन के लिए पर्याप्त स्थान छोड़ दिया जाना चाहिए।

  • ड्राफ्ट के लिए 'ड्राफ्ट फॉर अप्रूवल' शब्द संलग्न होना चाहिए। यदि किसी फाइल पर दो या दो से अधिक ड्राफ्ट लगाए जाते हैं, तो ड्राफ्ट, साथ ही साथ संलग्न स्लिप, को `DFA I', `DFA II', `DFA III' इत्यादि के रूप में चिह्नित किया जाएगा।

  • ड्राफ्ट जो 'तत्काल' या 'प्राथमिकता' के रूप में जारी किया जाने है, एक अनुभाग अधिकारी से कम रैंक के अधिकारी द्वारा जारी नही किया जावेगा ।


Procedure for drafting


  • सरल और सीधे या दोहराव प्रकृति वाले प्रकरण के लिए किसी भी ड्राफ़्ट को तैयार करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिसके लिए संचार के मानक रूप मौजूद हैं।

  • इस तरह के मामलों में स्वछ प्रति को ही हस्ताक्षर हेतु प्रस्तुत किया जाना चाहिए ।

  • हमेशा कार्रवाई की प्रस्तावित लाइन की मंजूरी का इंतजार करना जरूरी नहीं है और ड्राफ्टिंग स्तर के अधिकारी द्वारा नोट के साथ-साथ मसौदा तैयार किया जाएगा।

  • उच्च अधिकारी ड्राफ्ट को संशोधित कर सकता है अगर यह कार्रवाई के अनुमोदित कार्यवाही के अनुरूप नहीं है।

  • सक्षम अधिकारी द्वारा किसी प्रकरण में अंतिम निर्णय लेने के बाद उनके हस्ताक्षर लिए जावेंगें और प्रकरण को अधिकृत माना जावेगा; अन्यथा, एक ड्राफ़्ट तैयार किया जावेगा और अनुमोदन के लिए उपयुक्त उच्च अधिकारी को प्रस्तुत किया जावेगा ।

  • ड्राफ्ट को अनुमोदित करने वाला अधिकारी, ड्राफ्ट पर दिनॉक के साथ अपने आद्याक्षर करेगा ।

  • उससे यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह एक साथ, फाइल पर आदेश पारित करे जिसमें स्वीकृत ड्राफ़्ट रखा हो । (साथ ही कार्यालय की स्वच्छ प्रति भी हो )

  • प्रारंभिक आलेखन, काले या नीले रंग की स्याही में किया जाएगा।

  • बाद के स्तरों पर मसौदे में संशोधन अधिकारियों द्वारा हरी या लाल स्याही में किए जा सकते हैं ताकि किए गए सुधारों को अलग से देखा जा सके ।


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आयकर – डी.डी.ओ. के लिए निर्देश (Income Tax – Instructions for D.D.O. )

Responsibility of DDO

  • आयकर अधिनियम के TDS प्रावधानों द्वारा भुगतान करने के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति कर में कटौती के लिए जिम्मेदार होगा।

  • शासकीय कार्यालयों में, यह जिम्मेदारी डीडीओ (आहरण एवं संवितरण अधिकारी) की है।

DDO Must Do

  • TAN नंबर प्राप्त करें।

      1. इस नंबर को TDS से संबंधित आयकर मामलों से संबंधित प्रत्येक पत्राचार में कटौत्रीकर्ता द्वारा उद्धृत किया जाना है।

  • Deductee का पैन प्राप्त करें।

      1. कटौती किए गए कर को निर्दिष्ट समय के भीतर नामित बैंकों में जमा करना होगा।

Computation of Average Income

  • वित्तीय वर्ष के लिए किसी कर्मचारी से प्राप्त होने वाला आयकर की गणना उसे प्राप्त वेतन के तहत 'आय' प्रभार्य पर की जाती है।

  • यदि वेतन में एक से अधिक नियोक्ता (पूर्व और वर्तमान नियोक्ता) हैं तो, आय शामिल होनी चाहिए।

