राष्ट्र निर्माण का संकल्प ,शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान, बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
एक एकल शिक्षक विद्यालय single Teacher School की अपनी बहुत सी परेशानियां होती है , एक अकेले शिक्षक के उपर बेहतर अकादमिक माहोल बनाने की जिम्मेदारियों के साथ साथ अन्य सभी प्रकार की जिम्मेदारियां भी होती है जो एक संगठन को सफलतापूर्वक चलाने में आवश्यक होती है I इनमे सबसे महत्वपूर्ण है परिसर की स्वच्छता क्योकि यह क्रिया अन्य क्रियाओ की आवृत्ति को भी नियंत्रित करती है और हमारे स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है l
आइये देखते है कैसे एक समस्या नवाचार बन गयी और सफलतापूर्वक संचालित होते हुए क्षेत्र में एक नजीर बन गयी है l
समस्या 1. विद्यालय में झाड़ू पोछा और कक्षाओं की दैनिक साफ सफाई कैसे हो l
समस्या 2 . विद्यालय के शौचालयों की दैनिक साफ सफाई कैसे हो l
समस्या 3 . विद्यालय के किचन गार्डन व फुलवारी की साफ़ सफाई कैसे हो l
समस्या 4 . विद्यालय में पेयजल की साफ़ सफाई कैसे हो l
समस्या 5 . विद्यालय में बच्चो की स्वच्छता की निगरानी कैसे हो l
इन सभी परिशानियो से निराश हुए बिना हमने एक विचार का निर्माण किया यह विचार था समुदाय को स्वच्छता कार्यक्रमों में सक्रीय भागिदार बनाना , इसे हेतु जब भी अभिभावक विद्यालय में अपने बच्चो के प्रवेश के लिये पहुँचते है उन्हें विद्यालय परिसर में एक निश्चित क्षेत्र आवंटित किया जाता है और प्रवेश के समय ही एक वृक्ष परिसर में रोपित करने को कहा जाता है साथ ही जब तक उनका बच्चा विद्यालय में रहता है उस भूमि पर फूल पौधे व स्वच्छता की जिम्मेदारि उन अभिभावक की होती है ,सबसे अच्छी क्यारी व नियमित स्वच्छता प्रक्रिया के साथ कार्य करने वाले अभिभावक को विश्व पृथ्वी दिवस पर SMC की उपस्थिति पर सम्मानित किया जाता है l
यह प्रिक्रिया न केवल समुदाय के साथ विद्यालय के मधुर सम्बन्ध स्तापित करता है साथ ही अभिभावकों की सामाजिक जिमेदारी भी तय करता है I
समुदाय के विद्यालय और सेवित क्षेत्र में स्वच्छता मुद्दे पर बैठकों का आयोजन किया जाता है और उन्हें प्रेरित किया जाता है , साथ ही सेवित क्षेत्र में बच्चो के साथ मिलकर स्वच्छता रैली ,नुकड़ नाटक , स्लोगन लेखन कार्यक्रमों का आयोजन समुदाय को अभिप्रेरित करने के लिये किया जाता है l
जब अभिभावक विद्यालय में अपने बच्चे के प्रवेश के लिये आते है तो उन्हें अभिप्रेरित कर के सबसे पहले एक वृक्ष रोपण करने को कहा जाता है तदुपरान्त विद्यालय में एक भूमि का क्षेत्र दे दिया जाता है जिसे अभिभावक अब "मेरा कोना " भी कहते है , इस कोने की स्वच्छता , बागवानी ,फूलवारी सिचाई इत्यादि की जिम्मेदारी उन अभिभावक की होती है , इस प्रकार से न हर एक अभिभावक को विद्यालय परिसर में थोड़ा थोड़ा क्षेत्र आवंटित कर दिया जाता है और वे सभी अपनी अपनी सुविधा अनुसार विद्यालय समय या फिर विद्यालय समय उपरांत अपना अपना स्वच्छता सम्बंधित दायित्व निर्वहन करते है l
आज विद्यालय में अभिभावकों के "मेरा कोना " कार्यक्रम के सफल संचालन द्वारा विद्यालय के पास ----
1. जैविक और अजैविक कूड़ा खड्ड है
2. एक एकल शिक्षक होने के बावजूद विद्यालय परिसर में कई फलदार वृक्ष है , विद्यालय परिसर बहुत ही सुंदर और नैसर्गिक है जहाँ कई पारकर के फूल और पौधे लगे हुए है l
3. विद्यालय के पास अपना सीमेंट का जल टैंक है जिसकी माह में एक बार सफाई भी दायित्व धारी अभिभावकों द्वारा की जाती है l
4. विद्यालय के पास अपना कीचन गार्डन है ( एक अलग नवाचार )
5. विद्यालय के पास बालक और बालिका के लिये पृथक शौचालय हैं और इनकी स्वच्छता की वयवस्था विद्यालय परिवार मिलकर करता है I