Building

परिपत्र संख्या – 25 / नम – 3, दिनांक 19 अप्रैल, 2010

मुख्यालय , कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं , उ0 प्र0 , लखनऊ

पंचम तल , पिकप भवन , विभूति खण्ड , गोमती नगर , लखनऊ – 226010

परिपत्र संख्या – 25 / नम – 3, दिनांक 19 अप्रैल, 2010

सेवा में ,

समस्त अधीनस्थ कार्यालयाध्यक्ष ,

कारागार विभाग , उत्तर प्रदेश |

विषय – भवनों / मशीनों के अनुरक्षण के सम्बन्ध में |

महोदय ,

सरकारी भवनों की मरम्मत एवं रख रखाव के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड -5 भाग – 1 के प्रस्तर – 270 – 77 में दिए गये हैं | वित्तीय हस्त पुस्तिका की प्रतियाँ सभी कारागारों को उपलब्ध करा दी गयी हैं | उसके बाद भी कतिपय कारागारों से मरम्मत के प्रस्ताव अनियमित रूप से प्राप्त हो रहे हैं |

2 - Maintanance ane Repairs work (F.H.B. Vol – 5 Part-1 article 270)

270 (i) Repairs to residential buldings are classified under three heads :

(a) Annual repairs, comrising item of work which are carried out every year, such as white washing or distempering wall surfaces and repairing leaks in roofs.

(b) Quadrennial repairs comprising items of works which need only be once in four years, such as painting or varnishing doors and windows or repairing roads.

(c) Special repairs or repairs which do not recur at regular intervals, being chiefly renewals of structure,

(ii) Repairs to non-residential and rent-free buildings are classified under two heads:

(a) Annual repairs comprising the items of work referred to at (a) above,

(b) Special repairs comprising the items referred to at (b) and (c) above.

Notes:- (i) The duty of keeping the compounds of residential buildings clear of weeds ank jungle devolves on tenants and the Government will not meet any expenditure on this account except when a house is untenanted.

(ii) Outside doors and windows of the labour quarters constructed under the Subsidized Industrial Housing Scheme of the Government, may be repainted after every two years instead of four years.

271. Expenditure debitable to annual or quadrennial repairs does not enhance the capital value of a residential building; but part of the expenditure debitable to a special repair estimate very often does increase the capital value, for instance when athatch roof in replaced by roof of a superior kind, e.g. jack arch roof. All estimates for special repairs to residential buildings should, therefore, be dealt with under Para. 273.

3. अतः कारागार विभाग के भवनों इत्यादि की मरम्मत के सम्बन्ध में निम्नवत निर्देश जारी किये जा रहे हैं :-

(क ) मुख्यालय द्वारा अनुरक्षण के सम्बन्ध में मानक मद संख्या – 29 अनुरक्षण मद में अनुदान वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में अप्रैल माह में जारी कर दिया जाएगा | कुल अनुदान का 60 प्रतिशत वार्षिक मरम्मत के लिए जारी किया जाएगा एवं शेष 40 प्रतिशत विशेष मरम्मत के लिए मुख्यालय में आरक्षित रखा जाएगा |

(ख ) वार्षिक अनुरक्षण के अनुदान से कार्यालयाध्यक्ष छोटे – मोटे मरम्मत एवं रख रखाव के कार्य करायेगें | मशीनों की मरम्मत , वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध (ए0 एम0 सी0), भवनों की रंगाई –पुताई , छोटा –मोटा प्लास्टर , टीप , लोहे की पेंटिंग , छतों की मरम्मत , कम संख्या में टीन की चादरों को बदलना या अन्य ऐसे छोटे मरम्मत के कार्य जिनमे विस्तृत आगणन की आवश्यकता नहीं है , ऐसी श्रेणी में आते हैं |

(ग ) वार्षिक मरम्मत में कार्यालयाध्यक्ष ध्यान रखेगें कि भवनों कि मरम्मत में श्रेणी प्रथम एवं द्वितीय के आवासों की मरम्मत तथा अंदर शौचालयों की मरम्मत , सफाई , जल निकासी , पेय जल व्यवस्था का रख रखाव तथा सुरक्षात्मक ग्रेटिंग इत्यादि की मरम्मत प्राथमिकता पर कराई जाये | सभी मरम्मत के सम्बन्ध निर्धारित अभिलेख तैयार किये जायेगें तथा सम्बंधित अधिकारीयों द्वारा इसे हस्ताक्षरित किया जायेगा |

(घ ) वार्षिक मरम्मत के कार्य में बन्दी श्रम का अधिकाधिक प्रयोग किया जाये | विशेष कर्म कौशल वाले मजदूरों को ही बाहर से लगाया जाए |

