गद्यखण्ड 

श्रम की प्रतिष्ठा - आचार्य विनोबाभावे

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

क)  ` श्रम की प्रतिष्ठा ’ किस विधा की रचना है ?

i) कहानी ii) कविता  iii) निबंध  iv)एकांकी

उत्तर :  iii) निबंध

ख) श्रम की प्रतिष्ठा के लेखक का नाम है–

i) अचार्य रामचंद्र शुक्ल  ii)जयशंकर प्रसाद  iii) आचार्य विनोबा भावे iv) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

उत्तर : iii) आचार्य विनोबा भावे

ग) जो शख्स पसीने से रोटी कमाता है वह हो जाता है  –

i) वीर पुरुष  ii) धर्म पुरुष  iii) कायर पुरुष iv) महापुरुष

उत्तर : ii) धर्म पुरुष

घ) आज समाज में किसकी प्रतिष्ठा नहीं है?

  i)श्रम की  ii) मन की  iii) तन की iv) धन की

उत्तर : i) श्रम की



लघूत्तरीय प्रश्न :

1•  आचार्य विनोबा भावे का वास्तविक नाम क्या था?

उत्तर : आचार्य विनोबा भावे का वास्तविक नाम विनायक राव भावे था |

2•  पृथ्वी का भार किसके मस्तक पर स्थित है?

उत्तर : पृथ्वी का भार शेषनाग के मस्तक पर स्थित है|

3• किसने मजदूरों को कर्मयोगी कहा है?

उत्तर : भगवान ने मजदूरों को कर्मयोगी कहा है |

4•  कौन सा शख्स धर्म पुरुष हो जाता है?

उत्तर : जो शख्स पसीने से रोटी कमाता है वह धर्म पुरुष हो जाता है |

5• अपने समाज में किसकी प्रतिष्ठा नहीं है?

उत्तर : अपने समाज में श्रम की प्रतिष्ठा नहीं है |


बोधमूलक  प्रश्न

1 • धर्म पुरुष किसे कहा जाता है?

उत्तर :  कुछ मजदूर दिन भर मजदूरी करते हैं और पसीने से रोटी कमाते हैं |जो पसीने से रोटी कमाता है वह व्यक्ति धर्म पुरुष कहा जाता है|

2• कौन से लोग हैं जो खा सकते हैं और आशीर्वाद दे सकते हैं, काम नहीं करते ?

उत्तर :  ज्ञानी अर्थात विद्वान लोग खा सकते हैं और आशीर्वाद दे सकते हैं,पर काम नहीं करते ।

3• ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ निबंध का सारांश लिखिए|

उत्तर : श्रम की प्रतिष्ठा आचार्य विनोबा भावे जी का एक महत्वपूर्ण निबंध है जिसमें उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न कुछ श्रम करते रहने की ओर प्रेरित करना चाहा है| उनका विचार है कि हमारे देश में स्वयं को संपन्न व  बौद्धिक समझने वाले नागरिक श्रम से बचते हैं |यहां श्रम करने वालों को निम्न श्रेणी का माना जाता रहा है परंतु श्रम करने वाला सदैव महत्व होता है | वे श्रमिको को  शेषनाग सिद्ध करते हुए उसकी महत्वपूर्ण भूमिका व उत्तरदायित्व को संकेत करते हैं | जो श्रम करते हैं , वे  अपने जीवन में पाप से दूर रहते हैं| उन्होंने रामायण में  से सीता जी तथा महाभारत में से भगवान श्री कृष्ण का उदाहरण देकर श्रम के महत्व को स्थापित किया है|


4) ‘श्रम की प्रतिष्ठा ’ निबंध से क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर : आचार्य विनोबा भावे द्वारा प्रस्तुत निबंध ‘श्रम की प्रतिष्ठा’ से निम्नलिखित प्रेरणा मिलती है –

i)  प्रस्तुत निबंध के लेखक ने परिश्रम के महत्व को स्पष्ट किया है एवं प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न कुछ परिश्रम करने की प्रेरणा दिए हैं । क्योंकि अगर हम बिना काम किए खाते हैं तो हमारे जीवन पापी बनता है।

ii) दिमागी काम करने वालों तथा शारीरिक परिश्रम करने वालों का वेतन समान होना चाहिए, जब यह होगा तब श्रम का प्रतिष्ठा होगी।


5) ‘‘ लेकिन सिर्फ कर्म करने से कोई कर्मयोगी नहीं होता’’  — इसके रचनाकार का नाम बताते हुए पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर  : इस पंक्ति के रचनाकार आचार्य विनोबा भावे हैं। केवल काम करने से कोई कर्मयोगी नहीं होता। विवशता से जो कर्म करता है‚ कर्म को वो पूजा नहीं समझता, वह कर्मयोगी नहीं है।


      विचार और कल्पना:

1.  शरीर श्रम से हमारे जीवन को कठिनाइयों मुक्त रखते हैं —किसान, मजदूर, मेहतर।  इनके योगदान के बारे में पांच– पांच वाक्य लिखिए।

उत्तर: किसान—किसान अन्नदाता हैं जो हमारे लिए अन्न  पैदा करते हैं। वर्षा ,धूप ,ठंड इत्यादि में कड़ी मेहनत करते हैं ।हमारी तरह वह चैन की नींद नहीं लेते । वो अपने भाग्य पर निर्भर नहीं रहते ।किसान अपने कड़े परिश्रम पर भरोसा करते हैं।

    मजदूर :  मजदूर हमारे समाज का सबसे महत्वपूर्ण तथा श्रमिक व्यक्ति होता है। यह हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है। हमारे देश में मजदूरों के कारण देश का विकास सम्भव है ,वरना मशीनरी  में काफी खर्च की जरूरत पड़ती है। मजदूर सारा दिन कठिन परिश्रम कर अपना भरण-पोषण करते हैं। यह संपूर्ण जीवन देश की सेवा करते हैं।

