हिंदी भाषा और साहित्य के अमूल्य खजाना
COMMON COURSES IN HINDI FOR U.G. PROGRAMMES
For B.A./ B.Sc programmes
SEMESTER- І
1. Prose and Drama
Prescribed text books
1.Sahitya Sapthak – Ed:Prathibha Mudaliar – Aman Prakashan, 104A/80C Rambag, Kanpur.
2.Bina deevaron ke khar – Mannu Bhandari – Radhakrishna Prakashan, New Delhi - 2
SEMESTER- Π
1. Grammar correspondence and Translation
SEMESTER-Ш
1. Poetry in Hindi.
SEMESTER-ІV
1. Novel and Short Stories
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उषा प्रियंवदा -हिंदी के सशक्त महिला लेखिका
चर्चित प्रमुख बातें
वापसी एक भिन्न प्रकार की कहानी है। उसमें एक सेवानिवृत व्यक्ति का अभिशप्त रूप व्यक्त किया गया है। वह वापस उसी दुनिया में (परिवार) नहीं जा सकता जहाँ वह जाना चाहता है, या जा सकता है। आधुनिक पारिवारिक संरचना की यह अनिवार्य नियति है।
1.सेवानिवृत लोगों के हाल
2.समाज में बुजुर्ग लोगों का स्थान
3.समाज में आ रहे सासंकृतिक बदलाव
4.अपने अपने पिंजरे में बंध होनेवाले लोग
5.सेवारत और सेवानिवृत जीवन की तुलना
6.पारिवारिक विघटन
7.अकेलापन
8.रिश्तों में आ रहे बदलाव
9.पीढ़ियो का संघर्ष
10.अनुशासन हीनता
https://youtu.be/IbB69omaAB4
रामचंन्द्र शुक्ल
* आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि
*हिन्दी साहित्य का इतिहास प्रमुख रचना
*आलोचनात्मक ग्रंथ : सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रस मीमांसा आदि
*निबंधात्मक ग्रंथ : उनके निबंध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं।
*संगत का प्रभाव आचरण पर पड़ता है |
*मित्र का चुनाव कैसे करना है
*मित्र के गुण
*सच्चे मित्र का लक्षण
*मित्रता के गुण और दोष
*मित्रता में प्रेम की आवश्यकता
*बुरी बातों का असर कैसे पड़ते है
*कुसंग का प्रभाव
*समाज हमें क्या- क्या सिखाते है ?
*दूसरों से किस प्रकार का व्यवहार करना है
पूरा नाम -रामधारी सिंह 'दिनकर'
हिंदी साहित्य के कवी,लेखक और निबंधकार
राष्ट्र कवी के रूप में जाना जाता है
काव्य - उर्वशी(भारतीय ज्ञानपीठ से पुरस्कृत) ,रेणुका ,रश्मिरथी आदि
गध्य रचना -संस्कृति के चार अद्ध्याय ,रेती के फूल आदि
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें 1959 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया
गुंगिया
हरिशंकर परसाई
हिंदी साहित के जानेमाने व्यंग्यकार
कहानी-हंसते है और रोते है ,तब की बात और थी आदि
निबन्ध -अपनी अपनी बीमारी,सदाचार का तावीज़ आदि
उपन्यास -रानी नागफनी की कहानी ,ज्वाला और जल आदि
चर्चित प्रमुख बातें
+जीवन का तिरस्कार और मरण का सत्कार कर रहे है समाज
+आदमी और कुत्ते की मृत्यु और उसका कारण
+दुनिया इतनी बड़ी है कि कोई किसी का हिसाब नहीं रखता |
+अमीर और गरीब का अंतर
+तमाम दीवालें आदमियों ने खडी की है
विजिट लिंक - https://youtu.be/2wvwe1xWn5U
बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव
लमही गाँव में जन्म
उर्दू में 'नवाबराय' नाम से लिखते थे
यथार्थवादी परम्परा के नींव डालनेवाला लेखक
मुंशी दयानारायण निगम ने धनपत राय को प्रेमचंद नाम दिया
कहानियां -पूस की रात,नमक का दारोगा,कफन आदि
उपन्यास -गोदान,निर्मला आदि
नाटक -कर्बला
भारतीय गाँव का सही चित्रण
'हंस' और 'जागरण' पत्रिकाओं के संपादक
कलम का सिपाही ,उपन्यास सम्राट
स्वामी विवेकाननद