(च ) कारागारों पर उपलब्ध पुराना किन्तु उपयोगी साज – सामान जैसे – सरिया , गर्डर ,एंगिल ,सीमेंट ,टीन की चादरें, ईटें , गिट्टी , ईटों की रोड़ी / अद्धा , पत्थर की पाटिया , कटीले तार का पूरा उपयोग किया जाये |

(छ ) पुरानी सामग्री जो भवनों से निकलती है उसे विधिवत स्टाक में दर्ज किया जाये और जब उसे प्रयोग किया जाये तो नियमानुसार उस कार्य विशेष के लिए अभिलेखों में “इशू” किया जायेगा |

(ज ) कारागारों में भारी मात्रा में ईटें/रोडें /अद्धे पड़े रहते हैं जो सुरक्षा के किये खतरा बने रहते हैं | इनको एकत्रित करके एक जगह कारागार के बाहर जमा कर लिया जाए और फर्श या सड़क बनाने के कार्य में इस्तेमाल किया जाये |

(झ ) पुरानी सामग्री का प्रयोग करके कारागार भूमि की सीमा पर बाउंड्रीवॉल , पिलर इत्यादि का निर्माण भी कराया जाय |

(ट ) पोताई के समय ध्यान रखा जाय कि पोताई के पहले पुराने पेंट , चुना इत्यादि को खुरच कर निकाल दिया जाय और दीवाल को रेगमाल / नारियल की रस्सी से अच्छी तरह रगड़ कर अच्छी तरह चिकनी बना लिया जाये | तदुपरान्त दीवाल को पानी रहते ही पोताई की जाये |

(ठ ) सभी भवनों की छतों , शौचालयों के बाहर व अन्य जगहों पर जहाँ घास – फूस / पेड़ – पौधे उग आते हैं वहाँ सफाई रखी जाये तथा पेड़ पौधे न उगने पाये | इन कार्यो के लिए कोई खर्च देय नहीं होगा (एफ0एच0बी0 270 टिप्पणी i)

(ड ) सभी भवनों की वर्षा पूर्व (प्री मानसून ) मरम्मत 15 जून तक पूर्ण कर ली जाये | इसमे पोताई रंगाई न की जाये | वर्ष बाद (पोस्ट मानसून ) मरम्मत करके तदुपरान्त रंगाई पोताई दशहरा से दिवाली के मध्य की जाये |

3. वार्षिक मरम्मत के अतिरिक्त जब किसी भवन में वित्तीय हस्त पुस्तिका के पैरा -272 में परिभाषित विशेष मरम्मत आवश्यक जान पड़े तो उसके सम्बन्ध में निम्नलिखित कार्यवाही की जाये –

(क ) लोक निर्माण विभाग से इसका आगणन तैयार करा कर परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक कारागार के माध्यम से मुख्यालय को प्रेषित किया जाये | विशेष मरम्मत के कार्यों में आधीक्षक यह स्पष्ट करेगें कि उक्त विशेष मरम्मत पूर्व में नहीं कराई गयी है |

(ख ) यदि लोक निर्माण विभाग के अवर अभियन्ता उपलब्ध न हो तो कारागार मुख्यालय के क्षेत्रीय अभियन्ता यह आगणन तैयार करेगें |

(ग) विशेष मरम्मत के कार्य अमानी (विभागीय ) या ठेकेदार के माध्यम से कराये जा सकते हैं | ठेकेदार से कार्य कराने के लिए टेंडर / कोटेशन की नियमानुसार कार्यवाही की जाये | विशेष मरम्मत लोक निर्माण विभाग या किसी राजकीय निगम के द्वारा भी कराई जा सकती है |

(घ ) आगणन का परिक्षण मुख्यालय के अभियंत्रण अनुभाग द्वारा किया जाएगा एवं उसकी स्वीकृती सम्बंधित कारागार को जारी की जायेगी |

4. कारागार विभाग के भवनों के निष्प्रयोज्य हो जाने की स्थिति में निम्नलिखित कार्यवाही की जायेगी:-

(क ) सभी मरम्मत योग्य भवनों को मरम्मत करा कर उपयोग लायक स्थिति में रखा जाये |

(ख ) किसी भी भवन को अप्रयोज्य नहीं छोड़ा जाये | जो भवन जिस उद्देश्य से निर्मित हैं उन्हें अनिवार्य रूप से प्रयोग में लाया जाये | अगर कोई भवन प्रयोग में नहीं लाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति अधीक्षक /वरिष्ठ अधीक्षक से निजी तौर पर की जायेगी | यदि कोई भवन असुरक्षित हो गया है , तो उसे खाली कर दिया जाये और उसकी सूचना तत्काल मुख्यालय को दी जाये | मुख्यालय का दायित्व होगा कि तत्काल क्षेत्रीय अवर अभियन्ता को भेज कर निरीक्षण करायें एवं मरम्मत / निष्प्रयोज्य घोषित करने इत्यादि के बारे में नियमानुसार निर्णय लेकर कार्यवाही हेतु निर्देश जारी करें |

