अमर-अभिनव
अनिका-अनिका
आॉफीसर,शंकर—वंश
टैक्सी ड्राइवर,स्वामी-चेतन
राजू,धीरू भाई-अथर्व
( भारत के बारे में एक स्लाइड शो चलता है ३० सेकेण्ड तक-अमर और अनिका मंच पर आते हैं)
अमर-अनिका: भारत तो बहुत सुन्दर है। मैं भी भारत जाना चाहता हूँ।
अनिका- ठीक है, पर हमको सबसे पहले भारत का वीज़ा लेना होगा।
अमर- ठीक है।
(वीज़ा दफतर में)
अमर-नमस्ते, हमको भारत का वीजा चाहिए।
अफसर-आप भारत क्यों जाना चाहते हैं?
अनिका-हम भारत यात्रा करना चाहते हैं।
अफसर-ठीक है। अपना पासपोर्ट दिखाइए। आपको दो महीनों का वीजा देते है।
( ठप्पा/ स्टेम्प लगाता है. दोनो खुश हो जाते हैं ।)
(अमर और अनिका भारत आते हैं। सबसे पहले दिल्ली आते हैं ।)
अनिका- अरे भाई!! दिल्ली में बहुत भीड़ है।
अमर-हाँ दिल्ली बहुत बड़ा शहर है, यह भारत की राजधानी है।
दोनों- (टैक्सी वाले को बुलाते है)….टैक्सी….
टैक्सीवाला-कहाँ जाइएगा।
अनिका-हमें मसूरी जाना है।
टैक्सीवाला-५००० रुपये होंगे और ४ घन्टे लगेंगे।
अमर-ठीक है। पहले हमें किसी होटल में ले चलिए।
( दोनो मसूरी आते हैं वहाँ उनको राजू गाइड मिलता है)
राजू-आइए….आइए….. मैं राजू गाइड …..मसूरी की सैर कीजिए।
अमर-अरे ओ राजू गाइड।
राजू-आप लोगों को क्या देखना है?
अमर-हमको मसूरी की सैर कराइए।
राजू-ठीक है। २०० रुपये होंगे। सबसे पहले आपको “ऊँट की पीठ सड़क” दिखाने ले चलता हूँ।
अनिका-यह ऊँट की पीठ सड़क क्या है?
राजू-बहन जी!! का एक दर्शनीय़ स्थल है। एक नज़ारा देखिए।
( अमर और अनिका बैठ जाते हैं)
पहला बच्चा-यह ऊँट की पीठ सड़क है।
दूसरा बच्चा-यह पहाड़ ऊँट की पीठ जैसा दिखता है।
तीसरा बच्चा--यह कैम्पटी झरना है। यहाँ बहुत ठंड होती है।
चौथा बच्चा-कैम्पटी झरना नहीं । मैं आपको गन पहाड़ दिखाता हूँ।
पहला बच्चा-(-दर्शकों से)- क्या आपने नाच देखा है?
दूसरा बच्चा-नहीं देखा ।
तीसरा बच्चा-आज हम आपको उत्तर भारत का कत्थक नाच दिखाते हैं।
(उत्तर भारत का नाच होता है)
(अमर , और अनिका राजू के पास आते हैं ताली बजाते हैँ)
अमर-अरे वाह!! मसूरी तो बहुत सुन्दर है।
अनिका-आओ पधारो पिया (नृत्य वाले गाने की एक पंक्ति गाती है)……
अमर-अब हमको दक्षिण भारत में मैसूर देखना है।
अनिका-मसूरी से मैसूर बहुत दूर है।
अमर-चलो हम रेलगाड़ी से जाते हैं।
मैसूर-
(दोनो मैसूर आते हैं उनको स्वामी मिलता है।)
स्वामी-मैं गाइड हूँ।मेरा नाम स्वामी है। आपको कहाँ जाना है।
अमर-मैसूर देखना चाहते हैं।
स्वामी- मैसूर को महलों का शहर भी कहते हैं।मैं आपको मैसूर दिखाता हूँ।
देखिए यह मैसूर महल है।आज यहाँ दशहरा मेला हो रहा है।
( स्वामी और कुछ बच्चे मुखौटे लगाकर नाचते हुए जाते हैं)
स्वामी- और यहाँ देखिए आहार मेला लगा है। क्या आपको बाँस बिरियानी ख़ाना है?
