"छुहारा पाक (छुहारे की मिठाई)"
घटक द्रव्य :-
1. गुठली निकला छुहारा -100 ग्राम
2. शक्कर - 400 ग्राम
3. दूध - 1 किलो
4. घी - 100 ग्राम
5. बादाम - 100 ग्राम
6. काजू - 100 ग्राम
7. मूंगफली दाना - 200 ग्राम
8. पीपल (पिप्पली) चूर्ण - 6 ग्राम
9. इलायची चूर्ण - 3 ग्राम
10. जायफ़ल चूर्ण - 4 ग्राम
11. जावित्री चूर्ण - 4 ग्राम
12. लौंग चूर्ण - 4 ग्राम
13. तेजपत्र चूर्ण - 4 ग्राम
14. दालचीनी चूर्ण - 4 ग्राम
15. सोंठ चूर्ण - 4 ग्राम
विधि विस्तार :-
1. छुहारों को सर्वप्रथम पानी से साफ़ कर लें एवं उनके ऊपर की टोपी (जहाँ फ़ल पेड़ से जुड़ता है) तथा बीच की गुठली को निकाल दें।
2. दूध खोवा बनाने वाला लेवें, पहले उसे उबाल कर ठण्डा कर लें, फ़िर उसमें साफ़ किये छुहारे डाल दें (छुहारे 12 से 24 घण्टे तक फ़ुलने हेतु पड़ा रहने दें)। अगर दूध खराब होने का डर हो तो बीच-बीच में उबाल दें।
3. नं० 8 से लेकर 15 तक की चीजों को मिक्सी या सिल में पीसकर कपड़े से छान कर पाउडर तैयार कर लें।
4. ड्राईफ़्रूट (मेवा - काजू, बादाम, मूंगफली दाना आदि) को मिक्सी में डालकर या सिल में पीसकर चिरोंजी के बराबर टुकड़े कर लें। ड्राईफ़्रूट (मेवा) की और किस्में बढ़ा सकते हैं।
5. दूध में फ़ूले छुहारों को मिक्सी या सिल में पीसकर पेस्ट (चटनी) बना लें।
6. पिसे छुहारा मिला दूध+पीपल को कढ़ाई या किसी बर्तन में औटा कर खोवा को बना लें।
7. खोवा तैयार होते ही साथ-साथ उसमें 60 ग्राम के लगभग घी डालकर घी छोड़ने तक खोवा को तलें। लाल रवेदार मावा (खोवा) तैयार हो जायेगा।
8. 200 ग्राम पानी में 400 ग्राम शक्कर डालकर 3 तार की चासनी आने पर भुँजा खोवा डाल दें एवं जड़ीबूटियों का तैयार पाउडर भी डाल दें।
9. थोड़े समय पश्चात् उसमें टुकड़े किये हुए ड्राईफ़्रूट (मेवा) डाल दें।
10. जब मिठाई जमने की स्थिति में आये तब बचा घी डाल कर खूब चलायें।
11. मिठाई जमने की स्थिति से थोड़ा और कड़ा होने पर उतार लें।
12. एक थाली में घी लगाकर जमा दें। 15 मिनट बाद चाकू से लाइन खींच दें एवं 30 मिनट बाद पीस काटकर अलग-अलग कर रख दें।
विशेष:-
1. ध्यान रखें मिठाई जमने की स्थिति से काफ़ी कड़ा होने पर ही उतारें क्योंकि इसमें घी ज्यादा होता है। इसलिए जमने में कठिनाई होती है तथा इसमें घी सोखने वाली कोई चीज नहीं होती।
2. कोई बनाने वाले चाहे तो और किस्म के ड्राईफ़्रूट (मेवा) उसी मात्रा में मिला सकते हैं।
3. जो जड़ी बूटी सरलता से उपलब्ध न हो, उसे न डालें।
उपयोग:-
यह निम्र रोगों को दूर करता है-
1. खून की कमी
2. रजो दोष
3. धातु क्षीणता
4. कमजोरी आदि में।
5. यह बहुत ही पौष्टिक टॉनिक है।
6. यह शीत ऋतु में ज्यादा उपयोगी है।
मात्रा - 10 ग्राम से 20 ग्राम तक।
और अधिक जानकारी के लिये इस वेबलिंक पर जाएँ:-
https://sites.google.com/dsvv.ac.in/dahh-dsvv/facilities/holistic-health-lab/chuhara-pak