यदि भवन प्रयोग में न आने , मरम्मत से प्रयोगनीय हो जाने या नए भवन के निर्माण होने से कारागार की क्षमता प्रभावित होती है तो उसे तत्काल मुख्यालय के संज्ञान में लाया जाये | मुख्यालय तत्काल सम्बंधित अभिलेख दुरुस्त करेगा |

(ग ) शासनादेश संख्या – 477 सी/22-5-08-50(40)/ ई0जी0/2008 दिनांक 26.03.08 के प्रस्तर -3(3) में दी गयी प्रक्रिया के अनुसार कमेटी का गठन कराकर भवन को निष्प्रयोज्य घोषित कराया जाएगा |

(घ ) अनुपयोगी घोषित भवनों को शासनादेश संख्या- ए - 2-1602 / दस -95-24(14) / 95 दिनांक 01.06.95 के अनुसार ध्वस्त किये जाने अनुमति प्राप्त किये जाने के उपरांत ध्वस्त कराया जाएगा |

(च ) एक मंजिला भवनों को तथा अन्य छोटे भवनों लो बन्दी श्रम के माध्यम से डिस्मेंटल करके उपयोगी सामग्री स्टाक में ली जायेगी तथा अन्य मलबे को नियमानुसार नीलम कराकर धन कोषागार में जमा कराया जाएगा | बड़े भवनों को जिन्हें ध्वस्त करने या डिस्मेंटल करने में दुर्घटना की आशंका हो उन्हें लोक निर्माण विभाग या अन्य संस्था के माध्यम से ध्वस्त कराने का प्रस्ताव तत्काल मुख्यालय प्रेषित किया जाएगा |

(छ ) यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी निष्प्रयोज्य भवन कारागार भूमि पर अनावश्यक रूप से खड़ा न रहे | भवन के अनुपयोगी एवं मितव्ययी मरम्मत से परे हो जाने पर विलंबतम 03 माह में उसका निस्प्रयोज्यीकरण तथा ध्वस्तीकरण करा लिया जाये |

5. वार्षिक अनुरक्षण के मद से मशीनों की भी मरम्मत / ए0एम0सी0 कराई जाये | केवल विशेष मरम्मत के प्रस्ताव ही मुख्यालय भेजे जाएं | मशीनों की विशेष मरम्मत के प्रस्ताव सक्षम मरम्मत फर्मो से टेंडर / कोटेशन प्राप्त करके ही मुख्यालय प्रेषित किये जाएं |

6. कार्यालयाध्यक्ष वरिष्ठ आधीक्षक / आधीक्षक कारागार , परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक कारागार का दायित्व है कि कारागार भवन एवं मशीन साज – सज्जा मरम्मत तथा रखरखाव उच्च स्थिती में रखे जाएं | कारागार के भवन देखने वालों के लिये उच्च रखरखाव के अनुकरणीय उदहारण प्रस्तुत करें , ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए |

भवदीय

(सुलखान सिंह )

महानिरीक्षक

कारागार प्रशाशन एवं सुधार सेवाएं

शासनादेश संख्या – 749/22-4-06-48(12)/05 कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग -4 लखनऊ: दिनांक 29 जून, 2006

संख्या – 749 / 22 - 4 - 06 - 48 (12) / 05

प्रेषक,

जगजीत सिंह

प्रमुख सचिव

ऊ0प्र0 शासन |

सेवा में,

महानिदेशक

कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं,

ऊ0प्र0 लखनऊ |

कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग -4 लखनऊ: दिनांक 29 जून, 2006

विषय - कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग के अन्तर्गत अनावासीय भवनों /सरंचनाओं के कुर्सी क्षेत्रफल, विशिष्टियों एवं नक्शों का मानकीकरण |

महोदय,

उपर्युक्त विषय पर आपके पत्र संख्या – 5172 / अभि 0कक्ष दिनांक 8मार्च, 2006 में विभिन्न अनावासीय भवनों/सरंचनाओं के निर्माण हेतु कुर्सी क्षेत्रफल, विशिष्टियों एवं नक्शों का मानकीकरण किये जाने से सम्बंधित प्रस्ताव के सन्दर्भ में मुझे यह कहने का निदेश हुआ कि प्रमुख सचिव, की अध्यक्षता में गठित व्यय वित्त समिति की बैठक दिनांक 28 मार्च, 2006 में प्राप्त अनुमोदन (कार्यवृत्त की परतिलिपि सलंग्नक – “क”) के अनुसार प्रदेश की कारागारों में कारागार में अनावासीय भवनों/सरंचनाओं के निर्माण हेतु मानचित्र, कुर्सी क्षेत्रफल एवं विशिष्टियाँ सम्यक विचारोपरान्त श्री राज्यपाल निम्नवत् अनुमोदित/मानकीकृत करते हैं :-

