कल्पांत रेकी साधना *1st, & 2nd डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स का नया Batch, Online Join करें!
पूर्ण तन्त्र साधना का नया Batch, Online Zoom App पर 2️⃣7️⃣ जून से रात्रि ⏰9️⃣.0️⃣0️⃣ बजे शुरू होने जा रहा है।
Health & Spirituality Healing, Love Sex & Relationship Healing, Marriage Healing, Tenseness Stress & Depression Healing, Anxiety Healing, Fear & Phobia Healing, Negative Thoughts Healing, Body, Mind & Spirit Healing, Defiant Emotional Behavior Healing, Attraction Healing & Other Life Problems healing (Healthy Stress Free Blissful Peaceful & Spiritual Life, Divine Secret Of Living Life)
जो आत्मानुभव तन्त्र साधना सर्टिफिकेट कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 11121/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो प्रेमीजन प्रेम तन्त्र व सेक्स के अद्यात्मिक रहस्यों में रुचि रखते हैं। ओर उस परमात्मा को इसी जन्म में जानना चाहते है आत्मसाक्षात्कार का अनुभव करना चाहते है, ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना करना चाहते है, उनको इसका सेवाशुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो दे, उनको एप में जोड़ दिया जायेगा। और कोर्स शुरू हो जायेगा
जोइनिंग व आधिक जानकरी के लिए संपर्क करें-:
Contect-:Shriim Aishwaryam Kalpant Healing Center Avm Jagateshwar Anand Dham
Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji)
(BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing, M.I.M.S)
Mob. 9958 502 499, 9899 410 128
कल्पांत रेकी साधना 1st, & 2nd डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स का नया Batch, Online Zoom App पर शीघ्र शुरू होने जा रहा है। कोर्स समाप्त होने पर सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा। "लिमिटेड रजिस्ट्रेशन" इसलिये शीघ्र रजिस्ट्रेशन करें।*
क्या आप रेकी सीखना चाहते है लेकिन आपके नजदीक कोई सेण्टर नहीं है ?, व्यस्त जीवन शैली के कारण सीखने के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते है ?, कही जाकर सीख पाना संभव नहीं है। तो कृपया इस पोस्ट को पूरा ध्यान से पढ़े क्योंकि हम यहाँ बात करेंगे ' कल्पांत रेकी साधना 1st, & 2nd डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स Online Zoom App पर' के बारे जिसकी मदद से आप अपने घर बैठे बड़ी आसानी से रेकी की सभी साधनायें सीख कर रेकी के सभी लाभ अपने जीवन में उठा सकते है। कल्पांत रेकी साधना केवल हमारे द्वारा ही भारत में कराई जा रही है, जो जापानीज रेकी से ज्यादा पावरफुल साधना है।
रेकी परिचय... रेकी एक जापानीज शब्द है जो दो अक्षरों से बना है। रे - का मतलब होता है वैश्विक प्राण ऊर्जा, और की - का मतलब होता है हमरे शरीर की प्राण ऊर्जा. अर्थार्त - स्वयं की प्राण ऊर्जा को इस ब्रह्माण्ड की प्राण ऊर्जा के साथ जोड़ना. रेकी की सभी साधनायें इसी एक सिद्धांत पर आधारित है।
प्रत्येक मनुष्य इस शक्ति के साथ उत्पन्न होता हैं। और पूरे जीवन इसका जाने अनजाने प्रयोग करता रहता हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने, संत महात्माओं ने जीवन के आरंभ में ही इस विधि को जान लिया था। और वह इसका प्रयोग करते थें। आज भी बहुत से संत महात्मा, साधु, भक्त व तांत्रिक बाबा लोग इसी शक्ति से बढ़े बढ़े चमत्कार करते है। इसको जानना व सीखना बहुत आसान है ओर कोई भी साधक इसको सहज में सीखकर स्वयं व दुसरो का जीवन बदल सकता हैं।
कोर्स के मुख्य लाभों में आप स्वयं को, परिवार को व किसी भी मित्र को स्वास्थ्य प्रदान कर सकते है, एवं रेकी के द्वारा परम आनंद की अनुभूतियां कर शांति के अनुभव के साथ अपने मानसिक तनाव, अनिंद्रा, चिन्ता, दुख, मानसिक, अवरोध, बैचेनी, घबराहट, घृणा, कंठा, द्वेष, भय, काम, क्रोध, मोह, लोभ,अहंकार जेसे रोगों से भी मुक्ति पा सकते है। किसी भी तरह की बिमारी, रोग, दर्द को दूर कर संपूर्ण स्वास्थ्य पा सकते है।
इस रेकी कोर्स से चक्र जाग्रत होते है ओर मन और आत्मा के उत्थान के लिए कुंडलिनी जाग्रति की ओर व चक्रों को जाग्रति की ओर साधक अग्रसर होता है। व आध्यात्मिक रहस्योद्घाटन होने लगते है।
इस कोर्स से आप जीवन में जो चाहे पा सकते हैं। जो चाहे बन सकते हैं। अपने सपने पूरे कर सकते है। सुख व समृद्धि पा सकते है। अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते है। आपसी संबंधों को सुधार सकते है। किसी भी समस्या का समाधान पा सकते है। भूतादिक नकारात्मक आटैको व नकारात्मक विचारों से बच सकते है। अपने वयक्तित्व में निखार ला सकते हैं। इससे अपने ऊपर विश्वास को व अपनी मानसिक पावर को बढ़ा पायेंगे। कुण्डली में कोई ग्रहदोष हो जैसे मंगल दोष बाधा, साढ़ेसाती दोष बाधा, पितृ दोष बाधा, कालसर्प दोष बाधा, राहु दशा बाधा, शनि दशा बाधा, आदि के प्रभाव से मुक्त हो सकते है।
हम आपको 11 घंटे का कल्पांत रेकी साधना का कोर्स करा रहे हैं। आपको रोजाना मात्र एक घंटा 11 दिन तक देना है। यह पूरा कोर्स Online Zoom App पर Live होगा, और Zoom App के माध्यम सें ही रेकी शक्तिपात करके चक्रों को जाग्रत किया जायेगा। ओर Zoom App पर ही आपको मंत्र दिक्षा व शक्तिपात किया जायेगा। जिसमे आपके सातों चक्रों एवं नाड़ियों को जाग्रत किया जाता है, और रेकी ऊर्जा को डिस्टेंस हीलिंग द्वारा आपके शरीर में प्रवाहित किया जाता है। साथ ही आप 11 दिन तक रोजाना मेरे साथ ऊर्जा का एहसास करेंगे ओर अपना उपचार भी करेंगे। Live सेशन के बाद उसके वीडियो लिंक आपको वाट्स ग्रुप में भेजे जाते है ताकि आप उसे सुन के आसानी से घर में रेकी की प्रैक्टिस कर सके.
