उत्तर- रासायनिक अभिक्रिया के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है—
लोहे में जंग लगना
भोजन का पचना
सांस का लेना
अंगूरों का किण्वन
फलों का पकना
उत्तर- वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को सरेस पेपर (रेगमाल) से साफ किया जाता है, ताकि रिबन के ऊपर जमी हुई मैग्नीशियम ऑक्साइड की परत हट जाए और वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके आसानी से जल सके। इसलिए वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ किया जाता है।
उत्तर- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरुप निम्न परिवर्तन होते हैं—
अवस्था में परिवर्तन ।
रंग में परिवर्तन ।
तापमान में परिवर्तन ।
गैस का उत्सर्जन ।
उत्तर-
अभिकारक:- रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ को अभिकारक कहते हैं।
उत्पाद:- रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरुप जो नए पदार्थ का निर्माण होता है, उसे उत्पाद कहते हैं।
जैसे:- C + O₂ (अभिकारक) → CO₂ (उत्पाद)
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- C + O₂ → CO₂
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें एकल अभिकारक (अभिकर्मक) टूटकर छोटे-छोटे उत्पाद का निर्माण करते हैं, उसे वियोजन अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- CaCO₃ (चूना पत्थर) → CaO + CO₂ (बुझा हुआ चूना)
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती हैं, उसे ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- CH₄ + 2O₂ (मेथेन गैस) → CO₂ + 2H₂O + ऊष्मा (ऊर्जा)
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें ऊर्जा का अवशोषण होता हैं, उसे ऊष्माशोषी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।
2AgCl → 2Ag + Cl₂
उत्तर- रासायनिक समीकरण द्वारा निम्न सूचनाऍं प्राप्त होती हैं—
अभिकारक में कौन-कौन से पदार्थ भाग ले रहे हैं और अभिक्रिया के फलस्वरुप कौन-कौन से उत्पाद बनते हैं।
अभिकारक के कितने परमाणु अथवा अणु अभिक्रिया करके उत्पाद के कितने परमाणु अथवा अणु बनाते हैं।
अभिकारक का कितना आयतन अभिक्रिया करके उत्पाद का कितना आयतन बनाता है।
अभिकारक के कितने भार अभिक्रिया करके उत्पाद के कितने भार बनाते हैं।
(A). N₂ + H₂ → NH₃
⇒ N₂ + 3H₂ → 2NH₃
(B). Na + O₂ → Na₂O
⇒ 4Na + O₂ → 2Na₂O
(C). K + H₂O → KOH+ H₂
⇒ 2K + 2H₂O → 2KOH+ H₂
(D). Na + H₂O → NaOH + H₂
⇒ 2Na + 2H₂O → 2NaOH + H₂
(E). NH₃ + O₂ → N₂ + H₂O
⇒ 4NH₃ + 3O₂ → 2N₂ + 6H₂O
(F). NaCl + AgNO₃ → AgCl + NaNO₃
⇒ NaCl + AgNO₃ → AgCl + NaNO₃
(G). BaCl₂ + H₂SO₄ → BaSO₄ + HCl
⇒ BaCl₂ + H₂SO₄ → BaSO₄ + 2HCl
(H). NaOH + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + H₂O
⇒ 2NaOH + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + 2H₂O
(I). HNO₃ + Ca(OH)₂ → Ca(NO₃)₂ + H₂O
⇒ 2HNO₃ + Ca(OH)₂ → Ca(NO₃)₂ + 2H₂O
(J). CH₄ + O₂ → CO₂ + H₂O
⇒ CH₄ + 2O₂ → CO₂ + 2H₂O
उत्तर-
ऊष्माCaCO₃ → CaO + CO₂
2AgCl → 2Ag + Cl₂
2H₂O → 2H₂ + O₂
उत्तर-
उपचयित पदार्थ:- Na
अपचयित पदार्थ:- O₂
उत्तर-
उपचयित पदार्थ:- H₂
अपचयित पदार्थ:- Cu
उत्तर- H₂ + Cl₂ → 2HCl
उत्तर- 3BaCl₂ + Al₂(SO₄)₃ → 3BaSO₄ + 2AlCl₃
उत्तर- 2Na + 2H₂O → 2NaOH + H₂
उत्तर- Ca(OH)₂ + CO₂ → CaCO₃ + H₂O
उत्तर- Zn + 2AgNO₃ → Zn(NO₃)₂ + 2Ag
उत्तर- 2Al + 3CuCl₂ → 2AlCl₃ + 3Cu
उत्तर- BaCl₂ + K₂SO₄ → BaSO₄ + 2KCl
उत्तर- खाद्य पदार्थ वाले बर्तनों या पैकेटों में से ऑक्सीजन को हटाकर नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस को भर दिया जाता है ताकि तेल और वसा युक्त वाले खाद्य पदार्थों का उपचयन न हो सके। अतः तेल और वसायुक्त वाले खाद्य पदार्थों में नाइट्रोजन गैस भरने से खाद्य पदार्थों का उपचयन नहीं हो पाता है और उसका स्वाद भी बहुत दिनों तक खराब नहीं होता है । इसलिए तेल और वसा युक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है।
उत्तर- भोजन में कार्बोहाइड्रेट होता है । इन कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज बनता है। श्वसन क्रिया के द्वारा ऑक्सीजन हमारी कोशिका में पहुँचता है तथा ग्लूकोज हमारी कोशिका में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करती है । इस अभिक्रिया को श्वसन अभिक्रिया कहते हैं । इस श्वसन अभिक्रिया में ऊर्जा भी मुक्त होती है । इसलिए श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया भी कहते हैं।