"बिना दीवारों के घर जो है उसकी दीवारें हैं, लेकिन लगभग ‘न-हुई’ सी है। एक स्त्री ‘अपने’ व्यक्तित्व की आँच में वे नहीं सभाँल पातीं, और पुरूष जिसको परम्परा ने घर के रक्षक, घर का स्थपति नियुक्त किया है, वह उन पिघलती दीवारों के सामने पूरी, तरह असहाय ! यह समक्ष पाने में कतई अक्षम कि पत्नी की परिभाषा भूमिका से बाहर खिल और खुल रही उस स्त्री से क्या सम्बन्ध बने ! कैसा व्यवहार किया जाए ! और यह सारा असमंजस, सारी सुविधा और असुरक्षा एक निराधार संदेह के रूप में फूट पड़ती है। आत्मा और परिपीड़न का एक अनन्त दुश्चक्र जिसमें घर की दीवारें अन्ततः भहरा जाती हैं। " - मन्नू भंडारी
नाटक के तत्व
नाटक के प्रमुख पात्र
शोभा ,अजित ,जीजी
मीना जयंत
चर्चित समस्याएं
भाषा के प्रकार - कथित भाषा और लिखित भाषा
भाषा के अंग - वर्ण- शब्द -वाक्य
व्याकरण = वर्ण- शब्द -वाक्य का वैज्ञानिक अध्ययन
वर्ण - दो प्रकार का स्वर और व्यंजन
11 स्वर और 33 व्यंजन
कुल ४४ वर्ण
लिपि - वर्णों के लिखने का क्रम
हिंदी देव नागरी लिपि में लिखी जाती है |
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शब्द
एक या एक से अधिक अक्षरों का सार्थक समूह है शब्द
शब्दों का वर्गीकरण 1. अर्थ के आधार पर
2.व्युत्पत्ति के आधार पर
3.उत्पत्ति के आधार पर
4.प्रयोग के आधार पर
अर्थ के आधार पर भेद 1.वाचक हबड
2.लाक्षणिक शब्द
3.व्यंजक शब्द
व्युत्पत्ति के आधार पर भेद - 1. रुढ
2.यौगिक
3. योगरूढ
उत्पत्ति के आधार पर -1.तत्सम
2.तद्भव
3.देशज
4.विदेशी
प्रयोग के आधार पर भेद -1.विकारी -संज्ञा,सर्वनाम ,क्रिया ,विशेषण
2.अविकारी -क्रियाविशेषण ,सम्बन्ध्बोधक ,समुच्चयबोधक विस्म्यादी बोधक
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विकारी शब्द
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1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.जातिवाचक संज्ञा
3.भाववाचक संज्ञा
1.पुरुषवाचक सर्वनाम ( उत्तम पुरुष,मध्यम पुरुष,अन्य पुरुष )
मैं,हम : तू,तुम आप : यह वह
2.निजवाचक सर्वनाम (अपने आप,स्वयं )
3.निश्चयवाचक सर्वनाम (यह,वह,ये,वे )
4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम (कोई,कुछ)
5.सम्बन्ध वाचक सर्वनाम (का,के,की )
6.प्रश्नवाचक सर्वनाम (क्या,कब ,क्यों ...)
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2.अकर्मक क्रिया
3.द्विकर्मक क्रिया
4.प्रेरणार्थक क्रिया
5.नामधातु क्रिया
6.संयुक्त क्रिया
7.सहायक किया
संयुक्त क्रिया : 1. आरम्भबोधक - लगना - वह पढ़ने लगा
2.स्मप्तिबोधक -चु कना वह पढ़ चुका है
3.शक्तिबोधक -सकना वह पढ़ सकता है
4.निश्चयबोधक - गिर पड़ा ,बोल उठा वह बीच ही में बोल उठा
5.अवकाश्बोधक -पाना वह जाने न पाया
6.अनुमातिबोधक -देना - मुझे बोलने दो
7.नित्यता बोधक -बोलता रहा... हवा चल रही है
8.आवश्यकता बोधक-पड़ना,चाहिए - यह काम मुझे करना पड़ता है;
9.इच्छा बोधक -चाहना - मैं खाना चाहता हूँ
10.अभ्यास बोधक- पढ़ा करना,रोया करना
क्रिया के रूपान्तर - काल
क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'काल' कहते है |
(1)वर्तमान काल (present Tense) - जो समय चल रहा है।
वर्तमान काल के पाँच भेद होते है-
(i)सामान्य वर्तमानकाल - राम पुस्तक पढ़ता है |
(ii)अपूर्ण वर्तमानकाल - राम पुस्तक पढ़ रहा है |
(III)संभाव्य वर्तमानकाल - राम पुस्तक पढ़ता होगा |
(2)भूतकाल(Past Tense) - जो समय बीत चुका है।
(i)सामान्य भूतकाल (Simple Past)- राम ने पुस्तक पढ़ा
(ii)आसन भूतकाल (Recent Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा है |
(iii)पूर्ण भूतकाल (Complete Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा था |
(iv)अपूर्ण भूतकाल (Incomplete Past) -राम पुस्तक पढ़ रहा था |
(v)संदिग्ध भूतकाल (Doubtful Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा होगा
