राष्ट्र निर्माण का संकल्प ,शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान, बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
आओ चित्रों से कहानी बनाये
अंग्रेजी और हिंदी भाषा विकास के लिये एक बेहद क्रियाशील नवाचार
आओ चित्रों से कहानी बनाये
अंग्रेजी और हिंदी भाषा विकास के लिये एक बेहद क्रियाशील नवाचार
1 शुरुवाती भाषा शिक्षण मई बहुत मददगार क्योकि बच्चो को कहानी और चित्र बनाना बहुत अच्छा लगता है ,उनकी इस नैसर्गिक विशेषता का लाभ शिक्षण अधिगम मे इस नवाचार हेतु किया जाता है ,यह नवाचार न केवल हिंदी भाषा शिक्षण मे महतवपूर्ण होता जा रहा है साथ ही साथ अंग्रेजी और संस्कृत भाषा शिक्षण मे भी मददगार साबित हो रहा है
2 छोटे छोटे बच्चो को खेल खेल मे भाषीय क्षमता को विकसित होते देखना एक सुखद अनुभव होता है ,बच्चो का ज्ञान स्थाई होता है और वे न केवल उच्चराण सम्बन्धी समस्याओ का निराकरण कर पा रहे है साथ ही साथ उनका विश्वाश भी बढ़ रहा है ,बाल्यकाल मे इस गुण का विकास होना बालक के वक्तितव को भविष्य मे परिपक्व करता है
3 भाषा विकास और इस पर बच्चो की पकड़ उन्हें अन्य विषयों मे बहुत मदद करती है ,मेरा अनुभव है की जो बच्चा कक्षा एक से ही अपने अधिगम वयवहार मे भाषाई पकड़ की उपस्तिथि दर्ज करता है वह आगे भी अच्छा परिणाम देता है ,इसीलिए आवयश्क है की इस नवाचार को कक्षा एक से ही परिचय कराया जाये
बच्चो के साथ मिलकर सर्वप्रथम किसी कहानी का चयन किया जाता है ,यदि बच्चे चाहे तो उनकी स्वम की कोई कहानी भी ली जा सकती है |
बच्चो को ऊँचे स्वर मे हाव भाव के साथ चयनित कहानी को सुनाया जाता है ,तथा कहानी के पत्रों व प्रकरण पर चित्रों का निर्माण किया जाता है |
चित्रों को अव्यस्थित रूप मे बच्चो के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है
अब उन्हें थोरा समय देते हुए कहानी के चित्रों को व्यस्थित रूप मे प्रस्तुत करने को कहा जाता है साथ ही साथ चित्रों को क्रम से लगाते हुए कहानी का पुनः निर्माण करने को कहा जाता है ,इस प्रक्रिया के दौरान बच्चो की विभिन्न क्षमताओ का पता चलने के साथ साथ उनका भाषीय कौशलो का भी विकास होता है
जो बच्चे इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से संपन्न कर लेते है उन्हें यही प्रक्रिया अगली भाषा (इंग्लिश,संस्कृत ) हेतु करवाई जाती है ,जो बच्चे बहुत बेहतर नहीं कर पाते उनके कठिन स्थर को समझते हुए उन्हें सकरात्मक रेंफोर्सन्मेंट देते हुए और बेहतर करने हेतु प्रेरित किया जाता है
कहानी सुनाना ,पढाना शिक्षण का एक महत्वपूर्ण अंग है। हम अगर ये कहें कि कहानी से पढ़ाना बहुत ही सरल हो जाता है तो गलत न होगा। परन्तु यहाँ सोचने वाली बात यह है कि कहानी को बच्चों तक कैसे पहुँचाया जाए? जिससे कहानी बच्चों को रोचक भी लगे और साथ ही साथ वो बिना बोझ के सीख भी पाएँ।
सभी जानते हैं कि छोटे बच्चे कहानी सुनने के लिए हमेशा अधीर रहते हैं। कहानी में बच्चे इतने खो जाते हैं कि मानो कहानी का नाट्य रूपान्तरण उनके सामने हो रहा हो।
जो प्रकरण बच्चो को पसंद आ रहा हो उसे उन्हें जल्दी और आनंदमई रूप से सिखाया जा सकता है और उसके अकादमिक परिणाम भी बहुत अच्छे होते है ,बच्चो के इसी विशेष गुण का लाभ उठाने हेतु मैंने यह नवाचारी प्रयास किया जो मेरे शाला मई बहुत अच्छा परिणाम दे रहा है ,शुरू शुरू मे हम बच्चो को छोटी छोटी हिंदी अंग्रेजी की कहानी सुनाया करते थे जो बच्चो को न केवल कंठस्थ हो जाती थी ,वे उसे हाव भाव के साथ सुनाने के साथ साथ कहानी के पत्रो और प्रकरणों को थोरा बहुत बदल कर मेरी सुनाई कहानी के समकक्ष एक और कहानी सुनाने मे सक्षम थे , बच्चो की कहानी बहुत छोटी होती थी पर जब वे अपनी बनाई कहानी सुनाते तो मेरी सुनाई कहानी को अपने परिवेश से जोड़कर एक अलग कहानी का निर्माण करते ते ,ये बहुत बड़ा गुण था उनका ,मैंने इसे पहचाना और कहानी शिक्षण को भाषा कौशल के विकास हेतु एक नए स्थर पर ले गया आज हमारा यह नवचार बहुत सफल हो रहा है
क्योकि यह क्रिया मात्र बच्चो को कहानी सुनाने और प्रश्न उत्तर करने तक ही सिमित नहीं है पूरी गतिविधि के दौरान बालक इस क्रिया मे क्रिया शील बना रहता है और अपने विवेक और बुद्धि लब्धि अनुसार नए ज्ञान का भी निर्माण करता है जो सौ प्रतिशित उसका अपना होता है ,आज की शिक्षा वयवस्था मे ज्ञान देना नहीं ज्ञान उत्पन्न करना ज्यादा महत्वपूर्ण है ,इस आधार पर यह नवचार न केवल खरा उतरता है साथ ही यह विवेकशीलता और नये विचारो का निर्माण करने मई सक्षम है