कानून का नाम लेते ही हमारे सामने अदालत, न्यायाधीश, एडवोकेट आदि की छवि उभर आती है। अपने देश के संदर्भ में बात करें, तो तहसील और डिस्ट्रिक्ट लेवॅल से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में भारी संख्या में मुकदमों की लाइन लगी रहती है। जाहिर है कि इन सब मामलों को निपटाने के लिए बडी संख्या में वकीलों की जरूरत होती है। इतना ही नहीं, दैनिक जीवन में भी हममें से तमाम लोगों को कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड जाता है, जब कानूनी सलाह की जरूरत महसूस होती है। ऐसी सलाह कानूनी मामलों के जानकार ही दे पाते हैं।
कॉर्पोरेट सेक्टर ने खोली नई राहें
भारतीय अर्थव्यवस्था की लगातार मजबूती और कॉर्पोरेट सेक्टर द्वारा देश और दुनिया में अपनी नई पहचान बनाने से लॉ प्रोफेशन के लिए भी नए और आकर्षक रास्ते खुल गए हैं। बडी देसी, विदेशी और मल्टीनेशनल कंपनियां अपने विस्तार के साथ-साथ अपने मामलों की देख-रेख के लिए अब बाकायदा लीगल एक्सपर्ट्स को भी नौकरी पर रखने लगी हैं। भारतीय व भारतीय मूल के बिजनेस हाउसों, जैसे-मित्तल स्टील, टाटा, रिलायंस, इंफोसिस, विप्रो, बिडला, बजाज, गोदरेज जैसी तमाम देसी और मल्टीनेशनल कंपनियां तेजी से आगे बढ रही हैं। मर्जर, डी-मर्जर, अधिग्रहण, डिस्प्यूट्स आदि की बढती गतिविधियों के चलते इन कंपनियों का काम अब लीगल एडवाइजर या वकील हायर करने से ही नहीं चल रहा (जैसा कि पहले होता था), बल्कि अब ये कंपनियां अट्रैक्टिव पैकेज पर प्रतिभाशाली लॉ ग्रेजुएट्स को नियुक्त करने लगी हैं। पूरे देश में रिअॅल इस्टेट में चल रहे बूम के कारण डेवलॅपर्स और बिल्डर्स को भी वकीलों और भूमि से जुडे कानूनी मामलों के जानकारों की बडी संख्या में जरूरत महसूस हो रही है। आज मल्टीनेशनल कंपनियां अपने लीगल एक्सपर्ट्स को तमाम सुविधाओं के साथ 1 से 10 लाख रुपये मासिक तक सैलॅरी दे रही हैं, जबकि मध्यम दर्जे की और छोटी कंपनियां कानूनी मामलों के जानकारों और वकीलों को प्रतिमाह 40-50 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक वेतन दे रही हैं। इस तरह के आकर्षक पैकेज को देखते हुए अब तमाम लॉ ग्रेजुएट कचहरी में प्रैक्टिस करने का रास्ता छोडकर कॉर्पोरेट कंपनियों का रुख करने लगे हैं।
कैसे करें एंट्री
कानूनी मामलों की जानकारी रखने और लीगल प्रोफेशन में एंट्री के लिए हमारे यहां सबसे बुनियादी पढाई बैचलर ऑफ लॉ यानी एलएलबी की है। इस कोर्स के तहत सिविल लॉ, क्रिमिनल लॉ, कॉर्पोरेट लॉ, प्रॉपर्टी लॉ, इनकम टैक्स लॉ, इंटरनेशनल लॉ, फैमिली लॉ, लेबर लॉ, प्रेस लॉ, एक्साइज लॉ, कॉन्स्टीटयूशनल लॉ, एडमिनिस्ट्रेशन लॉ, सेल ऑफ गुड्स लॉ, ट्रेड मार्क, कॉपीराइट, पेटेंट लॉ आदि के बारे में पढाया जाता है। लॉ के इन विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर इनमें भी करियर बनाया जा सकता है।
लॉ में हायर स्टडी
एलएलबी : लॉ में उच्च शिक्षा की शुरुआत एलएलबी से होती है। इसमें दो तरह के कोर्स हैं। तीन वर्षीय लॉ कोर्स में किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन (तीन वर्ष) के बाद एडमिशन लिया जा सकता है। जबकि पांच वर्षीय लॉ कोर्स में बारहवीं (किसी भी स्ट्रीम में) के बाद दाखिला दिया जाता है। इन दिनों देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों के लॉ डिपार्टमेंट/सेंटर में पांच वर्षीय लॉ कोर्स संचालित है। खास बात यह है कि इससे एक वर्ष की बचत हो जाती है, क्योंकि तीन वर्ष ग्रेजुएशन करने के बाद एलएलबी करने में तीन वर्ष और (यानी कुल छह वर्ष) लग जाते हैं।