(क) कारागार विभाग के विभिन्न अनावासीय भवनों/सरंचनाओं के मानचित्र सलंग्नक – “ख” पर रखे मानचित्रों की प्रतियों के अनुरूप मानकीकृत किये जाते हैं |

(ख) मानकीकृत मानचित्रों के अनुरूप आगणित कुर्सी क्षेत्रफल एवं विशिष्टियों को निम्नवत् मानकीकृत किया जाता है :-

विशिष्टियाँ

(I) बैरकें (समस्त प्रकार की बंदी बैरकें)

(1) सामान्यतः बेस कंक्रीट 1:5:10 (सीमेंट, फाइन सैंड एवं ब्रिक वैलास्ट 40मिमी.) अथवा कार्य स्थल की आवश्यकतानुसार |

(2) नीवं के अन्दर कंक्रीट के ऊपर कुर्सी तक एम-150 ईट से चुनाई का कार्य 1:6 (सीमेंट एवं फाईन सैंड 1.25 एफ.एम.)|

(3) कुर्सी की ऊचाई 600 मि.मी. या कार्य स्थल की आवश्यकतानुसार |

(4) डी0पी0सी0 25 मि.मी. मोटाई, 1:1.5:3 (सीमेंट,कोर्स सैंड एवं 10 मि.मी. नार्मल साईज स्टोन ग्रिट),डीपीसी एप्रूव्ड पावडर के साथ |

(5) 12 मि.मी. मोटा प्लास्टर 1:6 (सीमेंट एवं कोर्स सैंड), डीपीसी के दोनों तरफ, डीपीसी से 300 मि.मी. नीचे तथा अन्दर की ओर के प्लास्टर पर बिटूमेंट पेन्टिंग |

(6) सुपर स्ट्रक्चर में एम-150 ईट से चुनाई का कार्य 1:6 (सीमेंट एवं फाईन सैंड 1.25 एम.एम.)|

(7) एम-150 ब्रिक वर्क 115 मि.मी. दीवार हेतु चुनाई का कार्य 1:4 (सीमेंट एवं कोर्स सैंड) |

(8) आर.सी.सी. लिंटल, स्लैब, बीम, प्लिन्थ बैंड तथा अन्य आर.सी.सी. कार्य 1:1.5:3 (सीमेंट,कोर्स सैंड एवं 10 मि.मी. नार्मल साईज स्टोन ग्रिट 20 मि.मी. गेज एप्रूव्ड स्टोन बैलास्ट) |

(9) हेयर साइड वाल पर 10 मि.मी. मोटा प्लास्टर 1:4 (सीमेंट एवं फाईन सैंड 1.25 एफ.एम.)|

(10) दिन एवं रात्रि शौचालय में फ्लोर टाईल्स तथा दीवारों पर वाल टाइल्स 1200मि.मी. ऊचाई तक रखी जायेगी |

(11) फर्श की कंक्रीट पी.सी.सी. 40 मि.मी. मोटी 1:2:4 (सीमेंट एवं कोर्स सैंड एवं स्टोन ग्रिट 10 मि.मी. नार्मल साइज) के साथ रखी जायेगी |

(12) फर्श हेतु बेस कंक्रीट सामान्यतः 75 मि.मी. 1:5:10 (सीमेंट एवं फाईन सैंड 1.25 एफ.एम. एवं 40 मि.मी. गेज ब्रिक बैलास्ट) या कार्य स्थल की आवश्यकता के अनुसार |

(13) बैरकों में छत की सीलिंग पर व्हाईट वाश 02 कोट कराया जायेगा |

(14) बैरक के अन्दर ड्राई डिस्टेम्पर 02 कोट कराया जायेगा |

(15) बैरक के बाहर स्नोसेम 03 कोट एप्रूव्ड मेक का कराया जायेगा |

(16) खिड़की दरवाजों पर पेन्टिंग का कार्य प्राइमर कोट और पेन्टिंग 02 कोट (एप्रूव्ड मेक पेन्ट) कराया जायेगा |

(17) बैरकों के चारो तरफ 900 मि.मी. का एप्रन ड्रेन 230 मि.मी. चौड़ी और 150 मि.मी.गहरी रखी जायेगी |

(18) बैरक में फर्श से छत (सीलिंग) तक की ऊचाई 3600 मि.मी. रखी जायेगी तथा चारो ओर बरामदा फर्श से छत (सीलिंग) तक की ऊचाई 2400 मि.मी. रखी जायेगी |