(vi)हेतुहेतुमद् भूत (Conditional Past) -
(3)भविष्यत काल (Future Tense)- आने वाला समय
(i)सामान्य भविष्यत काल - राम पुस्तक पढ़ेगा
(ii)सम्भाव्य भविष्यत काल-राम पुस्तक पढ़े
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वाच्य
क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं
वाच्य के भेद
(1) कर्तृवाच्य (Active Voice) - क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। जैसे - राम केला खाता है।
(2) कर्मवाच्य (Passive Voice)-क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं राम से केला खाया जाता है |
(3) भाववाच्य (Impersonal Voice)-क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।
मुझ से बैठा नहीं जाता |
कर्तृवाच्य कर्मवाच्य
(1) गोपाल पत्र लिखता है। गोपाल से पत्र लिखा जाता है।
(2) मैं अख़बार नहीं पढ़ सकता। मुझसे अख़बार पढ़ा नहीं जाता।
(3) लड़कियाँ गीत गा रही हैं। लड़कियों द्वारा गीत गाए जा रहे हैं।
ने का नियम
1. कर्तृवाच्य में यदि कोई सकर्मक क्रिया भूतकाल के सामान्य,आसन्न,पूर्ण अपूर्ण भूतकाल रूपों में आता है तो कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति लगती है।
2.'ने' विभक्ति लगते समय क्रिया कर्ता के लिंग वचन के अनुसार न बदलकर कर्म के लिंग ,वचन के अनुसार बदलते है |
राम ने पुस्तक पढ़ी , सीता ने कपड़े खरीदे
3.वाक्य में कर्म के न रहने पर क्रिया हमेशा पुल्लिंग एक वचन में रहती है |
सीता ने खाया ,लडकों ने गाया
4.वाक्य में कर्म के साथ 'को विभक्ति लगने से क्रिया हमेशा पुल्लिंग एक वचन में रहती है
माँ ने बच्चों को खिलाया
5.बकना, बोलना, भूलना ,लाना क्रिया आते वक्त कर्ता के साथ 'ने' विभक्ति नहीं लगती |
visit लिंक https://nroer.gov.in/582e98b916b51c01d821cddf/file/58501ddc472d4a28051cb03f
विशेषण
वि कारी शब्द
शेषता,गुण,धर्म आदि का बोध कराता है व
शेषण के भेद 1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
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सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द –
सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के कुछ नियम इस प्रकार हैं-
1.शब्दान्त ‘अ’ को ‘आ’ में बदलकर-
छात्र – छात्रा
2.शब्दान्त ‘अ’ को ‘ई’ में बदलकर
दास – दासी
3.शब्दान्त ‘आ’ को ‘ई’ में बदलकर-
बेटा – बेटी
4.शब्दान्त ‘आ’ को ‘इया’ में बदलकर-
बूढ़ा – बुढि़या
5.‘इन’ प्रत्यय लगाकर-
माली – मालिन
6. ‘आइन’ प्रत्यय लगाकर-
चौधरी – चौधराइन
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संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध प्रकट हो उसे कारक कहते है|
कारक विभक्ति चिह्न
कर्ता कारक ने
कर्म कारक को
करण से
अपादान से
संप्रदान को ,के लिए
संबंध का,के,की
अधिकरण में ,पर
संबोधन है,अरे
सर्वनामों की कारक रचना
कारक एक वचन बहु वचन
कर्ता मैं ने हमने
कर्म मुझको /मुझे हमको/हमें
करण मुझसे हमसे
अपादान मुझसे हमसे
संप्रदान मुझको ,मेरे लिए हमें /हमारेलिए
संबंध मेरा/मेरे/मेरी हमारा/हमारे/हमारी
अधिकरण मुझे में /मुझ पर हममें /हम पर
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लिंग - स्त्री लिंग और पुल्लिंग
स्त्रीलिंग से पुल्लिंग ब्ब्नाने का नियम
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनानें का नियम
वचन -एकवचन और बहुवचन
एकवचन से बहु वचन बनाने का नियम
1. क्रियाविशेषण -क्रिया की विशेषता प्रकट करता है
2.संबंध बोधक - संज्ञा और सर्वनाम के साथ हो कर संबंध प्रकट करता है
