हम उस शिक्षा को चाहते हैं, जिसके द्वारा चरित्र बनता है, मन की ताकत बढ़ जाती है,

बुद्धि का विस्तार हो और हम अपने पैरों पर खड़े हो सकें

- स्वामी विवेकानंद