(19) रात्रि शौचालय का फर्श बैरक के फर्श से 50 मि.मी. नीचा रखा जायेगा |

(20) 60 क्षमता बैरक में बिजली प्रकाश व्यवस्था हेतु बैरक के अन्दर 24 प्वाइन्ट एवं चारो ओर बरामदा में 12 प्वाइन्ट रहेंगे | 30 क्षमता की बैरक में बिजली प्रकाश व्यवस्था हेतु बैरक के अन्दर 12 प्वाइन्ट अकं चारो ओर बरामदा में 06 प्वाइन्ट रहेंगे |

(21) 60 क्षमता की बैरक में सीलिंग फैन व्यवस्था हेतु बैरक के अन्दर 32 पंखे और 30 क्षमता की बैरक में सीलिंग फैन व्यस्था हेतु बैरक के अन्दर 16 पंखे लगाए जायेंगे |

(22) सभी बिजली एवं पानी की फिटिंग आई एस आई मार्क एप्रूव्ड क्वालिटी की कन्सील्ड रहेंगी |

(23) सभी छतें फ्लैट रखी जायेंगी |

(24) सभी खिड़की दरवाजे तथा वेन्टीलेटर को मानकीकृत नक्शे के अनुसार रखा जायेगा |

(25) 300 मि.मी. पैरापेट का प्रावधान रखा जायेगा |

(26) छतों पर रूफ ट्रीटमेंट ब्रिक कोवा का प्रावधान रखा जायेगा |

(27) सभी बिजली की फिटिंग का संचालन स्विच बैरक के बाहर बरामदे में स्टील अलमारीनुमा बन्द बाक्स में रखा जायेगा |

(28) रात्रि एवं दिन शौचालय के दरवाजों में 1200x750 मि.मी. आकार के 1 मि.मी. मोटी एस.एस. शीट 20x20x5 मि.मी. एंगिल आयरन फ्रेम के साथ लगायें जायेगें |

(29) शौचालयों में वेन्टीलेटर फ्लोर लेबिल से 750 मि.मी. ऊँचाई पर फिक्स किये जायेंगे |

(30) छतों के पानी निकासी हेतु बैरक से बरामदे की छतों पर कन्सील्ड पाइप लगाकर पानी के निकास का प्रबन्ध किया जायेगा |

(31) दिन शौचालयों में विद्युतीकरण नहीं किया जायेगा |

(32) दिन एवं रात्रि शौचालयों में पुश टाईप सिस्टर्न लगाये जायेंगे |

(33) बैरकों की लाकिंग अरेंजमेन्ट का बक्सा पूर्णतया आर.सी.सी. ब्लाक बनाते हुए फिक्स किया जायेगा |

(34) बैरक के दरवाजों में 450x450 मि.मी. आकार के 6 मि.मी. एम.एस. शीट लगाकर ही उसके मध्य में हैंडिल लगाया जायेगा |

(35) दीवारों एवं छत के एक्सपेंसन ज्वाइंट 1 मि.मी. एम.एस. शीट लगाकर कर भरे जायेंगे |

(36) महिला हातों में निर्मित होने वाले पाकशाला एवं अस्पताल वार्ड में वाल टाइल्स 2100 मि.मी. ऊँचाई तक लगाई जायेगी |

(II) तनहाई

(1) तन्हाइयों की विशिष्टियाँ भी बैरक के अनुसार ही रहेंगी |

(2) तनहाई में लगने वाले वेंटीलेशन को अन्दर एवं बाहर की ओर से एम.एस. जाली से कवर्ड किया जायेगा |

(3) सेल के शौचालय में दीवारों पर 900 मि.मी. ऊँचाई तक ग्लेज्ड टाइल्स व फर्श पर फ्लोर टाइल्स लगाई जायेगी

(III) पाकशाला

(1) पाकशाला की विशिष्टियाँ भी बैरक के अनुसार ही रहेंगी |

(2) पाकशाला में वेजीटेबिल स्टोर, फ्लोर स्टोर व अन्य गोदामों को छोड़कर शेष भाग का फर्श कोटा स्टोन का बनाया जायेगा |

(3) पाकशाला की दीवार पर 2100 मि.मी. की ऊँचाई तक सफेद टाइल्स लगाई जायेगी |

(4) पाकशाला में बनने वाली आटा गूंथने का टब, पानी का हौज आदि का आकार कारागार अधीक्षक के परामर्श से रखा जायेगा |

(5) रोटी बेलने वाले प्लेटफार्म पर लगने वाले पत्थर के प्रकार का निर्धारण कारागार अधीक्षक के परामर्श से किया जायेगा |

(6) पाकशाला में एग्जास्ट फेन का प्रावधान पर्याप्त संख्या में किया जायेगा |

(7) सभी खिडकियों व आउटर दरवाजों में मास्कीटो जाली का प्रावधान किया जायेगा |

(8) मुख्य हाल की छत की ओपनिंग में जाली प्रावधाय रहेगा |

(IV) महिला हाते में अस्पताल, किचन व क्रेच

(1) महिला हाते में अस्पताल, किचन व क्रेच की विशिष्टियाँ भी बैरक के अनुसार रखी जायेंगी |

