यह एक ऐसा उद्घोष का समूह है जिनको सुनने और विचार करने से पतित मन में भी अथाह सामर्थ्य का संचार होता है |
जहाजो से जो टकराये उसे तूफ़ान कहते है ,तूफानों से जो टकराये उसे इंसान कहते है।
हमें रोक सके ये ज़माने में दम नहीं, हमसे है जमाना ज़माने से हम नहीं।
जिंदगी के बोझ को हंस के उठाना चाहिए, राह की दुस्वारियों पे मुस्कुराना चाहिए।
बाधाएं कब रोक सकी है आगे बढ़ने वालो को, विपदाएं कब रोक सकी है पथ पर बढ़ने वालो को।
मैं छुई - मुई का पौधा नहीं जो छूने से मुरझा जाऊ, मै वो माई का लाल नहीं जो हौवा से डर जाऊ।
जो बीत गई सो बीत गई तकदीर का शिकवा कौन करे, जो तीर कमान से निकल गई उस तीर का पीछा कौन करे।
अपने दुःख में रोने वाले मुस्कुराना सीख ले, दुसरो के दुःख दर्द में आँशू बहाना सीख ले।
जो खिलाने में मजा वो आप खाने में नहीं, जिंदगी में तू किसी के काम आना सीख ले।
खून पसीना बहाता जा तान के चादर सोता जा, यह नाव तो हिलती जाएगी तू हँसता जा या रोता जा।
खुदी को कर बुलंद इतना की हर तकदीर से पहले, खुदा बन्दे से ये पूछे बता तेरी रजा क्या ??
आखिर क्या ? आखिर कबतक? समय बीत रहा है |
जीवन रसायन - ( पुस्तक )
यह एक ऐसा आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तक है जिस को पढ़ कर हजारो लाखों के ह्रदय के में नया आशा की किरण संचारित हुआ है | जो स्वयं को और जिबित नहीं रखना चाहते वो लोग भी इससे लाभान्वित हो कर नए उत्साह के साथ जीवन सुरु किया है |