राष्ट्र निर्माण का संकल्प ,शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान, बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी कार्यक्रम
बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को बढावा देता जन जागरण करता एक नवाचार
स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी कार्यक्रम
बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को बढावा देता जन जागरण करता एक नवाचार
हमारे पहाड़ी घर गाँव में स्वंतंत्रता के ७२ सालो उपरांत भी लडकीयाँ उपेक्षा का शिकार है उन्हें न तो लडको के समकक्ष अधिकार प्राप्त है न ही उनकी देखभाल लडको के जैसे की जाती है ,इसी कारण से वे न केवल बहुत अस्वस्थ रहती है साथ ही अधिगम में भी पिछडती चली जाती है ,क्योकि वे नियमित स्कूल नहीं आती है पिछले दो वर्षो से इन्ही समस्याओ से लड़ने व बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को नियमित करने के उदेश्य से यह कार्यक्रम विद्यालय स्तर से ग्राम सभा स्तर तक चलाया जा रहा है .
स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी कार्यक्रम क्या है ?
उत्तराखंड के पर्वतीय दुर्गम इलाको में आज भी बालिका को वे सारे अधिकार व सुविधाए प्राप्त नहीं है जो की उसके समकक्ष लडको को प्राप्त है ...... जैसे
1 . लडकीया नियमित स्कूल नहीं आती वे या तो अपने अभिभावकों के कामो में बटाती है या फिर जंगल जाती है अपने पाशुओं को घास चराने के लिये .
2.कई बार वे स्वच्छता संबंधी उपाए न करने के कारण बीमार रहती है तो अभिभावकों का ढुलमुल रविया रहता है उनके प्रति
3 . लडकियों को अधिगम हेतु सामग्री जैसे कॉपी ,पेंसिल इत्यादि नियमित नहीं दिया जाता है.
4 . सुरक्षा की दृष्टी से ग्रामीण इलाकों में दूरदराज के स्कूलों में बालिकाओं को भेजने से उनके माता-पिता कतराते हैं तथा जल्द ही उनकी शिक्षा छुडवाकर उनकी शादी कर दी जाती है ,मेरे सेवत क्षेत्र में बहुत कम लडकीया आज भी इंटर तक की शिक्षा प्राप्त कर पाती है .
उपरोक्त सभी प्रकार की समस्याओ से मुझे कभी न कभी जूझना ही पड़ा समस्याओ राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ी बाधक थी , हमने फैसला किया की कम से अपने पंचायत स्तर से तो इस समस्या का निवारण करेंगे और तय किया की हर महीने सेवित क्षेत्र के एक घर का भ्रमण किया जायेगा और माता पिता को बालिका शिक्षा ,बालिका स्वास्थ्य हेतु जागरूक करेंगे और जनसमुदाय को राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपने संग सलग्न करने का प्रयास करेंगे साथ ही साथ बालिकाओ के लिये सरकारी योजनाओ का प्रचार और प्रसार भी करेंगे .
किस प्रकार करते है ?
1 . बच्चो के अभिभावकों से SMC बैठक में बार बार अनुरोध किया जाता है की बच्चो के स्वास्थ्य ,स्वछता पर ध्यान देने को और बच्चो को नियमित विद्यालय भेजने को कहा जाता है ,साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओ से भी अवगत कराया जाता है जो सरकार ने बालिकाओ के लिये संचालित की हुई है .
2 .महीने के आखरी शनिवार की शाम को ग्रामप्रधान ,SMC अध्यक्ष , बड़े बुजुर्गो के साथ गाँव के किसी भी घर में बैठक का आयोजन किया जाता है ,समय न मिलने पर कभी कभी यह कार्यक्रम रविवार को भी किया जाता है , हर माह अलग अलग घरो में बैठक का आयोजन किया जाता है.
3 . इन बैठकों में बच्चो का भी सक्रीय योगदान रहता है ,बच्चे इन बैठकों में नुक्कड़ नाटक ,कविता ,कहानिया व लोक नृत्य के माध्यम से बालिका शिक्षा का और स्वच्छता का सन्देश देने के साथ साथ सरकारी योजनाओ का भी प्रचार प्रसार करते है .