  मेहत्तर—मेहतर हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है ।यह हमारे गलियों, सड़कों इत्यादि की सफाई करते हैं। यह ना होते तो हमारा परिवेश गंदगी युक्त होता। यह किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझते हैं । ये हमे शारीरिक श्रम से बचाते हैं एवं खुद  श्रम करते हैं।


2. ‘परिश्रम सफलता की कुंजी है ’ इस विषय पर कक्षा में अपने शब्दों में वक्तव्य दें।

    उत्तर :  परिश्रम ही सफलता की कुंजी है सफलता की पहली कुंजी श्रम है इसके बिना सफलता का स्वाद कभी भी नहीं चखा जा सकता है, जिंदगी में आगे बढ़ना है, सुख सुविधा से रहना है, एक मुकाम हासिल करना है, तो इंसान को श्रम करना होता है। भगवान ने श्रम करने का गुण मनुष्य के साथ-साथ सभी जीवो को भी दिया है ।पक्षी को भी सुबह उठकर अपने खाने-पीने का इंतजाम करना पड़ता है।महात्मा गांधी जी दिमागी काम तो करते थे, फिर भी थोड़ा सा समय निकालकर दिन में सूत काट ही लेते थे।                    


जितने भी महापुरुष ,विद्वान हुए हैं उन्होंने भी परिश्रम के महत्व को समझते थे जैसे ईश्वर चंद्र विद्यासागर इत्यादि


अतः हमें भी श्रम करनी चाहिए तभी हमें सफलता की कुंजी प्राप्त होगी।


     भाषा बोध

1. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कर लिंग निर्णय करें—

पृथ्वी ,कर्मयोगी ,तालीम, प्रतिष्ठा ,मजदूर ,इज्जत, व्यवस्था।

उत्तर:  i) पृथ्वी—अगर शेषनाग का आधार टूट जाए तो पृथ्वी स्थिर नहीं रह सकेगी। (स्त्रीलिंग)

      ii) कर्मयोगी—सिर्फ कर्म करने से कोई कर्मयोगी नहीं होता।( पुलिंग )

     iii) तालीम — हर लड़के को अच्छी तालीम मिलनी चाहिए ।(स्त्रीलिंग)

      iv) प्रतिष्ठा —जब सभी वर्गों के कामों का मूल्य समान होगा तब श्रम की प्रतिष्ठा होगी। (स्त्रीलिंग)

v) मजदूर — मजदूर दिन भर परिश्रम करता है। (पुलिंग)

       vi) इज्जत —अच्छे कामों से इज्जत बढ़ती है। (स्त्रीलिंग)

       vii) व्यवस्था —हमारे यहां खान –पान की अच्छी व्यवस्था है।( स्त्रीलिंग)


2. निम्नलिखित वाक्यांश में आए कारक  विभक्तियों का नाम लिखिए—

क) रामायण में भी कहानी हैं।

उत्तर : रामायण में –अधिकरण कारक।

ख) सीता का जाना कैसे होगा?

उत्तर : सीता का –संबंध कारक।

ग) धर्मराज ने राजसूय यज्ञ किया था।

उत्तर: धर्मराज ने– कर्ता कारक ।                             

राजसूय यज्ञ –कर्म कारक।

घ) बुड्ढों को काम से मुक्त रहना ही चाहिए।

उत्तर: बुड्ढों को – कर्म कारक।

3. निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए—

उत्तर :   पृथ्वी— आकाश।       

पाप —पुण्य।         

नालायक —लायक।              

जीवन —मरण।  

उपकारी —अपकारी।          

उचित — अनुचित।

नीच —ऊंच।

4. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए—

पृथ्वी ,भगवान ,रात, शरीर ,लज्जा ।                

उत्तर :  पृथ्वी – धरती, धरा, भूमि।

भगवान –परमात्मा, प्रभु, जगदीश।

रात –रात्रि, रैन ,रजनी ,निशा ।

शरीर– देह, तन, काया।

लज्जा– लाज, शर्म , हया । 










सुभान खाँ   - रामबृक्ष बेनीपुरी 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) लेखक सुभान दादा से कौन-सी सौगात लाने के लिए कहता है?

(i) बादाम

(ii) खजूर

(iii) छुआरे

(iv) मटर

उत्तर : (iii) छुआरे

(ख) जियारत का अर्थ है-

(i) यात्रा करना

(ii) भ्रमण करना

(iii) तीर्थ यात्रा करना

(iv) नौका यात्रा करना

उत्तर : (iii) तीर्थ यात्रा करना

(ग) किस दिन लेखक को बचपन में मुसलमान बच्चों की तरह कूदना पड़ता था।

(i) ईद

(ii) बकरीद

(iii) मुहर्रम

(iv) शबे-बारात

उत्तर : (iii) मुहर्रम

(घ) सुभान दादा का क्या अरमान था?

(i) वृद्धा आश्रम बनाने का

(ii) बाल सुधार गृह बनवाने का

(iii) अस्पताल बनाने का

(iv) मस्जिद बनाने का 

उत्तर : (iv) मस्जिद बनाने का।


लघुउत्तरीय प्रश्न

1. सुभान खाँ का घर किसका अखाड़ा था?

उत्तर : सुभान खाँ का घर बच्चों का आखाड़ा था। पोते-पोतियों, नाती-नातियों की भरमार उनके घर में थी।

2. मजदूरी करने की विषय में उनकी क्या राय थी?

