पुराने सेन्टर मे गरमी में साधक रात को 12:00 - 1:00 बजे तक सो नहीं पाते थे| वो यहाँ रातको रूम में जाते ही आराम से सो जाते है और कितनी भी गरमी हो रातको 1:00 बजे के बाद पंखा धीमा या बंध करना पड़े या चादर ओढनी पड़े | पुरी रात साधक की नींद होने की वजह से पुरे दिन ध्यान ठीक से कर सकता है.
रूम आमने सामने नहीं बनाए थोड़ा मौन पालने में अच्छा रहेता है, ओर साधक अपने आप सीरीयस हो जाता है |
दूसरा सबको अच्छी तरह वेंटीलेशन मिलता है नही तो ईस्ट वेस्ट दो में से एक को वेंटीलेशन कम मिलेगा |
सफाई बहोत अच्छी रहेती है, अन्य केंद्र पर आप लोगो ने देखा होगा दो रूम की लाइन के पीछे का एरिया गंदा रहेता है.
साधक के रूम का डिजाइन फाइनल करने के लिए हमने तीन प्रकार के रूम सेंपल बनाए | वह सभी सेंपल रूम का हमने एक साल तक उपयोग किया, खास करके वर्ष के उन दिनों मे जब गर्मी का प्रमाण ज़्यादा होता है|
एक साल तक सभी रूमों के तापमान को टेस्ट करके हमने रूम की डिजाइन फाइनल किया |
एक रूम सेंपल मे वेंटीलेशन का थोड़ा बहोत फरक करके देखा |
एक रूम के स्लेब का डिजाइन एवं मटीरीअल अलग उपयोग करके के किया |
एक स्लेब डिजाइन हमने जो इगतपूरी मे है लॉंग कोर्स के लिए वैसा बनाया |
एक स्लेब डिजाइन हमने फेरो (ferro) सीमेंट का बनाया | फेरो (ferro) सीमेंट स्लेब की परत 2 इंच की होती है, इसकी यह खासियत है की यह ठंडा / गरम जल्दी से होता है |
साधक को रुम मे ठंडक मिले इसके लिए हमने फेरो (ferro) सीमेंट का स्लेब बनवाया जो की सबह के 11-00 बजे तक ठंडा रहता है जिसमे साधक 1-00 बजे तक आराम कर सकता है |