राष्ट्र निर्माण का संकल्प ,शिक्षा का उत्थान शिक्षक का सम्मान, बेहतर शिक्षा बेहतर समाज
मासिक बाल अख़बार : बजेला जागरण
एक शून्य निवेश नवाचार
भाषा के विकास हेतु कई नवाचारी कार्यक्रमों मे से एक है हमारे बच्चो द्वारा प्रकाशित मासिक *समाचार पत्र बजेला जागरण* इस पत्र मे बच्चे न केवल विज्ञापन लिखतें है,साथ ही साथ विद्यालय के बारे मे, गाँव के बारे मे, अपने देश के बारे मे,विदेश के बारे मे तथा अपने आस पास घटित हो रही घटनाओं के बारे मे भी लिखतें है , हर माह कक्षा 5 की संपादक मंडली अन्य बच्चो से लिखित मे समाचार ,कहानियां, स्वरचित कविताएं ,चुटकुले ,निबंध आदि एकत्रित करती है तथा इन सभी रचनात्मक कार्यों को समाचार पत्र पर स्थान देती है , बच्चों को जब अपने द्वारा किये गए कार्य को महत्वत्ता मिलना प्रतीत होता है तो उनका आत्मविश्वास और बढ़ता जाता है अनुभव के आधार पर आपको बता रहा हु प्रथम बार जब कोई औसत बालक अपनी उपलब्धि अनुसार अपने कोई भी रचनात्मक कार्य को विद्यालय की गतिविधियों मे स्थान पाता देखता है तो वह आत्मविश्वास से लबरेज हो जाता है ,यही छात्र अगली बार और बेहतर कार्य करते हुऐ आपके पास और बेहतर कार्य ले कर आता है ,और यही सफल शिक्षण की ओर अध्यापक का पहला चरण होता है (अभीप्रेरण) बच्चो द्वारा संपादित बजेला जागरण के कुछ अंश इस प्रकार से है:-
#बच्चो ने की शरारत - सुमित
#गांव- मनीषा
#नशे के खिलाफ कार्यवाही:- अंजली
#बच्चो के भविष्य के लिए अभिभावक देंगे पचास हजार:- मनीष
#मेर पापा ने स्कूल मे वोट डाला:सतीश
इस व्यवस्था से एकल अध्यापक विद्यालय में भाषा हेतु बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। गतिविधि आधारित शैक्षिक वातावरण के लिए यह क्रियाकलाप बहुत आनंदमयी और सहज है छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य-समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये बाल अख़बार की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है. इस नवाचार के माध्यम से छात्रों का पठन कौशल एवं लेखन कौशल भी विकसित होता है. उनमें नेतृत्व क्षमता जागृत होती है और साथ ही जो छात्र पढ़ने, लिखने या बोलने में कमजोर हैं, उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है. बाल अखबार जहां विद्यालय की प्रत्येक गतिविधि को दर्ज कर सकता है, साथ ही साथ यह एक ऐसा नवाचार है जिसमें छात्र-छात्राओं को अपनी शैली विकसित करने का अवसर मिलेगा और उनकी अभिव्यक्ति मुखर होगी. इस नवाचार की कुछ मुख्य विशेषतायें इस प्रकार से है -
1.बच्चे अपने आप को सहज पाते और अपनी भावनाओं को लिख पा रहे हैं
2.छोटी छोटी स्वमं रचित या सुनी सुनाई घटनाओं को अपने शब्दों मे लिखते है।
3.मात्राओं की अशुद्धियां कम हो रही है।
4.बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ रहा है।
5.बच्चे समाचार प्राप्त् करने को उत्सुक रहते है इसलिये उनमे सतर्कता बनी रहती है।
6.यदा कदा बच्चे लिखते हुए पहाड़ी शब्दो का प्रयोग करते है उन्हें उसका हिंदी रूप समझाया जाता है।
7.शुरूवाती लेखन #कक्षा 1 मे भी यह मदद करता है बच्चा दूसरे छात्र को देख कर अपने मन की बात लिखने का प्रयास कर रहा है।
8.भाषा लेखन और वाचन में मौलिकता लाने मे मदद मिल रही है ।
9.बच्चें सूचनाओं का संग्रहण करतें है ,उसे लिखतें है इस प्रक्रिया मे वे एक लेखक की भूमिका मे होते है, उनकी सूचना /समाचार को पत्र मे स्थान मिलना उनका आत्मविश्वास बढ़ाता है और वे अन्य भाषाओं मे भी बेहतर करतें है ।
10.किताबी ज्ञान से अलग जानकारी पाकर बच्चों का लेखन और पठन मे रुचि बढ़ती है।
11.विद्यालय प्रबंधन समिति की मासिक बैठक के दौरान यह समाचार पत्र अभिभावकों के समुख प्रस्तुत किया जाता है जिससे अभिभावक भी अपने अपने पाल्यो का मूल्यांकन प्रत्यक्ष रूप से कर पाते है ।
बच्चो का सामान्य ज्ञान बढ़ रहा है ,उन्हें अपने परिवेश का भी बहुत अच्छा ज्ञान रहता है ,आस पास क्या घटनाये हो रही है इसके बारे में उन्हें जानकारी रहती है .
छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य-समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये `बाल अखबार` की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है
विद्यालयी छात्र छात्राओं ने अपने लेखन कौशल के विकास के लिये उन्हें अवसर प्रदान हो रहे है जिससे उनमे मौलिक लेखन की प्रवित्ति बढ़ रही है और भाषा पर उनकी पकड़ भी बन रही है
कक्षा 5 के बच्चो की एक संपादक मंडली का निर्माण किया जाता है जिनके निम्न कार्य होते है .
1. चर्त्पपेर को अखबार की शक्ल में फोल्ड कर के उसे समाचारों को चस्पा करने हेतु त्यार किया जाता है .
2.सम्पादक मंडली हर बच्चे से विद्यालय गतिविधि , आसपास , देश ,और विदेश से खबरे व समाचार लिखने को बोलते है ,कोई भी बच्चा कितने ही समाचार ला सकता है सम्पादक मंडली तय करती है की कौन सी समाचार प्रकाशित होगी और कौन सी नहीं ,वस्तुतः सभी बच्चो का लेख समाचार बाल अखबार में लग ही जाते है
3 खबरे इक्कठी हो जाने के बाद उन्हें उपयुक्त हैडिंग टेल चिपका दिया जाता है .
4. बाल अख़बार बजेला जागरण प्रकाशन हेतु तय्यार है
अब संपादक मंडली माह के अंतिम शनिवार को प्राथना सभा में इस बाल अख़बार को पढती है .
देश विदेश की जानकारी बच्चो को अतरिक्त ररूप से भी समझाई जाती है .
बाल अख़बार को समूह के साथ भी साझा किया जाता है और SMC मीटिंग में अभिभावकों के समक्ष रक्खा जाता है ,अभिभावक अपने बच्चो के कार्यो के देख कर बहुत खुश होते है ,इससे विद्यालय और समाज के बीच एक मजबूत बंध का निर्माण भी होता है .
बच्चो को उनके बेहतर कार्य के लिये प्रोत्साहन दिया जाता है , इससे बच्चे और बेहतर कार्य करने को प्रेरित होते है .
विद्यालय के बच्चे नेअपने लेखन कौशल के विकास के लिये हस्तलिखित मासिक अखबार प्रकाशित करते है। विद्यालयों में इस गतिविधि को को प्रोत्साहित करने पर बच्चों का हौसला बढ़ा है और वे लेखन क्षमता का विकास करते हुए मौलिक लेखन की ओर अग्रसर हो रहे है । वे भी ज्ञानवर्धन में सहायक इस नवाचार को बड़े आनन्द के साथ अपने अधिगम कार्यो हेतु प्रयोग कर रहे है. इस समाचार पत्र में विभिन्न कालम होते है जैसे -
1. हमारा विद्यालय
2.आसपास
3.देश
4. विदेश
पुरे माह भर अपनी सुविधा व समय अनुसार बच्चे खबर इकट्ठा करते हैं जिसे वे माह के अंतिम शनिवार को संपादक मंडली को दे देते है , संपादक मंडली इन खबरों को क्रम अनुसार अख़बार के निश्चित कालम में चिपका देती है और इसका प्रकाशन सभी बच्चो के समुख करती है है . बबल अखबार को अंत में प्रार्थना सभा में पढ़कर सुनाई जाता है। उक्त अखबार से बच्चों का लेखन कौशल तो विकसित हो ही रहा है। साथ ही उनका ज्ञानवर्धन और नया करने की ललक भी बढ़ी है।