रेकी में कोई गुरु नहीं है, रेकी एक अनादि अनंत ऊर्जा है जो हम सब के भीतर है। और गुरु कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक अनंत ऊर्जा का रूप है जो हम सब के भीतर है, रेकी के द्वारा हम उस परम तत्त्व अनंत ऊर्जा के रूप को जागृत करने की विधियाँ बताते है जिनका अभ्यास करके आप परम अनंत ऊर्जा (परमात्मा) से जुड़ जायेगे।
रेफ्रेशर कोर्सेस – एक बार कोर्स जोईन करने के बाद अगर आप दूसरी बार कोर्स करने के लिये नये बैच में जोईन करना चाहे तो सेवाशुल्क कम से कम 551/ रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देकर जितनी बार चाहे जोईनिग कर सकते हैं।
कल्पांत रेकी साधना 1st, & 2nd डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स में आपको सिखाया जायेगा
कल्पांत रेकी हीलिंग साधना क्या है, हमारा उद्देश्य क्या है, हमारी स्वास्थ्य क्रांति क्या है, रेकी का परिचय, रेकी क्या है, रेकी हीलिंग की आवश्यकता क्या है, सब कुछ ऊर्जा है, रेकी का इतिहास, रेंकी जागरण का एहसास, मनुष्य की आवश्यकताऐ, रेंकी के 15 सिद्धांत, रेंकी कौन सीख सकता हैं।, रेंकी के चरण, रेंकी की विशेषताएं, रेंकी ऊर्जा उपचार में रोगी की भूमिका क्या है?, रेंकी ऊर्जा कैसे कार्य करती है?, ओरा (आभामंडल), ओरा व रोग, औरा को महसूस करना देखना नापना, ओरा के ग्यारह रंगो की व्याख्या, ओरा की सफाई, ओरा कवच, पंचकोश, शरीर से ऊर्जा का निकलना, क्या हमारी ऊर्जा को कोई चुरा सकता है ?, दुरस्त हीलिंग क्या है, दुरस्त हीलिंग कैसे काम करती है, सुदर्शन चक्र की निर्माण विधि, भारतीय रेकी सिम्बल व सिंबलो का प्रयोग, नकारात्मक ऊर्जाओ की पहचान, रेकी द्वारा स्पर्श चिकित्सा, रेकी द्वारा दूसरों को स्पर्श चिकित्सा देने की विधि, नकारत्मक विचार, व्यसन, क्रोध, चिंता अदि को को दूर करने की रेकी विधि, ओर भी बहुत कुछ
जो आत्मानुभव कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 2101/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो प्रेमीजन रेकी में रुचि रखते हैं। ओर स्वयं के डॉक्टर बनना चाहते है ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना मे सहयोग करना चाहते है, वो सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो दे, उनको Whatsapp ग्रुप रेकी कोर्स मे जोड़ दिया जायेगा।
और अगर कुछ जानकारी चहिये तो मेरे व्हाटसप नंबर 9958502499 पर संपर्क करें। या कॉल करे।
जगतेश्वर आनंद धाम एवं कल्पांत हिलिंग सेंटर {फिजियोथैरेपी, नेचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, प्राणायाम, ध्यान साधनाए, रेंकी, स्प्रीचुअल हीलिंग, अहार एवं नेचुरल व हर्बल थैरेपी ट्रीटमेंन्ट एवं ट्रेनिंग सेंन्टर}
म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
Contact Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji) { BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing} Mob-:9899410128, 9958502499
मास्टर डिग्री व ग्रैंडमास्टर डिग्री
11 दिवसीय कल्पांत रेकी साधना 3rd डिग्री, मास्टर डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स Online Zoom App पर शीघ्र शुरू होने जा रहा है।, इस बैच के लिये शीघ्र रजिस्ट्रेशन करें। इस कोर्स के लिए कल्पांत रेकी साधना 1st, & 2nd डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स किया होना अनिवार्य है. कोर्स समाप्त होने पर सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा।
समय का सदउपयोग करें ऐसा मौका बार बार नही मिलता
अद्यात्मिक जगत की यात्रा में सात शरीर क्या है, किस शरीर पर पहुचने पर क्या मिलता है, चक्रो पर ऊर्जा का प्रभाव व किस चक्र पर ऊर्जा देने से कोन से रोगों का उपचार होगा|। चेतन मन अवचेतन मन, सुपर अवचेतन मन, अचेतन मन क्या है, इनकी क्या शक्ति है, केसे इनका प्रयोग कर सकते है, चक्रों पर ध्यान से ऊर्जा को बढाना, हम सपनो को हकीकत में केसे बदल सकते है, law of attraction केसे काम करता है. क्या आप भी सुप्रीम पावर चहाते है लोगो की मदद के लिए, सर्वशक्तिमान बनने का रास्ता क्या है, परमात्मा से एकाकार ध्यान की किस अवस्था में होता है, सम्मोहन क्या है, देनिक जीवन में इसका प्रयोग केसे करेंगे, वशीकरण केसे करते है आधि बहुत कुछ आप जान पायेगे कल्पांत रेकी साधना की 3rd डिग्री में
3rd डिग्री मास्टर डिग्री हैं। यह आपको एक पावरफुल सिंबल देती हैं। जिससे आप सभी का कल्याण कर सकते हैं। इसमें मास्टर सिंबल के साथ 7 अन्य सिंबल भी दिये जाते हें जिससे आप अन्य जरूरते भी आसानी से पूरी कर सकते हैं। यह डिग्री उनके लिये है जो समर्पण के साथ लोंगो का कल्याण करना व दुसरो को रेंकी सिखाना चाहते हैं। रेंकी मास्टर स्वमं का व दुसरो के भाग्य का स्वामी होता हैं। अत: उसके अन्दर बुरे विचार व अहं नहीं होना चहिये वरना उसकी शक्ति उसी पल समाप्त हो जाती हैं जैसे ही वो किसी का बुरा करना चहाता हैं। वह परमात्मा का सेवक है ओर परमात्मा लोंगो के कल्याण के लिये ही उसे तैयार कर रहा हैं। मास्टर डिग्री से पहले साधक को 1st, & 2nd डिग्री का अपने लिये व दुसरो के लिये अभ्यास करना होता है तब 3rd डिग्री की अनुमति दी जाती हैं।
