VVI Subjective Questions
Very Very Important Questions & Answers | Class 10th | Bihar Board
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उत्तर- समाजवाद में सबसे अधिक महत्व सामाजिक और आर्थिक समानता को दिया जाता है। समाजवाद में उत्पादन के सभी साधनों और पूँजी पर निजी स्वामित्व नहीं होता है। समाजवाद में सभी लोगों के समान आर्थिक समानता को महत्व दिया जाता है।
उत्तर- रूस में विभिन्न प्रजातियाँ निवास करती थी। इनकी भाषा और संस्कृति अलग-अलग थी लेकिन रूस के जार (राजा) ने देश की एकता के लिए रुसीकरण की नीति अपनाई । इस नीति के अनुसार सभी लोगों पर समान भाषा, शिक्षा और संस्कृति थोपने का प्रयास किया गया जिससे लोगों में विद्रोह की भावना बढ़ गई। इस प्रकार रुसीकरण की नीति रूस की क्रांति के लिए उत्तरदायी थी।
उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय 1917 ई० की रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण बना। प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय होने पर लोग जार निकोलस द्वितीय से खफा हो गए। युद्ध में रूस की पराजय का कारण लोग जार को मानने लगे। इस प्रकार लोगों के मन में जार के प्रति विद्रोह की भावना भर गई। इस तरह प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय ने रूस की क्रांति के मार्ग को प्रशस्त कर दिया।
उत्तर- 1904-05 के रूसी-जापानी युद्ध में रूस की पराजय से उसकी प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुँची। अतः इसके कारण 9 जनवरी, 1905 ई० को हजारों की संख्या में निहत्थे लोग जार के निवास स्थल सेंट पीटर्सबर्ग की ओर बढ़ी। जब जार को यह पता चला कि हजारों की संख्या में लोग जुलुस निकालकर उसकी तरफ बढ़ रहे है, तो उसके आदेश से सेंना ने उनलोगों पर गोलियाँ चलाई, जिसके कारण बहुत लोग मारे गए। यह घटना रविवार के दिन हुई थी। इसलिए इस घटना को खूनी रविवार (लाल रविवार) के नाम से जाना जाता है।
उत्तर- रूस की क्रांति के निम्न कारण थे—
राजनीतिक कारण:- रूस का जार निकोलस द्वितीय अयोग्य और निरंकुश शासक था। उसकी रुसीकरण की नीति के कारण लोग जार के खिलाफ हो गए तथा रूस की पराजय का कारण जार निकोलस द्वितीय था। अतः रूस की जनता जार के खिलाफ विद्रोह कर दी।
सामाजिक कारण:- रूस की अधिकतर जनता किसान थी। जार की नीतियों के कारण किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही थी। अतः रूस के किसान भी जार के खिलाफ थे।
आर्थिक कारण:- रूस में उद्योग-धंधे और व्यापार का विकास नहीं हो पा रहा था और ना ही नए उद्योग-धंधों को स्थापित किया जा रहा था। अतः रूस में बेरोजगारी बढ़ती जा रही थी, जिससे रूस की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई थी। इसलिए रूस की आम जनता भी जार के खिलाफ थी।
धार्मिक कारण:- रूस की जनता को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं थी। लोगों के धार्मिक जीवन पर चर्च तथा जार का पूरा प्रभाव था। अतः रूसी जनता इनकी धार्मिक नीतियों के कारण जार से खफा थी।
बौद्धिक कारण:- रूस में बौद्धिक जागरण से जनता को जार के निरंकुश शासन के खिलाफ बगावत करने की प्रेरणा मिली। टोल्सटॉय, चेखव, कालमार्क्स इत्यादि की रचनाओं से रूस की जनता पर काफी प्रभाव पड़ा। उनकी रचनाओं से प्रभावित होकर रूसी जनता ने जार के खिलाफ विद्रोह कर दिया।
उत्तर- रूसी क्रांति के निम्न परिणाम हुए—
सर्वहारा वर्ग के सम्मान में वृद्धि हुई।
रूस के समान अनेक देशों में साम्यवादी सरकारों की स्थापना हुई।
अंतर्राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन मिला।
रूसी क्रांति के कारण एशिया और अफ्रीका में साम्राज्यवाद का पतन हो गया।
रूसी क्रांति के बाद विभिन्न देशों में शीतयुद्ध आरंभ हो गया।
उत्तर- 1921 ई० में लेनिन ने रूस की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक नई नीति अपनाई जिसे लेनिन की नई आर्थिक नीति कहा गया। लेनिन की इस नई आर्थिक नीति की निम्न विशेषताएँ थी—
नई आर्थिक नीति के अंतर्गत किसानों को अब अनाज के बदले एक निश्चित राशि कर के रूप में देनी थी।
किसानों को उनकी जमीनों का स्वामित्व दे दिया गया।
विदेशी पूँजी निवेश की अनुमति दे दी गई।
बैंकिंग व्यवस्था का विस्तार किया गया।
उद्योगों का विकेन्द्रीकरण कर दिया गया।
राजकीय बीमा एजेंसिया स्थापित की गई।
ट्रेड यूनियन की अनिवार्य सदस्यता समाप्त कर दी गई।