(2) किचन का फर्श भी मुख्य किचन की तरह कोटा स्टोन का रखा जायेगा तथा खिडकियों व आउटर दरवाजों में मास्कीटो जाली का प्रावधान किया जायेगा |

(3) किचन की दीवारों पर 2100 मि.मी. ऊँचाई तक ग्लेज्ड टाइल्स राखी जायेगी |

(4) महिला हाते के अस्पताल में भी फ्लोर कोटा स्टोन का रहेगा तथा खिडकियाँ और आउटर दरवाजों में मास्कीटो जाली का प्रावधान किया जायेगा |

(5) अस्पताल वार्ड की दीवारों पर 1500 मि.मी. ऊँचाई तक ग्लेज्ड टाइल्स लगाई जायेगी |

(6) क्रेच का फर्श कोटा स्टोन 900 मि.मी. ऊँची टाइल्स लगाई जायेगी |

(V) अस्पताल भवन

अस्पताल भवन की विशिष्टियाँ उपर्युक्त क्रमांक - (IV) में दिये गये महिला हाते के अस्पताल के अनुरूप रखी जायेंगी |

(VI) मेन वाल, सर्किल वाल एवं पार्टीशन वाल

(1) नींव कंक्रीट की विशिष्टियाँ भी बैरक के अनुसार ही रखी जायेंगी |

(2) नींव चिनाई का कार्य 1:6 (सीमेंट एवं फाईन सैंड)

(3) सुपरस्ट्रक्चर का कार्य 1:6 (सीमेंट एवं फाईन सैंड)

(4) आर.सी.सी. का कार्य 1:1.5:3 (सीमेंट,कोर्स सैंड एवं 20 मि.मी. स्टोन ग्रिट)

(5) प्लास्टर का कार्य 1:6 (सीमेंट एवं फाईन सैंड)

(6) प्लास्टर के ऊपर स्नोसेम 03 कोट (एप्रूव्ड क्वालिटी)

(ग) उपर्युक्त के अतिरिक्त कारागारों की ऐसी महत्वपूर्ण सरंचनाएं जिनका मानचित्र निर्धारित किया जाना एवं कुर्सी क्षेत्रफल आगणित किया जाना संभव नहीं नहीं है, का मानकीकरण निम्नवत किया जाता है :-

(1) मुख्यप्रचीर :- कारागारों में, जहाँ एक मंजिली होंगी वहाँ मुख्यप्रचीर की ऊँचाई 5.48 मीटर रखी जायेगी एवं उन कारागारों में, जहाँ बैरकें दो मंजिली होंगी, मुख्यप्रचीर की ऊँचाई 6.70 मीटर रखी जायेगी |

(2) सर्किल वाल :- कारागारों में बैरकें, जहाँ एक मंजिली होंगी वहाँ सर्किलवाल की ऊँचाई 4.88 मीटर रखी जायेगी एवं उन कारागारों में जहाँ बैरकें दो मंजिली होंगी सर्किलवाल की ऊँचाई 5.48 मीटर रखी जायेगी |

(3) पार्टीशन वाल :- कारागारों में बैरकें, जहाँ एक मंजिली होंगी वहाँ पार्टीशन वाल की ऊँचाई 4.27 मीटर रखी जायेगी एवं उन कारागारों में जहाँ बैरकें दो मंजिली होंगी पार्टीशन वाल की ऊँचाई 4.29 मीटर रखी जायेगी |

(4) कारागार परिसर के अन्दर निर्मित होने वाली सड़कों की चौड़ाई 3.70 मीटर रखी जायेगी |

(5) कारागार परिसर की चहारदीवारी :- ऊँचाई 1.50 मीटर रखी जायेगी |

(6) ओवर हेड टैंक, जलापूर्ति पाइप लाईन, नालियों का निर्माण, ट्यूब वेल, इण्डिया मार्क-2 हैण्ड पम्प, बारबेड वायर फेन्सिंग, वाह्य विद्युतीकरण तथा जनरेटर सेट का प्राविधान कारागार की क्षमता के अनुसार रखा जायेगा |

(2) इस सम्बन्ध में मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि उक्त मानकीकरण से सम्बंधित निर्देश भविष्य में प्रदेश की समस्त कारागारों में निर्मित होने वाले अनावासीय भवनों/सरंचनाओं व निर्माण पर प्रभावी होंगे तथा मानकीकृत मानचित्र/विशिष्टियों/कुर्सी क्षेत्रफल में किसी भी प्रकार का परिवर्तन, संशोधन, परिवर्धन या न्यूनीकरण नहीं किया जायेगा | इस सम्बन्ध में समस्त सम्बंधित अधिकारियों यथा वरिष्ठ अधीक्षक/अधीक्षक कारागार, परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक एवं मुख्यालय के सम्बंधित अधिकारियों आदि को अपने स्तर से तत्काल निर्देश जारी कराया जाना भी सुनिश्चित करें |