जो साधक कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 5101/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो दे, उनको Whatsapp ग्रुप कल्पांत रेंकी साधना 3rd डिग्री ग्रुप मे जोड़ दिया जायेगा।
और अगर कुछ जानकारी चहिये तो मेरे व्हाटसप नंबर 9958502499 पर संपर्क करें। या कॉल करे।
जगतेश्वर आनंद धाम एवं कल्पांत हिलिंग सेंटर फिजियोथैरेपी, नेचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, प्राणायाम, ध्यान साधनाए, रेंकी, स्प्रीचुअल हीलिंग, अहार एवं नेचुरल व हर्बल थैरेपी (ट्रीटमेंन्ट एवं ट्रेनिंग सेंन्टर)
म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
Contact Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji) { BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing} Mob-:9958502499
(कल्पांत मानसोपचार चिकित्सा एक आध्यात्मिक उपचार, मन के सभी रोगों का उपचार साधनाओं व विचारों के द्वारा, 21 दिवसीय ऑनलाइन Zoom App पर सर्टिफिकेट कोर्स) का नया Batch, शीघ्र शुरू हो रहा है। "लिमिटेड रजिस्ट्रेशन" इसलिये शीघ्र रजिस्ट्रेशन करें।
1. क्या आपका (Depression) तनाव बढ़ता जा रहा हैं।
2. क्या आपको छोटी सी बात पर भंयकर क्रोध आता है।
3. क्या आपका घर मेडिकल स्टोर बनता जा रहा है। और रोग लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
4. क्या आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता व जीवनी शक्ति (Immunity Power and Vital Energy) कमजोर होती जा रही है।
5. क्या कम उम्र ही शरीर में बुढ़ापे के लक्षण प्रगट हो रहे हैं।
6. क्या आपको पूरे दिन घबराहट, बेचैनी, खिन्नता, निराशा, उदासी, शक्तिहीनता, आलस्य बना रहता है।
7. क्या आपको रात को सही से नींद नहीं आती है।
8. क्या आपके मन में लगातार नकारात्मक विचार आते रहते हैं।
9. क्या आप हर वक्त चिंतित रहते हैं ओर आपका मन हर पल विचलित रहता है।
10. क्या आपके रोग आसाध्य होते जा रहे है, दवाईयाँ लेकर भी ठीक नही हो रहे है।
यदि इन सवालों का जवाब हाँ मे हैं ओर आप ऐसे अनेक मानसिक रोगों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो शीघ्रता से ज्वाइन करें, हमारा मानसिक चिकित्सा एक आध्यात्मिक उपचार कोर्स, और पायें अपनें मानसिक, शरीरिक, आत्मिक, रोगों को दूर करने का रास्ता व जीवन को आनंदित व शान्तिमय बनायें
मानसोपचार अर्थार्त मानस या मनुष्य का मन से उपचार या मन के विचारो से उपचार की विधि का नाम है, जिसका उदेश्य मन के भाव चिंता-परेशानी, क्रोध, नकारात्मकता, द्वंद, घ्रणा, इर्ष्या, श्रोभ, दुःख, या कुंठा आदि को अपने विचारो के द्वारा सकारात्मकता में बदल कर जीवन को सोम्य व शांत बनाना है। जिससे हम शारीरिक, मानसिक, आत्मिक, रूप से पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त कर लें। और साथ ही शरीर के सभी तंत्रों पर ध्यान अर्थात साधना के द्वारा कैसे रोग ठीक हो, यह जानेंगे, क्योंकि हमारे शरीर में रोग किसी तंत्र के ठीक से कार्य न करने से या वहां ऊर्जा की कमी के कारण आता है, तो हम जानेंगे कि कैसे हम हड्डियों के रोग अर्थात कंकाल तंत्र, पाचन संबंधी रोग अर्थात पाचन तंत्र, श्वास संबंधी रोग अर्थात श्वसन तन्त्र, हृदय संबंधी रोग अर्थात रक्त परिसंचरण तन्त्र, व हार्मोनल तन्त्र अर्थात हार्मोनल रोग, उत्सर्जन तन्त्र, को ध्यान के द्वारा साधना के द्वारा कैसे ठीक करें, इस क्रिया को हम सीख पाएंगे।
आज मनुष्य का जीवन भागदौड़ भरा जीवन है, इस दौड़ में सब कुछ पाने की महत्वकांक्षा के कारण हम लगातार तनावग्रस्त होते रहते हैं, ओर मानसिक रोग पैदा होने शुरु हो जाते हैं, मानसिक रोग शारीरिक रोगों से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं, आज विज्ञान भी यह मानता है कि 90% रोग मानसिकता के बिगड़ने के कारण होते है, साथ ही आज के समय में 99% व्यक्ति मानसिक रोग के शिकार हैं, सभी प्रकार के हृदय रोग, मधुमेह रोग, तंत्रिका तंत्र के रोग मानसिक रोगों का ही परिणाम है, साधना के द्वारा व विचारों के द्वारा इन्हें कैसे ठीक करें, इस कोर्स में हम सीख पाएंगे,
कोर्स के मुख्य लाभों में आप स्वयं को, परिवार को व किसी भी मित्र को स्वास्थ्य प्रदान कर सकते है, एवं साधनाओं के द्वारा परम आनंद की अनुभूतियां कर शांति के अनुभव के साथ अपने मानसिक तनाव, अनिंद्रा, चिन्ता, दुख, मानसिक, अवरोध, बैचेनी, घबराहट, घृणा, कंठा, द्वेष, भय, काम, क्रोध, मोह, लोभ,अहंकार जेसे रोगों से भी मुक्ति पा सकते है। किसी भी तरह की मानसिक व शरीरिक बिमारी, रोग, दर्द को दूर कर संपूर्ण स्वास्थ्य पा सकते है।