3. समुच्चय बोधक -शब्दों और व्क्यों को मिलाता है
4.विस्मयादिबोधक-विस्मय,दुःख आदि मनोभाव प्रकट करता है
पत्र के प्रकार
1. वैयक्तिक पत्र
2. व्यावसायिक पत्र
3.कार्यालयीन पत्र
पत्र के गुण
@ सरल भषा शैली
@ स्पष्टता
@संक्षिप्तता
@प्रभावान्विति
@सजावट
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अनौपचारिक पत्र नमूना
स्थान का नाम ………
तिथि …………
पूजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम
आपका
नाम………
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औपचारिक पत्र नमूना
प्रेषक,
सेवा में,
विषय :।
आदरणीय/मान्यवर महोदय,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद,
दिनांक :
स्थान :
आपका आज्ञाकारी
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व्यावसायिक पत्र
प्रेषक ,
सेवा में,
प्र
विषय :
मान्यवर,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद,
दिनांक :
स्थान :
भवदीय
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नौकरी के लिए आवेदन पत्र
प्रेषक
सेवा में ,
विषय - नौकरी के लिए आवेदन पत्र
सन्दर्भ -
नाम -
पिता का नाम -
जन्म तिथि -
पता -
शैक्षणिक योग्यताएँ -
विशेष योग्यता -
अनुभव -
यदि श्रीमान ने दया कर उक्त पद नियुक्त कर लिया तो विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपने श्रम और ईमानदारीपूर्वक से आपको संतुष्ट कर दूँगा .
भवदीय
स्थान :
दिनांकः
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किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है।
अनुवाद प्रक्रिया में तीन सोपानों का उल्लेख है :
अनुवाद के प्रकार
शब्दानुवाद ,भावानुवाद ,छायानुवाद ,सारानुवाद ,आशु अनुवाद ,व्याख्यानुवाद ,आदर्श अनुवाद ,रूपान्तरण
हिंदी साहित्य काल विभाजन
1. आदि काल/वीरगाथा काल
2.भक्तिकाल - न्रिर्गुणभक्ति(ज्ञानाश्रयी,प्रेमाश्रयी )
सगुण भक्ति (राम,कृष्ण))
3.रीतिकाल
4.आधुनिक काल
https://youtu.be/LH_0Cuj8Wn8
भक्ति काल -स्वर्ण युग
कबीरदास - निर्गुण ब्भक्ति शाखा
सूरदास -सगुण भक्ति शाखा ,कृष्ण भक्ति
तुलसीदास -सगुण भक्ति शाखा,राम भक्ति
•भक्तिकाल के सगुणोपासक कवी
•कृष्ण भक्त कवी
•वात्सल्य और श्रृंगार के कवी
•वल्लभाचार्य के शिष्य
•अष्टछाप के कवी
•रचनाएँ - सूर सागर,सूरसारावली,साहित्य लहर
•बाल मनोविज्ञान के धनी
•सुमित्रानंदन पन्त
•छायावाद के सुकुमार कवी
•प्रकृति का प्रिय,माँ,सहचरी रूप में चित्रण
हिंदी साहित्य सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण(1961), ज्ञानपीठ(1968), साहित्य अकादमी, तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार[ दिया गया है |
•चिदम्बरा के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार
•छायावाद,मार्क्सवाद,गांधीवाद और अरविंदो दर्शन का प्रभाव
•कविता-पल्लव,चिदम्बरा आदि
•नाटक-ज्योत्स्ना
•मोह कविता में प्रकृति का सुंदर वर्णन
•सचचीदानंद हीरानानद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
•प्रयोगवाद,नयी कविता के प्रवर्तक
•संपादन-विशाल बहरत,दिनमान,नया प्रतीक,थाट,नव भारत टाइम्स
•संपादन-तारसप्तक,दूसरा सप्तक,तीसरा सप्तक और चौथा सप्तक
•कितनी नावों में कितनी बार कविता ज्ञान पीठ पुरस्कृत
•कविता- इत्यलम,बावरा अहेरी ,कितनी नावों में कितनी बार आदि
•उपन्यास – शेखर एक जीवनी,न्दी के द्वीप आदि
•यात्रा वर्णन- सहसा एक बूँद उझली
जापानी साम्राज्ञी कोमियो राजधानी नारा स्थित महाबोधि मन्दिर में बुद्ध के दर्शनार्थ जाते समय अचानक असमंजस में पड़ गर्इं। वे तय नहीं कर पा रही थीं कि भगवान बुद्ध को भेंट स्वरूप क्या लेकर जाया जाए?
