कलियां महके बनके फूल । संस्कार बनते जीवन के मूल ।।
कलियां महके बनके फूल । संस्कार बनते जीवन के मूल ।।
एक-एक बालक ईश्वर की अनंत शक्तियों का एक पुंज है । किसी में आद्य गुरु शंकराचार्य तो किसी में स्वामी रामतीर्थ, किसी में महात्मा बुद्ध तो किसी में महावीर स्वामी, किसी में विवेकानंद जी तो किसी में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता छुपी है । आवश्यकता है केवल उन्हें सही दिशा देने की !! हम चाहते हैं कि ‘बाल संस्कार केन्द्र’ में बच्चों को ऐसा तेजस्वी बनायें कि देशवासियों के आँसू पोंछने के काम करें ये लाल और देश को फिर से विश्वगुरु के पद पर पहुँचायें ।
– पूज्य संत श्री आशारामजी बापू