I am Rudra Pratap Singh. I like general knowledge, book reading, visiting places.
मोम की तरह पिघलती है जिंदगी, गमों की आग में जलती है जिन्दगी ।
ठोकर लगे तो गम मत करना, ठोकर लगाकर संभालती है जिंदगी ।।
एक दिन सागर ने नदी से पूंछा कि कब तक मिलती रहोगी, मुझ खारे पानी से । नदी ने हंसकर कहा जब तक तुझमें मिठास न आ जाये !
महान उद्देश्य की प्राप्ति के लिये बहुत कष्ट सहना पड़ता है, जो तप के समान होता है, क्योंकि ऊंचाई पर स्थिर रह पाना आसान काम नहीं है ।
स्वामी विवेकानंद जी
गुनाह करके सजा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं ।
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमें, हम तो दोस्तों के खफा हाने से डरते हैं ।।
अच्छा क्या है,
इसे सीखने के लिये एक हजार दिन भी कम हैं ।
लेकिन बुरा क्या है,
यह सीखने के लिये एक घंटा भी ज्यादा है ।।
लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिये.....
कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी ताला खोल देती है सदा सकारात्मक रहें ।
जीना है तो चलते हुये दोनों पैरों की तरह जियो, आगे वाले पैर को घमंड नहीं होता, और पिछले पैर को शर्म नहीं होती क्योंकि वो जानते हैं कि उनकी स्थिति बदलेगी ।।
मेरा यौवन तन देगा, मेरा मुनि मण्डल देगा । जीवन मूल्य चुकाने को मेरा भामाशाह धन देगा । - साध्वी ऋतम्भरा