•सम्राज्ञी का नैवेध्य दान कविता में भक्ति का सही रूप का चित्रण
•सम्राज्ञी का नैवेध्य दान कविता जापान के सम्राज्ञी कोमिओ के बारे में
•सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
•छायावादी कवी
•कविता –परिमल,अनामिका तुलसीदास आदि
कहानी संग्रह
•उपन्यास
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•बादल राग' कविता में विप्लव का आह्वान 'बादल राग', 'अनामिका' से लिया गया है
प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार
समकालीन जनधर्मी कवी
-अलका,निरुपमा आदि
•रेखाचित्र-कुल्ली भात आदि
•निबंध- रवीन्द्र कानन कुसुम ,एक साहित्यिक की डायरी, नयी कविता का आत्मसंघर्ष और नये साहित्य का सौंदर्य शास्त्र
जिन्दगी की असलियत पहचानने की कोशिश
‘ए इंसानों’ मार्क्सवादी चेतना से युक्त कविता
•हिंदी के सशक्त कवयित्री
•नारी विमर्श
कविता संग्रह
1. सात भाइयों के बीच चम्पा - 1994
2. इस पौरूषपूर्ण समय में - 1999
3. जादू नहीं कविता - 2002
4. रात के संतरी की कविता।
5. चाहत
6. कविता की जगह।
7. आखेट।
8. कुहेर की दीवार खड़ी है।
•‘अपराजिता’ कविता में नारी के अपराजित रूप का चित्रण
•नारी को तथा कथित ढांचों से निकलने का आह्वान
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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हिंदी के कवि एवं साहित्यकार
तीसरे सप्तक के कवि एवं समकालीन कविता के महत्वपूर्ण कवि
उनकी कविताओं का बड़ा हिस्सा लोक-जीवन से जुड़ा है।
सर्वेश्वर की कविताओं में गाँव अपने संपूर्ण परिवेश और पूरी जीवन्तता के साथ उभरता है।
प्रमुख रचनाएँ
1. तीसरा सप्तक – सं. अज्ञेय, 1959 2. काठ की घंटियां – 19599
3. बांस का पुल – 1963 4. एक सूनी नाव – 1966
5. गर्म हवाएं – 1966 6. कुआनो नदी – 1973
7. जंगल का दर्द – 1976 8. खूंटियों पर टंगे लोग – 1982
9. क्या कह कर पुकारूं – प्रेम कविताएं10. कविताएं (1)
11. कविताएं (2)12. कोई मेरे साथ चले
1. पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास) –
2. सोया हुआ जल (लघु उपन्यास) –
3. उड़े हुए रंग – (उपन्यास) यह उपन्यास सूने चौखटे नाम से 1974 में
4. कच्ची सड़क
नाटक
1. बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन)
2. लड़ाई – 1979
3. अब गरीबी हटाओ – 1981
4. कल भात आएगा तथा हवालात
कविता के मुख्य आशय
-आधुनिक समय में हिन्दी भाषा की प्रमुख कहानीकार और उपन्यासकार हैं।
-समकालीन हिन्दी कविता की सर्वाधिक चर्चित कवयित्रि
-राजभाषा परिषद् पुरस्कार, साहित्य सम्मान, भारतभूषण अग्रवाल एवं केदार सम्मान पुरस्कारों से सम्मानित
कविता संग्रह : गलत पते की चिट्ठी, बीजाक्षर, अनुष्टुप, समय के शहर में, खुरदुरी हथेलियाँ, दूब धान .
