धन्वन्तरि ई-समाचार पत्र
Dhanvantari E-Newsletter
Department of Ayurveda and Holistic Health
Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar
Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar
देव संस्कृति विश्वविद्यालय में मार्च के चतुर्थ सप्ताह में 2 दिवसीय मर्म चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन ' आयुर्वेद एवं समग्र स्वास्थ्य विभाग ' द्वारा किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञ मर्म चिकित्सक डॉ० सुनील जोशी जी थे। कार्यशाला का शुभारम्भ दिनाँक 26 मार्च2019 को श्रीराम भवन के प्रार्थना सभागार में आदरणीय कुलपति महोदय श्री शरद पारधी जी के कर कमलों द्वारा हुआ । इस कार्यशाला में 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिभागिता की, जिसमें विश्वविद्यालय के हर संकाय के विद्यार्थी व शिक्षक गणों ने बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके अलावा बाहरी कॉलेज, विद्यालय के छात्र - छात्राओं तथा विश्वविद्यालय में चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर रहे रोगियों व उनके सहयोगियों ने भी इस वैदिक चिकित्सा ज्ञान का लाभ उठाया ।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रुप में पधारे डा० सुनील कुमार जोशी, निदेशक, ऋषिकुल पी० जी० आयुर्वेदिक कालेज, ने अपने 30 वर्ष के कार्यानुभव एवं मर्म विज्ञान के गूढ़ सूत्रों को समस्त प्रतिभागी गणों के साथ अत्यंत सहज एवं सरल तरीके से साझा किया। डा० जोशी ने बताया कि मर्म चिकित्सा अत्यंत प्राचीन चिकित्सा पध्दति का एक अंग होने के साथ-साथ आज के समय में भी उतनी ही समीचीन है तथा किसी भी चमत्कार से कम नहीं है। परन्तु इसे प्रयोग करने के लिए सावधानी के साथ-साथ शुध्द भाव होना भी अत्यंत आवश्यक है, तभी इसके विशेष परिणामों को प्राप्त किया जा सकता है। आज के समय में होने वाले अनेक ऐसे रोग, जिनका एलोपैथिक चिकित्सा पध्दति में कोई इलाज नहीं है या अत्यंत ही मंहगा इलाज है, जैसे- डाउन्स सिन्ड्रोम, स्लिप डिस्क, आस्टियो आर्थराइटिस, तंत्रिका तंत्र विकृति, मस्तिष्क विकृति सम्बन्धित रोग आदि, ऐसे रोगों में बिना किसी आर्थिक शुल्क के, मात्र मर्म बिन्दुओं पर चिकित्सा देकर आशातीत लाभ पाया जा सकता है।
कार्यशाला में सम्मिलित हुए समस्त प्रतिभागी गणों ने अत्यंत उत्साह एवं सजगतापूर्वक मर्म के इन रहस्यों को सुना, समझा तथा स्वंय व समाज के लिए इस विधा को प्रचारित-प्रसारित व लाभान्वित करने का संकल्प लिया ।