रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे
मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-
'कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'
भय व संशय निवृत्ति के लिए-
'रामकथा सुन्दर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी।।'
अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
'मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'
भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना।।'
विपत्ति नाश के लिए-
'राजीव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'
रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
'दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'
आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
'बिस्व भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।'
विद्या प्राप्ति के लिए-
'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।।'
संपत्ति प्राप्ति के लिए-
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'
शत्रु नाश के लिए-
'बयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।'