- ॐ -
प्रातः स्मरणीय पूज्यपाद सदगुरूदेव संत श्री आसारामजी बापू की
जीवन - झाँकी
विश्व के कल्याण के लिए जिस समय जिस धर्म की आवश्यकता होती है,
उसका आदर्श उपस्थित करने के लिए भगवान ही तत्कालीन संतों के रूप में नित्य-अवतार लेकर आविर्भूत होते है |
वर्तमान युग में यह दैवी कार्य जिन संतों द्वारा हो रहा है, उनमें एक लोकलाडीले संत हैं
अमदावाद के श्रोत्रिय, ब्रह्मनिष्ठ योगीराज
पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू
उनके बारे में और जाने
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गुरु गोविन्द दोउ खड़े , काके लागूं पायं !
बलिहारी गुरु आपने , जिन गोविन्द दिया दिखाय !
( संत कबीर )
भावार्थ
हे गुरुदेव ! मैं आपके ही श्री चरणों में पहले प्रणाम करता हूँ ,
क्योंकि , आपकी कृपा से मैं श्री गोविन्द से मिल सका हूँ ।
( अतः ईश्वर दर्शन करना हो तो किसी सतगुरु ( spiritual guide ) के शरण में जाओ )