एलएलएम : एलएलबी करने के बाद इस क्षेत्र में आगे की पढाई के इच्छुक युवा पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स का नाम है-मास्टर ऑफ लॉ यानी एलएलएम। दो वर्ष की अवधि वाले इस मास्टर कोर्स में केवल एलएलबी उत्तीर्ण युवा ही प्रवेश ले सकते हैं।
पीएचडी/एलएलडी : लॉ में टीचिंग प्रोफेशन में जाने या इसके समकक्ष बेहतर करियर चुनने के लिए रिसर्च ज्वॉइन किया जा सकता है, जिसे डॉक्टर ऑफ लॉ यानी एलएलडी (पीएचडी) के नाम से जाना जाता है। इसमें अच्छे अंकों से एलएलएम उत्तीर्ण चुनिंदा युवाओं को प्रवेश दिया जाता है।
कैसे मिलता है एडमिशन
एलएलबी और एलएलएम कोर्सो में प्रवेश आमतौर पर एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से होता है। इसके लिए कोई एक विश्वविद्यालय या कई विश्वविद्यालय मिलकर प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। प्रवेश परीक्षा में छात्रों को मिले अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और सीटों की संख्या के अनुपात में प्रवेश दिया जाता है।
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट)
कुछ वर्ष पहले तक तीन वर्षीय लॉ यानी विधि की पढाई के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन (तीन वर्षीय) करना होता था, लेकिन इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स की शुरुआत हो जाने से अब बारहवीं के बाद सीधे लॉ में एडमिशन लिया जा सकता है। पहले जहां अलग-अलग बीए (3 वर्ष) और एलएलबी (3 वर्ष) करने में कुल 6 वर्ष लग जाते थे, वहीं अब एकीकृत बीए या बीएससी-एलएलबी कोर्स में एक वर्ष की बचत हो जाती है, क्योंकि इस कोर्स की अवधि महज 5 वर्ष है। अगर आप इस तरह का कोर्स किसी प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटी या कॉलेज से करते हैं, तो कोर्स करने के तुरंत बाद आपको कॉर्पोरेट कंपनियों से आकर्षक पैकेज पर जॉब ऑफर मिल सकता है। खास बात यह है कि क्लैट यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के माध्यम से आपको देश के मशहूर लॉ विश्वविद्यालयों में से किसी एक से कोर्स करने का सुअवसर प्राप्त होता है।
क्या है क्लैट?
अभी तक नेशनल लॉ स्कूलों और अन्य विश्वविद्यालयों के लॉ सेंटरों में पहले अलग-अलग आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से एडमिशन होते थे, लेकिन इस वर्ष से देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों के सात नेशनल लॉ स्कूलों (एनएलएसआईयू, नलसार, एनएलआईयू, एनयूजेएस, एनएलयू, एचएनएलयू तथा जीएनएलयू) ने अपने बीए-एलएलबी के पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा शुरू करने का निर्णय लिया है। इसी का नाम क्लैट यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट है। वर्ष 2008-09 सत्र में प्रवेश के लिए पहला क्लैट आगामी 11 मई, 2008 को होने जा रहा है। इस वर्ष यह टेस्ट सबसे पुराने नेशनल लॉ स्कूल एनएलएसआईयू, बंगलुरु के संयोजन में हो रहा है। इस परीक्षा में किसी भी स्ट्रीम में अंग्रेजी विषय सहित बारहवीं उत्तीर्ण युवा हिस्सा ले सकते हैं।
कैसे होंगे क्लैट में प्रश्न?
