Immediate Action Needed
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
📌 यह पृष्ठ अत्यंत महत्वपूर्ण है। कृपया इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें और शीघ्र निर्णय लें।
श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर संस्थान, खनवाँ को एक पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापित करना, जिससे मंदिर की गतिविधियाँ कानूनी, पारदर्शी और समाजोपयोगी रूप में आगे बढ़ सकें। रजिस्ट्रेशन के बाद ट्रस्ट को आयकर अधिनियम की धारा 12A व 80G के तहत टैक्स छूट मिलेगी, जिससे दानदाता भी कर में राहत पा सकेगे हैं। एसका परिणाम होगा की मंदिर को अधिक दान मिलने मे आसान हो जाएगा ।
कानूनी मान्यता (Legal Identity):
एक स्वतंत्र कानूनी संस्था का दर्जा प्राप्त होता है और संचालन की वैधता देता है।
दान पर टैक्स छूट (80G और 12A Benefits):
रजिस्ट्रेशन के बाद ट्रस्ट को आयकर अधिनियम की धारा 12A व 80G के तहत टैक्स छूट मिल सकती है, जिससे दानदाता भी कर में राहत पाते हैं।
बड़ी संस्थाओं/CSR से सहयोग की संभावना:
रजिस्टर्ड ट्रस्ट होने से कॉर्पोरेट्स, सरकारी योजनाओं और एनजीओ से आर्थिक सहयोग प्राप्त करना सरल हो जाता है।
पारदर्शिता और विश्वास:
चैरिटेबल रजिस्ट्रेशन से समाज और दानदाताओं में विश्वास बढ़ता है कि मंदिर एक नियमानुसार चलने वाला पवित्र संस्थान है।
लंबी अवधि की स्थिरता और उत्तराधिकार:
ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन से इसका संचालन व्यक्ति-निर्भर न होकर संस्था आधारित हो जाता है, जो भविष्य की स्थिरता सुनिश्चित करता है।
यदि हमारा उद्देश्य मंदिर को एक दीर्घकालीन, पारदर्शी और जनहितकारी संस्था के रूप में स्थापित करना है, तो चैरिटेबल रजिस्ट्रेशन एक आवश्यक और लाभकारी कदम है। भविष्य में यह संस्था की प्रतिष्ठा, स्थायित्व और विश्वसनीयता को मज़बूत करता है।
यह विषय पिछले दो माह से लंबित है। जब-जब इसे समिति में प्रस्तुत किया गया, इसे स्पष्ट कारण बताए बिना टाल दिया गया।
अब यह विलंब मंदिर के भविष्य और उसकी पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ी बाधा बनता जा रहा है।
👉 मैं आप सभी समिति सदस्यों से यह निवेदन करता हूँ कि –
अगले 3–5 दिनों के भीतर इस विषय पर एक स्पष्ट, अंतिम निर्णय लिया जाए। ताकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ कर सकें और मंदिर निर्माण व संचालन को एक कानूनी, पारदर्शी और संगठित आधार प्रदान किया जा सके।
🕒 तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता – कृपया विलंब न करें। यह विषय अत्यधिक आवश्यक एवं समय-संवेदनशील है।
एक्शन - 1 [ Wise Decision on Construction Type ]
वर्तमान में मंदिर निर्माण के लिए हमारे समक्ष तीन विकल्प मौजूद हैं:
Opt - 1. पूरा मंदिर कंक्रीट से बनाना, जैसा कि वर्तमान देवी स्थान का बना है।
Opt - 2. कंक्रीट से निर्माण कर पत्थर की दोनों ओर से क्लैडिंग करना – जिससे पत्थर जैसा सौंदर्य दिखे, लेकिन संरचना कंक्रीट की हो।
Opt - 3. पूरी तरह सॉलिड पत्थर से मंदिर का निर्माण – पारंपरिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सर्वश्रेष्ठ विकल्प।