  • वर्तमान / चुने हुए नियोक्ता को वेतन की कुल राशि (पूर्व या अन्य नियोक्ता से प्राप्त वेतन सहित) पर स्रोत पर कर की कटौती करने की आवश्यकता होगी।

Deposits / Subscriptions / Deductions

  • DDO को डिपॉजिट / सब्सक्रिप्शन / कटौती और छूट से संबंधित विवरणों की वास्तविकता के बारे में संतुष्ट होना चाहिए ।

Deposit of Deducted Tax

  • DDO द्वारा कर्मचारियों से कटोत्री किए गए आयकर को बैंक चालान के माध्यम से मद 0021 के तहत केंद्र सरकार के खाते में क्रेडिट किया जाना चाहिए ।

  • यदि वेतन का भुगतान राज्य के कोषालय के माध्यम से किया जाता है, तो आयकर राज्य के मद 0024 में जमा किया जाना चाहिए ।

  • DDO को कर्मचारी से की गई आयकर कटोत्री को आयकर विभाग में त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करना होगा।

Filing of Returns

  • चालान नं. 281 TDS राशि जमा करने के लिए।

  • निर्धारित समय में कर कटौती के पत्रक को जमा करें ।

  • TDS/TCS विवरण दाखिल करने की नियत तारीखें हैं:

      1. पहली तिमाही - 15 जुलाई

      2. दूसरी तिमाही - 15 अक्टूबर

      3. तीसरी तिमाही - 15 जनवरी

      4. चौथी तिमाही - 15 मई

Do’s for Filing of TDS Returns

  • सुनिश्चित करें कि TDS रिटर्न उसी TAN के साथ जमा किया गया है जिस नम्बर के द्वारा टीडीएस भुगतान किया गया है और टीडीएस प्रमाणपत्र जारी किया गया है।

  • सुनिश्चित करें कि चालान में CIN और राशि आदि का विवरण सही हो ।

  • Deductee के सही पैन का उल्लेख किया गया हो ।

  • प्रत्येक Deductee के लिए सही सेक्शन उद्धृत किया गया हो ।

  • प्रत्येक Deductee के लिए सही दर उद्धृत की गई हो ।

Dont’s for Filing of TDS Returns

  • विलम्ब से रिटर्न फाइल न करें क्योंकि यह Deductee के कर क्रेडिट को प्रभावित करता है ।

  • टीडीएस भुगतानों में गलत TAN को उद्धृत न करें ।

Failure to furnish Returns

  • यदि डीडीओ, धारा 200 (3) के तहत, निर्धारित समय के भीतर, टीडीएस के संबंध में त्रैमासिक रिटर्न जमा करने में विफल रहता है तो, वह रुपये 200 / - प्रति दिवस के हिसाब से रिटर्न प्रस्तुत करने तक, पैनॉल्टी के रुप में जमा करेगा ।

Payee to furnish PAN

  • यदि व्यक्ति / Deductee अपने पैन को कटौत्रीकर्ता को प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो TDS @ 20% या लागू दर, जो भी अधिक हो, से काटा जाएगा।

Failure to Deposit Deducted Tax

  • यदि कोई DDO निर्धारित समयसीमा के भीतर कटौती कर जमा करने में विफल रहता है, तो DDO निम्न भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा:

      1. इस तरह के टैक्स की राशि पर हर महीने 01% का साधारण ब्याज, जिस दिवस पर इस तरह का टैक्स काटा जाना था से जिस दिवस इस तरह का टैक्स काटा गया था, तक जमा करना होगा ।

      2. इस तरह के टैक्स की राशि पर हर महीने 1.5% की दर से साधारण ब्याज उस तारीख तक देय होगा जिस पर ऐसा टैक्स वास्तव में जमा किया गया हो ।

      3. इस तरह की ब्याज राशि जमा करना अनिवार्य है और, संबंधित तिमाही के टीडीएस की त्रैमासिक रिटर्न प्रस्तुत करने से पहले जमा किया जाना होगा ।

