‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन (Latin) भाषा के ‘कम्प्यूटेयर’ (Computare) शब्द हुई है, जिसका अर्थ गणना करना है। अन्य शब्दों में, कम्प्यूटर ऐसी मशीन है, जो गणनाएँ करने में हमारी सहायता करती है, इसलिए इसे ‘संगणक’ भी कहा जाता है। बोलचाल की भाषा में इसे एक कैलकुलेटिंग डिवाइस भी कहते है जो अर्थमेटिकल और लॉजिकल आपरेशन्स को तेजी के साथ कर सकता है।
परन्तु आज इसकी परिभाषा ही बदल गयी है क्योंकि अब कम्प्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक सीमित नहीं है। अब इसका उपयोग म्युजिक, ग्राफिक्स, इंटरनेट आदि कई अन्य क्षेत्र में भी हो रहा है। अतः अब कह सकते है कि यह एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस है जो डाटा को एक्सेप्ट करता है और एक विस्तृत स्टेप बाई स्टेप प्रोसेसिंग के बाद उसे इन्फार्मेशन में बदलता है और आउटपुट रिजल्ट प्रस्तुत करता है।
वर्तमान में इसका कार्यक्षेत्र बहुत अधिक विस्तृत और व्यापक हो चुका है। इसकी क्षमताओं और विशेषताओं को देखकर इसका नाम कम्प्यूटर ही प्रचलित हो गया। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसमें डाटा को प्राप्त, प्रोसेस, संगृहीत अथवा प्रदर्शित करने की क्षमता होती है। कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का ऐसा संयोजन है, जो डाटा (Data) को सूचना (Information) में परिवर्तित करता है।
कंप्यूटर को हिन्दी में क्या कहते हैं?
जैसा की हम सभी जानते हैं की, Computer लैटिन भाषा के कम्प्यूट शब्द से मिलकर बना है और कंप्यूटर कार्य भी गणना करना होता है अतः इसे हिन्दी भाषा में संगणक कहते हैं।
कंप्यूटर के जनक कौन हैं?
गणना करने वाले यन्त्र कि शुरुआत तो अबैकस से हो गयी थी लेकिन आधुनिक संगणक Computer का जनक चार्ल्स बैवेज माना जाता है।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि Computer एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, इसलिए कंप्यूटर भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तरह कार्य करता है। जब हम कंप्यूटर में कोई डाटा इनपुट करते हैं तो कंप्यूटर उस डाटा पर प्रोसेस करता है और हमें रिजल्ट उपलब्ध कराता है।
कम्प्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कामकाज तथा उद्देश्य आदि के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागो में वर्गीकृत किया गया है।
आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
माइक्रो कम्प्यूटर
मिनी कम्प्यूटर
मेनफ्रेम कम्प्यूटर
सुपर कम्प्यूटर
उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर
विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर
कार्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
डिजिटल कम्प्यूटर
एनालॉग कम्प्यूटर
हाइब्रिडकम्प्यूटर
CPU का पूरा नाम सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है. यह समस्त कंप्यूटर को नियंत्रित करने का काम करता हैं. सी.पी.यू. को कंप्यूटर का दिमाग़ भी कहते हैं. यह कंप्यूटर का एक मुख्य भाग है, जिसका काम कंप्यूटर में आने वाले इनपुट (Input) निर्देशों को प्रोसेस (Process) करना है. कंप्यूटर का सारा डाटा CPU में ही संग्रह किया जाता है. तो आज के इस आर्टिकल में हम What is CPU in Hindi में जानेंगे.
इसके अंदर एक CHIP लगा रहता है जिसे हम प्रोसेसर (Processor) कहते हैं. प्रोसेसर कंप्यूटर के सभी पुर्जों (Components) को नियंत्रित (Control) करता है. हम यह भी कह सकते हैं कि CPU के बिना कंप्यूटर किसी काम का नहीं है.