उत्तर : उनकी राय थी कि काम करते हुए अल्लाह को न भूलना और अल्लाह से फुर्सत पाकर फिर अपने काम में जुट जाना चाहिए।

3. लेखक के मामा और सुभान दादा अपने किन पर्वों पर एक दूसरे की नहीं भूलते थे।

उत्तर : लेखक के मामा होली, दिवाली पर और सुभान दादा ईद-बकरीद पर एक दूसरे को नहीं भूलते थे।

4. लेखक के सौगात माँगने पर सुभान दादा ने क्या कहा?

उत्तर : लेखक के सौगात माँगने पर सुभान दादा ने कहा कि वहाँ के लोग खजूर और छुआरे लाते है।

5. पश्चिम दिशा की तरफ मुँह करके सुभान दादा क्यों नमाज पढ़ते थे?

उत्तर : पश्चिम ओर से मुल्क में अल्लाह के रसूल आए थे। जहाँ से रसूल आए थे वहाँ तीर्थ है। इसलिए सुभान दादा तीर्थों की ओर मुँह करकें नमाज पढ़ते थे।


बोध मूलक प्रश्न

1. सुभान दादा कर्ज के पैसे से क्यों नहीं जाना चाहते थे?

उत्तर : कर्ज के पैसे से तीर्थ करने में सवाब (तीर्थ का फल) नहीं मिलता। इसलिए दादा कर्ज के पैसे से नहीं जाना चाहते थे।

2. सुभान दादा का क्या अरमान था, वह कैसे पूर्ण हुआ?

उत्तर : सुभान दादा का अरमान मस्जिद बनाने का था। दादा एक साधारण राजमिस्त्री थे, पर उनका दृढ निश्चय था मस्जिद बनवाने का। उनके लड़के पैसे कला कमा लिए थे। लेखक के मामा ने अपने बगीचे से मस्जिद की सारी लकड़ी दी। दादा ने अपनी जिन्दगी भर की सारी कमाई लगा दी। सारे नक्शे उन्होंने खोंचे थे। उनको निगरानी में मस्जिद बनकर तैयार हो गई।

3. इस पाठ की किन घटनाओं से साम्प्रदायिक एकता का पता चलता है?

उत्तर : लेखक का बचपन में सुभान खाँ के साथ जो स्नेहपूर्ण व्यवहार, बातें होती थी उससे साम्प्रदायिक एकता स्पष्ट होती है। ईद-बकरीद के दिन सुभान खाँ लेखक को नहीं भूलते तथा होली-दीवाली के दिन सुभान खाँ को नानी पूर, खीर तथा गोश्त परोसकर खिलाती थी। लेखक अपने हाथों से अबीर लेकर उनकी दाढ़ी में मलता था। सुभान दादा मक्का से छुआरे लाकर बड़े ही प्रेम से लेखक को दिए। सुभान दादा की मस्जिद की सारी लकड़ी लेखक के मामा के बगीचे से गई। मस्जिद के तैयार हो जाने पर क्षेत्र के सभी मुसलमानों तथा हिन्दुओं को दादा ने न्योता दिया। हिन्दुओं के सत्कार के लिए मिठाइयाँ, पान, इलायची का अलग से प्रबंध किये थे। इन्हीं घटनाओं से साम्प्रदायिक एकता का पता चलता है।

4. सुभान दादा ने हिन्दुओं का सन्कार किस प्रकार किया?

उत्तर : हिन्दुओं के सत्कार के लिए सुभान दादा ने हिन्दू हलवाई रख कर तरह-तरह की मिठाइयाँ बनवाई थी, पान इलायची का प्रबंध किया था।

5. सुभान दादा का चरित्र-चित्रण संक्षेप में कीजिए: (छः वाक्यों में)

उत्तर : सुभान दादा एक अच्छे परिश्रमी राज मिस्त्री थे। उनमें जाति, धर्म, संप्रदाय को लेकर संकीर्णता की भावना नहीं थी। वे सीधे-सादे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। बच्चों के प्रति उनके मन में बड़ा कोमल, स्नेहभरा भाव था। वे धार्मिक प्रवृत्ति के थे। पर दूसरे धर्म की भी इज्जत करते थे। हिन्दुओं का भी सत्कार करते थे। ईमानदारी के कारण झगड़ों की पंचायतों में उन्हें पंच निश्चित किया जाता था।


व्याख्या मूलक प्रश्न

प्रश्न- 'सुभान खाँ' कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर : 'सुभान खाँ' कहानी से हमें कई शिक्षाएँ मिलती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख शिक्षाएँ इस प्रकार हैं:

    • धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव न करें। सुभान खाँ एक मुसलमान थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने हिन्दू पड़ोसियों के साथ भेदभाव नहीं किया। वह उन्हें अपना भाई मानते थे और उनका हमेशा सहयोग करते थे। 

    • सच्चाई और न्याय के लिए हमेशा खड़े रहें। सुभान खाँ ने अपने पड़ोसियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने अपने पड़ोसियों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया। 

    • अपने कर्तव्यों का पालन करें। सुभान खाँ एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति थे। उन्होंने अपने काम को हमेशा पूरी लगन और निष्ठा से किया। 

    • अपने प्रियजनों के लिए हमेशा तैयार रहें। सुभान खाँ अपने पड़ोसियों के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उन्होंने अपने पड़ोसियों की मदद करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। 

इसके अलावा, कहानी से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों के बीच सदियों से सांझी संस्कृति रही है। सुभान खाँ और उनके हिन्दू पड़ोसी एक दूसरे के धर्म और त्योहारों का सम्मान करते थे। वे एक दूसरे के सुख-दुख में हमेशा साथ रहते थे।


भाषा बोध

1. निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कर संधि का नाम लिखिए :