आलोचना : पोस्ट -एलियट पोएट्री, स्त्रीत्व का मानचित्र , तिरियाचरित्रम, उत्तरकाण्ड, मन मांजने की जरुरत, पानी जो पत्थर पीता है।
कहानी संग्रह : प्रतिनायक
उपन्यास : अवांतरकथा, पर कौन सुनेगा, दस द्वारे का पिंजरा, तिनका तिनके पास
अनुवाद : नागमंडल (गिरीश कर्नाड), रिल्के की कवितायेँ , एफ्रो- इंग्लिश पोएम्स, अटलांट के आर-पार (समकालीन अंग्रेजी कविता), कहती हैं औरतें ( विश्व साहित्य की स्त्रीवादी कविताएँ )
कविता के मुख्य बिंदु
१.नारी की पीड़ा का वर्णन
२.नारी की सपना अधूरा रहते है
३.अस्तित्व विहीन हो रहे नारी का वर्णन
४.शिक्षा अधूरा,सपना अधूरा,ज़िन्दगी अधूरा
कविता संग्रह : आँख हाथ बनते हुए, शब्द लिखने के लिए ही यह कागज बना है, गंगातट, संशयात्मा, भिनसार
संशयात्मा' शीर्षक कविता संग्रह पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
काव्य-नाटक : एकचक्रानगरी
कथेतर गद्य : पढ़ते-गढ़ते
बी-3/12, अन्नपूर्णानगर, विद्यापीठ मार्ग, वाराणसी-221002 (उ.प्र.)
https://youtu.be/_cPKKM_RDbw
कविता के मुख्य बिंदु
-सामाजिक समस्याओं का चित्रण
-प्रकृति के प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित दोहन
-हिमालय को एक प्रहरी या संरक्षक रूप में चित्रीकरण
-नदी एक छोटी सी साबुन की टिकिया के सामने हार मानती है
-साबुन की टिकिया औद्योगिक पूँजीवाद की बिटिया है।
-साबुन का इस्तेमाल पानी के जीवनपोषक गुणों का अंत करता है।
-मानव का प्रकृति पर अत्याचार
-हिंदी के प्रमुख दलित साहित्यकार
-हिंदी में दलित साहित्य के विकास में ओमप्रकाश वाल्मीकि की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
दलित साहित्य: अनुभव, संघर्ष एवं यथार्थ (२०१३) राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली
कविता के मुख्य बिंदु
'बस्स! बहुत हो चुका' की बात है, यह 1997में प्रकाशित हुआ
ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविताओं में भरपूर व्यंग्य है
‘बस्स! बहुत हो चुका’ कविता संग्रह में कविताओं का केंद्र ‘अस्पृश्यता’
दलित जीवन में वसन्त शायद कभी आया ही नहीं
वाल्मीकि समस्त दलित समाज के वक्ता बन उनकी वाणी को स्वर देते हैं
नागार्जुन -भूमिजा
मूल नाम - वैध्यनाथ मिश्र
आधुनिक युग का कबीर
हिंदी का क्मात्र जनकवि
मैथिलि भाषा में ' यात्री 'नाम से लिखते थे
बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद 'नागार्जुन ' नाम स्वीकारा
प्रगतिवादी कवि
खंडकाव्य: भस्मांकुर, भूमिजा
अन्य : एक संस्कृत काव्य "धर्मलोक शतकम्" तथा संस्कृत से कुछ अनूदित कृतियों के रचयिता
भूमिजा काव्य प्रमुख मुद्दे
प्राचीन कथा-प्रसंगों को आधुनिक सन्दर्भ में प्रस्तुति
1.नारी के प्रति कभी क्रूर नहीं होंगे
2.दूसरा विवाह नहीं करेगा
3.सदा एक पत्नी व्रत रखेगा
4.अन्य स्त्रीयों को छुएगा नहीं
'लौटे हुए मुसाफिर'- लघु उपन्यास
कमलेश्वर का इस उपन्यास पर बात सुनने के लिए विज़िट करें
- https://youtu.be/v2L1E2b-Y1U
भारत- पाकिस्तान बंटवारे की समस्या को लेकर हिंदी कथा साहित्य में कई उपन्यास और कहानियाँ लिखी गई है। 'लौटे हुए मुसाफिर' उपन्यास में कमलेश्वर ने मुख्यतः बंटवारे के वक्त के मध्यमवर्गीय जीवन के यथार्थ को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है |विभाजन को विषय बनाकर लिखे गए उनके साहित्य में नफरत और टूटते मानवीय मूल्यों की छटपटाहट देख पाएँगे| विभाजन के कारण मानव जीवन में उत्पन्न विडम्बना पूर्ण स्थितियों का मर्मस्पर्शी चित्रण भी देख पाएँगे ।