      4. यदि कोई भी व्यक्ति स्रोत पर कर के पूरे या कुछ भाग को काटने में विफल रहता है या कटौती किए गए पूरे या कुछ भाग का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे जुर्माने के रूप में, कटौती की गई राशि के बराबर या जमा नहीं की गई राशि के बराबर राशि जमा करनी होगी ।

      5. यदि कोई व्यक्ति निर्धारित समय के भीतर केंद्र सरकार खाते में स्रोत पर कर की कटौत्री जमा करने में विफल रहता है, तो उसे जुर्माने के साथ-साथ कठोर कारावास की सजा दी जा सकती है जो कि जुर्माने की राशि के अलावा 3 महीने से 7 साल के बीच होगी।

Furnishing Form - 16

  • DDO को फॉर्म 16 में, income tax payees को एक प्रमाण पत्र देना होगा जिसमें आयकर की कटोत्री की राशि और कुछ अन्य विवरणों को निर्दिष्ट किया जाएगा ।

  • यदि DDO नियत तारीख तक संबंधित व्यक्ति को यह प्रमाण पत्र जारी करने में विफल रहते हैं, तो धारा 272-ए (2) (जी) के तहत पैनॉल्टी के रुप में, जब तक उनके द्वारा फॉर्म-16 जारी नही कर दिया जाता तब तक रु. 100 / - प्रति कार्य-दिवस के हिसाब से जमा करनी होगी ।

Who Should File the Return

  • प्रत्येक व्यक्ति, जिसकी कुल आय, कर योग्य राशि है, को अपनी कर देयता के बावजूद वार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए।

Reference

  • Reading material, ISTM, DoPT, GoI.

  • Reading material of Income Tax Department, GoI.


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नवीन पेंशन योजना (New Pension Scheme)

Responsibility of DDO

  • नवीन पेंशन योजना 01.01.2004 से भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई थी।

  • अधिकांश राज्य सरकारों ने इसे 01.01.2005 से प्रारम्भ किया।

  • नवीन योजना परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना है।

  • नई पेंशन योजना के दो स्तर हैं:

    1. टियर - I (सेवानिवृत्ति / पेंशन खाता)

    2. टियर- II (बचत खाता)

  • टियर - I (सेवानिवृत्ति / पेंशन खाता):

    1. गैर-निकासी योग्य खाता

    2. सभी शासकीय सेवकों के लिए योगदान अनिवार्य है, जो NPS प्रारम्भ होने के बाद शासकीय सेवा में शामिल हुए हैं ।

  • टियर- II (बचत खाता):

    1. किसी भी समय निकासी की अनुमति है।

    2. वैकल्पिक और सरकारी कर्मचारियों के विवेक पर।

  • वर्तमान में प्रचलित पेंशन लाभ एवं जी पी एफ योजना अंशदायी पेंशनरों पर लागू नहीं होगी |

  • कर्मचारी का अंशदान 10 प्रतिशत ( मूल वेतन ग्रेड वेतन एवं महगाई भत्ता ) व् शासन व्दारा समतुल्य अंशदान |

  • अंशदान कटोत्रा नियुक्ति माह के अगले माह से प्रारंभ होगा |

  • अंशदान प्रत्येक माह के वेतन से काटा जावेगा |

  • वर्तमान में सेवाकाल के दौरान 10 वर्ष की नियमित सेवा के बाद विशेष परिस्थिति में 3 आहरण की सुविधा |

  • सेवानिवृत्ती के समय जमा राशि का 60 प्रतिशत शेष 40 प्रतिशत का विनियोजन ( एन्युट्टी के रूप में स्वयं या परिवार के नाम सुरक्षित )

  • जमा राशि पर वर्तमान में लगभग 10 प्रतिशत ब्याज दर |

  • जी पी एफ में कोई कटोत्रा नहीं और न ही कोई जी पी एफ नंबर आबंटित होगा |

  • शासकीय सेवक जो NPS के प्रारम्भ होने के पश्चात शासकीय सेवा में शामिल हुए है, वह निर्धारित प्रपत्र में व्यक्तिगत जानकारी देंगे ।

  • संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी उक्त जानकारी प्राप्त करने हेतु जिम्मेदार होंगे |

  • आहरण संवितरण अधिकारी शासकीय सेवको की जानकारी कोषालयो में प्रस्तुत कर कोषालय अधिकारी के माध्यम से यूनिक एम्प्लाई कोड एवं स्थाई खाता क्रमांक ( PRAN ) संबंधित शासकीय सेवक को आबंटित करने की कार्यवाही करेंगे |

  • आहरण एवं संवितरण अधिकारी जी पी एफ सेवको से पृथक वेतन देयक से नवनियुक्त शासकीय सेवको का वेतन आहरित करेंगे |

  • कोषालय अधिकारी व्दारा प्रति माह IFMS सॉफ्टवेयर अंतर्गत वेतन देयक से काटे गए कर्मचारी अंशदान एवं शासकीय अंशदान संचालनालय पेंशन भविष्य निधि एवं बीमा को निर्धारित प्रक्रियानुसार भेजेंगे |

  • यदि वेतन ट्रेजरी से प्राप्त नहीं होता है, तो एनएसडीएल खाते में योगदान जमा करना डीडीओ का कर्तव्य है।

Investments

  • नवीन पेंशन योजना द्वारा कवर किए गए कर्मचारियों को गैर-सरकारी प्रोविडेंट फंड पर लागू सरकार के निवेश दिशानिर्देशों के अनुरूप पेशेवर पेंशन फंड प्रबंधकों द्वारा निवेश किया जाता है।

Fund Management

  • एनपीएस के तहत निवेश प्रबंधन कार्य करने के लिए सरकारी क्षेत्र के पेंशन फंड प्रबंधक हैं:

      1. एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड

      2. एसबीआई पेंशन फंड

      3. यूटीआई सेवानिवृत्ति समाधान पेंशन फंड

Supervision- NPS Trust

  • NPS Trust, NPS के तहत निधियों की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार है और ट्रस्ट NPS Trustee Bank के रूप में नामित बैंक ऑफ इंडिया में एक खाता भी रखे है।

  • ट्रस्टी बैंक के रूप में एक्सिस बैंक, एकत्रित धन के हस्तांतरण और PFM को प्रेषण के लिए जिम्मेदार है।

Transfer of Employee

  • पूरे महीने (व्यक्तिगत और सरकार दोनों) के लिए NPS में योगदान, उस कार्यालय द्वारा किया जाएगा जो सम्बंधित शासकीय सेवक का वेतन आहरित करेगा ।

Non-Practice Allowance for Doctors

  • गैर-अभ्यास भत्ता को सभी सेवा लाभों के लिए ‘वेतन' के रूप में मान्य किया जाता है। इसलिए, NPS के भुगतान हेतु इसकी गणना की जावेगी ।

Technical Resignation

  • ऐसे मामलों में जहां शासकीय सेवक, समान या अन्य विभागों में पदों के लिए आवेदन करते हैं और चयन पर, उन्हें तकनीकी इस्तीफे सौंपने के लिए कहा जाता है, वहॉ उस शासकीय सेवक की पिछली सेवाओं को पेंशन नियमों के तहत पेंशन के लिए माना जावेगा क्योंकि NPS की शुरुआत से पहले ही शासकीय सेवक मूल रूप से सरकारी सेवा में शामिल हो गया था ।

Reference

  • Reading material, ISTM, DoPT, GoI.

  • Reading material of Income Tax Department, GoI.


विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

तकनीकी त्यागपत्र (Technical Resignation)

General Resignation and Technical Resignation

  • सेवा या पद से इस्तीफा देने से संपूर्ण पिछली अर्हकारी सेवा का त्याग हो जाता है।

  • तकनीकी इस्तीफा वह है जिसके द्वारा पिछली सेवा का त्याग नही होता है।

Technical Resignation

  • अन्य कारणों से प्रस्तुत इस्तीफा या सक्षम प्राधिकारी से उचित माध्यम से आवेदन को अग्रेषित न कराने की स्थिति में तकनीकी इस्तीफे की अनुमति नहीं दी जा सकेगी ।

  • यह लाभ सरकारी सेवकों के लिए भी स्वीकार्य है, जिन्होंने सरकारी सेवा में आने से पहले समान या अन्य विभागों में पदों के लिए आवेदन किया था और उस कारण से उचित माध्यम से आवेदन अग्रेषित नही करा पाए थे ।

  • निम्नलिखित स्थितियों की पूर्ति के अधीन ऐसे मामलों में पिछली सेवा के लाभ की अनुमति है: -

      1. सरकारी कर्मचारी को इस तरह के आवेदन के विवरण के बारे में शासकीय सेवा में पदभार ग्रहण करते ही उचित प्राधिकरण को सूचित करना चाहिए ।

      2. त्यागपत्र के समय शासकीय सेवक को विशेष रूप से अनुरोध करना चाहिए कि वह सरकार / सरकारी संगठन के अन्यत्र नियुक्ति हो जाने के कारण इस्तीफा दे रहा है, जिसके लिए उसने वर्तमान की सेवा में शामिल होने से पहले आवेदन किया था ।

      3. इस्तीफे को स्वीकार करने वाले प्राधिकारी को स्वयं को संतुष्ट करना चाहिए कि, कर्मचारी द्वारा बताए गए पद के लिए आवेदन की तारीख को सेवा में होता तो, उसका आवेदन उचित माध्यम से अग्रेषित किया गया होता ।

Technical Resignation – Continuity of Service

  • किसी अन्य सरकारी विभाग / कार्यालय में नियुक्त एक स्थायी शासकीय सेवक को अपने मूल विभाग से तब इस्तीफा देना होगा जब तक कि वह 2 साल या असाधारण मामलों में 3 साल की अवधि के भीतर मूल विभाग में वापिस नहीं आता ।

  • इस तरह के इस्तीफे को स्वीकार्य होने पर पेंशन के उद्देश्य के लिए इस्तीफा नहीं माना जाएगा।

  • परिणामस्वरूप, ऐसे कर्मचारियों को सेवा लाभ की निरंतरता के तहत पेंशन, अवकाश, LTC, वेतन सुरक्षा, GPF आदि नियमों का लाभ मिलता रहेगा ।

  • NPS के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी के ‘तकनीकी इस्तीफे’ के मामले में, उनके PRAN नम्बर के साथ उनके व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाते (PRA) की जानकारी को नए कार्यालय को दी जाना चाहिए ।

Technical Resignation – Pension on the Basis of Past Service

  • ऐसे मामलों में जहां शासकीय सेवक, जो मूल रूप से NPS के प्रारम्भ होने से ही शासकीय सेवा में शामिल थे, समान या अन्य विभागों में पदों के लिए आवेदन करते हैं और उनका चयन पर उन्हें तकनीकी इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है तो, उनकी पिछली सेवाओं को सिविल सेवा (पेंशन) के तहत पेंशन की गणना के लिए मान्य किया जावेगा ।

Reference

  • Reading material, ISTM, DoPT, GoI.


विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-

शासकीय सेवक का धारणाधिकार (Lien of a Government Employee)

Lien of a Government Employee

  • किसी शासकीय सेवक का यह अधिकार है कि वह नियमित रूप से पद धारण करे, चाहे पद पर स्थायी हो अथवा अस्थायी; या तो पदभार ग्रहण करते ही या अनुपस्थिती अवधि के समाप्त होते ही ।

Who can avail Lien

  • वह शासकीय सेवक जो सेवा / संवर्ग में नियमित हो गए हों ।

  • जिन कर्मचारियों को उच्च पद पर पदोन्नत किया गया हो और उनकी परिवीक्षा सफ़लतापूर्वक पूर्ण हो गई हो ।

  • जिन कर्मचारियों को नियमित रूप से उच्च पद पर पदोन्नत किया गया हो किंतु जहां नियमों के तहत कोई परिवीक्षा निर्धारित नहीं की गई हो, जैसा भी मामला हो।