संसार = सम् + सार -- व्यंजन संधि

पवित्र = पो + इत्र -- स्वर संधि

शिष्टाचार = शिष्ट + आचार -- स्वर संधि

आनंदातिरेक = आनंद + अतिरेक -- स्वर संधि

सज्जनता = सत् + जनता -- व्यंजन संधि

सत्कार = सत् + कार -- व्यंजन संधि

उद्घाटन = उत् + घाटन -- व्यंजन संधि


2. निम्नलिखित सामासिक पदों का समास-विग्रह कर समास का नाम लिखिए-

दाढ़ी-मूँछ = दाढ़ी और मूँछ -- द्वन्द्व समास

पूरब-पश्चिम = पूरब और पश्चिम -- द्वन्द्व समास

भाव-विभार = भाव में विभारे -- तत्पुरुष समास

बड़ी-बड़ी = बड़ी-बड़ी -- कर्म धारण समास

रस-भरी = रस से भरी -- तत्पुरुष समास

लाल-छड़ियाँ = लाल हैं जो छड़ियाँ -- कर्म धारय समास


3. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लीखिए -

अरमान - इच्छा, कामना, चाह।

मुल्क - राष्ट्र, जनपद, राज्य।

नूर - रोशनी, प्रकाश, उजाला।

तकदीर - भाग्य, नसीब, किस्मत ।

सौगात- भेंट, उपहार, तोहफा।

पेड - वृक्ष, तरु, विटप।

बगीचे - बाग, उपवन, उद्यान।


4. निम्नलिखित उर्दू शब्दों के हिन्दी अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

पैक - परिक्रमा - मुहर्रम के दिन ताजिये का पैक किया जाता है।

तसबीह - माला - बुजुर्ग हाथ में तसवी के दाने फेरते हैं।

रसूल - - पैगंबर - ईश्वर के दूत को रसूल कहते हैं।

पेशानी - मसाफ - उनकी पेशानी पर चमक थी।

उम्र-दराज - बड़ी उम्र का - पंचायत में उम्र दराज के लोग थे।

नूरानी - प्रकाशमान - उनके चेहरे पर नूरानी झलकती थी।

मुकर्रर - निश्चित - लोग दादा को पंच मुकर्रर करते थे।

टोबा टेक सिंह - सआदत हसन मंटो 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न


1. नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए


1. 'टोबाटेक' सिंह कहानी आधारित है —


(क) देश विभाजन पर 


(ख) स्वाधीनता आन्दोलन


(ग) पागलों की हरकत पर


(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं


उत्तर : (क) देश विभाजन पर 


2. 'टोबाटेक' सिंह स्थित है —-


(क) बंगलादेश में


(ख) हिन्दुस्तान में


(ग) पाकिस्तान में 


(घ) श्रीलंका में 


उत्तर :  (ग) पाकिस्तान में


3. 'कायदे आजम' की उपाधि मिली थी –


 (क) खान अब्दुल गफ्फार खां को


(ख) लियाकत अली को


(ग) मोहम्मद अली जिन्ना को


(घ) याहिया खान को।


उत्तर : (ग) मोहम्मद अली जिन्ना को


 4. बिशन सिंह की बेटी का नाम था


(क) हर प्रोत कौर 


(ख) रुप मती


(ग) रूप कौर


(घ) हरमीत कौर


उत्तर : (ग) रूप कौर 


5. बिशन सिंह किस शहर के पागल खाने में था?


(क) सवाल कोट 


(ख) अमृतसर


(ग) चियौट


(घ) लाहौर


उत्तर :  (घ) लाहौर



लघुउत्तरीय प्रश्न


1. मुसलमानों के लिए अलग देश किसने बनाया?


उत्तर :  मोहम्मद अली जिन्ना ने मुसलमानों के लिए अलग देश बनाया।


2. एक पागल दरख्त पर क्यों चढ़ गया?


उत्तर :  एक पागल हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के चक्कर में पड़कर और ज्यादा पागल हो गया। झाड़ू देते समय वह दरख्त पर चढ़ गया।


3. पागल हिन्दू वकील लीडरों को क्यों गालियाँ देने लगा ?


उत्तर :  हिन्दू वकील प्रेम में असफल हो जाने के कारण पागल हो गया। अमृतसर की एक लड़की से वह प्रेम करता था। लड़की ने उसे ठुकरा दिया, पर वह दीवानगी में उस लड़की को नहीं भूला था। जब उसने सुना कि अमृतसर हिन्दुस्तान में चला गया, जहाँ वह लड़की रहती है तो उसे बहुत दुःख हुआ। इसलिए वह लीडरों को गालियाँ देने लगा।


4. बिशन सिंह कैसे परिवार का सदस्य था ? 


उत्तर :  विशन सिंह एक जमींदार परिवार का सदस्य था।


5. विशन सिंह ने हिन्दुस्तान जाने से इन्कार क्यों किया? 


उत्तर :  विशन सिंह समझता था कि पाकिस्तान में उसकी जमीन है, उसके साथी है। पागलखाने में भी उसके थे। इसलिए वह हिन्दुस्तान जाने से इन्कार कर दिया।


बोधमूलक प्रश्न


1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार दीजिए


(क)  “.. और यह भी कौन सीने पर हाथ रखकर कह सकता है कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान दोनों किसी दिन सिरे से गायब हो जाएँगे।” 

उद्धृत पंक्तियों में निहित भाव स्पष्ट कीजिए। 


उत्तर :  प्रस्तुत पंक्तियों में स्पष्ट किया है कि स्थानांतरण के समय कोई भी पागल टोबा टेक सिंह को सटीक उत्तर न दे सका कि वह पाकिस्तान में है या हिन्दुस्तान में सभी उलझन में थे कि कौन क्षेत्र किस देश में है और फिर भविष्य में क्या परिवर्तन हो जाएगा, यह निश्चित नहीं है। अतः दृढ़ता और पूरे विश्वास के साथ कौन कह सकता है कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का अलग-अलग आस्तित्व ही कभी समाप्त हो सकता है। 


(ख) अधिकांश पागल अदला-बदली के पक्ष में क्यों नहीं थे और इस अदला-बदली से उनकी क्या दशा थी?


