राष्ट्र निर्माण का संकल्प ,शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान, बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
बाल प्रतिभा पत्रिका (मासिक)
बाल प्रतिभा पत्रिका (मासिक)
2.Description / विवरण: सरकारी विद्यालयों की सबसे बड़ी समस्या है संसाधनों की कमी, एक नवाचारी अध्यापक हेमेशा इसी संसाधन विहीनता से उबरने का प्रयास करतें रहते है और सिमित संसाधनों मे ही अपने छात्रों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने मे सफल रहतें है , जहाँ अन्य विद्यालयों के पास बच्चो की रच्नात्मकता उनके कौशलो को निखारने हेतु एक से बढ़ कर एक भौतिक वस्तुए होती है वहीँ सरकारी विद्यालयों के पास कमोबेश यह स्थिथि न के बराबर होती है ,हमारे पास जो छात्र होते है वे वंचित और निर्धन जरूर होते है परन्तु उनमे बुद्धिमत्ता , रच्नात्मकता और सृजन की अपार सम्भावनाये होती है आवायश्कता सिर्फ उन्हें मौके देने की है ,बच्चो के अन्दर निहित विभिन्न प्रकार की क्षमताओ को विकसित करने के मकसद से मेरा ये नवाचार बाल प्रतिभा पत्रिका बहुत सफल हो रहा है इस मासिक पत्रिका मे बच्चे अपनी स्वरचित कहानिया कविताये, चित्र ,चुटकले, समाचार, निबंध इत्यादि लिखते है और माह के अंत मे उन्हें प्रकाशित भी करते है| अपने उत्तक्रिष्ट कार्य को स्थान मिलना बच्चो को उत्त्प्रेरण प्रदान करते हुए उन्हें और बेहतर कार्य करने को प्रेरित करता है ,प्रथम वर्ष हमने यह पत्रिका केवल हिंदी शिक्षण हेतु बनाई अब इसकी सफलता को देख कर हम इसे आंग्ल भाषा मे भी बनाने लगे है जिसके बहुत लाभ मिल रहे है | चूँकि बाल प्रतिभा पत्रिका भाषा विकास का एक शशक्त उपागम है इसीलिए हमने इसे आंग्ल भाषा के लिए भी प्रयोग करना प्रारंभ किया है , बच्चें तो बाल प्रतिभा पत्रिका को अपने अधिगम का अभिन्न हिस्सा मानते है और यदा कदा मुझसे इस बाबत प्रश्न किया करतें है इस गतिविधि से जितना फायदा छात्रों को है उतना ही एकल शिक्षक होने के नाते हम अध्यापकों को भी है बाल प्रतिभा पत्रिका निर्माण से बहुत से शैक्षिक लाभ मिल रहें है , पत्रिका न केवल विद्यालयों में बाल मैत्रीपूर्ण वातावरण का निर्माण तथा आनंद के साथ सीखने में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है साथ ही साथ खेल-खेल में शिक्षा की भावना को भी बल मिल रहा है। बहुभाषायी ज्ञान समृद्ध हो रहा है। बच्चों की सृजनात्मक क्षमता का विकास व प्रतिभा प्रदर्शन में यह एक महत्वपूर्ण उपकरण बनती जा रही है। विद्यालय में पठन-पाठन का बड़ा ही मनमोहक वातावरण भी निर्मित होने लगा है। प्रतिभा पत्रिका अभियान से अभिभावकों व समुदाय को भी जोड़ा जा रहा है जिससे वि़द्यालय व समुदाय की दूरी भी कम हो रही है तथा संवाद का बेहतर वातावरण बन रहा है। अधिगम(भाषायी क्षमता) का बेहतर उपागम होने के साथ साथ यह छात्रों की रचनात्मक और क्रियाशीलता को बढ़ाने मे मदद कर रही है । हर बालक अपने मे विशिष्ट होता है कुछ कला मे अच्छे होते है, किसी का लेखन अच्छा होता है ,किसी मे विचारों को चित्रित करने की क्षमता होती है तो कोई कंठस्थ करने मे माहिर होता है , बाल प्रतिभा पत्रिका एक ऐसा उपागम है जिससे सभी बच्चों की विभिन्न विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन हो पाता है और उन्हें बेहतर समझा जा सकता है । इस व्यवस्था से एकल अध्यापक विद्यालय में भाषा हेतु बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। गतिविधि आधारित शैक्षिक वातावरण के लिए यह क्रियाकलाप बहुत आनंदमयी और सहज है छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य-समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये बाल प्रतिभा पत्रिका की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है. इस नवाचार के माध्यम से छात्रों का पठन कौशल एवं लेखन कौशल भी विकसित होता है. उनमें नेतृत्व क्षमता जागृत होती है और साथ ही जो छात्र पढ़ने, लिखने या बोलने में कमजोर हैं, उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है. बाल प्रतिभा पत्रिका जहां विद्यालय मे बच्चो के समक्ष अधिगम का एक बेहतर उपागम शिद्ध हो रहा है साथ ही साथ यह एक ऐसा नवाचार है जिसमें छात्र-छात्राओं को अपनी शैली विकसित करने का अवसर मिलता है और उनकी अभिव्यक्ति मुखर होती है .
बाल प्रतिभा पत्रिका की मुख्य लाभ व विशेषतायें. इस प्रकार से है|
1.बच्चे अपने आप को सहज पाते और अपनी भावनाओं को लिख पा रहे हैं
2.छोटी छोटी स्वमं रचित या सुनी सुनाई घटनाओं को अपने शब्दों मे लिखते है।
3.मात्राओं की अशुद्धियां कम हो रही है।
4.बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ रहा है।
5.बच्चे समाचार प्राप्त् करने को उत्सुक रहते है इसलिये उनमे सतर्कता बनी रहती है।
6.यदा कदा बच्चे लिखते हुए पहाड़ी शब्दो का प्रयोग करते है उन्हें उसका हिंदी रूप समझाया जाता है।
7.शुरूवाती लेखन #कक्षा 1 मे भी यह मदद करता है बच्चा दूसरे छात्र को देख कर अपने मन की बात लिखने का प्रयास कर रहा है।
8.भाषा लेखन और वाचन में मौलिकता लाने मे मदद मिल रही है ।
9.बच्चें सूचनाओं का संग्रहण करतें है ,उसे लिखतें है इस प्रक्रिया मे वे एक लेखक की भूमिका मे होते है, उनकी सूचना /समाचार को पत्र मे स्थान मिलना उनका आत्मविश्वास बढ़ाता है और वे अन्य भाषाओं मे भी बेहतर करतें है ।
10.किताबी ज्ञान से अलग जानकारी पाकर बच्चों का लेखन और पठन मे रुचि बढ़ती है ।
11.माह के अंत मे बच्चो का कार्य उनके अभिभावकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है जिसे वे बड़े चाव से पढ़ते है और अपने पाल्यो का कार्य देखकर अभिभूत होते है
12.बच्चो की रचनात्मकता और सृजनशीलता को एक बेहतर स्तर मिल रहा है
3.Resources/Materials required for implementing the idea / नवाचार के क्रियान्वयन के लिए किन संसाधनों या सामग्री की आवश्यकता है: pen, copy, pencil, chart paper, colors etc
4.List the main beneficiary of your innovative Idea / नवाचार के मुख्य लाभार्थी कौन हैं: छात्र ,अभिभावक और अध्यापक