हम आपको 21 घंटे का कल्पांत मानसोपचार चिकित्सा एक आध्यात्मिक उपचार, मन के सभी रोगों का उपचार साधनाओं व विचारों के द्वारा कोर्स करा रहे हैं। आपको रोजाना मात्र एक घंटा 21 दिन तक देना है। यह पूरा कोर्स Online Zoom App पर Live होगा, साथ ही आप 21 दिन तक रोजाना मेरे साथ 21 साधनाओं का एहसास करेंगे ओर अपना उपचार भी करेंगे। Live सेशन के बाद उसके ऑडियो वीडियो Link आपको वाट्स ग्रुप में भेजे जाते है ताकि आप उसे सुन के आसानी से घर में उसकी प्रैक्टिस कर सके।
रेफ्रेशर कोर्सेस – एक बार कोर्स जोईन करने के बाद अगर आप दूसरी बार कोर्स करने के लिये नये बैच में जोईन करना चाहे तो सेवाशुल्क कम से कम 551/ रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देकर जितनी बार चाहे जोईनिग कर सकते हैं।
जो आत्मानुभव कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 5101/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो प्रेमीजन रेकी में रुचि रखते हैं। ओर स्वयं के डॉक्टर बनना चाहते है ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना मे सहयोग करना चाहते है, वो सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो दे, उनको Whatsapp कोर्स के ग्रुप मे जोड़ दिया जायेगा।
और अगर कुछ जानकारी चहिये तो मेरे व्हाटसप नंबर 9958502499 पर संपर्क करें। या कॉल करे।
जगतेश्वर आनंद धाम एवं कल्पांत हिलिंग सेंटर फिजियोथैरेपी, नेचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, प्राणायाम, ध्यान साधनाए, रेंकी, स्प्रीचुअल हीलिंग, अहार एवं नेचुरल व हर्बल थैरेपी (ट्रीटमेंन्ट एवं ट्रेनिंग सेंन्टर)
म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
Contact Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji) { BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing} Mob-:9899410128, 9958502499
अगर आप बिना दवाईयों के स्वास्थ्य रहना चहाते है, प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं। ओर स्वयं के डॉक्टर बनना चाहते है ओर एक स्वास्थ्य समाज की रचना मे सहयोग करना चाहते है लेकिन आपके नजदीक कोई सेण्टर नहीं है ? व्यस्त जीवन शैली के कारण सीखने के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते है?, कही जाकर सीख पाना संभव नहीं है। तो कृपया इस पोस्ट को ध्यान से एकबार जरूर पढ़े
भारत मे पहली प्राकृतिक चिकित्सा के प्रसार व प्रचार हेतु (11 दिवसीय प्राकर्तिक चिकित्सा का ऑनलाइन Zoom App पर सर्टिफिकेट कोर्स) कल्पांत हिलिंग सेंटर एवं जगतेश्वर आनंद धाम मुरादनगर के द्वारा शीघ्र शुरू होने जा रहा है। पुराने मित्र जिन्होंने यह कोर्स किया है वो अपने मित्रो को व प्रेमीजनों को इसबार कोर्स में जोईन करायें जिससे अधिक से अधिक प्रेमीजन इसका लाभ उठा सके।
प्राकर्तिक चिकित्सा क्या है-: प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा है, जिसमें जहरीले रसायनों का व औषधियों का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह चिकित्सा छः तत्वों पर आधारित है। महतत्व, आकाशतत्व, वायुतत्व, अग्नितत्व, जलतत्व, पृथ्वीतत्व, यह छः तत्व ही सृष्टि के मुख्य तत्व है। इन तत्वों के द्वारा हम साध्य, असाध्य सभी रोगों (आधिदैविक, आधिभौतिक, तथा आध्यात्मिक) का उपचार करते हैं। इस षट् तत्व की चिकित्सा को प्राकृतिक चिकित्सा कहा जाता है। इसे प्रकृति चिकित्सा, नैसर्गिक चिकित्सा, प्राकृतिक उपचार, जल चिकित्सा, स्वाभाविक चिकित्सा, कुदरती उपचार, नेचर क्योर, नेचुरोपैथी, नेचर थेरेपी, हर्बल थेरेपी, हिलिंग थैरेपी आदि नामो से भी जाना जाता है।
कोर्स के मुख्य लाभों में आप स्वयं को, परिवार को व किसी भी मित्र को स्वास्थ्य प्रदान कर सकते है व किसी को भी स्वस्थ केसे रहा जाये सीखा सकते है, किसी भी तरह की नयी व पुरानी बिमारी, रोग, दर्द आदि को दूर कर संपूर्ण स्वास्थ्य पा सकते है।
रेफ्रेशर कोर्सेस – एक बार कोर्स जोईन करने के बाद अगर आप दूसरी बार कोर्स करने के लिये नये बैच में जोईन करना चाहे तो सेवाशुल्क कम से कम 551/ रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देकर जितनी बार चाहे जोईनिग कर सकते हैं।
हम आपको 11 दिन का प्राकर्तिक चिकित्सा का कोर्स करा रहे हैं। आपको मात्र एक घंटा 11 दिन तक देना है। यह पूरा कोर्स Online Zoom App पर Live होगा, सेशन के बाद उसके ऑडियो वीडियो Link आपको वाट्सएप ग्रुप में भेजे जायेंगे ताकि आप उसे सुन के आसानी से घर में भी प्राकर्तिक चिकित्सा की प्रैक्टिस कर सके.