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट यानी क्लैट में ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें मुख्यतया पांच क्षेत्रों (इंग्लिश, जनरल नॉलेज, मैथमेटिक्स, लीगल एप्टीट्यूड तथा लॉजिकल रीजनिंग) पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। इंग्लिश से 40, जनरल नॉलेज 50, मैथमेटिक्स से 20, लीगल एप्टीट्यूड से 40 तथा लॉजिकल रीजनिंग से 50 अंकों के प्रश्न होंगे। अन्य परीक्षाओं की तरह इसमें किसी तरह की निगॅटिव मार्किंग नहीं होगी। फिर भी परीक्षा भवन में सोच-समझकर और सावधानी से उत्तर दें। प्रश्नों के पैटर्न को अच्छी तरह से समझने के लिए एनएलएसआईयू-बंगलुरु द्वारा आयोजित पिछली प्रवेश परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों का अवलोकन करें, जो इसकी वेबसाइट से मिल जाएंगे।
कैसे बनाएं स्ट्रेटेजी?
अंग्रेजी में सामान्यतया करेक्ट सेंटेंस, मीनिंग, एंटोनिम्स, सिनोनिम्स, इडियम्स ऐंड फ्रे जेज, कॉम्प्रिहेंशन तथा ग्रामर पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। इनकी तैयारी के लिए दसवीं और बारहवीं कक्षा की किसी प्रामाणिक ग्रामर बुक की सहायता से अध्ययन करें और प्रश्नों को हल करने की अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें। साथ ही अंगे्रजी के राष्ट्रीय समाचार पत्रों की मदद से अपना वर्ड पॉवर बढाएं। जनरल नॉलेज के तहत समसामयिक राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय घटनाओं, भारतीय इतिहास व संस्कृति, भारतीय अर्थव्यवस्था व राज्यव्यवस्था, भूगोल, आईपीसी, भारतीय संविधान, मानवाधिकार, सोशल इश्यूज, साइबर क्राइम आदि से प्रश्न पूछे जा सकते हैं। करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए किसी एक राष्ट्रीय अखबार का नियमित अध्ययन करें तथा अन्य विषयों की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की दसवीं से बारहवीं तक की पुस्तकें व दैनिक समाचार पत्र नियमित रूप से पढें। मैथमेटिक्स में दसवीं स्तर तक के सामान्य प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जैसे-एलसीएम, एचसीएम, कार्य और समय, समय तथा दूरी, लाभ-हानि, ब्याज, नंबर सिस्टम, प्रतिशत, औसत आदि। इसकी तैयारी के लिए दसवीं स्तर तक की गणित की अच्छी पुस्तक की सहायता से पढें और अधिक से अधिक सवालों को हल करने की प्रैक्टिस करें। लीगल एप्टीट्यूड आपके संभावित कोर्स को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए इसकी तैयारी के प्रति विशेष सावधानी बरतें। वैसे इसमें सामान्य जागरूकता के ही प्रश्न पूछे जाएंगे, जैसे-भारतीय संविधान, भारत की राजनीतिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रणाली, इंडियन पैनल कोड की सामान्य जानकारी, उपभोक्ता मामले, लोकायुक्त, भ्रष्टाचार, श्रम कानून, चाइल्ड लेबर आदि। इसके लिए भारतीय संविधान पर आधारित डीडी बसु और सुभाष कश्यप की पुस्तकें पढें और दैनिक समाचार पत्रों से संबंधित खबरों की कटिंग कर अध्ययन करें। लॉजिकल रीजनिंग से आपकी समझ-बूझ की जांच की जाएगी। इसमें विषम संख्या की पहचान, कोडिंग-डीकोडिंग, कथन-कारण, वर्बल-नॉन वर्बल फीगर, दिशा, रिश्तों आदि पर आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं। इस भाग की बेहतर तैयारी मासिक प्रतियोगिता पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होने वाली बैंकिंग संबंधी सामग्री की मदद से की जा सकती है।
क्लैट स्कोर से प्रवेश लेने वाले संस्थान
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलुरु, नगरभवी, बंगलुरु-560242, फोन : 080-23160532-33 वेबसाइट : www.nis.ac.in (उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद 3-4-7, 761, बरकतपुरा, हैदराबाद-500027, फोन : 040-27567955, 27567960 वेबसाइट : www.nalsarlawuniv.org (उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल कर्वा डैम रोड, भोपाल-462044, फोन : 0755-2686965, 2696705 वेबसाइट : www.nliu.com (उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
द वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंस, कोलकाता एनयूजेएस भवन, 12, एलबी-ब्लॉक, सेक्टर-3, साल्ट लेक, कोलकाता-700098, फोन : 033-23350510 वेबसाइट : www.nujs.edu
(उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, बीएससी, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर एनएच-65, नागौर रोड, मंडोर, जोधपुर-342304, फोन : 0291-2577080 वेबसाइट : www.nlujodhpur.ac.in (उपलब्ध कोर्स : बीबीए, एलएलबी-ऑनर्स, बीए, एलएलबी-ऑनर्स, बीएससी, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद ई-4, जीआईडीसी, इलेक्ट्रॉनिक्स इस्टेट, सेक्टर-26, गांधीनगर-382028, फोन : 079-23243308, 23243296 वेबसाइट : www.gnlu. ac.in (उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, बीएससी, एलएलबी-ऑनर्स तथा बीकॉम, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर एचएनएलयू भवन सिविल लाइन्स, रायपुर-492001, फोन : 0771-4080114-17 वेबसाइट : www.hnlu.ac.in (उपलब्ध कोर्स : बीए, एलएलबी-ऑनर्स, 5 वर्षीय एकीकृत कोर्स )
यहां भी मिलेगा क्लैट से प्रवेश
4डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ-226012 वेबसाइट : www.nlulucknow.up.nic.in
राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पंजाब , पटियाला-149001 वेबसाइट : www.rgnulpatiala.org
चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना-800001 वेबसाइट :www.cnlu.ac.in, www.chanakyalawuniv.org
लॉ कोर्स चलाने वाले अन्य प्रमुख कॉलेज/ विश्वविद्यालय
देश के प्राय: सभी विश्वविद्यालयों में लॉ के कोर्स (3 वर्षीय एलएलबी, 5 वर्षीय एलएलबी, एलएलएम और एमफिल/पीएचडी या एलएलडी) चलाए जाते हैं। यहां कुछ अन्य प्रमुख लॉ कॉलेजों के नाम दिए जा रहे हैं : 4इंडियन लॉ स्कूल (आईएलएस), पुणे यूनिवर्सिटी वेबसाइट : www.unipune.ernet.in
सिम्बॉयोसिस सोसायटीज लॉ कॉलेज (एसएसएलसी), पुणे वेबसाइट : www.symlaw.ac.in
दिल्ली यूनिवर्सिटी, फैकल्टी ऑफ लॉ वेबसाइट : www.du.ac.in
मुंबई यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ लॉ वेबसाइट : www.mu.ac.in
क्लैट आगामी 11 मई, 2008 को आयोजित किया जा रहा है।
इसे क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को देश के सात नामी लॉ विश्वविद्यालयों के बीए-एलएलबी कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
तीन साल के ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी करने में तीन वर्ष और (यानी कुल छह वर्ष) लग जाता है।
बीए-एलएलबी का इंटीग्रेटेड कोर्स केवल पांच वर्ष में पूरा हो जाता है।
क्लैट के स्कोर के आधार पर आरजीएनएलयू-पंजाब, आरएमएलएनएलयू- लखनऊ तथा सीएनएलयू-पटना में भी एडमिशन दिया जाएगा।
कमी नहीं है विकल्पों की
आज से कुछ वर्ष पहले तक लॉ करने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स के सामने एकमात्र विकल्प होता था-अदालतों में मुकदमों की पैरवी करना। हां, उनमें से कुछ प्रतियोगिता परीक्षाओं को क्वालिफाई करके सरकारी वकील बन जाते थे या फिर लोकसेवा आयोगों द्वारा आयोजित परीक्षाओं (पीसीएस-जे) को उत्तीर्ण कर जुडिशियल सर्विस का हिस्सा बन जाते थे। इस सेवा के जज आज भी अपने परफॉर्मेंस के आधार पर प्रोन्नति पाते हुए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के न्यायाधीश बनते हैं। डिस्ट्रिक्ट कोर्टों, हाई कोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को अनुभव के साथ-साथ रुतबा और पैसा दोनों मिलता है। देश में बडी संख्या में अदालतें होने के कारण इस क्षेत्र में बडी संख्या में लॉ ग्रेजुएट आते रहे हैं। अनुभवी एडवोकेट सरकारी विभागों और निजी कंपनियों के लिए लीगल कंसल्टेंट का काम भी करते रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकारों में एटॉर्नी जनरल भी लीगल सेक्टर के एक्सपर्ट और बेहद अनुभवी होते हैं। एजुकेशन और रिसर्च से जुडे रहने के इच्छुक युवाओं के लिए एलएलएम और पीएच.डी. करने के बाद टीचिंग प्रोफेशन भी एक बढिया विकल्प है। कॉर्पोरेट सेक्टर ने लॉ की पढाई करने वालों के लिए तमाम राहें खोल दी हैं।