मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों की विशेष देखभाल के लिए नि:शुल्क शिविर
आयु 3 से 35 वर्ष
फरवरी के महीने में, 3 शिविरों का आयोजन हुआ। जिसमें लगभग 500 बच्चों और उनके माता-पिता ने भाग लिया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगो को दिव्यांग बच्चों के बारे में जागरूकता पहुंचना है। इस शिविर में पहुंचे माता पिता, हमें अपने बच्चे से संबंधित समस्याएं बता रहे थे और हमारे विशेषज्ञ उनकी समस्याओं के बारे में सलाह दे रहे थे। हमारे विशेषज्ञ उन बच्चों का भी आकलन कर रहे थे जिन्हें बोलने या सुनने में कोई कठिनाई हो रही है। बच्चे की विस्तृत जानकारी के बाद, संबंधित मनोवैज्ञानिक, कक्षा शिक्षक और विशेष शिक्षा शिक्षक द्वारा विकलांग बच्चों की पहचान करने के लिए स्कूल स्तर पर बच्चों की जांच और निदान किया जाएगा। इस शिविर से हमने लगभग 15 दाखिले किये। इस शिविर से हमने लगभग 500 लोगो तक दिव्यांग बच्चों के बारे में, उनको सरकार द्वारा दी गई सुविधा, सुनने और बोलने की कठिनाइयों और उनके शैक्षिक पहलुओं जैसी उनकी जरूरतों के बारे में सुविधा देना और उन्हें स्कूल में प्रवेश दिलाना है, बहुत से माता पिता जिन्हे इन सब के बारे में नहीं पता था, उनको इन सब के बारे में जागरूकता पहुँचाना ही इस शिविर का मुख्य उद्देश्य था।
शिविर के उद्देश्य :-
सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सीडब्ल्यूएसएन की योजनाओं के बारे में अभिभावकों को जागरूक करना।
मानसिक, शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों की नि:शुल्क जांच
.पढ़ने, लिखने या सुनने और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की कठिनाई।
शिविर के क्षेत्र :-
सीमापुरी डिपो
यमुना विहार
गीता कॉलोनी
नंद नगरी
सबोलीक
जागरूकता अभियान
मै आयशा की माता, मुझे शिविर के बारे में मस्जिद से पता चला था। मुझे शिविर में आकर वहाँ के विशेषज्ञों से बात कर के पता चला की मेरी बच्ची भी पढ़ सकती है, वह सुन नहीं सकती लेकिन अब वह पढ़ सकती है अब मेरी बेटी का दाखिला मनोविकास में हो गया है और वह ऑनलाइन कक्षा लेने लगी और उससे अब ऑनलाइन कक्षा में दिलचस्पी लेने लगी है। मुझे भी यह देख कर की अब वह भी दूसरे बच्चों के जैसे पढाई करने लगी है बहुत ख़ुशी होती है। अब उसको याद रहता है की मेरी क्लास है और वो ऑनलाइन क्लास में अध्यापिका के सवालो का जवाब भी देती है।