VVI Subjective Questions
Very Very Important Questions & Answers | Class 10th | Bihar Board
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उत्तर- किसी देश में एक वित्तीय वर्ष के अंतर्गत जिन वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है तथा उसका विनिमय होता है, तो उनके बाजार मूल्यों को राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) कहते है। कुल राष्ट्रीय उत्पाद में केवल वें ही वस्तुएँ सम्मिलित की जाती है, जो उपभोक्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अंतिम रूप से उपभोग की जाती है। उदाहरण के लिए— कपड़ा अंतिम वस्तु है, जिसके उपभोग के लिए प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग किया जाता है।
उत्तर- किसी राज्य में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक अर्थात बाजार मूल्यों को राज्य घरेलू उत्पाद कहते है। इसमें प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक तीनों क्षेत्र द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य सम्मिलित रहता है। राज्य के इन विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि होने से राज्य की आय में भी वृद्धि होती है।
उत्तर- राज्य घरेलू उत्पाद का आकलन दो आधारों पर किया जाता है— सकल राज्य घरेलू उत्पाद तथा शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद।
किसी राज्य के लेखावर्ष (वित्तीय वर्ष) में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद कहते है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद को प्राप्त करने में कुछ व्यय करना पड़ता है। सकल घरेलू उत्पाद में से व्यय को घटाने के बाद जो शेष राशि बच जाती है, उसे शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद कहते है। राज्य के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय तथा उनका जीवन स्तर इसी पर निर्भर करता है।
उत्तर- किसी देश के प्राकृतिक संसाधनों पर श्रम और पूँजी लगाकर उनका उपयोग किया जाता है तथा उसे प्रत्येक वर्ष वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन से जो आय प्राप्त होती है, उसे राष्ट्रीय आय कहते है। राष्ट्रीय आय की गणना करने में अनेकों प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती है। इसमें सबसे पहली कठिनाई पर्याप्त और विश्ववसनीय आकड़ों की कमी है। देश में उत्पादित बहुत सी वस्तुओं का मुद्रा के द्वारा विनिमय नहीं होता है। अतः इस कारण भी राष्ट्रीय आय को मापने में कठिनाई होती है।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय:- किसी देश के प्राकृतिक संसाधनों पर श्रम और पूँजी लगाकर उनका उपयोग किया जाता है तथा उसे प्रत्येक वर्ष वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन से जो आय प्राप्त होती है, उसे राष्ट्रीय आय कहते है।
प्रतिव्यक्ति आय:- जब देश की कुल राष्ट्रीय आय में कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है, उसे प्रतिव्यक्ति आय कहते है। राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने से प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होती है।
उत्तर- बिहार की गणना देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों में की जाती है तथा इसकी प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम है। इसका मुख्य कारण यह है कि बिहार की कृषि अत्यंत पिछड़ी अवस्था में है तथा राज्य में उद्योग धंधों का अभाव है। इसलिए बिहार की प्रतिव्यक्ति आय कम है। बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार पटना जिले की प्रतिव्यक्ति आय सबसे अधिक तथा शिवहर जिले की प्रतिव्यक्ति आय सबसे कम है।