5.List 3 ways in which your idea has helped the main beneficiary / उन ३ तरीकों की सूची बनाएं जिनमें आपके विचार ने मुख्य लाभार्थी की मदद की है:
1. बच्चे अपने आप को सहज पाते और अपनी सृजन क्षमता का विकास कर पा रहे हैं तथा छोटी छोटी स्वमं रचित या सुनी सुनाई घटनाओं को अपने शब्दों मे लिखते है।मात्राओं की अशुद्धियां कम हो रही है।
2. शुरूवाती लेखन #कक्षा 1 मे भी यह मदद करता है बच्चा दूसरे छात्र को देख कर अपने मन की बात लिखने का प्रयास कर रहा है। भाषा लेखन और वाचन में मौलिकता लाने मे मदद मिल रही है ।
3. बच्चें सूचनाओं का संग्रहण करतें है ,उसे लिखतें है इस प्रक्रिया मे वे एक लेखक की भूमिका मे होते है, उनकी सूचना /समाचार को पत्र मे स्थान मिलना उनका आत्मविश्वास बढ़ाता है और वे अन्य भाषाओं मे भी बेहतर करतें है । किताबी ज्ञान से अलग जानकारी पाकर बच्चों की लेखन और पठन मे रुचि बढ़ती है
4. बाल प्रतिभा पत्रिका से बच्चो का मूल्यांकन उनकी रचनात्मक क्रियाशीलता द्वारा लगातार किया जाता है ,इससे सबसे बड़ा लाभ उन बच्चो को पहचानने मे है जो उपलब्धि परीक्षणों मे तो औसत होते है परन्तु उनके वक्तितव के अन्य बहुत से रचनात्मक आयाम भी होते है |
6 .नवाचार की आवश्कता क्यों :
आज सरकारी शिक्षा तमाम संकटों से ग्रस्त है जिसमें सबसे बड़ा कारण है विद्यालयों के पास सिमित संसाधन ,इन सिमित संसाधनों का प्रयोग कर बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना आज के सन्दर्भ मे बहुत चुनौतीपूर्ण है ,यदि अध्यापक विवेकशील और बुद्धिमत्ता से विचार नहीं करेंगे तो यह वयवस्था चौपट हो जायगी और शिक्षा का मतलब मतलब मात्र ज्ञान देना भर रह जायेगा तथा बालक के सम्पूर्ण विकास का तथ्य हेमेशा के लिये नेपथ्य मे ही रहेगा इसके बहुत से कारण नीतिगत हैं तो कुछ व्यवस्थागत तथा कुछ क्रियान्वयन के स्तर पर हील-हवाली होना भी है ,बहरहाल कारण जो भी रहे एक जागरूक अद्यापक को चाहिए की इन चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करते हुए अपनी शाला के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करे ,इसी तथ्य को ध्यान मे रखते हुए मैंने बच्चो की रचनात्मकता ,सृजनशीलता और उनकी आंतरिक शिक्तियो के विकास के लिये और उनकी प्रतिभा को एक आयाम देने के लिये बाल प्रतिभा पत्रिका का नवाचार किया इस पत्रिका मे बच्चे चित्र , कविता ,कहानी ,चुटकले , निबंध ,लेख इत्यादि लिखते है तथा उन्हें प्रकाशित भी करते है ,प्रतिभा पत्रिका की सफलता का यही उधाहरण है की अब यह पत्रिका बच्चे हिंदी के बाद इंग्लिश भाषा मे भी बनाने लगे है |
7.Please specify since how long since your idea has been in use / कृपया निर्दिष्ट करें कि आपका विचार कब से उपयोग में है: विगत तीन वर्षो से प्रति माह हम यह पत्रिका बना रहे है
8.If anyone wants to adopt this idea, how many weeks will it take to implement it ? / यदि कोई इस नवाचार को अपनाना चाहता है, तो इसे लागू करने में कितने सप्ताह लगेंगे ?