उत्तर : अधिकांश पागल की समझ में नहीं आ रहा था कि उन्हें अपनी जगह से उखाड़ कर कहाँ फेंका जा रहा है। कुछ पागल, नारेबाजी करने लगे, जिससे कई बार दंगा होते-होते बचा। कुछ मुसलमानों तथा सिखों को यह न सुनकर तैश आ गया था। पागलों को उनके दूसरे अफसरों के हवाले करना बड़ा कठिन काम था। कुछ पागल आपस में झगड़ने लगे, कुछ रोने लगे, कुछ अपने कपड़े उतार कर नंगे होने लगे। कुछ पागल औरतें शोर शराबा करने लगी। कड़ाके की सर्दी भी पड़ रही थी।


(ग) टोबा टेक सिंह उर्फ विशन सिंह का चरित्र चित्रण कीजिए।


उत्तर :  बिशन सिंह पहले खाता-पीता जमीदार था। एकाएक उसका दिमाग उलट गया, जिससे उसके रिश्तेदार पागलखाने में दाखिल कर गए। बिशन सिंह हट-पुष्ट तथा मजबूत शरीर का था। पागल होते हुए भी वह साहसी तथ दृढ़ निश्चयवाला था। पंद्रह वर्षों तक वह कभी सोया नहीं। हर वक्त खड़ा रहने से उसके पाँव सूज गए। तकलीफ के बावजूद वह टस से मस न हुआ। तबादले के समय पागलों की बातें वह ध्यान से सुनता। हमेशा यह जानने को कोशिश करता कि वह पाकिस्तान में है या हिन्दुस्तान में मिलने के लिए आनेवाले रिश्तेदारों से वह नहाकर क बदलकर उनसे मिलता था। तबादले के समय उसे मालूम हुआ कि अभी वह पाकिस्तान में है। वह प्रसन्न होकर। अपने साथियों से मिलने लगा। बहुत समझाने पर भी वह हिन्दुस्तान जाने को तैयार न हुआ। जबर्दस्ती करने पर वा अपनी सूजी हुई टांगों पर खड़ा हो गया, पर हिला नहीं। अन्त में चीखकर प्राण त्याग दिया। वह अपने दृढ निश्चय पर अडिग था। कष्ट सहने की उसमें अद्भुत शक्ति थी।



भाषा बोध


1. इस पाठ में आए अंग्रेजी शब्दों का हिन्दी रूप


कान्फ्रेन्स —- सम्मेलन


इंजीनियर —-- यंत्रकार

 प्रैक्टिस —-- अभ्यास


ब्रेकफास्ट —-  नाश्ता


गवर्नमेंट —- सरकार


एनेक्स —--- पूरक अंश 


सुपरिटेंडेंट —- अधीक्षक


2. नीचे दिए गए वाक्यों में से पहचान कर बताइए कि इनमें साधारण, संयुक्त, मिश्र वाक्यों कौन है।


(क) एक सिक्ख था जिसे पागलखाने में दाखिल हुए पंद्रह वर्ष हो चुके थे।( मिश्र वाक्य) 


(ख) महीने में एक बार मुलाकात के लिए यह लोग आते थे और उसकी खैर-खैरियत दरयाफ्त करके चले जाते थे। (संयुक्त वाक्य)


(ग) यूरोपियन वार्ड में दो एंग्लो इंडियन पागल थे। (साधरण वाक्य)


(घ) पागलों की लारियों में निकलना और उनको दूसरे अफसरों के हवाले करना बड़ा कठिन काम था। (संयुक्त वाक्य)


3. निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय पृथक् कीजिए।


हुकूमतों —-- हुकुमत  + औ


गिरफ्तारी —-- गिरफ्तार + ई


तब्दीली —-- तब्दील + ई


जमीनें —--- जमीन + ऍ


मिठाइयाँ —- मिठाई + इयाँ


हमदर्दी —--  हमदर्द + ई


मुसलमानों —- मुसलमान  + ओ


अपराजिता - शिवानी 


वस्तुनिष्ठ प्रश्न


(क) डॉ० चन्द्रा का शरीर जन्म से कितने दिनों में पोलियो ग्रस्त हो गया?


(i) आठवें दिन 

(ii) अट्ठारहवें दिन 

(iii) अट्ठारहवें महीने

(iv) अट्ठारहवें वर्ष


उत्तर :  (iii) अट्ठारहवे महीने।



(ख) किस वर्ष डॉ० चन्द्रा को डॉक्टरेट की उपाधि मिली?


(i) 1966 

(ii) 1978

(iii) 1986

(iv) 1976


उत्तर :  (iv) 1976 ई०


(ग) डॉ० चन्द्रा ने किस विषय में एम०एस०सी० पास किया?


(i) रसायन शास्त्र 

(ii) प्राणिशास्त्र

(iii) वनस्पति शास्त्र

(iv) भौतिक शास्त्र


उत्तर :  (ii) प्राणि शास्त्र


(घ) डॉo चन्द्रा ने स्नातकोत्तर किस श्रेणी में पास की?


(i) द्वितीय

(ii) तृतीय


(iii) प्रथम


(iv) स्नातकोत्तर पास नहीं की।


उत्तर :  (iii) प्रथम



(ङ) डॉo चन्द्रा ने कितने वर्षों में शोध कार्य पूरा किया?


(i) सात


(ii) चार 


(iii) पाँच


(iv) तीन


उत्तर : (iii) पाँच


लघुउत्तरीय प्रश्न


क) लेखिका किसके जीवन में प्रभावित हुई?


