1. बीमारी और अनैच्छिक क्रियाओं के अन्य लक्षण
मुंह और जबड़े, खाने, चबाने, बोलने और निगलने के रूप में विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जबड़े और मुंह में मांसपेशियों कि अत्यधिक अनैच्छिक संकुचन के कारण तरह-तरह की समस्यायें हो सकती हैं. इन समस्याओं में खाद्य पदार्थों को चबाने में असमर्थता (चबाने में कठिनाई), मुंह खोलने या बंद करने में दिक्कत (जबडे के अकड जाने का रोग), मुंह, जीभ, और/या होठों में झटके अथवा मांसपेशियों में दर्द, जबड़े का पार्श्व विस्थापन, निगलने में कठिनाई (डिस्फ़ागिया) या बोलने में कठिनाई(डिसअर्थ्रिया) जैसी समस्यायें शामिल हैं. इस तरह के लक्षणों से मुंह और/या जबड़े की दुस्तानता (मौखिक और मैक्सिलोफैशियल दुस्तानता), शंखअधोहनुज जोड़ों का रोग, मौखिक अपगति, बुक्सिज्म, संधिवात रोग, मानसिक रोग और/या चबाने के मांसपेशियों में टेंडन-अपोन्युरोसिस हाइपरप्लेजिया हो सकता है. इन लक्षणों के कारण, इनमें से एक या एक से अधिक रोग एक समय में हो सकते हैं. अनैच्छिक क्रियाओं की एक किस्म ओरोफेसिअल क्षेत्र (मुंह, जबड़े और चेहरे में) में हो सकता है, इनमें से ज्यादातर का सही ढंग से निदान नहीं हो पाता है. वास्तव में, मौखिक और मैक्सिलोफैशियल दुस्तानता को शंखअधोहनुज जोड़ों का रोग, मानसिक रोग, बुक्सिज्म या शंखअधोहनुज संधिग्रह के रूप में गलती से समझना एक आम बात है. दंत चिकित्सक या मौखिक सर्जन द्वारा निदान किये गये अधिकांश मरीजों का शुरू में दंत चिकित्सा उपकरणों के साथ उपचार किया जाता है. जबड़े का रोग जो कि मौखिक और मैक्सिलोफैशियल दुस्तानता का सबसे सामान्य प्रकार है, इसके मरीजों में से 80% शुरुआत में दंत चिकित्सक या मौखिक और मैक्सिलोफैशियल सर्जन के पास चले जाते हैं. इनमें से कोई भी मरीज दुस्तानता के लक्षण के लिए पहचाना नहीं जाता है. इन मरीजों को सही चिकित्सा नहीं मिल पाती है और इस प्रकार उनकी स्थिति और भी बदतर होती जाती है. इसके अलावा, दंत छात्रों को केवल अपगति तथा बुक्सिज्म जैसी अनैच्छिक क्रियाओं के बारे में ही सिखाया जाता है. इससे, वे शायद दुस्तानता के लक्षण को नहीं पहचान पाते हैं.
2. इस बीमारी को बढ़ाने वाले कारण
अनैच्छिक क्रियाएँ ऐसे मूव्मेंट हैं जो कि मस्तिष्क के नियंत्रण में नहीं है. ये क्रियाएँ न्युरोलॉजिल हालात हैं जो कि गति, प्रवाह, गुणवत्ता, और/या क्रियाओं के सरलता से मूव्मेंट को प्रभावित करते हैं. असामान्य प्रवाह या मूव्मेंट से, अत्यधिक या अनैच्छिक क्रियाएँ अथवा स्वैच्छिक क्रियाओं का धीमापन या खात्मा हो सकता है. अनैच्छिक क्रियाएँ कई प्रकार की होती हैं जैसे कि अपगति, दुस्तानता, खिंचाव, कांपना, वलन, फड़कन, पेशी अवमोटन, और नर्तनरोग. अनैच्छिक क्रियाओं के कारण स्पष्ट नहीं हैं. हालांकि, दुस्तानता को बेसल गैन्ग्लिया के कार्यात्मक असामान्यताओं के कारण माना जाता है जो कि मूव्मेंट और अवस्था को नियंत्रित करता है. यह लंबी अवधि के लिए मौखिक मनोरोग दवाओं के लेने वाले मरीजों में विकसित हो सकता है. दुस्तानता का लक्षण अक्सर दंत चिकित्सा उपचार (एक नया कृत्रिम दांतों की प्रविष्टि या दांत निकालने की विधि आदि) या जबड़े या मुंह से जुड़े मानसिक आघात के बाद देखा जाता है. दंत चिकित्सा देखभाल इन बीमारियों के सीधे कारण भले ही नहीं हों, पर ये इनको बढ़ा सकती हैं, दुस्तानता के मरीज जिन्हें मुंह से संबन्धित लक्षण जो कि जबड़े और जीभ की मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन, विशेष रूप से बात करते समय होता है, ज्यादातर उनके व्यवसाय में नियमित रूप से बात करने की आवश्यकता होती है जैसे कि रिसेप्शनिस्ट, सेल्स-स्टाफ, उद्घोषक और शिक्षक. लम्बे समय तक बहुत तनावपूर्ण स्थिति में बात करना भी दुस्तानता के लिए योगदान कर सकता है और इसे व्यावसायिक दुस्तानता का एक प्रकार माना जा सकता है, जैसे कि मांसपेशियों में ऐंठन के कारण एक संगीतकार या शिल्पकार को इस बीमारी का हो जाना.