Junior- most Person can be Revert Back

  • हालाँकि, उपरोक्त अधिकार, इस शर्त के अधीन होंगे कि कैडर में कनिष्ठतम कर्मचारी, निचले पद / सेवा / कैडर में वापस किया जा सकेगा, यदि किसी भी समय व्यक्तियों की संख्या उस कैडर / सेवा में उपलब्ध पदों से अधिक हो जावे ।

Lien on a post

  • एक शासकीय सेवक जिसने किसी पद पर धाराणाधिकार प्राप्त किया हो, उस पद पर धाराणाधिकार रखता है-

      1. उस पद के कर्तव्यों का पालन करते हुए;

      2. विदेशी सेवा पर, या एक अस्थायी पद धारण करने या किसी अन्य पद पर कार्य करते हुए;

      3. किसी अन्य पद पर स्थानांतरण के समय, पदग्रहण काल के दौरान; जब तक कि उसे कम वेतन वाले किसी पद पर स्थानांतरित नहीं किया जाता है, उस स्थिति में उसका धारणाधिकार उस नए पद पर उस दिनॉक से स्थानांतरित कर दिया जाएगा है जिस दिन वह पुराने पद पर अपने कर्तव्यों से पदमुक्त हो जाएगा;

      4. छुट्टी पर; तथा

      5. निलंबन के दौरान।

  • एक पद पर धारणाधिकार प्राप्त करने पर एक शासकीय सेवक किसी भी अन्य पद पर पहले से अर्जित किसी धाराणाधिकार से मुक्त हो जावेगा ।

Retention of lien for appointment in other Post

  • केंद्र सरकार/ राज्य सरकार के किसी विभाग / कार्यालय / में नियुक्त एक स्थायी शासकीय सेवक को अपने मूल विभाग से तब इस्तीफा देना पड़ेगा, जब वह 2 साल की अवधि या असाधारण मामलों में 3 साल की अवधि में, उस विभाग में वापस नही लौटता ।

  • इस शर्त का पालन करने का वचनपत्र, उसके आवेदन को अन्य विभागों / कार्यालयों को अग्रेषित करने के समय उससे लिया जा सकता है।

  • असाधारण मामले तब हो सकते हैं जब उस विभाग / कार्यालय में शासकीय सेवक का नियमतिकरण नहीं हुआ हो, जहां उसने 2 साल की अवधि के भीतर पदभार ग्रहण किया हो ।

  • ऐसे मामलों में उन्हें मूल कार्यालय में एक वर्ष के लिए धाराणाधिकार को बनाए रखने की अनुमति दी जा सकती है। इस तरह की अनुमति देते उस शासकीय सेवक से पुनः वचनपत्र लिया जा सकता है।

  • 2/3 वर्ष की निर्धारित अवधि के पूरा होने पर, शासकीय सेवक के मूल कार्यालय को कर्मचारी के सेवा विस्तार / प्रत्यावर्तन / इस्तीफे को सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध कार्रवाई करनी चाहिए ।

  • ऐसे मामलों में, जहां कर्मचारी निर्देशों का जवाब नहीं देते हैं, उनके खिलाफ वचनपत्र का उल्लंघन करने और उनके धाराणाधिकार को समाप्त करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

  • हालांकि, इस तरह के विचार से पहले, शासकीय सेवक को उसका पक्ष प्रस्तुत करने का उचित अवसर दिया जाना चाहिए ।

  • अस्थाई शासकीय सेवकों की बाह्य सेवा / पद पर चयन होने पर उन्हें शासकीय सेवा का त्याग करना होगा ।

  • ऐसे मामलों में किसी भी धाराणाधिकार को बरकरार नहीं रखा जाएगा।

Termination of Lien

  • किसी पद पर एक शासकीय सेवक का धारणाधिकार किसी भी परिस्थिति में उसकी सहमति के साथ भी समाप्त नहीं किया जा सकता है, भले ही उसे स्थायी पद पर धारणाधिकार के बिना छोड़ा जा सकता हो ।