उत्तर :  लेखिका डॉ० चन्द्रा के जीवन से प्रभावित हुई,


ख) डॉ० चन्द्रा कब पोलियोग्रस्त हुई ?


उत्तर : डा० चन्द्रा जन्म के अट्ठारहवें महीने में पोलियो ग्रस्त हुई।


ग) डॉ० चन्द्रा की माँ का नाम लिखिए।


उत्तर :  डॉ० चन्द्रा की माँ का नाम श्रीमती टी सुब्रहमण्यम था।


घ)  विज्ञान के अतिरिक्त डॉ० चन्द्रा किन-किन कार्यों में दक्ष थी?


उत्तर :  विज्ञान के अतिरिक्त डॉ० चन्द्रा काव्य रचना, कढ़ाई, बुनाई, जर्मन भाषा का ज्ञान, भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत आदि में दक्ष थी।


ङ)  डॉ० मेरीवर्गीज कौन थी?


उत्तर :  डॉ० मेरीवर्गीज एक दिव्यांग महिला होते हुए भी मेडिकल की शिक्षा प्राप्त कर सेवा कार्य किया था। 


च)  डॉ० चन्द्रा ने अपनी माँ का चित्र कहाँ लगा रखा था? 


उत्तर :  डॉ० चन्द्रा ने अपने एलबम के अन्तिम पृष्ठ पर अपनी माँ का बड़ा-सा चित्र लगा रखा था।



भाषा बोध : ---------


1. इस पाठ से पाँच तत्सम शब्द चुनकर उसके तद्भव शब्द लिखिए:


तत्सम —---- तद्भव

आश्चर्य —---- अचरज

 द्वार —------ दरवाजा 

उच्च —-------- ऊंचा 

स्वर्ण —------ सोना  

धैर्य —------- धीरज 


2. निम्नलिखित शब्दों के उपसर्ग अलग कीजिए:


अमानवीय —------ अ + मानवीय


प्रसद्धि —--------- प्र + सिद्ध


उल्लास —------ उल् + लास


विज्ञान —----- वि + ज्ञान


प्रगति —------ प्र + गति


अवरुद्ध —--- अव + रुद्ध


3. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:


पिछली —----- अगली


निर्जीव —---- सजीव


कायर —---- उजले


साहसी —--- कायर


अभिशाप —-- वरदान


इच्छा —------- अनिच्छा


सर्वोच्च —----- नीचा


4. संज्ञा और दूसरे विकारी शब्दों की संख्या का गिनती का जिससे बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं- (क) एक वचन (ख) बहुवचन।


निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तित कीजिए


कोठी —-- कोठियाँ


बैशाखियों —------ बैशाखी


वस्त्र —-- वस्त्रों


पंक्तियों —---- पंक्ति 


महत्त्वाकांक्षाएँ —-- महत्वाकांक्षा


टागों —---- टागं


स्त्री —--- स्त्रीयाँ


पुरुष —- परुषों


लड़की —---- लड़कीयाँ


कठिन —--- कठिनाई


वर्ष —------ वर्षों




शाप-मुक्त्ति – रमेश उपाध्याय 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) शाप मुक्ति किस विद्या की रचना है?

(i) कविता

(ii) कहानी

(iii) निबंध

(iv) नाटक

उत्तर - (ii) कहानी

(ख) डॉ० प्रभात के बचपन का क्या नाम था ?

(i) चिंटू

(ii) बब्बू

(iii) मटू

(iv) ढब्बू

उत्तर - (iii) मंटू

(ग) डॉ० प्रभात किसके डॉक्टर थे?

(i) दांतो के

(ii) हृदय के

(iii) आँखों के

(iv) हड्डी के

उत्तर - (iii) आँखों के

(घ) डॉ प्रभात के पास बब्बू किसका इलाज करने आया था?

(i) अपनी नानी का

(ii) अपनी दादी का

(iii) अपनी माँ का

(iv) अपनी बहन का

उत्तर - (ii) अपनी दादी का

(ङ) दादी किसके समझाने पर इलाज कराने को तैयार हो गई?

(i) बब्बू

(ii) डॉ० प्रभात

(iii) मंटू

(iv) परिवार जन

उत्तर - (ii)डॉ० प्रभात।



लघुउत्तरीय प्रश्न

1. डॉ० प्रभात के पास दादी क्यों गई?

उत्तर - दादी आंखों का इलाज कराने के लिए डॉ० प्रभात के पास गई।

2. डॉ० प्रभात किस प्रकार के डॉक्टर थे?

उत्तर - डॉ० प्रभात दिल्ली के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक थे। दूर-दूर से लोग उनके पास अपनी आँखों का इलाज कराने

आते थे। वे देश के माने हुए डॉक्टर थे।

3. डॉ० प्रभात कहाँ के रहने वाले थे?

उत्तर - डा० प्रभात इलाहाबाद के रहने वाले थे।

4. दादी डॉक्टर के पास क्यों नहीं जाना चाहती थी?

उत्तर - डॉक्टर अपने बचपन में तीन पिल्लों की आँखों फोड़ दी थी। दादी को यह घटना याद थी। उस समय दादी उन्हें शाप भी दी थी। बचपन की इसी घटना को लेकर दादी उनके पास नहीं जाना चाहती थी।

5. मंटू कौन था?

उत्तर - डॉ० प्रभात का ही बचपन का नाम मंटू था।



बोध मूलक प्रश्न

1. बब्बू ने मंटू के पापा का भेद क्यों खोल दिया?

उत्तर - बब्बू ने पहले बात छिपाकर मित्र मंटू को बचाने की कोशिश की। दो पिल्ले तो मर गए तीसरे जीवित पिले को बचाना मंटू के कुकृत्य का भेद बता देने, और उसे पिटाई से बचाने से ज्यादा जरूरी था। इसलिए रोते हुए बब्बू

ने भेद खोल दिया।

2. डॉ० प्रभात ने बचपन में किए पाप का प्रायश्चित किस प्रकार किया?

