योग विधा में संस्था द्वारा अनुमोदित
योग विधा में संस्था द्वारा अनुमोदित
त्रिविध ताप शमनार्थ तथा चतुर्विध पुरुषार्थों में चरमलक्ष्यभूत मोक्ष पुरुषार्थ सिद्ध्यर्थ भारतीय परम्परा में ऋषियों एवं महर्षियों का अपूर्व भूत योगदान रहा है।समाज कल्याण दिशा में सर्वस्व त्यागकर हमारे पूर्वजों ने हम सभी के श्रेयमार्ग प्रशस्त किये है।इसी विधा में सम्पूर्ण विश्व को अपने अनोखे अंदाजों में लोलुभायमान करने वाला योग आज सभी के लिए पूज्य एवं आचरणीय बन गया है।योग के सैद्धान्तिक एवं क्रियात्मक पक्ष को पुष्ट करने हेतु तथा समागत समाज में योग को लेकर व्याप्त विभिन्न भ्रमित तथ्यों के निवारणार्थ आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक न्यास की योग प्रकल्प विधा में आसनेन रुजो हन्ति योगसंस्थानम् के माध्यम से आज समूचे विश्व को योग के पारम्परिक स्वरुप से लाभान्वित किया जा रहा है।
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