Best {wife husband shayari} Latest 2020

प्यार ने प्यार को दूर से देखा,

प्यार ही प्यार को करीब लाया,

प्यार भी प्यार में समा गया,

मगर अफ़सोस प्यार ही

प्यार को समझ ना पाया…!!

हसबैंड वाइफ शायरी

तड़प के देखो किसी की चाहत में,

तो पता चलेगा कि इंतजार क्या होता है..

यूं ही मिल जाए कोई बिना चाहे,

तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है.

wife husband shayari

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जवानी को ज़िंदगी की निखार कहते हैं,

पतझड़ को चमन का मझदार कहते हैं,

इस दुनिया के चलन निराले हैं यारो,

धोखे को हम सब क्यों प्यार कहते हैं

ज़िन्दगी को इस अंदाज में जीओ के आपको देखकर लोग कहें...

“वो देखो ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत हैं मैंने छोड़ दिया हैं

आकाश मे डूबा एक प्यारा तारा हे…!!!

हमको तो किसी की बेवफ़ाई ने मारा हे…!!!

हम उनसे अब भी मोहब्बत करते हे…!!!

जिसने हमे मौत से पहेले मारा हे…!!!

wife husband shayari in Hindi

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जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला,

कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..

कुछ ख्वाइशें दिल में रह जाती हैं..

कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..

आँसू गिरने की आहट नही होती

दिल के टूटने की आवाज नहीं होती

गर होता उन्हें एहसास दर्द का तो

दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती।

तुम रिश्ता भूलने कैसे लगे,

अपने गम ख़ुशी को छुपाने कैसे लगे,

हाथ छोड़ना था तो पहले बोल देते,

ऐसे गम नाम मगरूर होने कैसे लगे …

Hindi wife husband shayari

उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है;

नाम लब पर है और जान बाकी है;

क्या हुआ अगर देख कर मुँह फेर लेते हैं;

तसल्ली है कि शक्ल की पहचान बाकी है।

जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था,

हमसा कोई किस जुर्म में आया भी न था.

न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी,

हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था.

अपनी वाइफ के लिए शायरी

अपनी-वाइफ-के-लिए-शायरी

वफ़ा कहाँ मिलेगी समझ नही आया,

जो भी आया जिंदगी में सिर्फ लूटने को आया.

किसी ने बहाना बनाया इश्क का,

तो किसी ने जख्मों पर लगा टांका भी चुरा लिया.

पति के बारे में शायरी

कुछ भी नहीं मेरे पास दुआओं के सिवा,

मैं ग़रीब हूँ बस मेरे जज़्बात देख.

मुझे दो कौड़ी का समझने वाले,

ज़रा खुद की भी तो औक़ात देख.

पति पत्नी की प्यार की शायरी

फटे कपड़ों में अपना तन छुपाना सीख लेते हैं ,

वो खाली पेट रहकर मुस्कुराना सीख लेते हैं ,\

ग़रीबी बेबसी चेहरे की रंगत छीन लेती है ,

ज़रा सी उम्र में बच्चे कमाना सीख लेते हैं

छोटी सी ज़िन्दगी में अरमान बहुत थे;

हमदर्द कोई न था इंसान बहुत थे;

मैं अपना दर्द बताता भी तो किसे बताता;

मेरे दिल का हाल जानने वाले अनजान बहुत थे।