उत्तर- आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण या स्तर को पोषी स्तर कहते हैं।
घास ग्रासहॉप गिरगिट बाज
(प्रथम पोषी स्तर) (द्वितीय) (तृतीय) (चतुर्थीचतुर्थी पोषी स्तर)
उत्तर- एरोसॉल रसायन ओजोन स्तर के अवक्षय का कारक है। एरोसॉल रसायन के कारण ओजोन छिद्र का निर्माण होता है, जिसके कारण सूर्य की घातक पराबैंगनी किरणों से मनुष्य में कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है। जैसे:- त्वचा कैंसर मोतियाबिंद इत्याद।
उत्तर- पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादको (हटे पौधे) सूर्य-प्रकाश को ग्रहण कर भोजन का निर्माण करते है, जिन पर सभी जीव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर रहते है। इसके अतिरिक्त हरे पेड़ पौधे अर्थात उत्पादक वायुमंडल के प्रदूषण को नियंत्रित तथा संतुलन बनाये रखने में मदद करते है।
उत्तर- परितंत्र में अपमार्जको की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अपमार्जक अर्थात जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्मजीव मृत जैव अवशेषों का अपघाटन करके उनको सरल अकार्बनिक पदार्थ में बदल देते है, जो पौधो के द्वारा पुनः उपयोग में आते है। इसके अतिरिक्त अपमार्जक मृत अवशेषों का अपघाटन करके प्रदूषण को भी कम करते है।
उत्तर- किसी पारिस्थितिक तंत्र के जीवो की क्षृखंला, जिसमें ऊर्जा का एकपधीय प्रवाह भोजन के रूप में होता है, उसे आहार क्षृखंला कहते है।
घास ग्रासहॉप मेंढक सर्प बाज
उत्तर- पारिस्थितिक तंत्र के सभी पोषी स्तर एक दूसरे पर अपने अस्तित्व के लिए निर्भर होते है। यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवो को समाप्त कर दे तो पर्यावरण में असंतुलन हो जायेगी। जैसे:- यदि शाकाहारी जीवो की कमी हो जाये तो दूसरे पोषी स्तर के मांसाहारी जीव भी समाप्त हो जायेगें।
ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों जैसे:- पवन चक्की, सोलर इत्यादि का उपयोग करके।
वनों की कटाई कम करके।
अधिक से अधिक वृक्षा का रोपण करके।
हानिकारक रसायनों का उपयोग कम करके।
उपभोक्ता:- ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए पूर्ण रूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं, वैसे जीवो को उपभोक्ता कहते हैं। सभी परपोषी जीव उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं।
जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ:- ऐसे पदार्थ जिनका जैविक अपघटन नहीं हो पाता है उसे जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहते हैं। जैसे:- प्लास्टिक, रेडियोधर्मी पदार्थ इत्यादि।