4. समय समय पर गाँव में स्वच्छता व बालिका शिक्षा हेतु रैली का भी आयोजन किया जाता है जो की आमजनमानस को जागरूक करने के उदेश्य से की जाती है
5 .अध्यापक स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य हेतु लोगो को प्रशिक्षण भी देते है इनमे सबसे मुख्य है हाथ धोने के ठीक तरीके सीखना और रोज मर्रा की साफ़ सफाई के तरीको की जानकारी देना
6 . अध्यापक ग्राम सभा स्तर पर अभिभावकों को जागरूक करते है और लोगो को स्वच्छता हेतु प्रेरित करते हुए बच्चो को नियमित विद्यालय भेजने को कहते है ,इसी क्रम में बेटियों की माताओं को आगे करते हुए दोनों को एक दुसरे की स्वच्छता का ध्यान रखने को कहा जाता है और SMC बैठक उस माँ और बेटी को सम्मानित किया और पूरे माह भर वे दोनों "स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी" के नाम से पुकारी जाती है , इस हेतु माँ की जिम्मेदारी है की उसकी बेटी विद्यालय सौ प्रतिशत उपस्तिथि दे और स्वच्छ व स्वस्थ्य हो .बच्चे खासतौर पे अब नियमित स्कूल आ रहे है व उनका अधिगम स्तर भी ठीक होता जा रहा है माँ बाप अब बच्चो का ध्यान पहले से ज्यादा ठीक तरीके से रख पा रहे है ,बेटियों के स्वास्थ्य पर अब ध्यान दिया जा रहा है ,वे अब पहले से ज्यादा खुश रहती है .सरकारी योजनाओ का लाभ बहुत से अभिभावक अब ले पा रहे है जिनमे मुख्य रूप से पोस्ट ऑफिस की RD और सुकन्या समृद्धि योजना है
1 . बच्चो के अभिभावकों से SMC बैठक में बार बार अनुरोध किया जाता है की बच्चो के स्वास्थ्य ,स्वछता पर ध्यान देने को और बच्चो को नियमित विद्यालय भेजने को कहा जाता है ,साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओ से भी अवगत कराया जाता है जो सरकार ने बालिकाओ के लिये संचालित की हुई है .
महीने के आखरी शनिवार की शाम को ग्रामप्रधान ,SMC अध्यक्ष , बड़े बुजुर्गो के साथ गाँव के किसी भी घर में बैठक का आयोजन किया जाता है ,समय न मिलने पर कभी कभी यह कार्यक्रम रविवार को भी किया जाता है , हर माह अलग अलग घरो में बैठक का आयोजन किया जाता है.
इन बैठकों में बच्चो का भी सक्रीय योगदान रहता है ,बच्चे इन बैठकों में नुक्कड़ नाटक ,कविता ,कहानिया व लोक नृत्य के माध्यम से बालिका शिक्षा का और स्वच्छता का सन्देश देने के साथ साथ सरकारी योजनाओ का भी प्रचार प्रसार करते है .
समय समय पर गाँव में स्वच्छता व बालिका शिक्षा हेतु रैली का भी आयोजन किया जाता है जो की आमजनमानस को जागरूक करने के उदेश्य से की जाती है,अध्यापक स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य हेतु लोगो को प्रशिक्षण भी देते है इनमे सबसे मुख्य है हाथ धोने के ठीक तरीके सीखना और रोज मर्रा की साफ़ सफाई के तरीको की जानकारी देना
अध्यापक ग्राम सभा स्तर पर अभिभावकों को जागरूक करते है और लोगो को स्वच्छता हेतु प्रेरित करते हुए बच्चो को नियमित विद्यालय भेजने को कहते है ,इसी क्रम में बेटियों की माताओं को आगे करते हुए दोनों को एक दुसरे की स्वच्छता का ध्यान रखने को कहा जाता है और SMC बैठक उस माँ और बेटी को सम्मानित किया और पूरे माह भर वे दोनों "स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी" के नाम से पुकारी जाती है , इस हेतु माँ की जिम्मेदारी है की उसकी बेटी विद्यालय सौ प्रतिशत उपस्तिथि दे और स्वच्छ व स्वस्थ्य हो .
स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी कार्यक्रम:
अध्यापक विद्ग्रायालय व ग्राम सभा स्तर पर अभिभावकों को आम नागरिको को बेटी के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्रमोट करने व राष्ट्र निर्माण की बाधा को दूर करने के उदेश्य से लोगो जागरूक करते है और स्वच्छता हेतु प्रेरित करते हुए बच्चो को नियमित विद्यालय भेजने को कहते है ,इसी क्रम में बेटियों की माताओं को आगे करते हुए दोनों को एक दुसरे की स्वच्छता का ध्यान रखने को कहा जाता है और SMC बैठक में उस माँ और बेटी को सम्मानित किया जाता है और पूरे माह भर वे दोनों "स्वच्छ माँ स्वच्छ बेटी" के नाम से पुकारी जाती है , इस हेतु माँ की जिम्मेदारी है की उसकी बेटी विद्यालय सौ प्रतिशत उपस्तिथि दे और स्वच्छ व स्वस्थ्य हो .