उत्तर- वसा तथा तेल से बने खाद्य पदार्थों में उपचयन की क्रिया के कारण उनमें अरुचिकर गंध और स्वाद उत्पन्न हो जाता है, जिसे विकृतगंधिता कहते हैं। विकृतगंधिता को निम्न तरीकों द्वारा रोका जा सकता है—
खाद्य पदार्थों को रेफ्रिजरेटर (फ्रिज) में रखकर ।
वायुरोधी बर्तनों में रखकर ।
उत्तर- जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है, तो लोहे की कील कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है और आयरन सल्फेट बनाता है । आयरन सल्फेट बनने के कारण कॉपर सल्फेट का गहरा नीला रंग मलीन हो जाता है और हल्के हरे रंग में बदल जाता है। इसीलिए कॉपर सल्फेट के घोल में लोहे की कील डुबोने पर विलयन का रंग बदल जाता है ।
Fe + CuSO₄ (नीला) → FeSO₄ + Cu (हरा)
उत्तर- वैसा रासायनिक समीकरण जिनमें अभिकारकों और उत्पादों के प्रत्येक तत्व की परमाणुओं की संख्या बराबर होती है, उसे संतुलित रासायनिक समीकरण कहते हैं।
द्रव्यमान संरक्षण नियम के अनुसार अभिकारकों और उत्पादों के द्रव्यमान समान होते हैं । इसलिए अभिकारकों और उत्पादों के द्रव्यमान को समान करने के लिए रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है।
उत्तर- पदार्थ X का नाम = बिना बुझा हुआ चूना (CaO)
उत्तर- CaO + H₂O → Ca(OH)₂ + ऊष्मा
उत्तर-
तत्व X → कॉपर (Cu)
काले रंग का यौगिक → CuO (कॉपर ऑक्साइड)
2Cu + O₂ → 2CuO
उत्तर- 2AgNO₃ + Cu → 2Ag + Cu(No₃)₂
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें एक अभिकारक का उपचयन होता है और दूसरे अभिकारक का अपचयन होता है। अतः वह अभिक्रिया जिसमें ऑक्सीकरण (उपचयन) और अवकरण (अपचयन) दोनों एक साथ होती है, रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।
उत्तर- जब कोई धातु वायु, नमी, सूर्य का प्रकाश,अम्ल इत्यादि के संपर्क में आने के कारण संक्षारित हो जाता है, उसे संक्षारण कहते हैं। संक्षारण को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं—
वस्तुओ को पेंट करके ।
तेल या ग्रीस लगाकर।
उत्तर- संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, जबकि वियोजन अभिक्रिया में एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक उत्पाद का निर्माण करते हैं। इसलिए वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है।
जैसे:-
C + O₂ → CO₂ (संयोजन अभिक्रिया)
CaCO₃ → CaO + CO₂ (वियोजन अभिक्रिया)
उत्तर-
उपचयन:- जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि (योग) या हाइड्रोजन की कमी होती है तो उसे उपचयन कहते हैं। उपचयन अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया भी कहते हैं।
जैसे:- 2Cu + O₂ → 2CuO (कॉपर का उपचयन)
अपचयन:- जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि या ऑक्सीजन की कमी होती है तो उसे अपचयन कहते हैं। अपचयन अभिक्रिया को अवकरण अभिक्रिया भी कहते हैं।
जैसे:- H₂ + Cl₂ → 2HCl (Cl का अपचयन)
उत्तर- रासायनिक अभिक्रिया के निम्न प्रकार होते हैं—
संयोजन अभिक्रिया
वियोजन अभिक्रिया (अपघटन अभिक्रिया)
ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (दहन अभिक्रिया)
ऊष्माशोषी अभिक्रिया
विस्थापन (एकल विस्थापन अभिक्रिया)
द्वि-विस्थापन (उभय विस्थापन अभिक्रिया)
उदासीनीकरण अभिक्रिया
अवक्षेपण अभिक्रिया
उत्तर- वैसी रसायनिक अभिक्रिया जिसमें एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है, उसे विस्थापन या एकल विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- Zn + CuSo₄ → ZnSo₄ + Cu
उत्तर- जब दो यौगिक अपने आयनों (मूलकों) की अदला बदली करके दो नए यौगिकों का निर्माण करते है, तो उसे द्वि-विस्थापन (उभय विस्थापन) अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- Na₂So₄ + BaCl₂ → BaSo₄ + 2NaCl
उत्तर- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें अम्ल और क्षार अपने आयनों की अदला-बदली करके लवण और जल बनाते हैं। उसे उदासीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- HCl (अम्ल)+ NaOH (क्षार) → NaCl (लवण) + H₂O (जल)
उत्तर- वैसी रसायनिक अभिक्रिया जिसमें उत्पाद के साथ-साथ अवक्षेप का भी निर्माण होता हैं, उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।
जैसे:- AgNO₃ + NaCl → AgCl + NaNO₃ (अवक्षेप)