केंद्र के प्लानिंग मे लगभग पुरे 2.5 साल लगे |
प्लानिंग में लगभग 11 आर्किटेक थे, जीसमे 3 आर्किटेक थर्मल कम्फर्ट के ज्ञानी थे, उसकी मुख्य भूमिका कैसे गरमी मे साधक आराम से साधना कर सके| 2 आर्कीटेक 2 ईंजीनीयेर को लेकर जहा कही भी भारत के केंद्रो मे कुछ यूनिक हुवा था, ऐसे 12 से 15 केंद्रो की मुलाक़ात ली| वहा रात को रुके ओरोवीला गए, वहा रेम्ड अर्थ फेरो सीमेंट का अभ्यास किया, मगर हमें लगा वो हमारे काम का नहीं है|
धम्मअरुणाचल में एक अच्छे अच्छे आर्किटेको का दो दिन का संमेलन रखा हमारे सीविल एन्जीनीयेअर ने उसमे भी भाग लिया |
सब केंद्रो में रात को बहार ठंडा मौसम था मगर रूम में गरमी थी |
कुछ कुछ जगह रूम के चार दिशाओमे खीडकी या दरवाजा था, फीर भी रूम गरम ही रहेता था |
उसका एनालीसीस कीया की जो रूम में गरमी दिन के दौरान अधिक होती है, वो रात को रूम से निकल नहीं पाती है तो डीजाईन ऐसी करनी चाहिए के वो गरमी रात को रूमसे बहार निकल जाए |