स्पीड- कंप्यूटर कार्य को आसान बनाता है, यह कठिन से कठिन गणनाएँ भी नैनो सेकेण्ड में पूरा कर लेता है।
शुद्धता- कंप्यूटर सदैव शुद्ध परिणाम देता है, जब तक इसे ग़लत इनपुट ना दिया जाये।
भण्डारण क्षमता- कंप्यूटर डाटा को कभी नहीं भूलता जब तक की उसे डिलेट नहीं किया जाये। अब तो डिलीट डाटा भी रिकवर किया जा सकता है।
डिलीगेन्स- कंप्यूटर बिना थके किसी भी कार्य को आसानी से कर सकता है।
आधुनिक युग में लगभग सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रयोग होता है इसलिए आज के इस युग को कम्प्यूटर का युग कहा जाता है। शिक्षा के साथ-साथ कंप्यूटर का प्रयोग संचार में, बैंक में, चिकित्सा में, वायुयान तथा रेलवे के आरक्षण में, मनोरंजन में, प्रशासन, रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रौद्यिगिकी में, वाणिज्य में, विज्ञानं और इंजीनियरिंग में, उद्द्योग तथा ई-कॉमर्स के क्षेत्र में हो रहा है।
इनपुट प्रोसेस और आउटपुट; यह शब्द तो सभी सुनते हैं, लेकिन बहुत से लोग इसे जानते तक नहीं। अगर आप कंप्यूटर का कोई भी कोर्स कर रहे हैं तो आपको यह जानना ज़रूरी है कि इनपुट प्रोसेस और आउटपुट उपकरण क्या होते हैं, तो आज हम इसी के बारे में जानेंगे।
कंप्यूटर को जो भी सूचना या निर्देश दिया जाता है, उसे इनपुट कहते हैं। और सूचना या निर्देश देने में जो भी उपकरण हमारी मदद करते हैं, उन्हें इनपुट उपकरण कहते हैं। इनपुट उपकरण के उदाहरण-की-बोर्ड, माउस, स्कैनर, माइक्रोफोन, वेब कैमरा, बार कोड रीडर, ऑप्टिकल मार्क रीडर, जॉयस्टिक आदि।
इनपुट डाटा पर प्रोसेस (कार्य) करना प्रोसेसिंग कहलाता है। कंप्यूटर में प्रोसेसिंग का कार्य CPU करता है।
प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त रिजल्ट (डाटा) आउटपुट कहलाता है। और कंप्यूटर को रिजल्ट प्राप्त करने में जो भी उपकरण उनकी मदद करता है उसे आउटपुट उपकरण कहलाता है। आउटपुट उपकरण के उदाहरण-मानीटर, प्रिंटर स्पीकर, हैडफ़ोन आदि।
कंप्यूटर पर कार्य करने के लिए मुख्य चार उपकरणों की आवश्यकता होती है, लेकिन इनके अलावां भी कुछ उपकरण होते हैं जो पर कार्य करना सरल बनाते हैं। जैसे-प्रिंटर, वेब कैमरा, जॉयस्टिक तथा हेडफ़ोन आदि।
माउस वास्तविक के चूहे जैसा दिखता है। इसका प्रयोग ऑब्जेक्ट को चुनने और दिशा निर्देश करने में किया जाता है। अधिकतर माउस में दो या तीन बटन होते हैं।
Left key, Right key और Scroll key
Left key का प्रयोग ऑब्जेक्ट को चुनने, तथा Right key का प्रयोग विकल्प के लिए तथा स्क्रॉल की का प्रयोग पेज को स्क्रॉल करने के लिए किया जाता है।
कीबोर्ड टाइपराइटर की तरह दिखता है, लेकिन इसमें कुछ अतिरिक्त कुंजी भी होते हैं। कीबोर्ड का प्रयोग कंप्यूटर टेक्स्ट टाइप करने या कमांड देने के लिए किया जाता है। अधिकांश कीबोर्ड में 104 बटन होते है, कुछ में इससे अधिक भी होते है। कीबोर्ड के कुंजी को मुख्य चार भागों में बांटा जाता है।
अल्फाबेटीक कुंजी
न्यूमेरिक कुंजी
फंक्शन कुंजी
कर्सर मूवमेंट कुंजी
इनके अलावा भी कीबोर्ड में कुछ कुंजी होते हैं जिन्हें कामन या स्पेशल कुंजी कहते हैं। जैसे
बैक स्पेस की • शिफ्ट की
डिलेट की • विंडोज की
एंटर की • कैप्स लॉक की
स्पेस बार की • एस्केप
अल्टरनेट की • टैब की
कंट्रोल की • स्क्रॉल लॉक की
स्कैनर प्रिंटर की तरह दिखने वाला डिवाइस है, स्कैनर की मदद से हम हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलते हैं।
यह ध्वनि तरंगो को ऑडियो सिगनल में बदलने का कार्य करता है। इसका प्रयोग कंप्यूटर पर बातचीत या साउंड रिकॉर्ड करने में किया जाता है।