जो आत्मानुभव कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 3101/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो प्रेमीजन रेकी में रुचि रखते हैं। ओर स्वयं के डॉक्टर बनना चाहते है ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना मे सहयोग करना चाहते है, वो सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो दे, उसके बाद आपको प्राकर्तिक चिकित्सा कोर्स Whatsapp ग्रुप में कोर्स मे जोड़ दिया जायेगा जहाँ सभी जानकारी मिलती रहेगी
और अगर कुछ जानकारी चहिये तो मेरे व्हाटसप नंबर 9958502499 पर संपर्क करें। या कॉल करे।
जगतेश्वर आनंद धाम एवं कल्पांत हिलिंग सेंटर फिजियोथैरेपी, नेचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, प्राणायाम, ध्यान साधनाए, रेंकी, स्प्रीचुअल हीलिंग, अहार एवं नेचुरल व हर्बल थैरेपी (ट्रीटमेंन्ट एवं ट्रेनिंग सेंन्टर)
म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
Contact Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji) { BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing} Mob-:9899410128, 9958502499
🌹ऑनलाइन अमृतं क्रिया (दिव्य रहस्य)🌹
🌹online Amritam Kriya (Divine Mystery)🌹
प्रत्येक रविवार एक दिवसीय सर्टिफिकेट सेमीनार, शीघ्रता से जोइनिंग करें
कल्पान्त सेवाश्रम के द्वारा घर बैठे एक दिवसीय कल्पान्त अमृतं क्रिया (शारीरिक मानसिक और आत्मिक शुद्धिकरण) 1st, डिग्री बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स के नये Batch, Online JioMeet App पर होगे। "लिमिटेड रजिस्ट्रेशन" इसलिये शीघ्र रजिस्ट्रेशन करें।
अमृतं क्रिया क्या है-: मनुष्य जन्म से मृत्यु तक जो कार्य बिना रुके निरंतर करता है। वह है श्वास लेना ओर छोड़ना। ओर श्वास के संतुलन में अनेक दिव्य रहस्य छुपे हुऐ है। शरीर मन व भावों का संतुलन श्वास के संतुलन पर ही निर्भर करता है। ओर श्वास का असन्तुलन तनाव, सरदर्द, अनिद्रा, चक्कर आना, थकान, क्रोध, निराशा, चिंता, दुखः, अवसाद, भय, घबराहट, बैचेनी मानसिक अवरोध, नकारात्मक भावों जैसे मानसिक रोगों व जोड़ो का दर्द, रक्तवात, आर्थराईटिस, गठिया सरवाईकल, साईटिका, स्लिपडिस्क, कमर व घुटने के दर्द, मधुमेह, पेट रोग-कब्ज, एसिडिटी, बवासीर, लकवा, सुन्नपन्न, ब्लडप्रेशर, मोटापा स्त्री व पुरूष रोग, शारिरिक व मानसिक कमजोरी, आदि शारीरिक रोगों के रुप में प्रघट होता है। अमृतं क्रिया एक सरल लयबद्ध शक्तिशाली दिव्य तकनीक है जो प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं का शुद्विकरण कर इनमें संतुलन लाती है। ओर सभी नकारात्मक भावों, मानसिक रोगों व शारीरिक रोगों से मुक्त कर शांत, एकाग्र, ऊर्जावान, आनंदमय, जीवन के साथ शरीर व मन को गहरा विश्राम प्रदान करती है। एवं जीवनीशक्ति व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सभी कीटाणुओं विषाणुओं जीवाणुओं वायरसों से शरीर की रक्षा भी करती है।
अमृतं क्रिया जीवन को एक विशिष्ट गहराई प्रदान करती है, जीवन के रहस्यों को उजागर करती है। साथ ही अध्यात्मिकता की खोज को पूरा कर हमें अनंत (परमात्मा तत्व) के साथ एकाकार करती है। इसप्रकार अमृतं क्रिया मोक्षदायिनी, स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अज्ञात दिव्य रहस्य है।
जो आत्मानुभव अमृतं क्रिया कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 501/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो साधक व प्रेमीजन कोर्स करना चाहाते हैं। ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना मे सहयोग करना चाहते है, वो सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
*या kalpant sewashram trust के खाते में Bank= Punjab National Bank, Account number = 05262011015007 Ifs code= PUNB0052610 पर जमा कर सकते है।*
सेवा शुल्क जमा कर व्हाट्सएप नंबर 9958502499 पर स्क्रीन शोर्ट या उसकी फोटो व बैच का समय दे, उनको उस Whatsapp ग्रुप अमृतं क्रिया कोर्स मे जोड़ दिया जायेगा।
और अगर कुछ जानकारी चहिये तो मेरे व्हाटसप नंबर 9958502499 पर संपर्क करें। या कॉल करे।
