उद्यापन बगैर नहीं मिलता है व्रत का शुभ फल व्रत करना आसान है लेकिन व्रत पूरे होने पर उद्यापन भी करने की जरूरत होती है। वर्तमान समय में लोग व्रत तो कर लेते है लेकिन समयाभाव के कारण व्रत का उद्यापन नहीं करते है और यही कारण होता है कि व्रत का फल शुभ नहीं होता है, कहने का तात्पर्य यह है कि बगैर उद्यापन किया व्रत निष्फल ही रहता है इसलिये जरूरी है कि व्रत का उद्यापन किया जाये। भले ही किसी परिजन या परिचित को न बुलाया जाये या बहुत बड़ा आयोजन न करें, लेकिन योग्य ब्राह्मण से व्रत उद्यापन की विधि को संपन्न करना चाहिये।