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इंटरनेट हम इंसानों की मूलभूत जरूरत (Fundamental Need) बन चुका है. जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है.
आप इस आर्टिकल को इंटरनेट से कनेक्टेड मोबाइल फोन या फिर कम्प्यूटर पर ही पढ़ रहे है. और मैं इंटरनेट की सुविधा मिलने पर ही इस आर्टिकल को आप तक पहुँचा पाया हूँ.
खैर मुद्दे की बात पर आते है. इंटरनेट की उपयोगिता को देखते हुए. आज हर कोई इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है. और
इंटरनेट क्या है ? इंटरनेट की परिभाषा. इंटरनेट को किसने बनाया? इंटरनेट का मालिक कौन है? इसे कौन चलाता है? वगैरह-वगैरह सवाल करते रहते है.
इस आर्टिकल के माध्यम से मैं ऊपर पूछे गए सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहा हूँ. कुछ रह जाए, समझ नही आए या फिर बताना चाहते है
इंटरनेट कम्प्यूटरों का एक महाजाल है. जो दुनिया का सबसे बड़ा और व्यस्तम कम्प्यूटर नेटवर्क है. यह इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की आधुनिक प्रणाली है, जो कम्युनिकेशन के मानक प्रोटोकॉल्स के माध्यम से संचारित होती है. इंटरनेट को हिंदी में ‘अंतरजाल‘ कहते है.
अगर सीधे शब्दों में कहे तो दुनिया के कम्प्यूटरों का आपस में जुड़ना ही इंटरनेट है. जब यह नेटवर्क (इंटरनेट) स्थापित हो जाता है तो हम एक विशाल जाल का हिस्सा हो जाते है जिसे Global Network कहते हैं और इस नेटवर्क से जुडें किसी भी कम्प्यूटर में उपलब्ध कोई भी सूचना अपने कम्प्यूटर में प्राप्त कर सकते है.
इंटरनेट से जुडे जुए प्रत्येक कम्प्यूटर की एक अलग पहचान होती हैं. इस विशेष पहचान (Unique Identity) को IP Address कहा जाता हैं. IP Address गणितिय संख्याओं का एक Unique Set होता हैं (जैसे 103.195.185.222) जो उस कम्प्यूटर की लोकेशन को बताता हैं.
IP Address को Domain Name Server यानि DNS द्वारा एक नाम दिया जाता हैं जो उस IP Address को Represent करता हैं. जैसे https://www.tutorialpandit.com एक Domain Name हैं जो किसी कम्प्यूटर लोकेशन का नाम हैं. जिसे डोमेन नेम सर्वर किसी IP Address यानि कम्प्यूटर से जोड देते हैं.
अब प्रश्न यह हैं कि इस विशाल जाल (Internet) से हम जुड़ते कैसे है? मतलब इंटरनेट का काम करने तरीका क्या हैं? इंटरनेट से कम्प्यूटर कैसे कनेक्ट होते हैं?
सच्चाई यह है कि इंटरनेट में कम्प्यूटर आपस में जुडे होते है, और यह वैसा ही जैसे हमारे टेलिफोन आपस में जुडे होते है. हमें अपने कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोडने के लिए ‘Internet Service Provider‘ (इंटरनेट सेवा प्रदाता) से इंटरनेट कनेक्शन लेना पडता है.
क्योंकि ISPs इंटरनेट से जुडे होते है. यह हमे इंटरनेट से जुडने का एक रास्ता प्रदान करते है. जब हमे यह कनेक्शन मिल जाता है तो हम अपने कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड सकते है.
इस कनेक्शन को अपने कम्प्यूटर में केबल या वायरलेस के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. जब हम इंटरनेट से जुडे होते है तो यह प्रक्रिया ‘ऑनलाइन‘ होना कहलाता है.
अपने शुरूआत के दिनों में इंटरनेट का उपयोग सिर्फ वैज्ञानिकों द्वारा एक दूसरे को रिसर्च पेपर तथा अन्य सूचनाए साझा करने तक सीमित था.
लेकिन धीरे- धीरे इंटरनेट का विकास होता गया और इसमें नई-नई तकनीक को जोडा गया. जिसका वर्तमान स्वरूप हम आज देखते है. आधुनिक इंटरनेट हमारी जीवनशैली का हिस्सा हो गया है. हमारे रोजमर्रा के लगभग सारे कार्य इंटरनेट के माध्यम से घर बैठकर किये जाने लगे है.
अपने शुरूआत में इंटरनेट सिर्फ सूचनाओं के साझा करने तक सीमित था. लेकिन, वर्तमान इंटरनेट अपने पैर लगभग हर क्षेत्र में फैला चुका है. चिकित्सा से लेकर दैनिक उपयोग के सामान की खरीदी तक.
आइए जानते है इंटरनेट के कुछ प्रमुख क्षेत्र जहाँ इंटरनेट का उपयोग किया जाता है.
