श्री लक्ष्मी नारायण, खनवाँ
- आस्था और सहयोग -
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, खनवाँ, आध्यात्मिक चेतना और भक्ति का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का भी कार्य करता है। यह केवल एक मंदिर निर्माण का कार्य नहीं, बल्कि हमारे कुल और संस्कृति के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
सात कुल भाइयों के नाम एवं कुल परंपरा :- श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बाबा जगजीवन ठाकुर सहित सात भाइयों की बहन हैं। यह कुल परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। सात कुल भाइयों के नाम:1️⃣ श्री बाबा जगजीवन ठाकुर (बिंदीडीह, सिलाव, नालंदा)2️⃣ श्री बाबा परशुराम ठाकुर (मोकामा, पटना)3️⃣ श्री बाबा लखन सेन ठाकुर (कटौना, नालंदा)4️⃣ श्री बाबा प्रण ठाकुर (कटौना, नालंदा) 5️⃣ श्री बाबा कृपा ठाकुर (अचंभो, जमुई)6️⃣ श्री बाबा साहब सिंह ठाकुर (घूटवे, सोनो, जमुई) 7️⃣ श्री बाबा कोकिल चंद ठाकुर (गगरा, गिधौर) , इन सातों भाइयों की बहन श्री लक्ष्मी नारायण हमारी कुल देवी के रूप में पूजनीय हैं।
📌 श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर, खनवां – निर्माण शुभारंभ एवं वातावरण निर्माण -
श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर, खनवां के निर्माण हेतु अनुकूल वातावरण बनाने में खनवां विकास के प्रति समर्पित, राष्ट्रीय स्तर के लब्धप्रतिष्ठ सफल उद्यमी एवं समाजसेवी श्री संतोष कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनका कार्यक्षेत्र देश और विदेश दोनों स्तरों तक विस्तृत रहा है। वे राष्ट्रीय कंप्यूटर साक्षरता मिशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष, डॉ. श्रीकृष्ण सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष तथा समाज की ओर से श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर संस्थान, खनवां का भी अध्यक्ष बनाया गया हैं ताकि मंदिर का नव-निर्माण एवं संचालन नेतृत्व उनके दिशा निर्देश मे हो। श्री संतोष कुमार राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 1995 से "कंप्यूटर शिक्षा सभी के लिए" मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा खनवां के विकास एवं उत्थान के लिए समर्पित किया, जिससे आज खनवां एक विकसित ग्राम के रूप में उभरा और भी उभर रहा है।
खनवां में बाकी सभी मंदिरों का नव-निर्माण पूरा हो चुका था, लेकिन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का भव्य पुनर्निर्माण अभी तक संभव नहीं हो सका था। कुछ संवेदनशील ग्रामीणों का विश्वास था कि यदि संतोष कुमार इस मंदिर के निर्माण के लिए प्रयास करें, तो श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का भव्य नवनिर्माण संभव हो सकता है। इसी विश्वास और कुछ ग्रामीणों के विशेष आग्रह पर संतोष कुमार ने श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के नव-निर्माण की पहल की और वातावरण निर्माण के लिए अपने परम मित्र, महाल (चंडी, मौ.) निवासी श्री नीरज कुमार से संपर्क किया। यह चर्चा (संतोष कुमार और नीरज जी) दोनों के बीच पिछले 6-7 वर्षों से चल रही थी। अतः, दोनों के संयुक्त प्रयासों से इस संकल्प को एक सशक्त आधार मिला। श्री नीरज कुमार, जो राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष हैं, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक भारत के निर्माण में पिछले 33 वर्षों से सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत 07 नवंबर 2024 (छठ के संध्या अर्घ्य के दिन) को हुई, जब संतोष कुमार (साथ मे विकास कुमार भी थे) नीरज जी के साथ महाल (बिंदीडीह) स्थित श्री बाबा जगजीवन ठाकुर स्थान पहुंचे और वहां आशीर्वाद प्राप्त कर सभी श्रद्धालुओं को श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर, खनवां