जगतेश्वर आनंद धाम एवं कल्पांत हिलिंग सेंटर फिजियोथैरेपी, नेचुरोपैथी, एक्युप्रेशर, योग, प्राणायाम, ध्यान साधनाए, रेंकी, स्प्रीचुअल हीलिंग, अहार एवं नेचुरल व हर्बल थैरेपी (ट्रीटमेंन्ट एवं ट्रेनिंग सेंन्टर)
म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
Contact Dr JP Verma (Swami Jagteswer Anand Ji) { BPT, Md-Acu, C.Y.Ed, G.M Reiki, NDDY & G.M Spiritual Healing} Mob-:9899410128, 9958502499
14 in 1 Courses Online One Certificate Course
(1) कल्पान्त अमृतं क्रिया (2) कल्पान्त हस्त मुद्रा विज्ञान चिकित्सा (3) कल्पान्त सुजोक चिकित्सा (4) कल्पान्त सूर्य किरण चिकित्सा (5) कल्पान्त आहार रंग चिकित्सा (6) कल्पान्त रंग ध्यान चिकित्सा (7) कल्पान्त प्रार्थना चिकित्सा (8) कल्पान्त त्राटक ध्यान साधना (9) कल्पान्त प्रतीक ध्यान साधना (10) कल्पान्त गुरु व ईष्ट ध्यान साधना (11) कल्पान्त सिद्ध विज्ञान साधना (12) कल्पान्त मन्त्र चिकित्सा (13) कल्पान्त अर्धनारीश्वर साधना सोलमेट-ट्विन फ्लेम (14) कल्पान्त प्राण साधना चिकित्सा
कोर्स के लाभ-: आपने परिवार को स्वास्थ्य रखने के लिए, वैकल्पिक चिकित्सा का सेंटर शुरू करने के लिए, चिकित्सा के लिए, जॉब के लिए, ज्ञान के लिए, इस कोर्स का और इन सर्टिफिकेट्स का आपको बहुत बड़ा लाभ मिलेगा।
मुख्य विशेषताएँ
1. आप एक वैकल्पिक चिकित्सा के चिकित्सक बन सकते हैं।
2. आप किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा या वैकल्पिक चिकित्सा अस्पताल में नौकरी पा सकते हैं।
3. यह वैकल्पिक चिकित्सा के व्यवसाय में आप की मदद कर सकता है ।
4. आप अपने परिवार व दोस्तों का इलाज कर सकते हैं।
5. यह पद्धति विश्व स्वास्थय संस्थान, जेनेवा के द्वारा मान्यता प्राप्त है।
6. अगर आप अपने में उत्कृष्ट हैं तो आप पुरुस्कार पा सकते हैं।
7. आप अपनी नियमित आय के अतिरिक्त आय कमा सकते हैं ।
8. आप अपने काम से समाज में नाम पा सकते हैं ।
9. यह पद्धतियां सीखने में बहुत सरल है।
10. यह पद्धति महंगी नहीं है और १००% सुरक्षित है।
11. यह पद्धति बहुत प्रभावशाली है और इसका परिणाम बहुत शीघ्र मिलता है।
12. यह पद्धति किसी भी प्रणाली के साथ की जा सकती है ।
13. इस पद्धति का कोरिया, रुस, भारत, अमेरिका, युरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, व सुदूर पूर्व के कई देशों में प्रयोग किया जाता है।
14. यह अल्पकालीन इलाज नहीं है, इससे पूर्ण इलाज भी संभव है।
15. इस पद्धति से निदान भी किया जा सकता है।
16. इस पद्धति में कई प्रकार की निदान व उपचार विधियाँ है।
17. इसमें न केवल शारीरिक रोगों का उपचार किया जाता है अपितु मानसिक व अध्यात्मिक रोगों का भी उपचार भी संभव है।
18. यह पद्धति एक जादू की छड़ी है जिसका प्रयोग कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।
19. हिंदी में ऑनलाइन लाइव वैकल्पिक चिकित्सा सीखने के लिए बहुत कम संस्थान हैं लाइव सिखाने वाला संस्थान तो शायद यह अकेला ही है ।
20. बहुत सस्ता तथा घर बैठे ऑनलाइन सीखने की सुविधा देने वाली पहेली संस्था।
जो आत्मानुभव कोर्स करना चहाते है। उनको इसका सेवाशुल्क कम से कम 11101/रु व ज्यादा स्वेच्छा अनुसार कल्पांत सेवाश्रम को देना है। जो प्रेमीजन वैकल्पिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं। ओर स्वयं के डॉक्टर बनना चाहते है ओर एक स्वास्थ्य समाज व देश की रचना मे सहयोग करना चाहते है, वो सेवा शुल्क Google pay व phone pe या Paytm "8368982354" या "9899410128" नंबर पर कर सकते है।*
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म.नं. 35, यूनाइटेड पैराडाइज,कृष्णा सागर होटल के पीछे, संत निरंकारी आश्रम के पास, मुरादनगर गंगनहर, एन एच 58, मेरठ रोड, गाजियाबाद पिन नं 201206
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अमृतं क्रिया
