सूर्योदय का दृश्य बड़ा ही सुहावना लगता है। सूर्योदय की इस सुहावनी प्रभात बेला में आकाश में लालिमा छा जाती है। सूर्योदय होते ही सब जगह रोशनी ही रोशनी फैलती है और अंधकार नष्ट हो जाता है। सूरज के उगते ही दिन की शुरूआत होती है |
सूर्योदय के समय सब लोग प्रसन्न दिखाई देते हैं। सूरज के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। सूरज हमारे लिए बहुत आवश्यक है। अगर सूरज न होता तो प्रकाश और गरमी के अभाव में धरती पर किसी भी प्रकार का विकास सम्भव नहीं है।
इसकी उपस्थिति के बगैर धरती बिलकुल ठण्डी व जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधों रहित होती।
संसार में प्राकृतिक प्रकाश का कारण सूरज ही है। यदि सूरज न होता तो चारों ओर हर समय अंधकार ही छाया रहता। दिन और रात भी न होते।
सूर्य एक प्राकृतिक चिकित्सालय है। सूर्य की सप्तरंगी किरणों में अद्भुत रोगनाशक शक्ति है।
स्वस्थ रहने के लिए जितनी शुद्ध हवा आवश्यक है, उतना ही प्रकाश भी आवश्यक है। ऐसी ही एक कविता - "सूरज आया" जो कक्षा दूसरी की पाठ्यपुस्तिका में वर्णित है | यह सुंदर सी कविता छात्रों को बहुत पसंद आई और इसके द्वारा उन्हें यह ज्ञान प्राप्त हुआ कि संसार में प्राकृतिक प्रकाश का कारण सूरज ही है। यदि सूरज न होता तो चारों ओर हर समय अंधकार ही छाया रहता। दिन और रात भी न होते।
कविता पर आधारित प्रोजेक्ट :