(3) यह आदेश वित्त विभाग की अशासकीय सं० –ई-12-1082/दस-2006 दि०- 29-06-2006 में प्राप्त उनकी सहमति से जारी किये जा रहें हैं |

संलग्नक- यथोक्त |

भवदीय

--ह०—

(जगजीत सिंह)

प्रमुख सचिव

संख्या- (1)/22-4-2006- तद् दिनांक

प्रतिलिपि निम्नलिखित को संलग्नक सहित सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित-

1- प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, उ०प्र० शासन |

2- वित्त (व्यय नियत्रंण) अनुभाग- 8/12

3- प्रायोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग

4- समीक्षा अधिकारी

5- गार्ड फाइल |

आज्ञा से

--ह०—

(अमरेश चन्द्र)

अनु सचिव |

शासनादेश संख्या- 749/22-4-05-48(12)/05 दिनांक-29 जून, 2006 का संलग्नक-“क”

कोड सं० - 21/28-03-06/(05-06)

40- प्रदेश में निर्मित होने वाले कारागारों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु मानकीकरण सम्बन्धी प्रस्ताव |

निदेशक, प्रायोजना रचना एवं मूल्यांकन प्रभाग द्वारा प्रायोजना को प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि प्रदेश में निर्मित होने वाले कारागारों के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु मानकीकरण सम्बन्धी प्रस्ताव समिति के विचारार्थ प्रभाग को संदर्भित किया गया है प्रस्तुत मानचित्र/माप विवरण लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुमोदित किये गये हैं | कारागार विभाग द्वारा अनावासीय भवनों तथा संरचनाओं के निर्माण हेतु सन्दर्भित विशिष्टियां जो कि पूर्व में लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुमोदित की गयी है इसी प्रस्ताव के साथ प्रस्तुत की गयी हैं मुख्या अभियन्ता लोक निर्माण विभाग द्वारा इन विशिष्टियों पर निम्न सुझाव किये :-

1- 12 मि०मी० मोटा प्तास्टर 1 अनुपात 3 के स्थान पर 1 अनुपात 6 (सीमेंट एवं कोर्स सैंड) उपयोग में लाया जाय |

2- सुपर स्ट्रक्चर में एम-150 ईंट से चिनाई का कार्य 1 अनुपात 4 के स्थान पर 1 अनुपात 6 (सीमेंट एवं फाइन सैंड 1.25 एफ0एम0) उपयोग में लाया जाय |

3- एम-150 ब्रिक वर्क 115 मि0मी0 दीवार हेतु चुनाई का कार्य 1 अनुपात 3 के स्थान पर 1 अनुपात 4 (सीमेंट एवं कोर्स सैंड) उपयोग में लाया जाय |

4- बैरकों में छत की सीलिंग पर व्हाइट वाश 3 कोट के स्थान पर 2 कोट व्हाइट वाश कराया जाय |

5- बैरकों के अन्दर डाई डिस्टेम्पर 3 कोट के स्थान पर 2 कोट व्हाइट वाश सीमेंट कराया जाय |

6- महिला हातों में निर्मित होने वाले पाकशाला एवं अस्पताल वार्ड में वाल टाइल्स 1500 मि0मी0 के स्थान पर 2100 मि0मी0 की ऊँचाई तक लगाई जाय |

समिति द्वारा उक्त सुझावों पर सहमति व्यक्त करते हुए कारागार के अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु मानकीकरण प्रस्ताव जो संलग्नक-03 के रूप में कार्यवृत्त के साथ संलग्नक है, पर अनुमोदन प्रदान किया गया |

(कार्यवाही : कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग/उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम/लोक निर्माण विभाग)

CHAPTER LII [ Works ]

1328. Power of Inspection General administrative sanction

The Inspector General is empowered to accord administrative approval to projects for original works costing up to rupees one lakh (with the exception or residential ecclesiastical and archaeological buildings and electric works) but including estimates for petty works relating to those residential buildings of the Jail Department for which rent is not charged and which are not occupied by any gazette officer. The prior sanction of Government will, however, be necessary in case in which the expenditure on petty works in likely to exceed to permissible limit of capital cost prescribed for the residence.

1329. Lump appropriation for minor petty works and maintenance and repairs

Lump appropriation shall be made in the jail budget under the head “Works” for minor and petty works and for maintenance and repairs, and Inspector General has authority to allot funds against sanctioned estimates within the sanctioned grant. No estimates are required for annual repairs. When a work has to be carried out by the Public Works Department, the Inspector General shall intimate allotment to the Superintendent Engineer concerned.