एक सप्ताह से कम समय मे
9.What planning is required before the implementation of your idea? List 5 main steps / आपके विचार के कार्यान्वयन से पहले क्या योजना आवश्यक है? सूची ५ मुख्य चरण:
1. सबसे पहेले कक्षा मे दो समूहों का निर्माण किया जाता है समूह निर्माण विद्यालय की छात्र संख्या के अनुसार होता है है ,समूह निर्माण के उपरांत समूहों मे संपादक मंडल बनया जाता है जिसका कार्य होता है सभी बच्चो से उनका रचनात्मक कार्य लेकर उसे सम्पादित कर पत्रिका पर चिपकाना संपादक मंडल भी अपना रचनात्मक कार्य करते है |
2. बच्चो को माह के प्रारंभ मे पेन ,कॉपी ,प्र्न्सिल, चार्ट पेपर ,रंग,स्केल, इत्यादि उपलब्ध करा दिया जाता है
3. बच्चो को उत्त्प्रेरण देते हुए बेहतर से बेहतर कार्य करने को कहा जाता है |
4. माह के अंतिम शनिवार को सभी विद्यार्थी गोल घेरे मे बैठ कर पत्रिका का कार्य सम्पादित करते है |
5. अंत मे सभी छात्र मिलकर उसका प्रकाशन करने अध्यापक के पास लातें है ,अध्यापक यहाँ पर मात्र उन्हें उत्त्प्रेरण प्रदान करते है,और उनके कार्य की उन्मुक्त कंठ से प्रशंशा करते है |
10.Please elaborate your Zero Investment Idea / कृपया अपने शून्य निवेश विचार को विस्तृत करें:
सरकारी विद्यालयों की सबसे बड़ी समस्या है संसाधनों की कमी, एक नवाचारी अध्यापक हेमेशा इसी संसाधन विहीनता से उबरने का प्रयास करतें रहते है और सिमित संसाधनों मे ही अपने छात्रों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने मे सफल रहतें है , जहाँ अन्य विद्यालयों के पास बच्चो की रच्नात्मकता उनके कौशलो को निखारने हेतु एक से बढ़ कर एक भौतिक वस्तुए होती है वहीँ सरकारी विद्यालयों के पास कमोबेश यह स्थिथि न के बराबर होती है ,हमारे पास जो छात्र होते है वे वंचित और निर्धन जरूर होते है परन्तु उनमे बुद्धिमत्ता , रच्नात्मकता और सृजन की अपार सम्भावनाये होती है आवायश्कता सिर्फ उन्हें मौके देने की है ,बच्चो के अन्दर निहित विभिन्न प्रकार की क्षमताओ को विकसित करने के मकसद से मेरा ये नवाचार बाल प्रतिभा पत्रिका बहुत सफल हो रहा है इस मासिक पत्रिका मे बच्चे अपनी स्वरचित कहानिया कविताये, चित्र ,चुटकले, समाचार, निबंध इत्यादि लिखते है और माह के अंत मे उन्हें प्रकाशित भी करते है| अपने उत्तक्रिष्ट कार्य को स्थान मिलना बच्चो को उत्त्प्रेरण प्रदान करते हुए उन्हें और बेहतर कार्य करने को प्रेरित करता है ,प्रथम वर्ष हमने यह पत्रिका केवल हिंदी शिक्षण हेतु बनाई अब इसकी सफलता को देख कर हम इसे आंग्ल भाषा मे भी बनाने लगे है जिसके बहुत लाभ मिल रहे है | चूँकि बाल प्रतिभा पत्रिका भाषा विकास का एक शशक्त उपागम है इसीलिए हमने इसे आंग्ल भाषा के लिए भी प्रयोग करना प्रारंभ किया है , बच्चें तो बाल प्रतिभा पत्रिका को अपने अधिगम का अभिन्न हिस्सा मानते है और यदा कदा मुझसे इस बाबत प्रश्न किया करतें है इस गतिविधि से जितना फायदा छात्रों को है उतना ही एकल शिक्षक होने के नाते हम अध्यापकों को भी है बाल प्रतिभा पत्रिका निर्माण से बहुत से शैक्षिक लाभ मिल रहें है , पत्रिका न केवल विद्यालयों में बाल मैत्रीपूर्ण वातावरण का निर्माण तथा आनंद के साथ सीखने में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है साथ ही साथ खेल-खेल में शिक्षा की भावना को भी बल मिल रहा है। बहुभाषायी