उत्तर - डॉ० प्रभात नेत्र चिकित्सक बनकर हजारों लोगों को उनकी खोई हुई नेत्र ज्योति लौटाकर पाप का प्रायश्चित

कर लिया।

3. शाप मुक्ति कहानी का सारांश लिखिए।

उत्तर -

4. 'शाप मुक्ति' कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर -- प्रस्तुत कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीव जन्तुओं के प्रति हमें सद्भाव रखना चाहिए। यदि कोई अपराध अनजान या जानबूझ में हो गया है तो अपने शुभ चिन्तकों से पूछकर प्रायश्चित कर लेना चाहिए। प्रायश्चित कर लेना, अपने पाप का अपराध के लिए अपनी गलती स्वीकार कर लेना सर्वथा उचित है। डॉ० प्रभात ने अपने बचपन की अबोध अवस्था में जो पाप कर्म किया था उसका प्रायश्चित उन्होंने नेत्र चिकित्सक बनकर हजारों लोगों को आंखों को ज्योति देकर कर लिया।

15. 'चेहरा किसी दुखदाई स्मृति में काला सा हो गया' ------ किसका चेहरा दुखदाई स्मृति में काला हो गया था? वह दुखदाई स्मृति क्या है?

उत्तर -- डॉ० प्रभात का चेहरा किसी दुखदाई स्मृति में काला सा हो गया। यह दुखदाई स्मृति डॉ० प्रभात का बचपन में अबोध अवस्था में किया गया पाप था उन्होंने एक कुतिया के तीन पिल्लों की आँखों में आक का दूध डाल कर उन्हें अंधा बना दिया था।



भाषा बोध

1. 'बचपन' में बच शब्द में 'पन' प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाई गई है। इसी प्रका दिए गए शब्दों में 'पन' प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा बनाइए।

(क) लड़ाका + पन ------ लड़कपन ।

(ख) अजनवी + पन ------ अजनवीपन।

(ग) अन्धा + पन ----------- अन्थापन।

(घ) अपना + पन --------- अपनापन।



2. निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए



पढ़ना ---- पढ़ाना ---- पढ़वाना

चलना---- चलाना ---- चलवाना

रंगना --- रंगाना ----- रंगवाना

लिखना ---- लिखाना ---- लिखवाना

3. किसी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ स्पष्ट होता है, उसे कारक कहते हैं ।

(क) डॉ० प्रभात ने कोई उत्तर न दिया। --- कर्ता कारक

(ख) दादी के लिए दवाई का पर्ची लिखी। ---- संप्रदान कारक

(ग) बाजार से दवा मंगवा लेना। ----- अपादान कारक

(घ) दूध पिल्लों के आँखों में डाल रहा था। ----- अधिकरण कारक

(ङ) सब लोगों ने मंटू को बुरा भला कहा। ----- कर्म कारक

4. निम्नलिखित समोच्चारित भिन्नार्थक शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए

दिन --- आज का दिन बहुत अच्छा है।

दीन --- दीन जनों पर दया दिखाना चाहिए।

कहा --- मैं ने कुछ नहीं कहा।

कहाँ --- तुम कहाँ रहते हो।

दादी --- दादी माँ कहानी सुनाती है।

दीदी ---- हर भाई अपनी दीदी का सम्मान करता है।

बाग ---- बाग में बहुत पेड़ हैं।

बाघ ---- बाघ एक हिंसक जानवर है।

कल --- मैं कल पर जाऊंगा।

काल --- सदा काल बीतता रहता है।

बाहर --- घर के बाहर बच्चे खेल रहे है।

बहार --- इस ऋतु में वाटिका में बहार आ गई है।

भला --- सब का भला हो।

भाला --- भाला एक अस्व है।

धुल --- उसका चेहरा धुल गया।

धूल --- धूल में मत खेलो।

सुन --- मैं सब कुछ सुन रहा हूँ।

सुन्न --- उसके अंग सुन्न हो गए हैं।


पानी की कहानी - रामचंद्र तिवारी 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) 'पानी की कहानी' पाठ किस शैली में लिखा गया है?

(i) वर्णनात्मक शैली

(ii) पत्र शैली

(iii) आत्मकथात्मक

(iv) डायरी शैली

उत्तर - (iii) आत्मकथात्मक

(ख) ओस कहाँ से आई थी?

(i) घास से

(ii) पीपल के पेड़ से

(iii) आम के पेड़ से

(iv) बेर के पेड़ से

उत्तर - (iv) बेर के पेड़ से

(ग) किसके लिए ओस के असंख्य बंधुओं ने अपने प्राण नाश किए?

(i) मनुष्य

(ii) पक्षी

(iii) जीव

(iv) पेड़

उत्तर - (iv) पेड़

(घ) ओस के पुरखे कौन-कौन से गैस हैं?

(i) नाइट्रोजन ओषजन

(ii) हद्रजन कार्बन डाई आक्साइड

(iii) हद्रजन ओषजन

(iv) हद्रजन नाइट्रोजन

उत्तर - (iii) हद्रजन ओषजन।

(ङ) पृथ्वी प्रारंभ में कैसा गोला थी?

(i) लोहे का

(ii) ताँबे का

(iii) मिट्टी का

(iv) आग का

उत्तर - (iv) आग का।



लघुउत्तरीय प्रश्न

1. क्रोध और घृणा से कौन काँप उठी?

उत्तर - ओस क्रोध और घृणा से काँप उठी।

2. किसके शरीर से चमक निकलती थी?