अमृतं क्रिया क्या है-: मनुष्य जन्म से मृत्यु तक जो कार्य बिना रुके निरंतर करता है। वह है श्वास लेना ओर छोड़ना। ओर श्वास के संतुलन में अनेक दिव्य रहस्य छुपे हुऐ है। शरीर मन व भावों का संतुलन श्वास के संतुलन पर ही निर्भर करता है। ओर श्वास का असन्तुलन तनाव, सरदर्द, अनिद्रा, चक्कर आना, थकान, क्रोध, निराशा, चिंता, दुखः, अवसाद, भय, घबराहट, बैचेनी मानसिक अवरोध, नकारात्मक भावों जैसे मानसिक रोगों व जोड़ो का दर्द, रक्तवात, आर्थराईटिस, गठिया सरवाईकल, साईटिका, स्लिपडिस्क, कमर व घुटने के दर्द, मधुमेह, पेट रोग-कब्ज, एसिडिटी, बवासीर, लकवा, सुन्नपन्न, ब्लडप्रेशर, मोटापा स्त्री व पुरूष रोग, शारिरिक व मानसिक कमजोरी, आदि शारीरिक रोगों के रुप में प्रघट होता है। अमृतं क्रिया एक सरल लयबद्ध शक्तिशाली दिव्य तकनीक है जो प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं का शुद्विकरण कर इनमें संतुलन लाती है। ओर सभी नकारात्मक भावों, मानसिक रोगों व शारीरिक रोगों से मुक्त कर शांत, एकाग्र, ऊर्जावान, आनंदमय, जीवन के साथ शरीर व मन को गहरा विश्राम प्रदान करती है। एवं जीवनीशक्ति व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सभी कीटाणुओं विषाणुओं जीवाणुओं वायरसों से शरीर की रक्षा भी करती है।
अमृतं क्रिया जीवन को एक विशिष्ट गहराई प्रदान करती है, जीवन के रहस्यों को उजागर करती है। साथ ही अध्यात्मिकता की खोज को पूरा कर हमें अनंत (परमात्मा तत्व) के साथ एकाकार करती है। इसप्रकार अमृतं क्रिया मोक्षदायिनी, स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अज्ञात दिव्य रहस्य है।
मन्त्र चिकित्सा
मंत्रों का प्रयोग मानव ने अपने कल्याण के साथ-साथ दैनिक जीवन की संपूर्ण समस्याओं के समाधान हेतु यथासमय किया है, और उसमें सफलता भी पाई है, परंतु आज के भौतिकवादी युग में यह विधा मात्र कुछ ही व्यक्तियों के प्रयोग की वस्तु बनकर रह गई है। मंत्रों में छुपी अलौकिक शक्ति का प्रयोग कर जीवन को सफल एवं सार्थक बनाया जा सकता है। सबसे पहले प्रश्न यह उठता है, कि ‘मंत्र’ क्या है, तो मंत्र का वास्तविक अर्थ असीमित है, किसी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए प्रयुक्त शब्द समूह मंत्र कहलाता है। जो शब्द जिस देवता या शक्ति को प्रकट करता है, उसे उस देवता या शक्ति का मंत्र कहते हैं। मंत्र एक ऐसी गुप्त ऊर्जा है, जिसे हम जागृत कर इस अखिल ब्रह्मांड में पहले से ही उपस्थित इसी प्रकार की ऊर्जा से एकात्म कर उस ऊर्जा के लिए देवता (शक्ति) से सीधा साक्षात्कार कर सकते हैं।
हम जो कुछ भी बोलते हैं सुनते है, उसका प्रभाव व्यक्तिगत और समष्टिगत रूप से सारे ब्रह्माण्ड पर पड़ता है। हमारे मुख से निकला हुआ प्रत्येक शब्द आकाश के सूक्ष्म परमाणुओं में कंपन उत्पन्न करता है और इस कंपन से लोगों में अदृश्य प्रेरणाएँ जाग्रत होती हैं। मंत्र जप से एक प्रकार की विद्युत चुम्बकीय ( इलेक्ट्रो मैग्नेटिक) तरंगें उत्पन्न हो जाती हैं। जो समूचे शरीर में फैल कर अनेक गुना विस्तृत हो जाती हैं। इससे प्राणऊर्जा की क्षमता एवं शक्ति में अभिवृद्धि होती है, मंत्र जप से उत्पन्न प्रकंपन, शरीर के सूक्ष्म तंत्रों तथा हार्मोन प्रणाली पर अपना गहरा प्रभाव डालते हैं जिससे उनकी सक्रियता बढ़ जाती है और समुचित मात्रा में हार्मोन का स्राव होने लगता है। जिससे शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार के रोगों में लाभ मिलता है
सुजोक चिकित्सा
तकलीफ जब हद से अधिक बढ़ जाए और उससे पूरी तरह मुक्ति का रास्ता न मिले तो परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में अगर कोई चिकित्सा पद्धति ऐसा उपचार कर दे, जिससे तकलीफ पूरी तरह खत्म हो जाए तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता। ऐसी ही एक पद्धति है सुजोक, जिसके तहत एक्यूप्रेशर, एक्यूपंचर आदि आते हैं।
सुजोक चिकित्सा एक्यूप्रेशर पद्धति के आधार पर बनी है जो प्रभावी परिणाम देने के लिए प्रसिद्ध है। वास्तव में यह एक्यूप्रेशर से आगे की पद्धति है। सु-जोक शब्द कोरियन भाषा से लिया गया है। यह दो शब्दों के संयोग से मिलकर बना है सु+जोक। सु का अर्थ है हाथ तथा जोक का अर्थ है पैर। सु-जोक एक्युप्रेशर स्वउपचार की एक अत्यन्त सहज एवं सरल चिकित्सा विधि है। इसलिए सुजोक चिकित्सा में हाथ व पैरों का प्रयोग किया जाता है। जब कोई अंग रोगी हो जाता है तो हाथ व पैर में उसका एक ऐसा बिंदु होता है जहाँ छूने से दर्द होता है। इस बिंदु को उस अंग का सादृशय बिंदु कहते हैं। इन्ही सादृशय बिन्दुओं का उपचार करने पर रोगी अंग ठीक हो जाता है। इस पद्धति में यही सिखाया गया है कि इन सादृशय बिन्दुओं को कैसे पहचाने, कैसे उन्हें ढूंढें व उनका उपचार करें। इसमें न केवल शारीरिक रोगों का उपचार किया जाता है अपितु मानसिक व अध्यात्मिक रोगों का भी उपचार भी संभव है।