'लौटे हुए मुसाफिर' कस्बों के छोटी सी बस्ती में, विभाजन के पहले, विभाजन के समय, तथा विभाजन के बाद घटने के रूप में चित्रित किया है| उपन्यास के पहले ही वाक्य 'सिर्फ नफरत की आग ने इस बस्ती को जलाया था'" से विभाजन का प्रभाव स्पष्ट होता है| 'लौटे हुए मुसाफिर' उपन्यास का आरंभ में सांप्रदायिक एकता का चित्र हमारे सामने प्रस्तुत होता है क्योंकि यहाँ की जनता संकुचित सांप्रदायिकता और राजनीति से अंजान थी।बँटवारे के बाद लोग एक दुसरे से अलग होने लगे |
बड़ी शांति से अपनी- अपनी जिंदगी बिता रहे, बस्ती की विधवा नसीबन छोटे- मोटे काम करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही है। दिन भर इधर- उधर घूमनेवाला जुम्मनसाईं,सत्तार,सलमा,बच्चन साइकिल दुकान वाला रतन, ठाकुर, गुप्ता, जाफर मियाँ, चैबे जैसे कई पात्र हैं।
एक दिन सलमा का पति मकसूद और अलीगढ़ का सियासी कारकुन यासीन आ जाते हैं|मकसूद, यासीन और साईं तीनों मिलकर मस्जिद में बैठक करने लगते हैं। ये तीनों बस्ती के लोगों के मन में हिंदुओं के प्रति, कांग्रेस और गांधीजी के प्रति, नफरत की आग फैलाते है।जिसके फलस्वरूप बस्ती में संघ का प्रवेश होता है, नफरत की चिंगारी धीरे-धीरे फैलने लगती है| 16 अगस्त 1946 को पाकिस्तान बनने की घोषणा होती है |तब से बटी माहौल और बदलते है |नसीबन जानती है कि- 'पाकिस्तान बनने का कोई मतलब नहीं है इस बस्ती के लिए। अरे पूछो कोई क्या बदलेगा अपना नसीब जो है वही रहेगा'।
विभाजन के बाद यहाँ के और आसपास के अमीर मुसलमान धीरे-धीरे पाकिस्तान की ओर गये | अनेक लोग बस्ती छोड़कर जाने का निर्णय ले लेते हैं। चीकवों की इस पूरी बस्ती में केवल अब तीन ही ही लोग बाकी बचा है ,जो कहीं नहीं जाते, साईं, इश्तिहार तांगेवाला और नसीबन। बाद में पता चला कि यहाँ से जो लोग पाकिस्तान के लिए चले थे, वे पाकिस्तान पहुंच ही नहीं पाए, जो अमीर थे वह लोग पहुंच गए, लेकिन गरीब अपनी गरीबी मिटाना चाहते थे पैसों के अभाव में वह पाकिस्तान तक पहुंच नहीं सके।
ेंसालों के बाद कुछ नौजवान फिर इस बस्ती की ओर वापस लौट रहे हैं। यह वे ही नौजवान है, जिनके माँ- बाप पाकिस्तान और संपन्नता के सपने लेकर इस बस्ती को छोड़कर चले गए थे। इनका बचपन इसी बस्ती में बीता था नसीबन बहुत खुश है वह लौटे हुए मुसाफिर को उनके टूटे- फूटे घरों तक पहुंचाती है।
चिक्वों के बस्ती के करीब 60 वर्षों का इतिहास 'लौटे हुए मुसाफिर' में चित्रित है। कमलेश्वर के उपन्यास में समाज के शोषित निम्न वर्ग को केंद्र में रखा गया है, जिनका नफरत की आग फैलाने में जिसका सबसे अधिक उपयोग राजनीतिज्ञों तथा धर्मांधों ने किया है।
रचनाये
कहानी 300 से ज़्यादा कहानियाँ
बाल साहित्य : रामकथा, कुत्ते की कहानी
विचार : प्रेमचंद : विविध प्रसंग, प्रेमचंद के विचार (तीन खंडों में)
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मुख्य पात्र - हल्कू, मुन्नी ,सहना और जबरा
दिव्या
देशद्रोही
दादा कामरेड
अमिता
मनुष्य के रूप आदि
कहानी संग्रह
पिंजरे की उड़ान
फूलो का कुर्ता
धर्मयुद्ध
सच बोलने की भूल
भस्मावृत चिंगारी
उत्तनी की मां