वेब कैम की मदद से हम उन सारे मोमेंट को कैप्चर कर सकते हैं जिस पर वेब कैम को फोकस किया गया हो। वेब कैम एक ऐसी डिवाइस है जो मदद से हम कंप्यूटर पर विडियो चैट भी कर सकते हैं।
यह डिवाइस भी स्कैनर की तरह होता है, यह भी स्कैनिंग का ही काम करता है, लेकिन यह केवल विशेष प्रकार के बने चित्र (बार कोड) को ही स्कैन करता है।
यह डिवाइस भी स्कैनिंग का ही कार्य करता है, लेकिन यह पेंसिल या पेन द्वारा बनाये गए ऑप्टिकल मार्क को ही स्कैन करता है।
यह कार के गियर की तरह दिखने वाला एक इनपुट डिवाइस है, जो कंप्यूटर पर गेम कण्ट्रोल करने में काम आता है।
यह एक (VDU) विजुअल डिस्प्ले यूनिट होता है, यह टेलीविजन की तरह दिखने वाला एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर पर हो रहे कार्यों को प्रदर्शित करता है।
प्रिंटर सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में बदलने वाला एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के डाटा को छापने का कार्य करता है ।
यह ऑडियो सिगनल को ध्वनि तरंग में बदलने वाला एक ऐसा आउटपुट डिवाइस है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर पर ऑडियो को सुन सकते हैं ।
हैडफ़ोन भी स्पीकर की तरह कार्य करता हैं, लेकिन इसका प्रयोग ऑडियो को अकले सुनने में किया जाता है ।
CPU का पूरा नाम सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है. यह समस्त कंप्यूटर को नियंत्रित करने का काम करता हैं. सी.पी.यू. को कंप्यूटर का दिमाग़ भी कहते हैं. यह कंप्यूटर का एक मुख्य भाग है, जिसका काम कंप्यूटर में आने वाले इनपुट (Input) निर्देशों को प्रोसेस (Process) करना है. कंप्यूटर का सारा डाटा CPU में ही संग्रह किया जाता है. तो आज के इस आर्टिकल में हम What is CPU in Hindi में जानेंगे.
इसके अंदर एक CHIP लगा रहता है जिसे हम प्रोसेसर (Processor) कहते हैं. प्रोसेसर कंप्यूटर के सभी पुर्जों (Components) को नियंत्रित (Control) करता है. हम यह भी कह सकते हैं कि CPU के बिना कंप्यूटर किसी काम का नहीं है.
A.L.U. का पूरा नाम अर्थमेटिक एवं लॉजिक यूनिट है. ALU का कार्य कंप्यूटर में तार्किक गणना या अंक गणितीय गणना (जोड़ना. घटाना. गुणा. भाग इत्यादि) करना होता हैं. ALU ही कंप्यूटर के सभी गणितीय और लॉजिकल कार्य को पूरा करता है.
कंट्रोल यूनिट (Control Unit) यह समस्त कंप्यूटर को कण्ट्रोल करने का काम करता है.
मेमोरी यूनिट (Memory Unit) सी.पी.यू. का यह भाग डाटा को स्टोर करने का काम करता है. इसे कंप्यूटर का स्टोर हाउस कहते हैं. मेमोरी यूनिट के दो भाग होते हैं. (इंटरनल और एक्सटर्नल मेमोरी)
इंटरनल मेमोरी-
कंप्यूटर के आन्तरिक मेमोरी को प्राथमिक या मुख्य मेमोरी भी कहा जाता है. यह मेमोरी सिमित होता हैं. इंटरनल मेमोरी भी दो प्रकार की होती हैं. (Ram और Rom)
RAM (रैम) –
रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) होता है. रैम में डाटा अस्थायी रूप से संगृहीत रहती है. कंप्यूटर के बन्द हो जाने पर इसमें स्टोर डाटा मिट जाता है.
ROM (रोम) –
रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी (Read only Memory) होता है. यह स्थायी मेमोरी होता है. कंप्यूटर के निर्माण के समय ही इसमें डाटा स्टोर कर दिया जाता है. इसे परिवर्तित या नष्ट नहीं किया जा सकता हैं.
एक्सटर्नल मेमोरी-
कंप्यूटर की आन्तरिक मेमोरी सिमित कम होने के कारण आतंरिक मेमोरी जल्दी भर जाती है. इस लिए बाह्य स्टोरेज डिवाइसो की मदद ली जाती है. जो कंप्यूटर से बहार से जोड़ा जा सकता है. इसे हम एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. इसे द्वितीयक या बाह्य डिवाइस भी कहा जाता है.