मुद्रा विज्ञान
हम सभी जानते है कि हमारा शरीर पंचतत्त्वों के सयोग से बना है। और यह सभी पंचतत्व वैसे तो हमारे पूरे शरीर में विद्यमान हैं, परंतु हमारे हाथ की प्रत्येक उंगली इनमें से प्रत्येक अलग-अलग तत्व: का प्रतिनिधित्व करती है। इसलियें हस्त मुद्रा चिकित्सा के अनुसार हाथ तथा हाथों की उंगलियों और उंगलियों से बनने वाली मुद्राओं में आरोग्य का राज छिपा हुआ है। दोनों हाथों की सभी उंगलियों के सहयोग से विशेष प्रकार की आकृतियां बनाने को ही हस्त मुद्रा कहा जाता है। हाथों की सारी उंगलियों में पाँचों तत्व मौजूद होते हैं।
अंगूठे में - अग्नि तत्व
तर्जनी उंगली में - वायु तत्व
मध्यमा उंगली में - आकाश तत्व
अनामिका उंगली में - पृथ्वी तत्व
कनिष्ठिका उंगली में - जल तत्व
इस कारण सभी उंगलियों से अलग-अलग प्रकार की शक्ति प्रवाहित होती रहती है। इसलिए मुद्रा विज्ञान में जब उंगलियों का रोग अनुसार आपसी स्पर्श करते हैं। तब रुकी हुई या असंतुलित शक्ति बहकर शरीर को पुन: ऊर्जावान बना देती है। और हमारा शरीर निरोग होने लगता है। ये अदभुत मुद्राएं करते ही यह अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं। किसी भी मुद्रा को करते समय जिन उंगलियों का मुद्रा में कोई प्रयोग न हो। उन्हें सीधा रखा जाता है। इन मुद्राओं से शारीरिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है। और मुद्राओं का संबंध शरीर के सभी अंगों और स्नायुओं से है। जिससे शरीर के सभी रोग ठीक होते है।
प्राण चिकित्सा
इसमें आप सीखेंगे
प्राण साधना के द्वारा स्वयं व दूसरों के अंदर की बुराइयों को खत्म करना-
इस प्राण चिकित्सा के द्वारा बच्चों की शरारतों व बुराइयों को खत्म करना-
प्राणायाम साधना से दुराचारी पति या बुरे स्वभाव की पत्नी को सुधारना-
प्राण साधना से सभी प्रकार के वायरसों व रोगों से बचाव
प्राण साधना और जीवन की उलझी समस्याएं
प्राण साधना द्वारा आत्मरक्षा
वास्तव में ´प्राण´ की बात करें तो प्राण का अर्थ उस ऊर्जा से है, जो इस ब्रह्माण्ड में सजीव-निर्जीव दोनों रूप में मौजूद है। जीवन के 2 भाग हैं- ज्ञान व कार्य और इन दोनों पर ही जीवों का अस्तित्व है। मानव द्वारा इन दोनों क्रियाओं को कार्यशील रखने के लिए प्राण ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है। शरीर में प्राण के सबसे महत्वपूर्ण होने के कारण ही जीवधारियों को प्राणी कहा गया है। प्रकृति के अनुसार सभी प्राणियों को उतनी ही ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे वह जीवित रहने के लिए साधन प्राप्त कर सके। परंतु कोई व्यक्ति आवश्यकता से अधिक ऊर्जा प्राप्त करना चाहता है, तो उस व्यक्ति को अधिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए विशेष योग क्रियाएं करनी पड़ती हैं। ध्यान, जप, तप, प्राणायाम द्वारा ब्रह्माण्ड में मौजूद अतिरिक्त ऊर्जा को विशेष क्षमता, साधना व गुणों से अपने अंदर खींचा जाता है और उस प्राण के अतिरिक्त ऊर्जा को शरीर के सभी अंगों में पहुंचाया जाता है। जिससे हमारी शरीरिक मानसिक व आत्मिक क्षमताओं में वृद्दि हो जाती है।
प्राण शरीर का बल, मनोबल (इच्छाशक्ति), मानसिक शक्ति और आत्मबल है। आधि-व्याधि (रोग-दोष), चिन्ता निराशा और विकारों से संतृप्त लोगो के लिए प्राण आशा, उत्साह, स्वास्थ्य, स्फूर्ति, प्रफुल्लता और जीवन देने वाला अमृत है। जिस तरह अमृत का कार्य मरने वाले को जीवित करना होता है, उसी तरह प्राणशक्ति का भी काम मनुष्य के अंदर मरी हुई इच्छाशक्ति, पाप-ताप आदि से खत्म हुई आत्मा व मन में नई शक्ति का संचार करना है। यह इच्छाशक्ति और ज्ञान को बढ़ाता है। प्राण द्वारा आत्मा व मन तेजस्वी बनता है, यशस्वी बनता है। यह जीवन को धन्य व अमर बनाता है।