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आर्यों का यह देश जिसे हम सभी वर्तमान परिपेक्ष्य में भारत के नाम से जानते हैं।प्राच्यविधा में इसे आर्यावर्त के नाम से जाना जाता था।इस नामकरण के पीछे का रहस्य यही है कि आर्य अर्थात् श्रेष्ठ कर्मों एवं पवित्र आचरण से सम्पन्न व्यक्ति विशिष्ट को आर्य कहा जाता हैं उन श्रेष्ठ मान्य जनों का जो स्थान है उसे आर्यावर्त कहते हैं।हमारी संस्था आर्यावर्त सिद्धान्त संरक्षक न्यास (ASST) हमारे प्राचीन मूल्यों पर निर्धारित एक समाजसेवी संगठन है।जिसके माध्यम से सम्यक् शिक्षा,दीक्षा, स्वास्थ्य,मानव समाज के उन्नयनार्थ भगवान् विश्वनाथ एवं मां अन्नपूर्णा की प्रेरणा से प्रथित की गई है।वस्तुतः संस्था का मौलिक उद्देश्य कल की बेहतर दुनिया के लिए प्राचीन सनातन विज्ञान है।प्राचीन काल से ही आर्यावर्त को सम्पूर्ण विश्व अपना गुरु मानते आएं हैं।दुनिया भर में पिछले पांच दशकों में कालक्रम परिवर्तित हो गया है और वर्तमान परिवेश 2022 में पूरी दुनिया भारत से विभिन्न सद्जीवनार्थ विकल्पों को जानने के लिए उत्सुक है।वे जानना चाहते हैं कि सनातन क्या है? ,वेद क्या है?, ऋषि कौन थे? , अध्यात्म क्या हैं?,धर्म क्या है?, योग क्या है? इस तरह विभिन्न जिज्ञासाओं को लिये लोग भारत की तरफ दौड रहे हैं।आइए इस विशिष्ट संस्थान के जरिए हम अपने भारतीय संस्कृति से जुडते हुए सम्पूर्ण विश्व के कल्याणार्थ मार्ग प्रशस्त करें।