प्रेस विज्ञप्ति
भारतवर्ष में निवास करने वाले आर्यों के सिद्धान्त संरक्षण हेतु आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक ट्रस्ट का गठन 21 मई 2021 को आधिकारिक अनुरुप सम्पन्न किया गया।जिसकी बैठक 25 दिसम्बर को वाराणसी के दत्तात्रेय मठ,नारद घाट में ट्रस्ट के अध्यक्ष , सचिव एवं सदस्यों की उपस्थिति में ट्रस्ट के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आगामी कार्यक्रमों का विवरण सभी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। संस्था के अध्यक्ष वाचस्पति डॉ.दिव्यचेतन ब्रह्मचारी महाराज जी ने आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक शब्द का विवेचन करते हुए कहा कि ऋ गतौ धातु से निष्पन्न आर्य शब्द जो कि अर्यते परिपालयितुं आचर्यते इति आर्य: अर्थात् जो श्रेष्ठ आचरणों से सम्पन्न हो। हिमालय एवं विंध्य क्षेत्र के तट प्रदेश में निवासियों को आर्य कहा जाता है।वैदिक संस्कृति को अतीत को जीवन में धारण करते हुए भविष्य को दृष्टि में रखते हुए वर्तमान जीवन जो पद्धति है वही आर्य पद्धति कहते है। ट्रस्ट के जरिए समाज को स्वस्थ रखने हेतु विभिन्न प्रकल्पों के विषय में भी विचार हुआ। पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण,स्वछता अभियान,जल संरक्षण इत्यादि विषयों पर भी सदस्यों को अवगत कराया गया। योग विधा के द्वारा समाज को आरोग्य एवं अपने राष्ट्र को सशक्त बनाने हेतु आसनेन रुजो हन्ति योगसंस्थानम् के कार्यों को सराहा गया। साथ ही योग कक्षाएं शिविर का आयोजन जारी है। युवाओं को भी सनातन संस्कृति से जोड़ने हेतु विभिन्न संगोष्ठी के जरिए यह संस्था कार्य करती आयी है। ट्रस्ट के सचिव रितेश दुबे ने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रांति के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा सभी के समक्ष रखी।सभी की उपस्थिति में तथा सर्वसम्मति से ट्रस्ट के विस्तार हेतु सदस्यता अभियान भी जल्द शुरू करने का एलान किया गया। जिससे अधिक लोगों को जोड़कर समाज को सन्मार्गोन्मुख किया जा सके। बैठक के समापन के दौरान किशोर गुप्ता,विवेक राय एवं ऋषभ पाण्डेय इत्यादि ने अपने-अपने विचार भी रखें। मां गंगा की सन्निधि में शान्ति मन्त्रों के साथ विश्व कल्याण की भावना से साथ ही हर हर महादेव के उद्घोष के साथ मीटिंग को सम्पन्न किया गया।
आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक न्यास द्वारा वेद एवं वेदाङ्गादि के समुन्नयन हेतु विभिन्न प्रकल्पों का साकार रूप प्रदान किया जाता रहा है।इसी क्रम में श्रीमद्भगवद्गीता जयन्ती के उपलक्ष्य में आज़ धर्म संघ शिक्षा मण्डल के प्राङ्गण में अनेक गुरुकलों एवं विद्यालयों के छात्रों द्वारा भगवान् श्रीकृष्ण के वचनों को निर्वाचन एवं अनेक विषयों पर सारगर्भित व्याख्यान रहा। कार्यक्रम में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो.शैलेश कुमार मिश्र जी मुख्य अतिथि रहे। सेंट्रल हिन्दू ब्यायज (CHS) की प्रधानाचार्या डा.स्वाती अग्रवाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। कार्यक्रम के निर्देशक एवं आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक न्यास के अध्यक्ष डॉ.दिव्य चैतन्य ब्रह्मचारी जी के निर्देशन में साथ ही संयोजक एवं न्यास के सचिव रितेश दुबे के नेतृत्व में युवाओं को गीता से जोड़ने का बहुत ही सुन्दर प्रकल्प रहा।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर शैलेश कुमार मिश्र जी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सम्पूर्ण शास्त्रों का सार गीता है।हम सभी को जीवन में गीता को अवधारित करना चाहिए।
गीता के वचनों को बचपन से ही कण्ठगत कराने का अद्वितीय कार्य। संस्था द्वारा गीता कण्ठस्थ प्रतियोगिता एवं गीता भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें श्री सतुआ बाबा आश्रम, श्रीस्वामी वेदान्ति वेद विद्यापीठ,श्री काशी विश्वनाथ संस्कृत पाठशाला,चन्द्रमौलि ट्रस्ट एवं सेंट्रल हिन्दू ब्यायज स्कूल से अनेकों छात्रों ने प्रतिभाग किया। निर्णायक की भूमिका में डा.आशीष कुमार मिश्र एवं डॉ.रवि प्रकाश पाण्डेय ने श्लोक शुद्धता, प्रस्तुत शैली एवं भाव प्रस्तुत के अनुसार विजेताओं का नाम उद्घोषित किये।कार्यक्रम में सहयोगी के रूप में डॉ.रीता सिंह, सतेन्द्र द्विवेदी, करुणाकांत दुबे, रोशन सिंह, डॉ.अभिषेक गुप्त इत्यादि जन उपस्थित रहे।