ROM का पूरा नाम Read Only Memory होता है. इसका डाटा केवल पढ़ा जा सकता है. इसमें नया डाटा जोड़ नहीं सकते हैं. यह एक Non-Volatile Memory होती है. इस मेमोरी में कम्प्यूटर फंक्शनेलिटी से संबंधित दिशा निर्देश स्टोर रहते है.
कम्प्यूटर को चालु करना के निर्देश इसी मेमोरी में स्टोर रहते है. जिसे “Booting” कहा जाता है. कम्प्यूटर के अलावा वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ROM द्वारा ही प्रोग्राम्ड किया जाता है.
इस स्थाई मेमोरी में डाटा हमेशा के लिए उपलब्ध रहता है. Power Off होने पर भी डाटा डिलिट नही होता. यह भी प्राथमिक मेमोरी ही होती है.
ROM को Manufactures द्वारा ही एक बार Write करके दिया जाता हैं. इसलिए, इसके डाटा के साथ कोई छेड़छाड़ संभव नहीं होती है.
ROM एक स्थाई मेमोरी होती हैं.
Basic Functionality के निर्देश स्टोर रहते हैं.
केवल Readable होती हैं.
RAM की तुलना में सस्ती होती हैं.
सी पी यू मेमोरी का भाग होती है.
MROM
PROM
EPROM
EEPROM
MROM का पूरा नाम Mask Read Only Memory होता हैं. इसे Manufactures द्वारा डिवाइस में ही Programed किया जाता हैं. MROM अन्य ROMs की तुलना में सस्ती और कम स्पेस में ज्यादा डाटा स्टोर करने की क्षमता प्रदान करती हैं. मतलब इसकी Data Store Density अधिक होती हैं.
PROM का पूरा नाम Programmable Read Only Memory होता हैं. इस Memory Chip में डाटा एक बार Write किया जाता हैं. जो हमेशा बरकरार रहता हैं.
इस ROM में Data Write करने के लिए विशेष उपकरणॉं का इस्तेमाल किया जाता हैं. इन्हे PROM Programmer या PROM Burner भी कहा जाता हैं. और PROM में Data Write करने की प्रक्रिया को PROM Burning कहा जाता है.
इसका पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory होता हैं. जैसा इसके नाम से स्पष्ट होता हैं. इस ROM में उपलब्ध डाटा को Erase यानि मिटाया भी जा सकता है. डाटा को मिटाने के लिए Ultra-Violet Light का इस्तेमाल किया जाता है.
EEPROM का पूरा नाम Electrically Erasable Programmable Read Only Memory होता हैं. जिसका डाटा किसी Electrical Charge द्वारा मिटाया जा सकता हैं. यह अन्य ROMs से थोडी धीमी होती है.