इंटरनेट का सबसे अधिक उपयोग हम एक दूसरे से सम्पर्क साधने के लिए करते है. इंटरनेट के द्वारा हम कभी भी और कहीं भी शीघ्रता से अपने चाहने वालो को संदेशा भेज एवं प्राप्त कर सकते है. इंटरनेट पर संदेश भेजने का एक तरीका e-Mail है.
ई-मेल के अलावा सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक, ट्वीटर, वाट्सएप, टेलिग्राम, इंस्टाग्राम आदि के जरिए हम रियल टाइम में अपने करिबियों से जुड़े रह सकते है और उनकी हर एक गतिविधि को अपनी आँखों से देखते रह सकते है.
इंटरनेट को विकसित ही इसलिए किया गया था. आज से पहले कभी भी इस प्रकार सूचनाए प्राप्त करना आसान नही था. लेकिन आज हम इंटरनेट के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने से जानकारीयाँ प्राप्त कर सकते है और वो भी कुछ सैकण्डों में.
हम दुनिया के हर कोने की खबर घर बैठे अपने कम्प्यूटर पर ले सकते है. इंटरनेट पर जानकारी/सूचनाएं खोजने के लिए Search Engines का उपयोग किया जाता है.
इंटरनेट का उपयोग मनोरंजन के साधन के रूप में किया जाता है. मनोरंजन के क्षेत्र मे विकल्प असीमित है. इसके माध्यम से हम फिल्में, गाने, विडियों आदि को देख तथा सुन सकते है.
पढने के शौकिन अपने मनपसंद लेखक को पढ सकते है. इसके अलावा हर वक्त का मनोरंजन विडियो गेम कि दुनिया तो हमारे लिए हर वक्त खुली होती है.
यूट्यूब पर लाखों मनोरंजन चैनल मौजूद है. जिनके ऊपर रोजाना कॉमेडी, शायरीयाँ, रोमेंटिक वीडियों, फिल्म डायलॉग्स, देशी कलाकारों द्वारा निर्मित विडियों, गाने आदि अपलोड किये जा रहे है. आप बिना शुल्क के फुल मनोरंजन प्राप्त कर सकते है.
आपको खुद वीडियों बनाने का शौक है तो आप इसके लिए खुद का यूट्यूब चैनल शुरु करें और विडियों बनाकर अपलोड करें. इसी तरह Likee, TikTok जैसी माइक्रो वीडियों प्लैटफॉर्म्स पर भी वीडियों देखें वे बनाए जा सकते है.
इसे ई-व्यापार (e-Commerce) कहते है. इंटरनेट के माध्यम से बाजार को घर से ही देखा जा सकता है और अपना सामान खरीदा जा सकता है.
इसके द्वारा घर बैठे ही किस दुकान पर कौनसा सामान है और कौनसा नही तथा उस सामान के ढेरो विकल्प एक साथ देखकर पसंद से अपना सामान खरीद सकते है. इसके अलावा प्रचलित फैशन की जानकारी भी जुटाई जा सकती है.
अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, पेटीएम मॉल, मिंत्रा, वालमॉर्ट, अलिबाबा, ईबे कुछ प्रचलित ऑनलाइन शॉपिंग मार्केटप्लैस है.
इसे e-Learning (ई-शिक्षा) कहते है. यह क्षेत्र तेजी से बढ रहा है. आज इंटरनेट के माध्यम से हम घर में बैठकर ही अपने लिए मनपसंद कॉलेज, स्कूल चुन सकते है.
इसके अलावा हमारे पसंद के कोर्स किस कॉलेज में उपलब्ध है और उस कोर्स के बारे में सारी जानकारी यथा कोर्स की फीस, कोर्स का समयावधि आदि, यह जानकारी हम अपने कम्प्यूटर पर प्राप्त कर कर सकते है.
आज ई-लर्निंग का क्षेत्र काफि विकसित हो चुका है. हम घर बैठे-बैठे ही दुनिया के बेहतरीन अध्यापकों से पढ़ सकते है. और दुनिया की टॉप युनिवर्सीटीज में एडमिशन लेकर पढ़ाई करने की सुविधा का लाभ भी ले सकते हैं.
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम इस दिशा में किया गया एक प्रयास है. जिसके तहत डिजिटल रूप में सरकारी सुविधाओं को आम जनता के लिए सुलभ करवाने का प्रयास है.
इसके परिणाम स्वरूप आज हम देखते है कि अधिकतर सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होने लगेगी. आप राशन कार्ड, आधार कार्ड से लेकर पेंशन तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ लें सकते है.
इंटरनेट का उपयोग पढ़कर इसका महत्व आपको समझ आ रहा होगा. क्योंकि इंटरनेट आज की जरुरत बन चुका है. और यह जरूरत हमें इससे मिलने वाले फायदों के कारण महसूस हुई है. जिनके बारे में नीचे बता रहा हूँ.
इंटरनेट के जरिए हम विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन सेवाएँ एक्सेस करने में सक्षम हो पाते हैं.
आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज ऑनलाइन प्राप्त कर सकते है.
सोशल मीडिया साइट्स के जरिए अपने परिवारजन, रिश्तेदार, दोस्त, कलिग्स के साथ जुड़े रह सकते है और उनसे बातचीत कर सकते है. साथ ही शादी-विवाह, बर्थ डे पार्टी एवं किसी अन्य इवेंट्स के फोटू, विडियों भी शेयर कर सकते है.
पानी का बिल, बिजली का बिल, ट्रैन टिकट, होटल बुकिंग, टैक्सी बुकिंग आदि छोटे-मोटे कार्य अपने फोन के जरिए ही निपटा सकते है.
कॉलेज में एडमिशन लेना, प्रतियोगी परिक्षाओं के फॉर्म भरना, स्कॉलरशिप के फॉर्म जमा कराना जैसे कार्य बिना सरकारी दफ्तर जाए निपटाए जा सकते है.
किसी नए टॉपिक के बारे में जानकारी लेनी हो तो इंटरनेट इस मामले में लाइब्रेरी को मात दे रहा है. आप चलते-फिरते ही किसी भी टॉपिक के बारे में विस्तृत जानकारी मिनटों में ढूँढ़ सकते है.
नई जॉब ढूँढ़ने के मामले में इंटरनेट का कोई सानी है. आप पलक झपकने की देरी में लाखों जॉब अपने लिए खोज सकते है और आवेदन दें सकते है.
यह तो बस बानगी है. इंटरनेट तो सूचना का महासागर है. आप जितनी दूर और गहरे जाएंगे. ज्ञान के असीमित भंडार आपको मिलते जाएंगे.
हर चीज के दो पहलू होते है. इसी तरह इंटरनेट का विकास होने से इंसान को फायदा हुआ है तो इसके कुछ नुकसान भी सामने आ रहे है. जिनका जिक्र नीचे किया जा रहा है.
समय की बर्बादी – इंटरनेट पर अगर आप भटक गए तो घंटों का पता ही चलेगा. और आपका कीमती समय इंटरनेट सर्फ करते-करते ही निकल जाएगा. और आज दोस्तों के साथ समय बिताने के बजाए इंटरनेट पर मौजूद कुड़े को देखने में बीत रहा है.
मुफ्त नहीं – इंटरनेट मूलभूत जरूरत बन गई है. मगर इस जरूरत को पूरा करने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. तभी आपको इंटरनेट कनेक्शन मिलेगा. मेरे ख्याल से इंटरनेट को फ्री कर देना चाहिए. आप इस बारे में क्या सोचते है? कमेंट करके मुझे जरूर बताएं.
साइबर खतरा – इंटरनेट आजादी का पर्याय है. इसलिए, इसके ऊपर मौजूद संसाधनों तक पहुँच आसान है. इसी सुलभता के चक्कर में साईबर खतरों का खतरा हमेशा इंटरनेट युजर पर मंडराता रहता है.
प्राइवेसी को नुकसान – आज प्राइवेसी सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. लोगों का निजी डेटा चुराकर बेचा जा रहा है. जिससे बचना बहुत जरूरी है. क्योंकि ऑनलाइन रहने पर आपका निजी डेटा ही आपकी सम्पती है.
वायरस हमला – आपके कम्प्यूटर, मोबाइल फोन तथा अन्य इंटरनेट युक्त डिवाइस को अपने कब्जे में करने के लिए वायरस का सहारा लिया जाता है. जिससे बचना एक आम युजर के लिए सम्भव नहीं है.
क्रेडिट/डेबिट कार्ड में सेंधमारी – यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते है तो पेमेंट करने के लिए क्रेडिट कार्ड या फिर डेबिट कार्ड का उपयोग ही करते होंगे. मगर, हैकर इनकी जानकारी को चुराकर सैकण्डों में हमारे बैंक अकाउण्ट को खाली कर सकते है.
विश्वसनीयता का अभाव – इंटरनेट पर कोई भी अपनी जानकारी शेयर कर सकता है. और विडियों बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करके रातों-रात स्टार बनना आसान है. मगर, यहीं आजादी और सुलभता इंटरनेट को कचरे का ढेर बना रही है. इसलिए विश्वसनीयता की कमी इंटरनेट पर खलती है और हर इंटरनेट स्रोत पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.
विविधता लेकिन, एक्सेस नहीं – इंटरनेट दुनियाभर के लोगों को साझा मंच उपलब्ध करा रहा है. इसलिए हर क्षेत्र और भाषा में जानकारी का भंडार उपलब्ध हो गया है. मगर, इस जानकारी तक पहुँच कराने वाले टूल (सर्च इंजन) लोगों की सोच को नियंत्रित कर रहे है और उन्हे उनकी रुची तथा पसंद की जानकारी (पर्सनलाइज्ड कंटेट) खुद उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे है. यह एक हद तक सही है, लेकिन हम इंसानों की सृजनात्मकता के लिए एक शांत खतरा है.