  • जब तक शासकीय सेवक का धारणाधिकार हस्तांतरित नहीं किया जाता है, तब तक एक स्थायी पद पदस्थ शासकीय सेवक उस पद पर धारणाधिकार बनाए रखता है।

  • किसी शासकीय सेवक को उस पद के धारणाधिकार से वंचित करना सही नहीं होगा जिसने तकनीकी त्यागपत्र प्रस्तुत करते समय धारणाधिकार हेतु आवेदन नही किया था या किसी शासकीय सेवक को इस शर्त के साथ कार्यमुक्त नही किया जावे कि उसका धारणाधिकार, उस पद के लिए समाप्त हो जावेगा ।

  • कैडर के बाहर एक स्थायी पद (चाहे केंद्र सरकार या राज्य सरकार के तहत हो) पर धारणाधिकार प्राप्त करने के उपरांत, उसका पूर्व पद पर धारणाधिकार समाप्त हो जावेगा ।

  • कोई धारणाधिकार नहीं रखा जाएगा:

      1. जहां एक शासकीय सेवक, अपने कैडर / पद के बाहर अन्य कैडर / पद या सेवा में स्थाई हो गया हो । नए पद में स्थाईकरण के दिनॉक से, पूर्व पद पर धारणाधिकार समाप्त हो जावेगा

      2. समय-समय पर जारी किए गए सरकार के आदेशों के तहत स्वीकार्य अधिकतम सीमा से अधिक विदेशी सेवा / प्रतिनियुक्ति पर हो ।

Transfer of Lien

  • शासकीय सेवक का धारणाधिकार, जो उस पद के कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा है जिस पद का धारणाधिकार रख रहा हो, को उसी कैडर में, मूलभूत नियम 1922 के नियम15 के प्रावधानों के तहत, स्थानांतरित किया जा सकता है।

Joining Time, Joining Time Pay &TA

  • पदग्रहण काल को नवीन सेवा में योग्यता सेवा के रूप में मान्य किया जाएगा।

  • पुराने पद के प्रभार से मुक्त होने से पहले, प्राप्त वेतन के बराबर, पदग्रहण काल के दौरान वेतन प्राप्त होगा ।

  • पदग्रहण काल में, पूर्व के मुख्यालय पर लागू DA/CCA/HRA के बराबर भत्ता प्राप्त होगा ।

  • Conveyance Allowance or permanent Travelling Allowance भत्ता प्राप्त नही होगा ।

  • ट्रांसफर ट्रैवलिंग अलाउंस (TTA) प्राप्त होगा ।

  • हालांकि, 3 साल से कम नियमित सेवा वाले अस्थायी सरकारी कर्मचारीयों को TTA का लाभ नही मिलेगा ।

Appointment in PSUs

  • शासकीय सेवक को शासकीय सेवा से त्यागपत्र देने व इसके स्वीकृत होने के पश्चात ही कार्यमुक्त किया जा सकेगा ।

  • धाराणाधिकार की अनुमति नहीं होगी ।

  • उद्यम / उपक्रम के साथ अपने वेतन / भत्तों हेतु बातचीत करने हेतु स्वतंत्र होंगें ।

  • प्रासंगिक पेंशन नियमों के तहत, अपने मूल विभाग से सेवानिवृत्ति आदि लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगें ।

  • 180 दिनों की सीमा के अधीन अर्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभप्राप्त हो सकेगा ।

  • यदि सार्वजनिक उद्यम / उपक्रम में कोई पारिवारिक पेंशन योजना नहीं है, या यदि अधिकारी, उस उपक्रम/ उद्यम में पारिवारिक पेंशन योजना में शामिल होने के योग्य नहीं है, तो सरकार के नियमों के तहत पारिवारिक पेंशन का लाभ प्राप्त होगा ।

Reference

  • Reading material, ISTM, DoPT, GoI.


विस्तृत अध्ययन के लिए निम्न विडियो देखें :-