उत्तर- किरणपुंज
उत्तर- अपसारी किरणपुंज
उत्तर- अभिसारी किरणपुंज
उत्तर- समांतर किरणपुंज
उत्तर- प्रकाश का परावर्तन
उत्तर- प्रकाश का अपवर्तन
उत्तर- किरण
उत्तर- बराबर (∠i = ∠r)
उत्तर- तीनों एक ही तल में
उत्तर- दों
उत्तर- वास्तविक प्रतिबिंब
उत्तर- काल्पनिक प्रतिबिंब
उत्तर-
वास्तविक प्रतिबिंब → उल्टा
काल्पनिक प्रतिबिंब → सीधा
उत्तर- वास्तविक प्रतिबिंब को
उत्तर- काल्पनिक प्रतिबिंब को
उत्तर- दर्पण
उत्तर- दों (समतल दर्पण तथा गोलीय दर्पण)
उत्तर- समतल दर्पण पर
उत्तर- चेहरा देखने वाले दर्पण में तथा सोलर कुकर में
उत्तर- सीधा, काल्पनिक (आभासी) तथा वस्तु के आकार के बराबर
उत्तर- दों (अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण)
उत्तर-
गोले के केंद्र को → दर्पण का वक्रता-केंद्र (C) कहते हैं।
गोले की त्रिज्या को → वक्रता-त्रिज्या (R) कहते हैं।
उत्तर- मुख्य-अक्ष
उत्तर- प्रकाश के परावर्तन के नियमों का
उत्तर- समाक्षीय किरण
उत्तर- फोकस-दूरी या फोकसांतर
उत्तर- दुगुनी (R= 2f)
उत्तर- 1/v + 1/u = 1/f
(v= प्रतिबिंब दूरी, u= वस्तु दूरी, f= फोकस दूरी)
उत्तर- ऋणात्मक
उत्तर- धनात्मक
उत्तर- वास्तविक तथा आभासी दोनों और उल्टा
उत्तर- आभासी (काल्पनिक), सीधा तथा छोटा
उत्तर- m= h'/h तथा m= -v/u
[h'= प्रतिबिंब का साइज़ (ऊँचाई), h= वस्तु का साइज़ (ऊँचाई)]
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- उत्तल दर्पण
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के मुख्य-फोकस (F) पर बनता हैं तथा वस्तु का आकार वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से बहुत छोटा होता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब मुख्य-फोकस (F) तथा वक्रता-केंद्र (C) के बीच बनता हैं तथा वस्तु का आकार वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से छोटा होता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब वक्रता-केंद्र पर बनता हैं तथा वस्तु का आकार वास्तविक, उल्टा और वस्तु के आकार के बराबर होता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब वक्रता-केंद्र से परे बनता हैं तथा वस्तु का आकार वास्तविक, उल्टा और वस्तु के आकार से बड़ा होता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब अनंत पर बनता हैं तथा वस्तु का आकार वास्तविक, उल्टा और वस्तु के आकार से बहुत अधिक बड़ा होता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता हैं तथा वस्तु का आकार आभासी (काल्पनिक), सीधा और वस्तु के आकार से बड़ा होता हैं।
उत्तर- हमेशा दर्पण की बायीं ओर
उत्तर- दर्पण के ध्रुव से
उत्तर-
धनात्मक x-अक्ष की ओर मापी गई दूरियाँ → धनात्मक
ऋणात्मक x-अक्ष की ओर मापी गई दूरियाँ → ऋणात्मक
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य-फोकस (F) के बीच बनता हैं।
उत्तर- वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के मुख्य-फोकस (F) पर बनता हैं।
उत्तर- सीधी रेखा में
उत्तर- 3 × 10⁸ m/sec
उत्तर- ऋणात्मक
उत्तर- धनात्मक
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- उत्तल दर्पण
उत्तर- समतल तथा उत्तल दर्पण में
उत्तर- +1
उत्तर- चूॅंकि फोकस दूरी का मान धनात्मक हैं । इसलिए यह उत्तल दर्पण होगा।
उत्तर-
अवतल दर्पण → अभिसारी दर्पण
उत्तल दर्पण→ अपसारी दर्पण
उत्तर- दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर- f = r/2
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- उत्तल दर्पण
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- शून्य (0 डिग्री)
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- 10 cm
उत्तर- दुगुनी
उत्तर- उत्तल दर्पण में
उत्तर- सीधी रेखा में
उत्तर- अवतल
उत्तर- अवतल दर्पण
उत्तर- प्रधान अक्ष
(a) +8 cm (b) -8 cm (c) +16 cm (d) -16 cm
उत्तर- (c) +16 cm
उत्तर- वास्तविक और उल्टा
उत्तर- ऋणात्मक
उत्तर- उत्तल दर्पण की
उत्तर- f= R/2
उत्तर- वक्रता-केंद्र पर