3. नैदानिक और अनुसंधान इतिहास
मैं 1992 के बाद से दुस्तानता के लिए बोटुलिनम चिकित्सा पर काम कर रहा हूँ और मैने कई मरीजों का इलाज किया है. मैने क्योटो विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संकाय के न्युरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर Jun Kimura और प्रोफेसर Hiroshi Shibasaki के साथ अनुसंधान किया है. इसके अलावा, मैं क्योटो विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी की अपनी प्रयोगशाला में डॉ. Ryuji Kaji (Utano National Hospital) के साथ विज्ञान के संवर्धन के लिए जापान सोसाइटी के रिसर्च फेलो (PD) (Japan Society for the Promotion of Science) के रूप में इस तरह के दुस्तानता के रूप में अनैच्छिक क्रियाओं पर नैदानिक अनुसंधान किया है और इसी प्रयोगशाला में अनैच्छिक क्रियाओं और दुस्तानता पर प्रसिद्ध व्यक्ति माने-जाने वाले डॉ. Takahiro Mezaki (Sakakibara Hakuho Hospital), डॉ. Nagako Murase (Nara Medical Center, Department of Neurology), डा. Toshiaki Suzuki (Kansai Medical University) डा. Takashi Sakamoto(National Center of Neurology and Psychiatry), डा. Shinichi Matsumoto (Osaka Neurological Institute, Department of Neurology), डा. Takenori Abe (Nakamura Memorial Hospital, Department of Neurology) ने भी काम किया है.
क्योटो मेडिकल सेंटर के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में (Department of Oral and Maxillofacial Surgery at Kyoto Medical Center), हम मौखिक और चेहरे क्षेत्र की अनैच्छिक क्रियाओं के विशेषज्ञ है. अनैच्छिक क्रियाओं के उपचार के लिए हम दवा, सामान्य संवेदनाहारी इंजेक्शन (एमएबी चिकित्सा: MAB therapy) या बोटुलिनम टॉक्सिन (बोटोक्स: Botox), और सर्जरी सहित कई तरह के व्यापक तरीकों का उपयोग करते हैं. हमारे अलावा कोई ऐसा विभाग नहीं है जिसमें मैक्सिलोफैशियल तंत्र की अनैच्छिक क्रियाओं के विशेषज्ञ हों. इसलिए अनैच्छिक क्रियाओं के ओरोफेसिअल क्षेत्र के मरीजों को कई अस्पतालों द्वारा हमारे पास भेजा जाता है. इसके अलावा, मरीज जिन्हें न्युरोलॉजिकल, न्युरोसर्जिकल, या मानसिक रोगों के उपचार या परीक्षण की आवश्यकता होती है, हमारे अस्पताल के न्युरोलॉजी (Neurology), मनोरोग (Psychiatry), या न्युरोसर्जरी (Neurosurgery) विभाग में उनका जांच किया जा सकता है. इन सुविधायों के कारण, हमें पूरे जापान से पूछ्ताछ आती रहती है और कई मरीज विदेशों से भी इलाज के लिए हमारे विभाग में आते हैं.