ज्ञान समृद्ध हो रहा है। बच्चों की सृजनात्मक क्षमता का विकास व प्रतिभा प्रदर्शन में यह एक महत्वपूर्ण उपकरण बनती जा रही है। विद्यालय में पठन-पाठन का बड़ा ही मनमोहक वातावरण भी निर्मित होने लगा है। प्रतिभा पत्रिका अभियान से अभिभावकों व समुदाय को भी जोड़ा जा रहा है जिससे वि़द्यालय व समुदाय की दूरी भी कम हो रही है तथा संवाद का बेहतर वातावरण बन रहा है। अधिगम(भाषायी क्षमता) का बेहतर उपागम होने के साथ साथ यह छात्रों की रचनात्मक और क्रियाशीलता को बढ़ाने मे मदद कर रही है । हर बालक अपने मे विशिष्ट होता है कुछ कला मे अच्छे होते है, किसी का लेखन अच्छा होता है ,किसी मे विचारों को चित्रित करने की क्षमता होती है तो कोई कंठस्थ करने मे माहिर होता है , बाल प्रतिभा पत्रिका एक ऐसा उपागम है जिससे सभी बच्चों की विभिन्न विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन हो पाता है और उन्हें बेहतर समझा जा सकता है । इस व्यवस्था से एकल अध्यापक विद्यालय में भाषा हेतु बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। गतिविधि आधारित शैक्षिक वातावरण के लिए यह क्रियाकलाप बहुत आनंदमयी और सहज है छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य- समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये बाल प्रतिभा पत्रिका की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है. इस नवाचार के माध्यम से छात्रों का पठन कौशल एवं लेखन कौशल भी विकसित होता है. उनमें नेतृत्व क्षमता जागृत होती है और साथ ही जो छात्र पढ़ने, लिखने या बोलने में कमजोर हैं, उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है. बाल प्रतिभा पत्रिका जहां विद्यालय मे बच्चो के समक्ष अधिगम का एक बेहतर उपागम शिद्ध हो रहा है साथ ही साथ यह एक ऐसा नवाचार है जिसमें छात्र-छात्राओं को अपनी शैली विकसित करने का अवसर मिलता है और उनकी अभिव्यक्ति मुखर होती है .
बाल प्रतिभा पत्रिका की मुख्य लाभ व विशेषतायें. इस प्रकार से है|
1.बच्चे अपने आप को सहज पाते और अपनी भावनाओं को लिख पा रहे हैं
2.छोटी छोटी स्वमं रचित या सुनी सुनाई घटनाओं को अपने शब्दों मे लिखते है।
3.मात्राओं की अशुद्धियां कम हो रही है।
4.बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ रहा है।
5.बच्चे समाचार प्राप्त् करने को उत्सुक रहते है इसलिये उनमे सतर्कता बनी रहती है।
6.यदा कदा बच्चे लिखते हुए पहाड़ी शब्दो का प्रयोग करते है उन्हें उसका हिंदी रूप समझाया जाता है।
7.शुरूवाती लेखन #कक्षा 1 मे भी यह मदद करता है बच्चा दूसरे छात्र को देख कर अपने मन की बात लिखने का प्रयास कर रहा है।
8.भाषा लेखन और वाचन में मौलिकता लाने मे मदद मिल रही है ।
9.बच्चें सूचनाओं का संग्रहण करतें है ,उसे लिखतें है इस प्रक्रिया मे वे एक लेखक की भूमिका मे होते है, उनकी सूचना /समाचार को पत्र मे स्थान मिलना उनका आत्मविश्वास बढ़ाता है और वे अन्य भाषाओं मे भी बेहतर करतें है ।
10.किताबी ज्ञान से अलग जानकारी पाकर बच्चों का लेखन और पठन मे रुचि बढ़ती है ।
11.माह के अंत मे बच्चो का कार्य उनके अभिभावकों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है जिसे वे बड़े चाव से पढ़ते है और अपने पाल्यो का कार्य देखकर अभिभूत होते है
12.बच्चो की रचनात्मकता और सृजनशीलता को एक बेहतर स्तर मिल रहा है