हमारे द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर राजस्थान के अनुभवी ठेकेदारों से हुई चर्चाओं के अनुसार, यदि क्लैडिंग के साथ कंक्रीट मंदिर की लागत और सॉलिड पत्थर मंदिर की तुलना की जाए, तो क्लैडिंग मंदिर की लागत लगभग 25–40% कम हो सकती है। जैसे कोई मंदिर जो पूरा पत्थर का निर्माण होगा तो अगर उसका कुल लागत 2 करोड़ है तो वह कंक्रीट मे बनकर उसपर पत्थर का क्लैडिंग करने पर मदनीर का खर्च 1.70 Crore होगा, मतलव मात्र खर्च 30 लाख कम लगा ।
#लेकिन सॉलिड पत्थर के बना मंदिर की आयु और मजबूती कंक्रीट से 8–10 गुना अधिक होती है।
इसलिए अधिकतर अनुभवी लोग, विशेषकर राजस्थान के शिल्पकार और ठेकेदार यही सुझाव दे रहे हैं कि सॉलिड पत्थर से ही निर्माण किया जाए।
दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि अभी तक इस पर कमेटी की एकमत राय नहीं बन सकी है।
आज भी यदि समय रहते स्पष्ट और दूरदर्शी निर्णय न लिया गया, तो आगे चलकर यह एक बड़ी भूल साबित हो सकती है।
हमारी कमेटी के कुछ सदस्य, बिना बाजार का समुचित अध्ययन किए, स्थानीय ठेकेदारों की बातों पर सहज विश्वास कर लेते हैं। इससे न तो पारदर्शिता रहती है, न दीर्घकालिक सोच। दुर्भाग्यवश, हममें से कई लोग बाजार जाकर स्थिति जानने की अनुमति भी नहीं पा रहे हैं।
मौजूदा वातावरण में लाचारीवश उन निर्णयों में सहमति देनी पड़ रही है, जिनसे हम वास्तव में सहमत नहीं हैं।
यह समय है कि हम ईश्वर द्वारा दिए गए इस अवसर को बुद्धिमत्ता से उपयोग करें।
एक ऐसा निर्णय लें जो स्थायित्व, गरिमा और पीढ़ियों तक प्रेरणा देने वाला हो।
मंदिर केवल निर्माण नहीं, आस्था और इतिहास का प्रतीक होता है।
इसलिए निर्णय भी सच्ची श्रद्धा, विवेक और दूरदर्शिता से ही होना चाहिए।
🕒 तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता – कृपया विलंब न करें। यह विषय अत्यधिक आवश्यक एवं समय-संवेदनशील है।
श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर निर्माण हेतु अब तक कई संभावित ठेकेदारों के साथ बातचीत व मूल्यांकन किया जा चुका है। कार्य के स्तर, लागत, गुणवत्ता प्रतिबद्धता और टीम की योग्यता के आधार पर अब अंतिम चयन की प्रक्रिया में निर्णायक चरण पर पहुँचना आवश्यक हो गया है।
3 संभावित योग्य ठेकेदारों की अंतिम सूची बनाई जाए।
लिखित प्रस्ताव (Quotation) और कार्य योजना पर चर्चा हो।
गुणवत्ता नियंत्रण, समयबद्धता और पारदर्शिता के मापदंड तय किए जाएँ।
निर्णय समिति द्वारा सर्वसम्मति से अंतिम ठेकेदार की घोषणा की जाए।
ठेकेदार के साथ लिखित समझौता (Agreement) किया जाए जिसमें –
कार्य की गुणवत्ता की शर्तें
समय सीमा
भुगतान शर्तें
निगरानी व्यवस्था
अनुबंध उल्लंघन की स्थिति में दंडात्मक प्रावधान
सम्मिलित हों।
कृपया आगामी बैठक में ठेकेदार के अंतिम चयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यदि हम मंदिर निर्माण को नियोजित, गुणात्मक और समयबद्ध रूप से पूर्ण करना चाहते हैं, तो यह निर्णय अब टालना उचित नहीं है।
🙏 यह सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि हमारी आस्था और जनभावना का मंदिर है – इसके हर निर्णय में गंभीरता और पारदर्शिता होनी चाहिए।
आपका
संतोष कुमार
(श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर संस्थान, खनवाँ)