उत्तर- "ढहते विश्वास" शीर्षक कहानी सातकोड़ी होता द्वारा रचित किया गया है। यह कहानी उड़िया भाषा से ली गई है। इस कहानी की प्रमुख पात्र लक्ष्मी थी जिसका घर देवी नदी के बाँध के नीचे था। उसका पति लक्ष्मण कलकत्ता कमाने गया था। उसका पति लक्ष्मी को जो भी कुछ भेजता, उससे उसका गुजारा नहीं हो पाता था जिसके कारण लक्ष्मी तहसीलदार साहब के घर कुछ काम करके थोड़े पैसे कमा लेती थी। तूफान आने के कारण उसका घर टूट गया। उसके बाद उसने इधर-उधर से कर्ज माँग कर किसी तरह बाँस बाँधकर तथा पुआल का छाजन बना ली थी।
इस तूफान के बाद भयंकर सुखा पड़ गया जिससे उसकी धान की फसल जलकर राख हो गई। इस घटना के बाद लगातार एक महीने तक बारिश होती रही। इतनी अधिक बारिश होने के कारण पानी भर जाने से नदी का बाँध टूट गया। बाँध टूट जाने से सारा गाँव डूबने लगा। सभी लोग टीले की ओर भागे तथा कुछ लोगों ने स्कूल में शरण ली। लक्ष्मी भी अपनी दो लड़कियों तथा एक छोटे बच्चे को गोद में लेकर टीले की ओर भागी। पानी का बहाव तेज होने के कारण वह अपनी लड़कियों को स्कूल की तरफ जाने को कहा क्योंकि स्कूल टीले से नजदीक था।
उसकी लड़कियाँ स्कूल तक पहुँच गई लेकिन लक्ष्मी पानी में फँस गई। पानी लगातार तेजी से बढ़ रहा था। लक्ष्मी, शिव मंदिर के पास वाले बरगद की जटा को जोर से पकड़ ली और उसके सहारे पेड़ पर चढ़ गई। लक्ष्मी कुछ देर बाद बेहोश हो गई। होश आने पर लक्ष्मी ने देखा कि उसका नन्हा बच्चा उसकी गोद में नहीं है। नदी की धारा में डूबी पेड़ के बीच उसे एक बच्चे की लाश दिखाई पड़ी। उसने जटा से झूलते हुए उस बच्चे को पकड़ा लेकिन वह उसका नन्हा बेटा नहीं था फिर भी उसेअपने सीने से सटाकर अपनी गोद में भर लेती है।
उत्तर- लक्ष्मी एक भारतीय गृहिणी है। वह अपने जीवन में कर्म को अधिक महत्व देती है। लक्ष्मी ममतामयी माँ, कर्मठ तथा सामाजिक चेतना से परिपूर्ण है। वह विपतियों में भी नहीं घबराती है। वह टूटना नहीं जानती है। वह बगैर टूटे अच्छे दिनों की प्रतीक्षा करती है। वह स्वयं मेहनत करती है और अपने बच्चे को भी मेहनत करना सिखाती है। लक्ष्मी के पति का नाम लक्ष्मण है जो कलकत्ता कमाने गया है और वह अपने बच्चों के साथ बिना पति के साथ होते हुए भी अपनी गृहस्थी को संभालती है। जब उसके पति द्वारा भेजे गए पैसों से उसका गुजारा नहीं होता है, तो वह तहसीलदार साहब के यहाँ छिटपुट काम करके कुछ पैसे अर्जित करती है तथा अपनी और अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है। वह मेहनत करके अपनी दो लड़कियों और दो लड़कों का पालन-पोषण करती है। उसके सामने बहुत सारी विपत्तियाँ आती है फिर भी उन विपत्तियों से बिना घबराये उनका सामना करती हैं।