प्रिये मित्रों,
बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए कई संगठन, कई संस्थान, कई व्यक्ति एवं व्यक्तियों का समूह अपने-अपने स्तर और अपने-अपने तरीके से राहत कार्य पहुँचा रहे हैं। यह एक सुखद अनुभूति है। कोई रोटी- अचार, कोई पुड़ी-सब्जी, कोई लिट्टी, कोई चिउरा-मीठा , मोमबत्ती-माचिस, टर्च, तो कोई सर ढकने के लिए तिरपाल, कोई कपड़ा , तो कोई दवाइयां अर्थात रोजमर्रे की जरुरत की हर वो चीज जिसे उन्हें जरुरत है, पहुँचा रहे हैं। मगर जितनी बड़ी त्रासदी है, उसके अनुपात में पहुंचने वाली राहत सामग्री बहुत ही कम है। मानवता कराह रही है और उम्मीद भरी नजरों से आपकी ओर टकटकी लगाए देख रही है। आपभी इनकी मदद कर सकते है। पहला राहत सामग्री संचय कर , दूसरा संचित राहत सामग्री पीड़ितों तक पहुँचा कर एवं अंतिम और तीसरा विकल्प, राहत कार्य में लगे लोगों एवं संस्थाओं को दान देकर।
हम में से बहुत सारे लोगों ने अपनी भागीदारी निभा दी है।
क्या आपने अपने हिस्से की भागीदारी निभाई हैं ? यदि नहीं तो जल्दी करें, आपके सहयोग की उन्हें जरुरत हैं। कृपया इसे शेयर कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाये, ताकि राहत कार्य में और तेजी आ सके एवं मानवता की सेवा की जा सके।
धन्यवाद!
बाढ़ पीड़ितों को मदद करने के लिए एस.एस.पब्लिक स्कूल के बच्चे सड़क पर चन्दा इकट्ठा करने निकल गए हैं। ये बच्चे खुश क्यों नहीं हो क्योंकि जिन्दगी में पहली बार सामाजिक दायित्व को निभाने का उनको मौका मिला हैं । चन्दा इकट्ठा करने के लिए अभी तीन दिन बाकी है
99.99%लोग हमारे कार्य की सराहना की है लेकिन 0.1% लोग इसकी आलोचना भी किये हैं। एेसे लोगों से हमें यह कहना है कि हम बच्चों को किताबी कीड़ा नहीं बनाना चाहते है बल्कि उनके अन्दर राष्ट्रवाद,शांति पूर्वक सहअस्तित्व और सामाजिक दायित्व की भावना जागृत करना चाहते हैं। एेसे बच्चों पर हमें गर्व है जो चिलचिलाती धूप में अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का पालन कर रहे हैं। हमलोग उन सभी के अाभारी है जिन लोगों ने बच्चों के उत्साह को बढाया।
धन्यवाद!!