दोनो-हाँ
आहार मेला
श्रीयन-बाँस बिरियानी खाइये २………. १०० रुपये थाली….१०० रुपये प्लेट।
(एक बच्चा आता है।)
सिद्धार्थ- मुझे बाँस बिरियानी …. खानी है।
श्रीयन- कितनी थाली ।
सिद्धार्थ— एक प्लेट। मुझे तीखा पसंद है।
श्रीयन- अबे छोटू-एक थाली बाँस बिरियानी ला। तीखा ज्यादा डालकर ला।
चक्र- ठीक है उस्ताद।
(चक्र अंदर जाता है रोहित से कहता है)
चक्र- एक प्लेट बाँस बिरियानी ।
रोहित - ठीक है। अभी पकाता हूँ। बाँस में चावल डालिए। पानी डालिए।
चक्र- मसाला डालिए ।दाल डालिए। सब्जियाँ डालिए ।पकाइए।
रोहित - लो एक थाली बिरियानी।
चक्र-- लो मालिक एक थाली बाँस बिरियानी।
श्रीयन एक थाली बाँस बिरियानी लीजिए।
रोहित- १०० रुपये दीजिए। credit card दीजिए।
सिद्धार्थ- —बहुत अच्छा स्वाद है।
पूर्व/पूरब-ओडिशा
(अब अमर और अनिका पूरब दिशा में ओडिशा आते है।)
वंश- नोमश्कार !! मैं शंकर गाइड हूँ। आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ।
अमर-हमें ओडिशा की सैर कराइए।
शंकर- अभी लीजिए श्रीमान। ओडिशा में बहुत सुन्दर मंदिर हैं। इसे मंदिरों का राज्य भी कहते है।
अनिका-हमें कछुए भी देखने हैं।
शंकर- मैं आपको समुद्र के किनारे ले चलता हूँ।
१ प्रीतिका यह समुद्र का किनारा है।
२ साई यहाँ पर बहुत से कछुए होते हैं।
रौनक— ये कछुए बालू पर अंडे देते हैं।
४ श्रीजू ये कछुए दूर-दूर से आते हैं।
विधी- कभी-कभी पक्षी इनके अंडों को खा जाते हैं।यह ठीक नहीं है।
इनको बचाने के लिए हमको कुछ करना होगा।
सब- हाँ, कुछ तो करना होगा।
प्रीतिका यहाँ कोणार्क मंदिर है। यह पहियों पर बना है।
साईँ- जगन्नाथ पुरी मंदिर है।
रौनक— यहाँ लोग ओडिसी नाच भी करते हैं।
श्रीजू यहाँ लोग दालमा और खाजा खाते हैं।
रौनक- मुझे तो रसगुल्ला पसंद है।
विधि- अरे आज तो ओडिसी नाच का कार्यक्रम है।
सब- चलो हम सब चलें।
(नाच होता है…. चिकि मीठी)
(अनिका और अमर मंच पर आते हैं।)
अनिका- ओडिशा में तो बहुत सुन्दर है।
अमर- हाँ पर यह ठीक नहीं है।पक्षी उनके अंडे खा जाते है।हमको को कुछ करना होगा।
अनिका- अब कहाँ जाना है।
अमर- उत्तर-दक्षिण और पूरब तो हो गया अब पश्चिम चलते हैं।
गुजरात
(दोनो पश्चिम भारत में गुजरात आते हैं)
अथर्व- सु छे।
अमर/अनिका- आप कौन हैं।
अथर्व- मैँ धीरू भाई गाइड हूँ।
अनिका- हमें गुजरात देखना है।
अथर्व- गुजरात में ……… है। गिर के जंगल बहुत सुन्दर हैं। वहाँ बहुत से जानवर हैं।
अनिका- ठीक है हमे वहाँ ले चलो।
वे गुजरात आते है।
१- गिर के जंगल जानवर कम हो रहे हैं।
(एक बच्चा शेर बना हुआ है।)
१ -देखो-देखो शेर को क्या हो गया?
२ अरे यह तो शेर बहुत बीमार है।
३ लोग शेरों को तंग करते हैं।
४ चीतल भी कम हो रहे हैं।
५ यह क्या हो रहा है?
(अनिका और अमर आगे आते हैं।)
अनिका- यह तो बुरी बात है। सब जानवर मर रहे हैं।
चेतन- चारौं बड़े बच्चे यह बहुत सोचने की बात है।
वंश- हम क्या कर सकते है?
जंगलों में जानवरों का मरना बहुत बुरा है।
अभिनव- समाधान ( कल नवें दिन बच्चों से बात करके समाधान लिखेंगे।)
(सब बच्चे आते हैं।)
ऐ पहाड़ों की रानी( बैनर मसूरी)
तू महलों का राजा( बैनर मैसूर)
लो उत्तर से दक्षिण मैं आ गया
ओड़िशा के कछुए
गिर के ये जंगल
लो पूरब से पश्चिम मैं आ गया
कोणार्क के मंदिर (( बैनर ओडिशा)
गिर के ये चीतल( बैनर गिर के वन)
तुम्हें देखकर तो मज़ा आ गया |
(सब बच्चे मंच पर आ जाते हैं।)
समापन