के निर्माण कार्य के शुभारंभ एवं वातावरण निर्माण हेतु खनवां आने का आमंत्रण दिया। इसके बाद, 09 नवंबर 2024 को महाल के विभिन्न गांवों से श्री नीरज कुमार के नेतृत्व में लगभग 50 से अधिक श्रद्धालु खनवां आए और वहां श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का आशीर्वाद प्राप्त कर, संगत और पंगत का आयोजन किया गया। इस शुभ आयोजन के साथ, श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर, खनवां के पावन निर्माण की नींव रखी गई। इस धार्मिक एवं सामाजिक पुनर्जागरण अभियान को सफल बनाने में महाल/बिंदीडीह के समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा ;- नवल किशोर सिंह (डोमन सिंह), प्रो. शिवेंद्र नारायण, प्रो. श्रीकांत सिंह, श्री अजय कुमार, श्री अरुण कुमार, श्री मुरारी सिंह मुखिया (कदमतर), सिथौरा से श्री रामाशीष बाबू एवं तरुण जी एवं अन्य का योगदान रहा।
साथ ही, खनवां के समर्पित व्यक्तियों ने भी इस अभियान को गति देने में सक्रिय एवं वैचारिक भूमिका निभाई है। संतोष कुमार , सर्वेश सिंह, रामविलास सिंह, आनंदी सिंह, परमानंद भास्कर एन पाच सदस्यों की मंदिर निर्माण समिति बनी । श्याम सुंदर उर्फ़ प्राण, महेश सिंह, विनोद कुमार बम, रामाशीष सिंह, मधुसूदन कुमार, प्रो. अनुग्रह नारायण, प्रो. सुनील कुमार, विकास कुमार, बबलू, अरुण कुमार, प्रवीण कुमार, राहुल कुमार (गाजीपुर निवासी, स्वामी सहजानंद सरस्वती के क्षेत्र से) शामिल हैं। युवा टीम मे सचिन कुमार, रिशु कुमार, बंटी कुमार, शिवम, राकेश (ब्लू), रोहित (गोलू), सोनू कुमार, दिलखुश, निलेश कुमार, लव कुमार भास्कर, कृष्णा शंकर उर्फ कारू आदि की भी भूमिका प्रशंसनीय है। इसके अलावा, उन सभी व्यक्तियों का भी हार्दिक आभार, जिनका नाम यहाँ उल्लिखित नहीं हो सका, लेकिन जिन्होंने इस पावन कार्य में समर्थन और सहयोग दिया है एवं आगे भी देते रहेंगे।
7 फरवरी 2025 का दिन श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर के नव निर्माण भूमि पूजन के रूप में खनवां के लिए ऐतिहासिक बन गया। इस भव्य भूमि पूजन समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष श्री नीरज कुमार, पूर्व स्थानीय विधायक श्री अनिल कुमार, सिलाव नगर अध्यक्ष श्रीमती जयलक्ष्मी, वरिष्ठ चिकित्सक श्री विमल बाबू तथा श्री लक्ष्मी नारायण के सातों भाइयों के स्थान आए बहढ़िया, मोकामा एवं कई अन्य गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
भूमि पूजन एवं मुख्य अतिथि का संदेश :- 7 फरवरी 2025 को मंदिर के भूमि पूजन समारोह में मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार सिन्हा जी (उपमुख्यमंत्री, बिहार) ने अपने अभिभाषण में कहा: "अपने कुल और उसकी परंपराओं की रक्षा करना समाज का सबसे बड़ा कर्तव्य है। यदि समाज ऐसा नहीं करता, तो परिवार का अपेक्षित विकास संभव नहीं होता।"
संगत-पंगत एवं सामाजिक एकता का प्रयास
✅ इस मिशन का उद्देश्य केवल मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि सातों भाइयों और बहन के रिश्तों को और अधिक मजबूत करना भी है।
✅ संगत-पंगत के माध्यम से समाज को जोड़ने और मजबूत करने की यह पहल आगे बढ़ रही है।
✅ यह सामाजिक एकता और समर्पण की भावना को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।
स्मृति से लेखन तक – विशेष पुस्तक प्रकाशन - 📖 जल्द ही एक विशेष पुस्तक प्रकाशित होने जा रही है, जिसमें बाबा जगजीवन ठाकुर, सातों भाई एवं एक बहन श्री लक्ष्मी नारायण की यशोगाथा संकलित होगी। 📖 यह पुस्तक हमारी परंपरा, इतिहास और कुल संस्कृति के संरक्षण एवं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी।
इन सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के सहयोग से यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण अभियान निरंतर आगे बढ़ रहा है।