उत्तर - प्रकाश पिंड के शरीर से चमक निकलती थी।

3. इनका शरीर कब ओषजन और हव्रजन में विभाजित हो गया?

उत्तर - उनका शरीर अरबों वर्ष पहले ओषजन और हद्रजन में विभाजित हो गया।

4. किस कारण वह बूँद बनकर नीचे कूद पड़ी?

उत्तर - बहुत से भाप जल कणों के मिलने के कारण उसका शरीर भारी हो चला और नीचे झुक आया और एक

बूंद बनकर नीचे कूद पड़ी।

5. पहाड़ों के पत्थरों का रेत रूप कैसे बनता है?

उत्तर - बूँदों के प्रहार से पहाड़ों के पत्थर टूटकर खंड-खंड हो गए। इस प्रकार वे रेत का रूप में बन गए।



बोध मूलक प्रश्न

1. पानी का जन्म कैसे हुआ ?

उत्तर - हद्रजन और ओषजन गैसों से उत्पन्न भाष पृथ्वी के चारों ओर घूमने लगी। फिर वह ठोस बर्फ के रूप में बदल गई। फिर नीचे दबे हुए ठोस बर्फ दबकर पानी के रूप में परिवर्तित हो गई।

2. प्रारंभ में पानी के शरीर का रूप कैसा था और क्रमशः कैसा हो गया ?

उत्तर - प्रारंभ में पानी का शरीर हद्रजन और ओपजन गैसों के रूप में था। बाद में उन गैसों का अस्तित्व खत्म हो गया। फिर उनसे बनी ओस बूँदें, भाप बन गई। भाप पृथ्वी के चारों ओर घूमती-फिरती थी। उसके बाद वे ठोस बर्फ के रूप में बन गई। ठोस बर्फ ही पिघल कर पानी बन गए।

3. समुद्र के भीतर उसने क्या-क्या देखा?

उत्तर - समुद्र के भीतर उसने धीरे-धीरे रेंगनेवाले घांघे, जालीदार, मछलियाँ, कई-कई मनभारी कछुवे, और हाथों वाली मछलियाँ देखा। एक मछली के आठ हाथ थे। उनसे वह अपने शिकार पकड़ लेती थी। समुद्र की गहराई में जाकर एक सुंदर मछली देखा जिसके शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी। समुद्र की गहरी तह में छोटे ठिगने मोटे पत्ते वाले पेड़, पहाड़ियों, घाटियों, गुफाओं में अनेक जीव-जन्तु को देखा।

4. ज्वालामुखी किसे कहते हैं?

उत्तर - पृथ्वी के फट जाने से उसमें धुआँ, रेत, पिघली, धातुएँ तथा लपटें निकलती हैं। इसे ज्वालामुखी कहते हैं।

5. पहाड़ से गिर सरिता बन वह क्या करती है और कहाँ पहुँचती है?

उत्तर - पहाड़ से गिर सरिता वन वह कभी भूमि को काटती, कभी पेड़ों, की खोखला कर उन्हें गिरा देती है।

बहते बहते वह एक दिन एक नगर के पास पहुंचती है।



भाषा बोध

1. संस्कृत के वे शब्द जिनका हिन्दी में वैसे ही प्रयोग किया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे-दुग्ध,

दधि, अग्नि, वर्षा आदि।

संस्कृत के जिन शब्दों को हिन्दी में बदलकर प्रयोग किया जाता है, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे- दूध,

दही, आग, बारिश।

निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम शब्द और तद्भव शब्द को अलग कीजिए मोती, उज्ज्वल, हाथ, कार्य, दृश्य, छेद, क्षण, पत्थर, मुँह, कार्य, धुंआ, पुरखे, भूमि, प्रत्यक्ष, मनुष्य ।

तत्सम शब्द

उज्ज्वल

कार्य

दृश्य

क्षण

प्रत्यक्ष

भूमि

तद्भव शब्द

हाथ

मोती

छेद

पत्थर

मुँह

पुरखे

धुआँ

मनुष्य


2. जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं। भारतीय, सुन्दर आदि ।

निम्नलिखित शब्दों के विशेषण रूप बनाइए ---

जंगल ----- जंगली

प्रकृति ---- प्राकृतिक

नगर ---- नागरिक

दर्शन --- दर्शनीय, दार्शनिक

श्रद्धा --- श्रद्धालु

साहस --- साहसी

अनुभव --- अनुभवी

शक्ति ---- शक्तिमान, शक्तिशाली


3. निम्नलिखित शब्द युग्मों की वाक्य में प्रयोग कीजिए

इधर-उधर ---- इधर-उधर देखकर चलना चाहिए।

उथल-पुथल ---- वर्षा के कारण उथल-पुथल मच गई।

बंधु-बांधवों ---- मैने जन्म दिन पर बंधु बाँधनों को निमंत्रित किया।

जैसे-तैसे ----- जैसे-तैसे उसने अपना काम सम्पन्न कर लिया।

चहल-पहल ----- मेले में बड़ी चहल-पहल थी।

आस-पास ----- हमारे घर के आस-पास वृक्षों की छाया बनी रहती है।

मैली-कुचैली ---- भिखारिन मैली-कुचैली धोती पहन रखी है।

लाल-पीला ---- मुझे देखते ही वह लाल-पीला हो गया।

उछलने-कूदने ---- बच्चों को उछलने-कूदने में मजा आता है।


4. निम्नलिखित शब्दों के अंग्रेजी के समान अर्थ वाले शब्द लिखिए

हद्रजन --- हाइड्रोजन

ओषजन --- ऑक्सीजन

रासायनिक क्रिया --- कैमिकल रिटक्शन

तापक्रम ----- एक्सीडेंट

दुर्घटना ---- टेम्परेचर

धन्यवाद ---- थैंक्स