चित्र का शीर्षक आदि
'देव पुरस्कार' (1955)
'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' (1970)
'मंगला प्रसाद पारितोषिक' (1971)
'पद्म भूषण'
साहित्य अकादमी पुरस्कार
कहानी संग्रह : क्वार्टर तथा अन्य कहानियाँ, पहचान तथा अन्य कहानियाँ, वारिस तथा अन्य कहानियाँ, नए बादल, मोहन राकेश की संपूर्ण कहानियाँ
नाटक : अषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे
डायरी : मोहन राकेश की डायरी
यात्रा वृत्तांत : आखिरी चट्टान तक
निबंध संग्रह : परिवेश
अनुवाद : मृच्छकटिक, शाकुंतलम
संपादन : सारिका, नई कहानी
कहानी सुनें - https://youtu.be/yW13xa4_AFg
निबंध : रंग ढंग, चुकते नहीं सवाल
व्यंग्य : कर लेंगे सब हज़म, खेद नहीं है
यात्रा वृत्तांत : कुछ अटके कुछ भटके
नाटक : एक और अजनबी, जादू का कालीन, कितनी कैदे
मुख्य पात्र - पेड़ ,चीन से आये पंछी
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IV SEMETER B.A/B.Sc
HINA10 NOVEL AND SHORT STORIES
MODEL QUESTION PAPER
I वस्तुनिष्ठ उत्तर लिखिए:(प्रशन संख्या 1 से 10 तक के सभी प्रशनो के उत्तर अनिवार्य है)
कोष्ठको से सही उत्तर चुनकर लिखिए:
1)'आकाश दीप 'किसकी रचना है?
(प्रेमचंद,जयशंकर प्रसाद,यशपाल,मोहन राकेश)
2)प्रेमचंद की पहली कहानी का नाम क्या है?
(सौत,कफन,सोतेवतन,आत्माराम,)
3)नसीबन किस रचना का पात्र है?
(पूस की रात,आकाश दीप,दुख,लौटे हुए मुसाफिर)
4) दिलीप की पत्नी का नाम क्या है?
(मुन्नी,हेमा,नलिनी,जया)
5) चंपा किस कहानी के पात्र है
(आकाश दीप,दुख,लौटे हुए मुसाफिर)
6)'लौटे हुए मुसाफिर 'किसकी रचना है?
7)'दलित ब्राह्मण' के पत्रों के नाम लिखिए ?
8)हल्कु कौन है ?
9)'इक्कीसवीं सदी के पेड़' कहानी के मुख्य पात्र कौन है?
10)दीशी कौन है? (10 X 1=10)
II किन्हीं दस प्रशनों को उत्तर दो तीन वाक्यों में लिखिए
11)सहना हल्कु के घर आने का कारण क्या है?
12)बुद्धगुपत कौन है?
13)लेखक के साथ सैर कर रही औरत कहाँ से आ रही थी?
14)'दुःख ' कहानी के पात्रों के नाम लिखिए?
15)दिलीप ने पत्नी के पत्र क्यों फाड डाला?
16)पेड़ को जानकारीयों कैसे मिलते थे?
17)चंपा कैसे बन्दी हो गई?
18)हेमा क्यों अपनी पती को रूढ़ कर चली गई?
19)चंपा क्यों दीप जलाती थी?
20)कुरील साहब दुखी होने का कारण क्या था?
21)रात में पेड़ क्यों हँसते थे?
22)जगतु की माँ कौन सी काम करती थी? > (10 X 2=20)
IIIकिन्हीं चार प्रश्नों को संक्षिप्त उत्तर लिखिए
23)'दुख' कहानी का उददेश्य क्या है?
24)स की रात कहानी’ पर अपना विचार रखे।
25)नसीबन का चरित्र चित्रण कीजिए।
26)जयशंकर प्रसाद जी की कहानी 'आकाश दीप 'की कथावस्तु कीजिए।
27)मृदुला गग॔ जी ने अपनी कहानी में पेड़ के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण पर बहुत बातें कहते है।इस पर एक टिप्पणी लिखिए।
28)'अपरिचित 'कहानी के भाषा शैली के बारे में लिखिए। (4 X 5=20)
किन्हीं दो प्रश्नों को विस्तृत उत्तर लिखिए (2 X 15=30)
29)कहानी के तत्वों के आधार पर 'इक्कीसवीं सदी की पेड़' का मूल्यांकन कीजिए।
30)'पूस की रात ' कहानी में किसानों के बारे में कहते है। इस पर अपना विचार स्पष्ट कीजिए
31)उपन्यास के तत्वों के आधार पर 'लौटे हुए मुसाफिर 'का मूल्यांकन कीजिए?
PREPARED BY
Shahana Thasneem M,
4th semester BSC PHYSICS