Women Healthcare

परिचय

अच्छा स्वास्थ्य एक ऐसी व्यक्तिगत व सामाजिक अनुभूति है जिसमे महिला अपने आप को सक्रिय, सृजनशील, समझदार तथा योग्य महसूस करती है : जिसमें उसके शरीर के जख्मों को भरने की क्षमता बरकरार रहती है : जिसमें उनकी विभिन्न क्षमताओं व योग्यताओं को यथा-योग्य सम्मान मिलता है : जिसमें वह चयन करने का अधिकार रखती है तथा निर्भीक रूप से अपने आप को अभिव्यक्त कर सकती है और जहाँ चाहे वहाँ आ जा सकती है।

महिला स्वास्थ्य क्या है?

जब एक महिला स्वास्थ्य होती है तब वह प्रसन्न रहती है। वह अपने आप को सक्रिय, सृजनशील, समझदार तथा योग्य महसूस करती है। उसमे इतनी शक्ति व बल होता है की व अपने दैनिक कार्य कर सके : परिवार व समाज में निर्धारित अपनी अनेक भूमिकाओं को निभा सके तथा दूसरों के साथ सन्तोषदायक सम्बन्ध बना सके। दूसरे शब्दों में कहें तो यह अभिप्राय है कि महिला का स्वास्थ्य उनके जीवन के हर पहलु पर प्रभाव डालता है फिर भी, अनेक वर्षों तक “ महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवा “ का अर्थ गर्भावस्था तथा प्रसव में दी जाने वाली मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से अधिक कुछ नहीं रहा है ये सेवायें आवश्यक हैं परन्तु ये केवल महिलाओं की, मां की भूमिका का ही ध्यान करती हैं। केवल बच्चे पैदा करने की क्षमता को छोड़ कर महिलाओं का स्वास्थ्य तथा उनसे सम्बंधित अन्य आवश्यकताओं को, पुरुषों की तुलना में कम महत्व दिया जाता है।

यहाँ महिलाओं के स्वाथ्य्य का एक भिन्न पहलू रख रहे हैं। पहली बात : हमारा विश्वास है कि हर महिला को सम्पूर्ण जीवन में पूर्ण स्वस्थ्य सेवायें प्राप्त करने का अधिकार है। महिला से सम्बंधित स्वास्थ्य सेवाएं जीवन के हर क्षेत्र में उसके लिए सहायक होनी चाहिये- न केवल उसकी पत्नी व मां की भूमिका के लिए। दूसरी बात यह है कि महिला के स्वास्थ्य पर न केवल उसके शरीर की संरचना का, बल्कि उसके इर्द-गिर्द का सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, पर्यावरणों का तथा राजनीतिक परिस्थितियों का उन पर ही प्रभाव पड़ता है ।

पुरुषों से कैसे अलग हैं महिलाएं

हालांकि पुरुषों के स्वास्थ्य पर भी इन कारकों का प्रभाव पड़ता है, फिर भी महिलों के साथ एक समूह के रूप में, भिन्न व्यवहार किया जाता है । उनके पास साधारणतया कम शक्ति होती है, संसाधनों की कमी होती है तथा परिवार व समुदाय में उनका स्तर निम्न होता है इस असमानता के कारण-

  • पुरुषों की तुलना में अधिक महिलायें गरीबी से प्रभावित होती हैं । पुरुषों की तुलना में, अधिक महिलाओं को शिक्षा तथा अपने पैरों पर खड़ा हो सकने की दक्षता से वंचित रखा जाता है।
  • पुरुषों की तुलना में, अधिक महिलाएं चुप-चाप मानसिक व भावनात्मक समस्याओं से पीड़ित हो जाती हैं।
  • पुरुषों के मुकाबले, अधिक महिलाओं को सम्बन्धों में प्रबलता का समाना करना पड़ता है।
  • पुरुषों की तुलना में, काफी काम महिलाओं को महत्पूर्ण स्वास्थ्य जानकारी व सेवाओं के पहुँच होती है ।
  • पुरुषों के मुकाबले, ऐसी महिलाओं की संख्या काफी अधिक है जिनका अपने स्वयं के स्वास्थ्य सम्बंधित मूलभूत व जीवन के अन्य निर्णय लेने पर कोई नियंत्रण नहीं है ।
  • पुरुषों की तुलना में, अधिक महिलाओं के घरेलु अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान को कोई मान्यता या अहमियत नहीं दी जाती है। इस योगदान से घरेलु कार्य, बच्चों की देखभाल तथा खेतों में जाने वाली मेहनत जैसे,ऐसे कार्य सम्मिलित हैं जिसमें बहुत मेहनत व समय लगता है ।

इस प्रकार का वृहद विचार लेने से हमें महिलाओं के निम्न स्वस्थ्य के लिए जिम्मेदार मूल कारणों को समझने में सहयता मिलती है। महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारने के लिए उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार तो आवश्यक है ही। इसके साथ-साथ उनकी जीवन परिस्थितियों में भी परिवर्तन लाना जरुरी है ताकि उन्हें अपने स्वस्थ्य व जीवन पर अधिक नियंत्रण व शक्ति मिल सके।

जब कभी ऐसा होता है तो – महिला, उसके परिवार तथा समुदाय–सभी को लाभ होता है। एक स्वास्थ्य व प्रसन्न महिला द्वारा अपने अन्दर निहित सामर्थ्य को सम्पूर्ण रूप से पूरा करने की अधिक सम्भावना होती है। इसके अतिरिक्त उसके बच्चे अधिक स्वास्थ्य होंगे, व अपने परिवार की बेहतर देखभाल कर सकेगी और इस प्रकार अपने समाज के प्रति अधिक योगदान कर सकेगी अत: किसी महिला के स्वास्थ्य की समस्या केवल उसकी समस्या नहीं होती है। महिलाओं का स्वास्थ्य एक सामाजिक व सामुदायिक मुद्दा है।

स्रोत

  • विमन एंड हेल्थ प्रोग्राम इंडिया १९९७
  • ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान, वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया