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नवाचार - "तक धिना धिन ,अंग्रेज का बच्चा क्या जाने ,अंग्रेजी जाने हम" - फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना - पढना
अंग्रेजी का भय सरकारी स्कूलों के बच्चो में इस कदर बैठा है की लाख नए नए तरीके से पढ़ाने और सिखाने के बावजूद भी बच्चे ठीक तरीके से नहीं पढ़ और बोल पाते है , यह एक ऐसी समस्या है जो आगे चलकर बच्चो के अकादमिक में बहुत प्रभाव डालती है क्योकि इंग्लिश एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है और यह आज के युग की मांग भी है I
तो आवश्यकता थी कुछ हट कर करने की ,कुछ मजेदार करने की , कुछ ऐसा जिसे बच्चे आनंदमय तरीके से सीखे , तो यही से शुरुवात हुई इस नवाचार की जिसका नाम है - " तक धिना धिन ,अंग्रेज का बच्चा क्या जाने ,अंग्रेजी जाने हम "
यह एक बहुत ही साधरण सी प्रक्रिया है और बहुत थोड़े समय में ही इस नवाचार के प्रयोग से बच्चे अंग्रेजी भाषा पर विश्वाश हासिल कर लेते है और बोलना पढ़ना सीख जाते है I
पहले माह बच्चो को सिर्फ कुछ चुनी हुई कहानिया हाव भाव के साथ सुनाई जाती है , अमूमन ये बहुत छोटी छोटी कहानिया होती है जैसे -
1. The Lion and the Mouse 2.The Golden Touch 3.The Boy Who Cried Wolf 4.A friend in need is a friend indeed. 5.The Frog and The Ox etc.
ऐसी ही बहुत सी कहानियाँ बच्चो को हाव भाव के साथ सुनाई जाती है बच्चे इससे समानियकरण करते हुए अध्यापक की बॉडी लैंग्वेज को समझने का प्रयास करते है और उन शब्दों को पकड लेते है और उन्हें प्रयोग भी करने लगते है I
इसके बाद उनकी पाठ्यक्रम से कुछ कहनियो को लेकर उपरोक्त कार्य पुनः कठिन स्तर को बढ़ा कर किया जाता है l
अब इन सुनी हुई कहानियों के अध्यापक डायलोग लिखते है और बच्चो को उन्हें बोलने और एक्ट करने को कहते है ,यह बहुत ही मजेदार क्रिया है बच्चे इसमें बहुत सक्रिय रहते है और शुरुवाती कुछ उच्चारण सम्बंधित गलितयो के बाद वे धीरे धीरे बेहतर सीखने लग जाते है l इस पप्रकिया में बच्चो की वोकैबुलारी (Vocabulary) बहुत अच्छी होती जाती है और प्रयास करते रहे पर ग्रामर (Grammer) भी अच्छी होती रहती है l
यह नवाचार बच्चो को इंग्लिश बोलने के लिए वातावरण का निर्माण करता है (माहोल) अगर आपके आस-पास का वातावरण ऐसा है जहां अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है तो आप जल्द ही अंग्रेजी बोलना सिख सकते है और अगर आपके आस-पास ऐसा माहोल नही है तो आप क्रिएट (बना) कर सकते है।माहोल बनाने के लिए आपको आपकी सोचने की क्षमता को इंग्लिश (अंग्रेजी) में ट्रान्सफर करना होगा, जैसे मान लीजिये अगर आप किसी चीज़ को देखते है या किसी चीज़ के बारे में सोचते है तो अब तक आप हिंदी में सोच रहे थे बस इस नवाचार से बच्चे अब हर चीज को इंग्लिश में सोचते है और इस कार्य में अध्यापक उनकी मदद करते है । अब तो बच्चे आराम से तक धिना धिन करते हुए अंग्रेजी सीख रहे है और सफल हो रहे है l