कार्यक्रम की योजना
कार्यक्रम की योजना
( Paper prepared by Mr T P Bhandari and discussed in management committee meting of MMVM )
कौशल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य क्या होना चाहिए ?
छात्रों को स्वतंत्र जीवन जीने के लिए समुचित ज्ञान देना।
प्रतिस्पर्धा के इस युग में अच्छी नौकरी के लिए तैयार करना।
अपना व्यसाय करने के लिए प्रेरित करना व इसके लिए समुचित ज्ञान देना।
कौशल विकास कार्यक्रम का आयाम क्या होना चाहिए और इसे विद्यालय में किस प्रकार आरंभ किया जाये? क्या इसे हौबी केंद्र भी कहा जाये ? क्या यहाँ केरीयर काउंसेलिंग का कार्य भी कराया जाये। या इसे केवल वोकशनल गाइडेंस तक ही सीमित रखा जाये। इस कार्यक्रम में निम्न विधाओं को शामिल किया जा सकता है । इलेक्ट्रानिक DIY प्रोजेक्ट, कार्पेंट्री , प्ल्म्बींग, घरेलू बिजली का काम, फैब्रिकेशन, लेखांकन ( basic अकाउंटेंसी ) , .... आदि। इनमें से कुछ कार्यक्रम समान्य कक्ष में हो सकते हैं और कुछ के लिए प्रेक्टिकल लैब आवश्यक होगी।
मेरे विचार में कुछ और विषय भी इस कार्यक्रम भी इसमें शामिल किए जा सकते है । जैसे टाइम मैनेजमेंट, लाइफ मैनेजमेंट , जिंदगी को सुव्यवस्थित बनाने की विधियाँ ( getting organized ), कम्युनिकेशन स्किल्स, व्यक्तित्व विकास, व्यावसायिक मार्गदर्शन ( career guidence ), अंग्रेजी बोलना आदि। इसके लिए कोई प्रेक्टिकलस् आवश्यक नही हैं। यह काम तुरंत आरंभ किया जा सकता है।
क्या हम विद्यालय में शतरंज को भी स्थान दें । यह खेल कक्षा 6 से 12 तक सभी को सिखाया जा सकता है। आशा है कि कुछ छात्र तो उत्साह दिखाएंगे ही । प्रति वर्ष एक प्रतियोगिता भी की जा सकती है और ट्राफी दी जा सकती है। इस विधा को आरंभ करना आसान भी है। केवल 10 बोर्ड देने होंगे तथा आरंभ में एक सिखाने वाला चाहिए। इनकी व्यवस्था हो जाएगी। सप्ताह में एक पिरियड ।
क्या बाल निकेतन में एक शतरंज का बोर्ड रखा जाए और 1-2 लड़कों को सिखा दिया जाए। इनके उत्साह के बारे में जानकारी हो जाएगी।
विद्यार्थी से भी पूछ लिया जाये कि वह क्या सीखना चाहता है। इसमे पैरा 3 सबके लिये आवश्यक हो तथा पैरा 2 में चॉइस हो।
प्रत्येक प्रैक्टिकल के पहले कुछ थ्योरी भी आवश्यक होगी ।
नीति आयोग ने भी ATL Tinkering Lab (एटीएल ) का प्रस्ताव दिया है जिसमे विद्यालय को 25 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है । पात्रता की तीन शर्तें हैं। (1) 500 से अधिक विद्यार्थी (2) विज्ञान शाखा (3) 1500 वर्ग फीट हाल की उपलब्धता । लेकिन यह एटीएल लैब केवल कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोबोटिक्स तक ही सीमित है जबकि हमारे अधिकांश विद्यार्थी अन्य ( यानी कम हाई फाई ) क्षेत्रों में जाएंगे । इस लैब के काम का तरीका एक-एक कक्षा के लिए नही है बल्कि यह अपने आप में एक कक्षा है जहां सामान्य कक्षा के बाद उत्सुक छात्र इस लैब में जाकर कुछ सीखते और करते हैं। क्या हम इस लैब के लिये 1500 वर्ग फीट का हाल उप्लब्ध करा पायेंगे ? इस विषय पर नीति आयोग द्वारा एप्रूव्ड एक संस्था को बुला कर उनसे बातचीत की व्यवस्था की जा सकती है। आयोग का अनुदान उपलब्धता पर निर्भर करता है। फिलहाल कम हाई फाई वाली हमारी प्रस्तावित लैब अधिक उपयोगी लगती है।अतएव हम अपना कार्यक्रम जारी रखें और इस विषय पर पूरी जानकारी हासिल करें।
थ्योरी तो सामान्य कक्षा में हो जाएगी पर प्रैक्टिकल के लिए विशेष जगह चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रेक्टिकल तो साधारण कमरे में हो सकते हैं - यहाँ एक वर्क बेंच रखने की आवश्यकता होगी। पर मैकेनिकल प्रैक्टिकल के लिए अधिक और विशेष जगह चाहिए जहां कुछ छोटी छोटी मशीनें लगाई जाएंगी।
पहले पैरा 3 में वर्णित कार्यक्रम पर जोर दिया जाए। ये सभी के लिए आवश्यक हैं।
इसके बाद उद्यमिता और अकाउंटेंसी सिखाई जाए । सबसे ज्यादा डिमांड इसी ट्रेड की है । छोटी दुकानों को भी लेखाकार चाहिए। लड़के, लड़कियो दोनों के लिए आवश्यक है। नौकरी तथा अपना व्ययसाय दोनों के लिए चाहिए। कंप्यूटर पर भी लेखांकन सिखाया जाए। साथ ही बैंक से डील करना सिखाया जाये । स्टॉक मार्केट के बारे में भी बताया जाये। यह काम तो सामान्य कमरे में भी हो सकता है ।
उसके बाद इलेक्ट्रानिक्स --- पहले इलेक्ट्रानिक की कुछ थ्योरी बताई जाये तथा कुछ इलेक्ट्रानिक कंपोनेन्टस् का परिचय दिया जाये । इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स प्रेक्टिकल कराया जाये जिसके लिए एक वर्क बेंच कहीं रखनी होगी । एक छोटी बेंच पर चार पाँच ही लोग काम कर पाएंगे ।
उसके बाद यान्त्रिकी -- कुछ थ्योरी सिखाई जाये और कुछ यान्त्रिकी टूलस् का परिचय भी दिया जाए । इसके बाद यान्त्रिकी प्रेक्टिकल कराया जाये जिसके लिए एक वर्क बेंच कहीं रखनी होगी । यह वर्क बेंच इलेक्ट्रानिक बेंच से अलग होगी और इसका स्थान भी अलग होगा । एक छोटी बेंच पर चार पाँच ही लोग काम कर पाएंगे ।
do it yourself प्रकार की बहुत सारी शिक्षा यू ट्यूब चैनल से भी मिलती है और उसका समुचित उपयोग होना चाहिए । यह टीवी कहाँ और कैसे लगाया जाए।
एक कक्षा से आरंभ किया जाए। जैसे कक्षा 12 की । इस की जिम्मेदारी मैं ले सकता हूँ ।अन्य कक्षाओं की व्यवस्था विद्यालय को करनी होगी ।
पैरा 3 में दिए गए विषयों पर प्रति सप्ताह एक लेक्चर से आरंभ किया जाय । इन लेक्चर्स का पाठ्यक्रम तथा विभिन्न वक्ताओं की व्यवस्था मेरे द्वारा की जाएगी। विद्यालय प्रबंधन के सदस्यों का सहयोग अपेक्षित रहेगा।
इसी प्रकार एक लैब ( केवल एक वर्क बेंच वाली, केवल 4-5 छात्रों के लिए ) की जिम्मेदारी भी मैं ले सकता हूँ । इस लैब को एक नियत समय पर एक घंटे के लिए खोला जाएगा । इस के लिए एक टीचर को ( कुछ मानदेय के साथ ) प्रशिक्षित किया जा सकता है । इस टीचर को प्रशिक्षण देने का काम मैं कर पाऊँगा। यह लैब atl लैब की ही तर्ज पर काम करेगी। यह लैब कहाँ पर स्थापित होगी ?
लैब टीचर -- विद्यालय के टीचर्स में एक का चयन इस काम के लिए किया जाए। प्रतिदिन 1.5 घंटा अतिरिक्त काम के लिए मानदेय रु 0 5000 प्रतिमाह । 12 वीं कक्षा में मेरे सारे लेक्चर्स को भी अटेन्ड करेंगे ताकि इस प्रकार के लेक्चर्स को वह अन्य कक्षाओं में दे सकें। जब लैब तैयार हो जाए तो स्कूल समय के बाद इस लैब को चलाएंगे । यहाँ के सामान का लेखा -जोखा भी रखेंगे। इस मानदेय की व्यवस्था मेरे द्वारा होगी।
लैब विद्यालय के नियत समय के बाद एक घंटे के लिए चलाई जा सकती है । एक लैब में केवल नियत संख्या में ही विद्यार्थी लिए जाएँ। इसमें कई कक्षाओं के इच्छुक विद्यार्थी एक साथ भाग ले सकते हैं। इन विद्यार्थियों का चयन विद्यालय प्रबंधन द्वारा किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम को एक सत्र के लिए चलाकर अगले सत्र में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की योजना बन सकती है।