श्रीगुरु तकनीक कृपा, मन आलोक सजाओ।
पावन ग्रिड महिमा गाऊँ, सेवा भाव जगाओ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, वन्दौं ग्रिड महान।
ऊर्जा, सामर्थ्य और सेवा, हो सदा जन-कल्याण।।
जय ग्रिडराज महा बलवाना।
जय ऊर्जा आधार पुराना।।
बिजली तंतु में शक्ति है भारी।
हर घर रोशन करे ये सवारी।।
मेघ गरजें, आँधी जब आये।
ग्रिड सदा संतुलन बनाये।।
कभी बढ़े माँग, कभी घटे लोड।
ग्रिड संतुलन कर दे सभी मोड।।
कभी सूरज ऊर्जा लाये।
कभी पवन गाथा सुनाये।।
जलविद्युत का स्रोत सम्हाले।
कोयला-गैस से ऊर्जा निकाले।।
नाभिकीय शक्ति की जोत जगाये।
हर घर रोशन कर पथ दिखाये।।
देश गाँव-शहर जोड़े।
बिजली हर घर आँगन जोड़े।।
कभी लगे कोई फॉल्ट अचानक।
फिर भी ग्रिड बन जाये महानक।।
हर उपभोक्ता शक्ति पहुंचाये।
समय पर बिल सेवा दिलाये।।
एसी, डीसी सब ग्रिड बनाता।
बिजली रस्ता साफ दिखाता।।
स्मार्ट ग्रिड महिमा निराली।
हर मीटर पर रखता है देखभाली।।
एआई, ऑटोमेशन से ग्रिड चला।
इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग में भी भला।।
आधुनिक सिस्टम से ग्रिड सजा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मजा।।
सोलर पैनल ऊर्जा आये।
ग्रिड उसे सेवा में लगाये।।
लोड शेडिंग जड़ से मिटाए।
किसी ग्राहक को दुख ना सताये।।
माइक्रोग्रिड सेवा में आये।
दूरदराज बिजली दिलाये।।
हर सबस्टेशन सेवा चालू।
सुरक्षा मापदंड महानु।।
कभी ग्रिड फेल हो तो सब हिले।
पर ग्रिड के योद्धा फिर खड़े मिलें।।
स्मार्ट ग्रिड गूंज है भारी।
ऊर्जा में अब कोई कमी ना सारी।।
स्मार्ट मीटर, एआई, सबका समन्वय।
ग्रिड संचालन है सबसे अनुशय।।
सूरज ढले, ग्रिड न सोता।
रात-दिन बिना रुके सेवा में होता।।
ग्रिड बिना दुनिया अधूरी।
हर तकनीक और सेवा में पूरी।।
हर उपभोक्ता हित काम करे।
बिजली सपने साकार करे।।
प्रीपेड मीटर स्मार्ट मीटर आये।
ग्रिड सबकी सेवा बल लाये।।
जो रोज सुबह ग्रिड का नाम जपै।
हर संकट दूर हो, कष्ट सब हटै।।
आरपी सिंह लिखा ग्रिड का गान।
हम गाएं ग्रिड की महिमा महान।।
जो पढ़े ग्रिड चालीसा।
उसके घर ना हो अंधकार की कीसा।।