Child Education Plan: जब आप अपने बच्चे की शिक्षा के लिए बचत करना शुरू करते हैं, तो इस दौरान इन्फ्लेशन यानी मुद्रास्फीति का ध्यान रखना जरूरी होता है. भारत में पढ़ाई-लिखाई का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. हायर एजुकेशन की लागत और इसके संबंधित अन्य लागतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी माता-पिता के लिए चिंता का सबब बन रही है. जिस तरह लगातार महंगाई बढ़ रही है, इस हिसाब से आने वाले 15-20 सालों के बाद शिक्षा की लागत भी बढ़ जाएगी. अगर आप अपने बच्चे की शिक्षा के लिए सेविंग करने जा रहे हैं, तो निवेश करने से पहले बढ़ी हुई लागत की गणना कर लेनी चाहिए.
एक इंजीनियरिंग कोर्स जिसकी लागत आज लगभग 7 लाख रुपये हो सकती है, 16 साल बाद, 7 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के हिसाब से आपको इसमें 20 लाख रुपये से अधिक की लागत आएगी. इसी तरह, हायर एजुकेशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में आज के समय में लगभग 20 लाख रुपये का खर्च आता है, लेकिन इन्फ्लेशन के हिसाब से देखा जाए तो आने वाले 15-20 सालों में यह लागत बढ़कर 60 लाख रुपये हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स के पास एक स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य होना चाहिए और इसी आधार पर निवेश किया जाना चाहिए.
निवेश शुरू करने से पहले आप नीचे दिए गए फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आप यह पता लगा सकते हैं कि इन्फ्लेशन के हिसाब से आने वाले समय में किसी कोर्स में कितना खर्च आएगा.
बढ़ी हुई लागत (IC) = वर्तमान लागत (PC) (1+r/100)n
यहां
IC = भविष्य में किसी कोर्स में आने वाला खर्च है.
PV= वर्तमान में किसी कोर्स में आने वाला खर्च है.
R = इन्फ्लेशन रेट है.
n = जितने सालों में आप अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं.
मान लीजिए
PV = किसी कोर्स की वर्तमान लागत 5 लाख रुपये है.
R = इन्फ्लेशन रेट 7 फीसदी है.
n = लक्ष्य तक पहुंचने में लगने वाला समय 16 साल है.
इस फॉर्मूले के हिसाब से 16 साल बाद आपको किसी कोर्स में आने वाला खर्च होगा –
5 X (1+.07)^16 = 14.70 लाख रुपये
यहां आप देख सकते हैं कि जिस कोर्स की लागत आज के समय में 5 लाख रुपये हैं, उसकी लागत आज से 16 साल बाद 14.70 लाख रुपये हो जाती है. इसका मतलब है कि इस बढ़ी हुई लागत को ध्यान में रखते हुए ही पेरेंट्स को निवेश करना चाहिए. बढ़ी हुई लागत की गणना करने का कारण यह है कि इससे आपको पता चलता है कि असल में कितना सेविंग करना है. अगर आप इन्फ्लेशन को ध्यान में रखे बिना ही सेविंग करते हैं, तो इससे आपको भविष्य में दिक्कत आ सकती है.
हर महीने 850 रुपये की बचत करके 12 प्रतिशत की अनुमानित एनुअल ग्रोथ रेट पर आप 16 साल बाद 5 लाख रुपये प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए आपको 14.70 लाख रुपये की जरूरत होगी. इसके लिए आपको असल में हर महीने 2500 रुपये का निवेश करना होगा ताकि 16 साल बाद 14.7 लाख रुपये की रकम मिल सके.
इसी तरह, 15 साल बाद 1 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए, 12 प्रतिशत की अनुमानित ग्रोथ रेट पर आपको हर महीने 20000 रुपये का निवेश करना होगा. आप अपने इन्वेस्टमेंट की योजना बनाने और लंबी अवधि के लक्ष्यों तक आसानी से पहुंचने के लिए इन्फ्लेशन कैलकुलेटर कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
T & C apply