यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।

तद्वद् वेदांगशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि संस्थितम् ॥ 

-- (वेदांग ज्योतिष - ५)

(जिस प्रकार मोरों के सिर पर शिखा और नागों के सिर में मणि सर्वोच्च स्थान में होते हैं उसी प्रकार वेदांगशास्त्रों में गणित का स्थान सबसे उपर (मूर्धन्य) है।