महत्वपूर्ण समास
1. समास किसे कहते है?
उत्तर- दो या दो से अधिक पदों के मेल से बने शब्द को समास कहते है।
इसके सात भेद होते है—
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
द्वंद समास
बहुव्रीहि समास
नञ् समास
द्विगु समास
अव्ययीभाव समास
2. समास के भेदों की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
तत्पुरुष समास:- जिस समास में अंतिम पद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते है। जैसे- राजपुत्र, गंगाजल इत्यादि।
कर्मधारय समास:- जिस समास में कर्म की प्रधनता होती है, उसे कर्मधारय समास कहते है अर्थात् वह समासिक शब्द जिसमें विशेषण तथा विशेष्य का मेल हो, उसे कर्मधारय समास कहते है।। जैसे- नीलकंठ, पुरुषोतम इत्यादि।
द्वंद समास:- जिस समास में दो पद प्रधान हो, उसे द्वंद समास कहते है। जैसे- अन्न-जल, दिन-रात इत्यादि।
बहुव्रीहि समास:- जिस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है बल्कि बाहर से आकर कोई प्रधान हो जाए, तो उसे बहुव्रीहि समास समास कहते है। जैसे- पीताम्बर, लंबोदर इत्यादि।
नञ् समास:- जिस समास का प्रथम पद निषेधार्थ हो, उसे नञ् समास कहते है। जैसे- अभाव, अनिष्ट इत्यादि।
द्विगु समास:- जिस समस का पहला पद संख्या वाचक हो, उसे द्विगु समास कहते है। जैसे- पंचवटी, चौराहा इत्यादि।
अव्ययीभाव समास:- जिस समास का प्रथम पद अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है। जैसे- प्रतिदिन, प्रतिमास इत्यादि।
3. निम्न में समास के प्रकार बतायें।
विजयपर्व → तत्पुरुष समास
तीर्थयात्रा → तत्पुरुष समास
गगनचुंबी → तत्पुरुष समास
राजपुत्र → तत्पुरुष समास
गंगाजल → तत्पुरुष समास
संवाददाता → तत्पुरुष समास
राष्ट्रगीत → तत्पुरुष समास
नरकंकाल → तत्पुरुष समास
नीलकंठ → कर्मधारय समास
पुरुषोत्तम → कर्मधारय समास
महाबली → कर्मधारय समास
अन्न-जल → द्वंद समास
दिन-रात → द्वंद समास
भाई-बहन → द्वंद समास
भात-दाल → द्वंद समास
हाथ-पैर → द्वंद समास
पंचवटी → द्विगु समास
चौराहा → द्विगु समास
त्रिभुवन → द्विगु समास
पंचपात्र → द्विगु समास
प्रतिदिन → अव्ययीभाव समास
प्रतिमास → अव्ययीभाव समास
यथाशक्ति → अव्ययीभाव समास
अभाव → नञ् समास
अनिष्ठ → नञ् समास
बेमन → नञ् समास
पीताम्बर → बहुव्रीहि समास
लंबोदर → बहुव्रीहि समास
गजानन → बहुव्रीहि समास
नीलकंठ → बहुव्रीहि समास
चक्रपाणि → बहुव्रीहि समास