Note – For classification of maintenance and repairs, rule 270 of Financial Handbook, Volume V, Part I, should be consulted.

1330. Consultation with Public Works and Public Health Departments

The Superintendent may consult the officers of the Building and Roads Branch of the Public Works Department regarding building projects and those of the works. The officers of these departments shall, in their respective spheres, assist the jail department when necessary and give every professional assistance that the Superintendent may require, but this does not include the actual supervision of the work, the preparation of plans and estimates or the checking of estimates in detail.

1331. Lease of jails plot and buildings

No plot or building or house on jail land shall be given on lease or hire without the previous sanction of the Inspector General. A report shall be sent to the Inspector General on January 15 each year, of the building and plots given on lease or hire and the rents realized during the preceding year.

1332. Inspection of jail buildings by Public Works Department

The jails shall be open at all times to inspection by Superintending Engineers and Divisional Engineers of the Buildings and Roads Branch of the Public Works Department. The Divisional Engineer or any Assistant Engineer deputed by him shall record once a year a general account of the condition of the buildings of every jail in his division a copy of which shall be sent to the Superintendent of the jail for transmission to the Inspector General. The Divisional Engineer shall also send a copy of the report to his Superintending Engineer if he considers that it contains anything which is serious enough to be brought to the notice of the Superintending Engineer. Superintending Engineer shall inspect any Central Prison in their circle if any serious defect is brought to light by the divisional engineer’s inspection. Both these officers are authorized to enter any remarks on the conditions of the jail buildings and the progress of any work in the visitor’s book.

1333. Report of damage caused by accident of fire

The Superintendent shall report at once to the divisional engineer, Buildings and Roads Branch or his assistant engineers, any damage caused by accident or fire to a Government building so that action may be taken in time to prevent further injury to the building. Funds to carry out the repairs necessitated by shall damage shall be provided by the jail department.

1334. Register of buildings

The Superintendent shall maintain a register of buildings and kept it corrected up to date.

1335. Site plan

A site-plan of the jail corrected up to date shall be hung up in the jail office.

1336. Execution of Works

(a) Every work undertaken by the jail department shall be carried out by that department in accordance with the rules contained in the Manuals of the Public Works and Accounts Departments.

(b) The Building and Roads Branch of the Public Works Department in the case of building projects and the Public Health Engineering Department in the drainage and water-supply projects shall be called upon to carry out only such works as require scientific management:

Provided that if the Buildings and Road Branch of the Public Works Department or the Public Health Engineering Department are asked to the undertake any work or repairs provisions for which is not made in their budget, the jail department shall pay the prescribed fees.

(c) For the execution of major works by the jail department the orders of the State Government shall be necessary.

(d) At each Central Prison, the Superintendent shall maintain a sufficient number of convicts trained in masonry for employment his own as well as other affiliated jails in order to save outside labour as much as possible.

1337. Account books and record of expenditure

All accounts, book, and records regarding the expenditure of money on works, repairs or constructions shall be kept distinct and separate from those of the prison and the factory.

1338. Stock book of building material

Materials purchased, including articles supplied from jail factories, shall be taken in the stock-book of the building materials, in which an account shall also be maintained of all materials obtained from demolished buildings. The Superintendent and the jailor shall verify the stock of building material at least once in every quarter.

1339. Issue of materials

When materials are issued from stock each issue shall be entered under the head of the work on which it will be expended and the number and date of the indent duly sanctioned by the Superintendent shall also be noted. Each item of issue shall be signed by the officer receiving the materials.

1340. Completion bills

Completion bills are not required for repairs and petty works, but when the work has been completed an intimation of it together with information as to the amount spent shall be sent to the Inspector General. Completion bills minor and major works shall be submitted immediately after the completion of the work to the Accountant General for transmission to the sanctioning authority.

1341. Savings to be reported

Any savings on works (actual and anticipated) shall be reported to the Inspector General not later than last week of February.

1342. Cooking ranges

Instructions regarding cooking ranges used in Uttar Pradesh Jails commonly known as Naini pattern cooking ranges will be found in Appendix J.

1343. Preparation of estimates and execution of works

For preparation of estimates and the execution of works, the instructions issued by the Inspector General from time to time should be followed.

भवनों के निरस्तीकरण से संबन्धित आदेश दि0 11.08.97 — भवनो के निरस्तीकरण / तोड़ने से संबन्धित मुख्यालय का आदेश दिनांकित 11.08.97 (पृ0सं0 25711-85/निर्माण , दिनांक 11.08.97 )

शा0सं0 1419 ईजी दिनांक 26.09.2011 — उ0प्र0 राज्य के स्वामित्व के भवनो के ध्वस्तिकरण की संशोधित नीति विषयक शा0सं0 1419 ईजी / 23-5-11-50(40)ई0जी0 /08, लोक निर्माण विभाग, दिनांक 26 सितम्बर,2011